RE: non veg story प्यासे दिन और प्यासी रातें
हम तीनों के निप्पल साफ़ दिख रहे थे और पायल की तो चूत भी दिख रही थी क्योंकि उसकी फ्रॉक उसने घुटने के ऊपर कर रखी थी। हम लोगों के बीच एडल्ट जोक्स और अपनी अपनी बेड पर चुदाई और अपने अपने पतियों के लंड के चर्चे हो रहे थे।
हम सब एक दूसरे के पतियों से चुद चुकी थीं पर अभी पायल और प्रीति के बीच पर्दा था इसलिए ग्रुप सेक्स का जिक्र नहीं किया।
बियर और माहौल की मस्ती में अब चूत चिकनी हो चुकी थीं।
मैंने बेड पर से सफाई करी बस हम लोगों के बियर की गिलास हमारे हाथों में थे।
मैंने एक बदमाशी की और अपना पैर पायल की फ्रॉक में घुसा दिया और अंगूठे को उसकी चूत में कर दिया।
पायल चुप थी… प्रीति ने देख लिया, वो मेरे पीछे से आई और मेरे टॉप को उठा कर मेरे मम्मे दबाने लगी।
अब माहौल गर्म हो चुका था और अगले दो मिनट में हम तीनों के कपड़े उतर चुके थे और हम तीनों एक गोला सा बनाकर एक दूसरे की चूत को चूस या उंगली कर रही थी।
प्रीति अचानक हाँफते हुए उठी और पायल के ऊपर लेट कर अपनी चूत से उसकी चूत को रगड़ने लगी… उन दोनों की जीभ एक दूसरे को चूस रही थी।
मैं किचन से दो खीरे ले आई और पायल और प्रीति को सीधा लिटा कर उनकी चूत में घुसा दिया। अब वो दोनों ही कभी अपने आप कभी एक दूसरे की चूत की चुदाई खीरे से करने लगीं।
मैंने उन्हें डांट कर कहा- अबे कमीनियों, अपनी अपनी चूत को मजा दोगी या मेरे बारे में भी कुछ सोचोगी?
दोनों हंसती हुई उठी और प्रीति तो मेरी चूत चूसने लगी और पायल मेरे होठों से जुड़ गई।
दोनों ने अपनी चूत से खीरे नहीं निकाले थे।
पायल का खीरा तो मेरी पहुँच में था तो उसकी चूत की मालिश तो मैंने करनी शुरू कर दी और प्रीति इस स्टाइल से लेटी थी कि नीचे से बेड का दबाब उसके खीरे पर पड़े जो उसकी चूत में घुसा था।
वो बार बार हिल रही थी जिससे खीर लंड जैसे मजे उसे दे रहा था।
प्रीति उठी और मेरे ऊपर बैठ कर खीरे का दूसरा हिस्सा मेरी चूत में कर दिया और मेरे बगल में लेट गई … अब में और वो दोनों हिल हिल कर एक दूसरे की चुदाई कर रहे थे।
एक घंटे मस्ती के बाद हम थक गईं और बाथरूम में जाकर शावर लेकर बिना कपड़ों के ही बेड पर चिपक कर सो गई।
चार बजे मेरी आंख खुली, मैंने उन्हें भी उठाया, कपड़े बदल कर हमने चाय पी और वो दोनों चली गई।
अगले दिन प्रीति का फ़ोन आया उसने पूछा- सच्ची बता कि क्या तू और पायल ग्रुप सेक्स में भी हैं?
मैंने कहा- हाँ हैं… और अब तुझे और जय को भी इसमें आना है, तू जय से बात कर, मैं पायल से बात करती हूँ।
दो दिन प्रीति का फोन नहीं आया, मैं घबरा रही थी कि कहीं जय ने बुरा तो नहीं मान लिया।
मैंने डर के जय का फोन भी नहीं उठाया और न ही ऑफिस गई।
उधर पायल तैयार थी… मैंने प्रीति को फोन भी नहीं किया। रंगीला का फोन आया- जय का फोन आया है, वो बहुत नाराज हो रहा था कि तुम फोन नहीं उठा रही हो, उसे कुछ जरूरी मीटिंग करनी है किसी क्लाइंट से… तुम तैयार हो जाओ, वो आ रहा है तुम्हें लेने।
मैं समझ नहीं पा रही थी कि क्या करूँ।
खैर अच्छे से तैयार हुई और जय का इन्तजार करने लगी… कोल्ड काफी बना ली थी मैंने।
जय आया और उसके हाथ में लाल गुलाब था, यानि वो नाराज तो नहीं था।
हमने हग किया… किस नहीं कर पाई क्योंकि मेरी लिपस्टिक और उसका चेहरा खराब हो जाता।
वो बोला- तुम भी अजीब हो… दो दिनों से फोन नहीं उठा रही हो। प्रीति का मोबाइल गिर कर ख़राब हो गया था और वो और मैं दोनों ही तुम्हें मेरे मोबाइल से फोन कर रहे थे तुम फोन नहीं उठा रहीं हो… क्या बात है?
मैं चुप रही… वो मुझे चिपटा कर बोला- पायल राज के साथ दोस्ती करके हमें अच्छा लगेगा। और जब तुम कह रही हो तो दुबारा सोचना क्या… प्रीति खुश है पायल से मिलकर!
मैं खुश थी और इस ख़ुशी का यह परिणाम हुआ कि जिस क्लाइंट से हम मिलने गए थे वो मेरे प्रेजेंटेशन से इतना प्रभावित हुआ कि हमें बिज़नस तो दिया ही हमारे रीजनल हेड जिनको वो जानते थे उन्हें फोन करके जय और मेरी तारीफ़ भी की।
यह जय के लिए बड़ी बात थी।
घर छोड़ने आया तो जय का सब्र का बाँध टूट गया और हम बिना कपड़ों के एक दूसरे की बाँहों में सोफे पर ही मस्त हो गए।
सोफे पर मन नहीं भरा तो खिसक कर नीचे सेटी पर जय ने अपनी पसंदीदा स्टाइल में यानि मेरी टांगे अपने कंधे पर रख कर मेरी चुदाई की।
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