RE: Bhai Behen Sex Kahani साला बहन्चोद कहीं का
खाना बन जाने के बाद सब लोग खा पीके भी गये ऑर मंजू सोने चली गयी अशोक ऑर मनीषा दोनो ने मंजू को गुडनाइट बोला ऑर उनकी मम्मी गुडनाइट बोल कर अपने रूम मे चली गयी फिर मनीषा अपने रूम मे गयी ऑर अपनी पुरानी लेग्गी जो उसने दुपहर को अलमारी से ढूँढ के निकाली थी वो पहन कर ऑर टी-शर्ट पहन कर मिरर के सामने खड़ी हो कर अपने मन मे कहने लगी...
मनीषा- साले सुबह तो तूने मेरी चूत पे अपना लंड दबा कर मेरी चूत को तड़पा दिया था अब देख मे तेरा लौडा केसे तड़पाती हूँ....
ऑर फिर वो हॉल मे जाती है जहाँ उसका भाई टीवी देख रहा था...
तब वो उसके साइड मे खड़ी हो कर उससे पूछती है मेने क्या क्या मिस किया....
अशोक मूवी देखने मे खोया हुआ था क्यू कि उसे लगा कि दीदी तो सलवार कमीज़ मे है तो कुछ दिखने वाला तो है नही इसलिए वो अपनी नज़र टीवी मे गढ़ाए हुवे था....
अशोक- ज़्यादा कुछ नही मिस किया ऑर वैसे भी कुछ खास नही था असली ऐक्शन तो अब सुरू होगा....
मनीषा- मन मे साले मे यहाँ अबतक इसलिए जाग रही हूँ ताकि तूने जो आज सुबह मेरी चूत का हाल किया उसका बदला मे तेरा लंड तड़पा कर लेना चाहती हूँ... साले एक झलक तो देखा मुझे......
कुछ देर वही खड़ी हो कर उसको आइडिया आता है कि वो शोकेस के यहाँ जाए ऑर वहाँ ड्रॉयर से नेल कटर निकले.... ऑर वो शोकेस के यहाँ जाती है ऑर टीवी के नीचे वाले ड्रॉ मे से झुक के नाइल कटर ढूंढी है....
अपनी बेहन को ऐसी झुकी हुई पा कर उसका मन कहता है
अशोक- हाँ दीदी ऐसे ही झुकी रहो ऑर अपना पाजामा उतारो ऑर मे अपना मोटा लंड तुम्हारी चूत की जड़ों तक घुसाता हूँ... ऑर ज़ोर ज़ोर से लंड घुसाउन्गा तुम्हारी चूत मे थप थप की आवाज़ पूरे हॉल मे गूँजे गी.....
फिर अशोक अपना लंड को मसल्ते हुए जब गौर करता है तो उसे पता चलता है कि दीदी ने आज पाजामा नही बल्कि उसकी पुरानी वाली लेग्गी पहनी है
ऑर फिर जब मनीषा मुड़ती है तो अशोक के होश उड़ जाते है....
मनीषा अपने भाई का यही रिक्षन एक्सपेक्ट कर रही थी क्यू कि उसका कमीनपन देख देख के वो भी कमीनपन पे उतर आई थी उसने जानबूज के वो लेगी पहनी थी ऑर आज उसने पहले से ही तैयारी कर के रखी थी अपने भैया के लंड को तड़पाने की....
वो जब नाइटी पहनने गयी थी तब वह अपनी पैंटी वही छोड़ आई थी ऑर लेग्गी को पूरा उपेर तक पहन के रखा था इस वजह से उसकी चूत के लिप्स लेग्गी के उपेर से ही झलक रहे थे... ये देख कर तो अशोक क्या किसी भी भाई का लंड खड़ा हो जाए जब उसकी बेहन की चूत लेग्गी के उपेर से सॉफ सॉफ झलकने लगे तो...
उसका लंड पाजामे के अंदर उछलने लगा ऑर चूत मे घुसने के लिए तड़प रहा था.....
मनीषा ने उसका रिक्षन देखने के बाद उसको इग्नोर कर के साइड मे पड़ी प्लास्टिक की चेयर पर अपने पैरो को फेला कर बैठ गयी ऑर टीवी देखते देखते अपने नखुनो को भी काटने लगी.... ऑर अशोक अपने लंड को मसल कर उसकी चूत को देख रहा था...
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