RE: Bhai Behen Sex Kahani साला बहन्चोद कहीं का
अशोक अपनी दीदी की चूत लेग्गी के उपेर देख के लंड को अपने हाथ मे पकड़ के रगड़ रहा था... वो इतना जोश मे आ गया था कि उसको इस बात की चिंता ही नही थी कि अगर उसकी बेहन ने उसको लंड को रगड़ते हुए देखा तो वो क्या सोचेगी उसके बारे मे.....
वो तो उल्टा चाहता था कि उसकी बेहन उसको देखे लंड मसल्ते हुए ऑर कपड़ों के उपेर से उसके लंड का उभार देखे... पर वो तो अपनी नज़रें पूरी टीवी मे गढ़ाए हुए थी....
फिर अशोक ने अपनी नज़रें उसकी चूत पर डाल दी ऑर नज़ारे का मज़ा ले रहा था जब उसकी दीदी ने उसको अपनी चूत की तरफ देखते हुए देखा ऑर फिर उसके लंड की तरफ देखा तो उसके मन मे कमीनपन जागने लगा उसने अपने मन मे कहा....
मनीषा- रुक बेटा अब एक ऑर छोटा सा झटका देना बाकी है तेरे लंड पे....
ऑर फिर मनीषा ने टीवी की तरफ देख कर हल्की आवाज़ मे अपना मुँह बिगाड़ के अपनी चूत को 2 उंगलियो से आइ मीन चुटकी मे पकड़ के खुजाने लगी ये देख कर अशोक मन मे कहने लगा..
अशोक- अरे दीदी तुम्हारा भाई यही बैठा है मुझसे कह देती मे अपना मोटा काला लंड तुम्हारी चूत मे डाल के बड़े प्यार से तुम्हारी खुजली मिटा देता......
खुजली करते करते उसको महसूस हुआ कि उसने जो प्लान बनाया था अपने भाई के लंड को तड़पाने का वो कामयाब तो हो गया था साथ ही साथ उसकी चूत गीली होने की वजह से उसका रस लेग्गी पे भी लग गया था... वो थोड़ा घबरा गयी क्यू कि वो नही चाहती थी कि उसका भाई ये समझ जाए कि आज इसने ये हरकत उसके लंड को तड़पाने की लिए की थी.....
वो वहाँ से उठ कर अपने रूम मे जाने लगती है...
मनीषा- गुड नाइट भैया
अशोक- मन मे ( लौडा का गुड नाइट साली लंड खड़ा कर दिया कम्से कम झड़ने तक तो अपनी चूत के दर्शन करने देती ) गुड नाइट दी....
अशोक उसके जाने के कुछ देर वेट करने के बाद अपना लंड बाहर निकाल के देखने लगा अपने लंड को ऑर सोचने लगा क्यू ना दीदी को एक फेक आइडी से उसे मेसेज करूँ ऑर अपने लंड की पिक्स दिखाऊ... ऑर फिर वो हिलाने लगा अपने लंड को....
हिलाते हिलाते उसके मन मे ख़याल आया कि आजकल लड़किया गूगल पे नीग्रो लोगो के बड़े बड़े लंड देख कर अपनी चूत लेने का इमॅजिन कर के फिंगरिंग्स करती है तो मेरा लंड उन नीग्रो लोगो के सामने बच्चा है दीदी को घंटा मेरे लंड की पिक्स मे उतना इंटेरेस्ट लेगी.... उसको अब नेट पे बड़े बड़े लौडे देखने की आदत पड़ गयी होगी मेरा लंड देख के उसकी चूत मे कोई भी हलचल नही होगी.... उसको अब रियल मे ही देख के चूत गीली होगी चाहे फिर वो लंड छोटा ही क्यूँ ना हो मेरा तो फिर भी तगड़ा ऑर मोटा है... उसने आइ गेस अबतक रियल लंड नही देखा होगा
ये सब बाते सोच सोच के आराम से अपना लंड सोफा पे बैठ के हिला रहा था ऑर कोई तरकीब ढूँढ रहा था अपनी बेहन को उसका लंड ओपन दिखाने के चक्कर मे...
अशोक- चलो सो जाते है कल सनडे है पूरा दिन छुट्टी होगी कोई ना कोई तो मोका मिलेगा अपना लंड दिखाने का....
ऑर फिर अशोक अपने रूम मे चला जाता है सोने....
(बॅक टू दा मनीषा व्हेन शी लेफ्ट दा हॉल )
मनीषा गुड नाइट बोलने के बाद अपनी रूम की तरफ जाती हुई...
