RE: non veg story प्यासे दिन और प्यासी रातें
कोमल राज के साथ ऊपर चली गई। मुझे लगा कि कहीं कोमल कुछ गड़बड़ न कर ले…
फिर मैंने सोचा ‘कर ले तो अच्छा ही है… आखिर मैं भी तो यही चाहती हूँ।’
पर सच बताऊँ अब मुझे लग रहा था कि क्या मैं अपने पति को बांट पाऊँगी?
मुझे खाना परोस कर ऊपर आना भारी पड़ रहा था।
मैं फटाफट काम निबटा कर खाना लेकर ऊपर आ गई। राज तो शॉर्ट्स टी शर्ट में थे और कोमल बाथरूम में थी।
पर अब तक मैं अपने मन को समझा चुकी थी कि जब मैं रंगीला के साथ कर सकती हूँ तो राज को भी मैं क्यों रोकूँ और फिर जो भी हो रहा है, वो मेरी मर्जी से और मेरी आँखों के सामने होगा। अगर राज भी रंगीला की तरह अपनी बीवी से छिप कर करे तो…
मुझे लगा कि कहीं कुछ गलत नहीं है। अब मैं खुश थी… मैंने भी अलमारी खोल कर नाइटी निकली।
इतने में कोमल बाहर आ गई… उसने एक टीशर्ट और ढील बरमूडा पहना था। उसके निप्पल बता रहे थे कि उसने नीचे कुछ नहीं पहना। उसने मेरे हाथ में नाइटी देख कर कहा- ओ नौटंकी… जब तक मैं यहाँ हूँ, कपड़े देख कर पहन… वर्ना ये भी उतार दूँगी।
मैंने कहा- मेरे पास शॉर्ट्स नहीं है!
तो वो बोली- जीजू की लुंगी और टीशर्ट पहन ले।
मुझे शर्म तो आई पर राज के कहने पर जब पहन कर आई तो खुद को भी अच्छा लग रहा था।
हम लोगों ने खाना खाकर सोने की तैयारी की।
कोमल बोली- आप दोनों ऊपर सो जाओ, मैं नीचे सो जाऊँगी।
राज ने मना कर दिया- नहीं, तीनों बिस्तर पर ही सो सकते हैं अगर कोमल को एतराज नहीं हो तो।
कोमल तो पक्की बेशर्म निकली, बोली- अगर रात को हम दोनों ने आपके साथ बलात्कार कर लिया तो?
सब हंस पड़े।
मैं बीच में होकर दोनों के साथ सोई।
रात को लगभग एक बजे मुझे अपनी चूत पर कोई दबाव महसूस हुआ। राज का हाथ था।
मेरे जागते ही उसने मेरा मुँह अपनी ओर खींच कर मुझे चूमना शुरू कर दिया। मैं भी गर्म हो रही थी, मैंने चूमने में राज का साथ दिया मगर फुसफ़ुसा कर बोली- कोमल जग जाएगी।
मैं राज की ओर पीठ कर के लेट गई और अपना हाथ कोमल की टी शर्ट के अन्दर कर लिया।
कोमल ने कसमसा कर अपने को मुझसे और सटा दिया। मैंने भी उसके मम्मे पकड़ लिए और दबाने शुरू कर दिये।
कोमल नींद में ही थी और बुदबुदा के बोली- सोने दे…
मैंने अपना हाथ नीचे कर उसके बरमुडे के अन्दर कर दिया और उसका दाना मसलने लगी।
राज भी समझ रहा था कि मैं कुछ गड़बड़ कर रही हूँ कोमल के साथ तो उसने भी अपनी उंगली मेरी चूत में कर दी।
जैसे ही उसने मेरी चूत को छुआ तो चूत के चिकनेपन ने उसे दीवाना बना दिया और वो चुदासा होकर अपनी उंगली से चूत को रगड़ने लगा। वो मेरी चूत में उंगली अन्दर बाहर कर रहा था और मैं कोमल की चूत में।
कोमल को शायद इस बात की चिंता थी कि राज जग जायेगा और मैंने उसे गर्म कर दिया था।
वो यह कहते हुए उठी- तू मुझे यहाँ सोने नहीं देगी…
और कमरे में पड़े सोफे पर चादर ओढ़ कर लेट गई।
