RE: Free Hindi Sex Kahani मर्दों की दुनिया
दूसरे दिन जब में घर पहुँचा तो मेने सोना से पूछा, "माला
कहाँ है?" तो उसने कहा की अभी अभी बाहर गयी है. मेने उसे
तुरंत बाहों मे भर लिया और उसके गालों को चूमने लगा
"श सहब मत करिए ना.." सोना ने विरोध किया, लेकिन ना तो उसने
अपने आप को मुझसे छुड़ाया और ना ही कुछ कहा.
थोड़ी देर उसे चूमने के बाद मेने कहा, "में हॉल मे बैठा हूँ,
चाइ वहीं ले आना."
सोना ने चाइ हॉल मे लाकर मुझे दे दी. में चाइ की सीप लेने लगा.
की तभी उसने पूछा, "साबजी चाइ कैसी बनी है?"
"बहुत अछी बनी है." मेने कहा और सुबह का अख़बार पढ़ने लगा.
वैसे में चाहता तो उसके साथ और आगे भी बढ़ सकता था लेकिन
कहीं वो डर ना जाए इसलिए मेने धीरे धीरे ही आगे बढ़ना उचित
समझा.
थोड़े दिन टोमें उसके गालों को ही चूमते रहा फिर एक दिन मेने
उसके होठों को चूम लिया, "ऑश साब आपको ऐसा नही करना चाहिए
था?" उसने शरमाते हुए कहा लेकिन विरोध नही किया.
में सिर्फ़ हंस कर रह गया और हॉल मे बैठ कर अपनी चाइ का
इंतेज़ार करने लगा. चाइ का सीप लेते ही उसने पूछा, "साब चाइ कैसी
बनी है?" जैसी कि हर रोज़ पूछती है.
"ह्म्म आज कुछ मीठी ज़्यादा है, कितनी चमच शक्कर डाली थी?'
मेने पूछा.
"एक चमच जैसे हर रोज़ डालती हूँ." उसने जवाब दिया.
"ह्म्म फिर तुम्हारे होठों की मीठास होगी." मेने अपने होठों पर जीभ
फिराते हुए कहा.
"ऑश" कहकर वो शरमाती हुई किचन मे भाग गयी. में भी उसके
पीछे पीछे किचन मे आ गया और उसे बाहों मे भरते हुए
बोला, "सोना एक बार और तुम्हारे होठों की मीठास लेने दो ना?" और
मेने उसके होठों को चूम लिया.
पहले तो उसने हल्का विरोध किया लेकिन फिर उसने मुझे चूमने दिया.
मेने भी इस बार उसके होठों को चूमते हुए अपनी जीब उसके मुँह डाल
दी और वो भी मेरे होठों को चूसने लगी.
थोड़ी देर बाद हम जब अलग हुए तो हमारी साँसे तेज हो गयी
थी. "होठों को चूसना अक्चा लगता है ना?" मेने पूछा.
"हां बहोत अक्चा लगता है." उसने शरमाते हुए कहा.
चूमा चॅटी अब रोज़ ही होने लगी. माला घर मे होती तो भी हम
मौका देख एक दूसरे को चूम लेते. अब मुझे उसकी चुचियों की ओर
बढ़ना था. फिर एक दिन मेने एक प्लान बनाया और माला को अपना प्लान
समझाया.
"अरे मेरे चुड़क्कड़ राजा चिंता मत करो में सब इंतेज़ाम कर
दूँगी," माला ने कहा, "कल तुम्हे सोना की चुचियाँ मिल जाएँगी. "
दूसरे दिन जब सोना ने मुझे चाइ दी तो मेने कहा, "सोना आज चाइ
कुछ ज़्यादा कड़क लग रही है, थोड़ा दूध तो लेकर आना.
"साबजी मेने चाइ तो रोज़ की तरह ही बनाई थी पता नही कैसे
कड़क हो गयी, अब दूध तो और नही है." सोना ने कहा.
"तो क्या हुआ तू अपना दूध ही ले आ." मेने उसकी कड़क चुचियों को
घूरते हुए कहा.
