RE: non veg story प्यासे दिन और प्यासी रातें
राज के गले लगते रेखा को सिहरन सी हुई पर राज ने कोई जल्दीबाजी नहीं की और न ही उसका कोई अंग दबाया।
यह रेखा को अच्छा लगा और उसका चेहरा चमक रहा था।
पायल और राज उनके बेड रूम में गए और कपड़े बदल कर बाहर आये।
पायल की फ्रॉक का गला काफी गहरा था और ढीला था इसलिए जब वो झुकती तो उसके मम्मे झलक दिखला रहे थे।
पर पायल के मम्मे तो सबने देखे थे, नहीं देखे तो राज का लंड और रेखा की चूत और मम्मे!
सब लोग ड्राइंग रूम में बैठे।
रंगीला ने कोई इंग्लिश म्यूजिक लगा रखा था।
रेखा बार ट्राली खींच लाई, ट्राली पर व्हिस्की के अलावा सॉफ्ट ड्रिंक भी थी और आइस क्यूब्स और गिलास थे।
पायल और रेखा ने सॉफ्ट ड्रिंक ली और राज और रंगीला ने व्हिस्की के पैग बनाये।
लड़कियों से कहा गया कि वो उनके पैग से एक सिप लेकर उन्हें दें।
मैंने सिप लेकर रंगीला को पैग दिया जिसे रास्ते से ही राज ने ले लिया और पायल का सिप किया हुआ पैग रंगीला ने ले लिया।
राज ने हमारे न नुकुर करने के बावजूद भी थोड़ी सी व्हिस्की हम दोनों के गिलास में टपका दी।
हंसी मजाक का दौर और नशे का सुरूर आधे पौन घंटे तक चलता रहा…
मैं तो अपने सिप धीरे धीरे ले रही थी और राज ने मेरे गिलास में व्हिस्की डाली भी थोड़ी सी थी पर पायल के गिलास में व्हिस्की ज्यादा पड़ी थी और उसे नशा भी हो रहा था।
बहुत अश्लील मजाक शुरू हो गए थे, पायल पालथी मारकर सोफे पर बैठ गई और उसकी चूत अपना जला दिखा रही थी।
मेरे मुख से निकल गया- पायल, तुम्हारी मुनिया साफ़ नहीं दिख रही?
पायल अब नशे में आ गई थी, खड़ी हो गई और अपनी फ्रॉक पूरी ऊपर उठा ली, बोली- ले देख ले!सब हंस पड़े।
राज ने पायल को अपने पास खींच कर उसकी चूत को चूम लिया और उसको अपनी गोदी में बिठा लिया।
मैं भी रंगीला की गोदी में बैठ गई और अपनी फ्रॉक को कंधे से गिरा लिया जिससे रंगीला मेरे मम्मी चूस सके।
अब नंगे का खेल शुरू हो गया था।
राज ने पहले तो पायल को चूमना शुरू किया और उधर पायल ने अपने पैर से राज की लुंगी हटा कर उसका लंड मुझे भी दिखा दिया।
क्या मजबूत लंड था राज का!
मुझे उसे देखते हुए रंगीला ने मुझे गोदी से उतरा और राज की ओर धकेल कर मेरी ओर आँख मारी।
मैं अब बेशर्म होकर राज का लंड पकड़ कर उसे चूसने लगी और पायल अपनी फ्रॉक उतारकर रंगीला की लुंगी में घुस गई।
हम चारों नंगे हो चुके थे और वहीं कालीन पर रंगीला पायल के ऊपर चढ़ा हुआ उसे चोद रहा था और इधर राज और मैं तो एक दूसरे को खा जाने के अंदाज में चुदाई कर रहे थे।
हम दोनों लड़कियों ने अपने हाथ से एक दूसरे को पकड़ा हुआ था और कभी कभी मम्मे भी दबा रही थी।
मैंने कहा- मैं चाहती हूँ कि आज मुझे रंगीला और राज दोनों चोदें।
अब रंगीला नीचे लेट गया और मैं उसके पेट पर अपनी पीठ के बल लेटी। रंगीला ने अपना लंड पीछे से मेरी चूत में कर दिया अब ऊपर से राज आया और अपने लंड को रंगीला के लंड के साथ ही मेरी चूत में घुसा दिया।
मैं दर्द से चीखी पर दोनों जालिमों ने अपने लंड को नहीं निकाला और मेरी चुदाई करनी शुरू कर दी।
पायल मेरे मम्मे चूसने लगी और रंगीला अपनी उंगलियाँ पायल की चूत में कर रहा था।
क्या मस्ती छा गई थी।
राज ने अपना माल मेरी चूत में डाल दिया और अब रंगीला मेरे ऊपर चढ़ कर चुदाई करने लगा।
वो छूटने ही वाला था कि पायल आ गई और रंगीला का लंड खींच कर अपने मुख में कर लिया और रंगीला के छूटते उसका सारा माल गटक गई।
हम लोगों का ग्रुप सेक्स के सपने का पहला चैप्टर बखूबी ख़त्म हुआ।
खाना खाकर राज और पायल घर गए और मैं और रंगीला एक बार और चुदाई का खेल खेलने की तैयारी करने लगे।
सुबह उठी तो चूत में दर्द था। आखिर दो दो लंड झेले थे मेरी शब्बो ने…
मैंने थोड़ी वेजीनल क्रीम लगा ली, दोपहर तक आराम आ गया था।
आज ऑफिस नहीं गई… जय को झूठ बोल दिया कि आज कहीं कहीं जाना है।
एक दिन बाद रात को अचानक राज और पायल बिना बताये आ गए, नाईट ड्रेस में ही थे, बोले की वाक पर निकले थे तो सोचा कॉफ़ी पी चलें।
मैंने हंस कर कहा- यह क्यों नहीं कहते कि सोचा चुदाई का खेल खेल चलें।
पर पायल बोली- नहीं आज नहीं… आज मैं छुट्टी पर हूँ, पीरियड्स आये हैं!
मैंने कहा- तुझे ही तो आये हैं, मुझे तो नहीं।
पर रात हो चुकी थी, कॉफ़ी पीकर वो चले गए और आज रंगीला भी थका था तो जल्दी सो गए।
सुबह उठी तो मोबाइल पर जय का मैसेज था कि वो दस बजे आएगा, कहीं जाना नहीं है, बस उसका मन था आने का!
जाहिर है जय रंगीला के जाने के बाद आना चाहता था।
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