वो थक भी रही थी और चादर भी उसने मुँह तक ओढ़ रखी थी… मुझे लगा दस मिनट के अन्दर वो खर्राटे भर रही है।
इधर राज ने अपना लोअर नीचे करके अपना लंड मेरी गांड से टिका रखा था। अब वो मेरी चूत छोड़ कर मेरे मम्मे दबा रहा था। कोमल के बिस्तर से हटते ही उसने मेरी लुंगी खोल कर अलग कर दी थी। राज ने मेरे को अपनी ओर करके अपना लंड मेरी चूत में कर दिया।
आज दिन भर चूत की मौज हुई थी तो चूत भी चुदने को चुदासी थी। मैं भी कोमल की परवाह न करते हुए राज पर चढ़ गई और उसका लंड अपनी चूत में पूरा कर लिया और जोर जोर से चुदाई करते हुए चुदवाने लगी।
राज भी नीचे से जोर जोर से धक्के मार रहा था।
पांच मिनट की धक्का मुक्की के बाद हम दोनों का हो गया।
मैंने कोमल की ओर देखा तो उसकी चादर मुँह से हटी हुई थी पर वो सो रही थी।
कमरे में नाईट बल्ब की धीमी रोशनी थी।
मैंने अपने कपड़े ठीक किये और सो गई।
सुबह सात बजे आँख खुली, राज तो सो रहा था पर कोमल नहीं थी।
मैंने नीचे झांक कर देखा तो कोमल अपने ट्रैक सूट में योग कर रही थी और साथ में उसने बाबूजी को भी लगा रखा था।
मैं फ्रेश होने बाथरूम में गई और जब बाहर आई तो राज उठ चुका था, मुझे देखते ही उसने मुझे बाँहों में भर लिया और चूम लिया। इतने में ही कोमल अन्दर आ गई, चाय की ट्रे उसके हाथ में थी, हमें इस हाल में देख कर वो हंसते हुए बोली- सारी रात तो धमाचौकड़ी मचाई है और अभी भी चैन नहीं है।
मुझे तो काटो तो खून नहीं…इसका मतलब कोमल ने हमारी पूरी रासलीला देखी है?
खैर कोमल से तो मैं दिन में निबट लूंगी।
हम लोग बिस्तर पर बैठ कर ही चाय पीने लगे।
कोमल ने अपने ट्रैक सूट के टॉप की ज़िप थोड़ी नीचे कर ली थी और उसकी स्पोर्ट्स ब्रा दिख रही थी। राज का लोअर उसका तम्बू दिखा रहा था।
मैंने राज के लंड पर हाथ मारते हुए कहा- जाओ तुम नहा लो।
राज ने जैसे ही बाथरूम का दरवाजा बंद किया मैंने कोमल के बाल पकड़ कर कहा- क्यों री बदमाश… तूने क्या क्या देखा?
कोमल हंस कर बोली- पूर लाइव शो देखा…
कुछ दिन रंगीला के साथ मस्ती में निकल गये… पायल भाभी ने मेरी जिन्दगी में बहार ला दी थी।
सोमवार को पायल भाभी का फ़ोन आया, वो बाज़ार जा रहीं थीं और चाह रही थीं कि मैं भी उनके साथ चलूँ।
हम लोगों ने दोपहर 12 बजे का प्रोग्राम बनाया और तय किया कि खाना भी बाहर ही खायेंगे।
पायल भाभी को कुछ ख़ास नहीं, बस कुछ नाईट ड्रेस लेनी थी।
उन्होंने अपने लिए दो ड्रेस लीं और एक मेरे को भी जबरदस्ती दिला दी।
नाईट ड्रेस इतनी सेक्सी थीं कि मैं लेने को मना भी न कर पाई।
मैंने एक ब्रा पैंटी सेट अपने लिए और लिया।
इसके बाद साउथ इंडियन रेस्टोरेंट में लंच लेकर भाभी और मैं मेरे घर आ गए।
घर आकर मैंने ए सी चलाया और कोल्ड ड्रिंक लेकर आई।
भाभी बेड पर लेटी हुई थी, उन्होंने हंसते हुए मुझे अपने पास ही लिटा लिया और बोली- और मेरी जान… क्या क्या गुल खिल रहें हैं आजकल?