मनीषा-अपने मन मे... लगता है मेरी चूत का असर इतना खास नही था आज... मुझे लगा था वो कुछ ऐसी हरकत करेगा जिससे मुझे एहसास हो कि वो मुझे चोदना चाहता है... पर उस साले ने इतना इंटेरेस्ट नही दिखाया... पता नही क्यू...?
उस दिन तो मेरी गान्ड का उभार देख कर अपना लंड धसा दिया था मेरी गान्ड मे... आज तो मेने उसे अपनी चूत के लिप्स का पूरा उभार दिखा दिया था फिर भी साले ने कुछ नही किया
मनीषा अपने रूम मे पहुँच गयी थी ऑर उसने डोर भी बंद कर दिया था ऑर बेड पर लेट भी गयी थी....
मनीषा अपने मन मे कहती है....
मनीषा- मुझे लगा वो मेरे पास आएगा मुझे कहेगा लाओ दीदी मे तुम्हारे नाख़ून काट देता हूँ तुम अपने लेफ्ट हॅंड से नही काट पाओगी तुम्हे दिक्कत होगी...
फिर कुछ सोच के कहती है
मनीषा- घंटा उस साले बेहन्चोद को मेरी चूत देखने के अलावा कुछ सूझा ही नही होगा... चूतिया साला..
साला मे यहाँ मैं अपनी चूत फैलाए हुए बैठी थी मुझे लगा ये कोई बहाना कर के आएगा मेरे पास...
मनीषा अपने भाई को गालियाँ देती हुए अपनी चूत को अपनी उंगली से बड़े प्यार से सहला भी रही थी अपनी चूत के दोनो लिप्स के बीच मे धीरे धीरे वो अपनी उंगली को रगड़ते हुए नीचे ला रही थी ऑर कभी उपर....
ऑर फिर वो अपनी लेग्गी मे हाथ डाल के सोचने लगी कि काश भैया मेरे पास आ कर कहते लाओ दीदी मे तुम्हारे नाख़ून काट देता हूँ ऑर फिर मे उसके साथ सोफे पे बैठ जाती ऑर अपना हाथ उसकी थाइस पर रख देती उसके तने हुए लंड के पास
मैं उसकी लेफ्ट मे बैठ कर अपना राइट हॅंड उसकी थाइस पे रखती ऑर वो अपना लेफ्ट आर्म'स मेरे शोल्डर पे रख के मेरे लेफ्ट हाथ को पकड़ के अपने राइट हॅंड से मेरा नाख़ून काट ता ऑर मे अपना राइट हॅंड धीरे धीरे उसके तने हुए लौडे की तरफ ले जाती ऑर फिर अपना हाथ उसके लंड पे रख देती..... ऑर फिर उसका लंड ज़ोर से दबा देती ऑर कहती भैया ध्यान से मेरी उंगली मत काटो.... ऑर उसके लंड को वैसे ही कुछ देर तक जकड़े रहती अपनी मुट्ठी मे....
ये सब बाते इमॅजिन कर कर के वो ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत मे उंगली घुसा रही थी फिर कुछ देर बाद वो झड गयी....
झड़ने के बाद उसका मन शांत हुआ तो वो अपने मन मे कहने लगी...
साला मेने उसकी रात तो रंगीन कर दी थी पर उस साले का भी तो कोई फ़र्ज़ बनता था ना मेरी रात रंगीन बनाने का....?
अगर साले ने थोड़ा बहुत ही कुछ किया होता या कोई बहाना कर के मुझे छुआ होता तो मेरी चूत ऑर पानी पानी हो जाती थी मुझे इमॅजिन कर के अपनी चूत मे उंगली डालने की ज़रूरत नही पड़ती....
मनीषा अपने आप से बाते करती हुई....
मनीषा- मुझसे ग़लती हो गयी मुझे अभी ऐसे उठ के चले नही आना था उल्टा मुझे भी उसके लंड पे नज़र डाल डाल कर अपनी चूत को ऑर गीली करना चाहिए था जब वो मेरे लेग्गी को चूत की जगह से भीगी हुई देखता था तो उसे महसूस हो जाता था कि उसकी दीदी भी उसका लंड लेना चाहती है.... चलो कोई बात नई... कल सनडे है ऑर वो कहीं नही जाएगा क्यू कि मेरी चूत ने उसके लंड पे ऐसा नशा चढ़ा दिया है कि उसका लंड मेरी चूत से दूर रह ही नही पाएगा...... ऑर मनीषा बेफिकर हो के सो जाती है...
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