RE: Bhai Behen Sex Kahani साला बहन्चोद कहीं का
कुछ देर भाई बेहन बाल्कनी मे खड़े हो कर बाहर का नज़ारा देख रहे थे फिर कुछ देर बाद मनीषा पानी पीने के लिए किचन मे गयी तो मम्मी को बाथरूम से निकलते हुए देखा तो उसने सोचा चलो मैं भी नहा लेती हूँ ऑर वो अपनी ब्रा पेंटी ऑर कपड़े लेकर बाथरूम मे घुस गयी फिर उसे याद आया कि वो हेर रिमूवल क्रीम लेना तो भूल गयी फिर वो वापिस आती है लेने के लिए तबतक अशोक ने अपनी बेहन को रोक दिया ऑर कहा मुझे ऑफीस के लिए देर हो रही है पहले मे नहा लेता हूँ बाद मे तू नहाना... ऑर वो बाथरूम मे चला जाता है वहाँ उसे दीदी के कपड़े ऑर ब्रा पेंटी नज़र आती है.... उसकी हवस बढ़ जाती है ऑर उसको कमीनपन करने पे मजबूर कर देती है.... फिर वो मूठ मार कर अपना पानी गिरा देता है ऑर फटाफट नहा के नाश्ता वास्ता कर के ऑफीस के लिए निकल जाता है......
तबतक मनीषा भी अपने हाथ पैर ऑर चूत के बाल साफ कर के नहा चुकी होती है... जब वो कपड़े उठती है तो वो गीले थे वो ज़्यादा केर नही करती ऑर पहन लेती है फिर बाहर निकल के किचन मे जाती है अपना नाश्ता ऑर चाइ लेने के लिए पहले उसको कुछ अजीब सा महसूस होता है फिर वो ज़्यादा सोचती नही है क्यू कि उसे बोहुत जोरो की भूक लगी थी वो फटाफट नाश्ता ले कर खाने बैठ जाती है....
खाना हो जाने के बाद वो उठ कर अपनी प्लेट किचन मे रखने जाती है तो उसकी चूत के यहाँ चिप चिपा ( स्टिकी ) सा महसूस होता है फिर वो अपने मन मे कहती है अब समझ आया साला इतने देर से मुझे अजीब क्यूँ फील हो रहा है साले बेहन्चोद अशोक ने मेरी चूत को इमॅजिन कर के मूठ मार कर अपने लंड का पूरा पानी मेरी पैंटी पे ही डाल दिया तभी सोचु कि साला मेरे सब कपड़े सूखे थे पर पैंटी ही सिर्फ़ गीली थी वो भी चूत की ही जगह पे ऑर कही गीला नही था ऑर मेने जहाँ कपड़े रखे थे वहाँ तक पानी का पहुँचना एक तरह से इंपॉसिबल है..... साला मुझे चोद नही सकता तो इसलिए इनडाइरेक्ट्ली मेरी पेंटी पे अपने लंड का पानी डाल कर अपने आपको तसल्ली दे रहा है.....
खेर साले के इस कामीनेपन ने मेरी चूत को भी ललचा दिया... चलो भैया का लंड ना सही उसके लंड का पानी तो मिला मेरी चूत को....
ऑर ये सोचते सोचते वो किचन मे अपनी चूत को दबोच रही थी कपड़ों के उपेर से...
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