"अपना दूध?" एक बार तो उसकी समझ मे नही आया, लेकिन जब समझ
आया तो शर्मा कर बोली, "धात्ट...... आप मज़ाक कर रहे हैं, मेरे
मे दूध नही आता."
"ऑश. ज़रा देखने दो दूध आता है कि नही." कहकर मेने उसे
खींच कर अपनी गोद मे बिठा लिया.
"ऑश... साबजी प्लीज़ मुझे जाने दो? वो गिड़गिडाई लेकिन मेरी गोद
से उठने की कोशिश नही की.
मेने उसे चूमते हुए उसके ब्लाउस के बटन खोलने शुरू कार दिए.
"ऑश शाआब प्लीज़ ऐसा मत करिए... कोई आ जाएगा," उसने कहा.
मेने उसके ब्लाउस के बटन खोल उसकी ब्रा को उपर करते हुए उसकी
चुचियों को नंगा कर दिया.
"ऑश सोना तुम्हारी चुचि तो बड़ी मस्त है..." कहकर में उन्हे
भींचने और मसल्ने लगा.
"उम्म्म कहाँ आक्ची है... कितनी छोटी है....." उसने मुँह बनाते
हुए कहा,
"अरे छोटी है तो क्या हुआ.... सही मे बड़ी मस्त और मुलायम है..."
में उसकी चुचि को पकड़े उसके निपल को मुँह मे लिया और चूसने
लगा.
'"ऑश साआबजी ये क्या कर रहे हो.... ओह" वो सिसकने लगी, उसे
भी मस्ती आने लगी.
सोना ने अपनी आँखे बंद कर ली थी और मस्त होकर अपनी चुचि
चोस्वा रही थी, तभी मेने अपना हाथ नीचे बढ़ाते हुए उसकी चूत
को सारी के उपर से सहलाने लगा.
उसने मेरा हाथ पकड़ लिया, "ऑश सब्जी नही मुझे कुछ होता
है...."
"अरे करने दे तुझे अक्चा लगेगा.....ज़रा दबाने दे......" में उसके
कान मे धीरे से बोला.
हिचकिचाते हुए उसने मेरा हाथ छोड़ दिया और में उसकी चूत को
दबाने लगा. थोड़ी ही देर मे वो मस्त होकर अपनी कमर को उपर कर
अपनी चूत मेरे हाथ पर दबाने लगी.
"ऑश शाआब ओह......शाआबजििइई" वो जोरों से सिसक रही थी.
जब मुझे लगा की उसकी चूत पानी छोड़ने वाली है मेने अपना हाथ
उसकी सारी के अंदर डाल दिया. अब में उसकी नंगी चूत को अपने हाथ
से भींच रहा था और मसल रहा था.
"श आआआआः... साआभी क्या कर र्म हूऊओ." सिसकते हुए उसकी चूत
ने पानी छोड़ दिया.
"क्या मज़ा आया?" मैने पूछा.
"ऑश हा ऑश हाआँ बहोत मज़ा आया."
"लाओ एक बार फिर करने दो..." मेने कहा और एक बार फिर उसकी चूत
का पानी छुड़ा दिया.
कुछ दीनो तक में इसी तरह उसकी चूत को दबा मसल उसका पानी
छुड़ाता रहा, एक दिन मेने उससे पूछा, "सोना क्या और मज़ा लेना
चाहोगी?"
"हां साबजी." उसने कहा.
"फिर तो तुम्हे इन्हे सॉफ करना होगा." मेने उसकी चूत के बालों को
पकड़ते हुए कहा.
"इन बालों से क्या परेशानी है, आअप करना क्या चाहते है? उसने
भोलेपन मे पूछा.
"इसलिए की में तुम्हारी चूत चाटूँगा और उसे मुँह मे भर
चूसुन्गा." मेने कहा, "तुम्हे बहोत मज़ा आएगा."
"छी... वो जगह गंदी उसे भी कोई चूसा जाता है." उसने जवाब
दिया.
"वो सब मुझे सोचने दो... तुम सिर्फ़ मस्ती की चिंता करो जो तुम्हे
मिलने वाली है." मेने उसे समझाते हुए कहा.
"क्या तुम ऐसे ही नही कर सकते?" उसने पूछा.
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