RE: Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
अमित: (मुझे बीच में टोकते हुए) आंटी जी आप फिकर ना करे. आपको अपने घर में मेरी माजूदगी कर अहसास तक नही होगा. में अपनी आँखें हमेशा फर्श की तरफ रखूँगा. आप मेरा यकीन मानिए……
में: देख लो अमित अगर मुझे तुम्हारी कोई भी हरकत अच्छी ना लगी तो, तुम्हे उसी वक़्त ये घर छोड़ कर जाना होगा….
अमित: ठीक है आंटी जी. में आपको शिकायत का कोई मोका नही दूँगा. आप ये बताए कि आपको कितना रेंट चाहिए.
में: (थोड़ी देर सोचने के बाद) बेटा मुझे नीता ने 5000 रुपये महीना कहा था.
अमित: आंटी अब आप से क्या छुपाना. में फॅक्टरी में सिर्फ़ 8000 रुपये महीने का कमाता हूँ. बाकी आप जैसे कहे. वैसे 5000 हज़ार भी दे दूँगा. अगर आप खाना और मेरे रूम की सॉफ सफ़ाई और मेरे कपड़ों को धो सके तो.
में अमित की बात सुन कर सोच में पड़ गये. आख़िर अकेला कितना खा लेगा. और अगर दो तीन दिन में इसका एक सूट धोना भी पड़े तो कॉन सी आफ़त आ जाएगी.
में: पर में घर पर बेटियों को क्या कहूँगी , कि तुम यहाँ पर किराए पर क्यों रहे हो.
अमित: आप उनसे कह देना कि में यहा पर पढ़ रहा हूँ. और नीता आंटी ने आप से मुझे यहा रखने के लिए कहा है.
मुझे अमित की बात सही लगी. मेने उससे हां कर दी. “ तो तुम कब अपना समान लेकर आ रहे हो “ मेने अमित से पूछा.
अमित: आंटी जी मेरे पास तो मेरे कपड़ो के सिवा कोई समान नही है. में कल सुबह आ जाउन्गा. कल सनडे है.
में: ठीक है तुम कल आ जाना. में तुम्हारे रहने वाले कमरे में एक सिंगल बेड लगवा देती हुई. पुराना है पर गुज़ारा कर लेना.
अमित ने हां में सर हिला दिया. और अपनी जेब से 5000 रुपये निकाल कर मेरी तरफ बढ़ा दिए. मेने हिचकते हुए उससे पैसे ले लिए. उसके अमित चला गया. पर में अजीब सी उलझन में थी. मेरे दिल के किसी कोने में शायद ये बात मुझे काट रही थी कि, में जो कर रही हूँ ठीक नही कर रही. मेने अपना ध्यान बटाने के लिए घर के काम में लग गयी. शाम हो चुकी थी, अब तक रामा और सोनिया वापिस नही आई थी. मुझे थोड़ी चिंता होने लगी.
मेने बाहर आकर गेट खोला और बाहर देखने लगी. पर मुझे ज़्यादा देर इंतजार नही करना पड़ा. थोड़ी देर में ही मुझे रामा और सोनिया आती हुई दिखाई दी. जब वो घर के सामने आई तो, मेने उनसे पूछा कि इतनी देर कहाँ लगा दी, तो सोनिया बोली, माँ अब शादी में टाइम तो लगता है ना.
उसके बाद दोनो अंदर आ गयी. मेने रात के खाने की तैयारी पहले ही कर ली थी. थोड़ी देर रेस्ट करने के बाद मेने रामा और सोनिया को बुलाया, और उनको कहा. कि अमित कल से यहाँ रहने आने वाला है.
में: तुम दोनो ध्यान से सुनो. उस दिन जो आंटी और उनका बेटा हमारे घर आए थे ना. उनका बेटा अमित इसी सहर में आगे पढ़ रहा है. और वो कल से यही हमारे घर पर रहेगा.
रामा: जी माँ.
में: देखो बेटा में चाहती हूँ कि, तुम दोनो उससे ज़्यादा बात मत करना. अपने काम से मतलब रखना.
सोनिया: जी मम्मा.
में: मेने उसको नीचे वाला ही रूम दिया है. खाना तो मेने तैयार कर दिया है. अब तुम मेरे साथ मिल कर उस कमरे की थोड़ी सफाई कर दो. और हां जो बाहर बैठक में सिंगल बेड पड़ा है, उसे उसके रूम में शिफ्ट करना है.
दोनो ने हां में सर हिला दिया. उसके बाद हम तीनो ने कमरे की सफाई की, और उसके रूम में कुछ समान सेट करवा दिया. काम करने के बाद हम तीनो काफ़ी थक गये थे. थोड़ी देर आराम करने के बाद हमने रात का खाना खाया, और सोने के लिए अपने-2 कमरो में चले गये.
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