मैं शर्मा गई।
भाभी तो बेशर्मी पर आ गईं, बोलीं- चौड़ी हुई या नहीं?
मैं भी फट से बोल- पड़ी कि चौड़ी… अब तो फटने की तयारी है।
मैंने भाभी के हाथ अपने हाथ में लेकर बहुत प्यार से कहा- भाभी, आपका एहसान मैं कैसे चुकाऊँगी… आपने तो मेरी जिन्दगी बदल दी…
भाभी बोली- एहसान चुकाना है तो तीन काम करने होंगे… बता करेगी?
मैंने भी बिन सोचे समझे हाँ कर दी।
भाभी बोली- पहली बात… आज से तू पायल बोलेगी भाभी नहीं…
मैंने उनके होंठ छूकर कहा- ओके पायल…
फिर वो बोली- दूसरे कि दोनों एक दूसरे से कोई बात छिपायेंगे नहीं और आपस में खूब मस्ती किया करेंगे…
अबकी उन्होंने मेरे मम्मे दबाकर कहा- कर वादा…
मैंने भी उनकी सलवार के ऊपर से ही उनकी चूत रगड़ कर कहा- वादा…
तीसरी बात उन्होंने हंस कर कहा- एक बार रंगीला से मुझे ठुकवा दे और तू चाहे तो राज से चुद ले…
उनकी बात सुनकर मैं हैरान रह गई।
वो हंस कर बोली- अरे मैं तो मजाक कर रही थी, तू परेशान हो गई…
मैं भी हंस पड़ी, बोली- पायल आईडिया बुरा नहीं है, बस आप आईडिया दे दो कि कैसे होगा?
पायल बोली- चल जो ड्रेस लाईं हैं, पहन के देखते हैं।
अब मेरे उनके बीच में कोई शर्म तो थी नहीं फिर भी मैं अपनी ड्रेस ले कर बाथरूम में चली गई और पायल वहीं अपने कपड़े उतारने लग गई।
बाथरूम में जाकर मैंने अपने कपड़े उतार कर जब वो ड्रेस पहनी तो खुद शर्मा गई।
बहुत शार्ट टॉप और स्कर्ट थी और टॉप में भी इतना ऊंचा था कि मम्मी बाहर आने को तैयार… निप्पल तो साफ़ अपनी ऊंचाई दिखा रहे थे।
स्कर्ट इतनी छोटी थी कि टांगें ऊपर करी तो चूत दिख गई।
मेरी चूत तो गीली हो चुकी थी।
मैंने सोचा कि पायल क्या सोचेगी, इसलिए चूत को धोकर ही बाहर आई।
बेड रूम में आकर जो नजारा देखा तो दिम्माग की बत्तियाँ गुल हो गईं।
पायल बिस्तर पर लेटी हुई थी और उसकी ड्रेस ऊपर उठी हुई थी… वो अपनी उँगलियों से अपनी चूत की मसाज कर रही थी।
मैं तुरंत उसके पास पहुँची और उसकी चूत में अपनी जीभ कर दी।
उसकी चूत से तो खट्टा खट्टा पानी आना शुरू हो गया था।
उसने मुझे ऊपर खींच लिया और मेरे होंठों से अपने होंठ चिपका दिए और मेरी चूत में अपनी उंगली कर दी।
हम दोनों सीत्कार कर रही थीं…
दूसरी तरफ पायल के घर पर पायल के पति राज को ग्रुप सेक्स का ऐसा नशा चढ़ गया था कि वो रंगीला को जबरदस्ती घर बुलाता और वो और रंगीला मिलकर पायल की चुदाई करते।
रेखा को इस खेल की जानकारी नहीं थी और राज को इसकी जानकारी नहीं थी कि रेखा के घर क्या गुल खिलता है।
हालाँकि पायल ने कई बार रेखा से पूछा कि अगर रेखा चाहे तो पायल राज को इस खेल में शामिल कर सकती है पर रेखा को कुछ झिझक थी इस वजह से उसने कभी इसमें उत्सुकता नहीं दिखाई।
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