RE: Bhai Behen Sex Kahani साला बहन्चोद कहीं का
अशोक भी ये देख कर खुश हो गया ऑर सोचने लगा के मेरे लंड का जादू चल रहा है...
2-3 दिन तक ऐसा ही चलता रहा वो पज़्ज़ील समझते समझते अपना लंड रगड़ता रहा.... फिर 4थ डे को उसको मालूम पड़ा कि अब उसकी दीदी ने उसकी एक ऑर मुश्किल दूर कर दी है... वो अब जानबूज के नीचे से फटी हुई सलवार पहन रही है.... ये देख कर मन मे वो पागल सा हो रहा था उसे उसके अरमान पूरे होते हुए नज़र आ रहे थे......
आज तो वो झड गया था ऑर उसने अपने लंड का पानी ग़लती से डाइरेक्ट उसकी गान्ड पे डाल दिया था क्यू कि उसे पता नही था कि आज उसने नीचे से फटी हुई सलवार पहनी है.... अशोक समझ गया था कि अब कल भी ये फटी हुई सलवार ही पहनेगी.....
नेक्स्ट डे... रात को 11 बजे वो उसके रूम मे जाता है ऑर फिर वो दोनो उसी पोज़िशन मे लेट जाते है ऑर गेम की पज़्ज़ील सॉल्व करते हुए अशोक अपना लंड बाहर निकाल कर उसके लंड की स्किन को पीछे कर के अपने सुपाडे को बाहर निकालता है ऑर उसकी कमीज़ को साइड मे कर के अपना लंड फटी हुई सलवार के अंदर डाल के उसको पहले टच करने लगता है फिर कुछ देर बाद धीरे धीरे अपने लंड पे दबाव दे कर अंदर की ओर घुसाता है......
अब उसका लंड मनीषा की चूत के पास पहुँच जाता है... मनीषा को भी महसूस होता है कि उसके लंड का सुपाडा उसकी चूत के लिप्स खो फेला रहा है.... उसको अपनी चूत का मुँह खुलते हुए महसूस होता है.... अशोक का लंड अपनी चूत पे महसूस कर के उसकी चूत मे एक अजीब सी लहर दौड़ जाती है ऑर ऐसा लगता है जैसे चूत की नसों मे खून की जगह बिजली दौड़ रही हो....
मनीषा का शरीर कप कपाने लगता है.... उसकी चूत मे जो लहर उठ रही थी ऑर जो वो महसूस कर रही थी उसको लफ़्ज़ों मे बयान करना मुश्किल ही नही नामुमकिन है.....
अगर तुम अपनी बेहन को चोदना चाहते हो या तुम अपने भाई से चुदना चाहती हो तो इमॅजिन करो कि उस जगह पे तुम हो ऑर तुम्हारा भाई या तुम्हारी बेहन ऐसी फटी हुई सलवार पहन कर तुम्हे इशारा दे रही हो कि वो तुमसे चुदना चाहती है ऑर तुम्हारे लंड का सुपाडा उसकी चूत का मुँह खोलते हुए अंदर घुसते जा रहा हो तो तुम्हे केसा लगेगा....??
ऑर अगर तुम्हारी चूत इतने दिन से अपने भाई का लंड लेने के लिए तड़प रही है तो एक पल के लिए तुम भी इमॅजिन करो कि जो लंड को तुम इतने दिनो से इमॅजिन कर के अपनी चूत मे उंगली कर रही थी वो लंड आज तुम्हारी चूत को फैलाते हुए अंदर घुस रहा है....
अब जो लहर ऑर जो बिजली तुम्हारे लंड ऑर चूत मे इमॅजिन कर आई है उससे कही ज़्यादा मनीषा की चूत मे हलचल हो रही थी क्यू कि इस वक्त ना तो वो इमॅजिन कर रही थी ऑर ना ही कोई सपना देख रही थी उसकी चूत मे सचमुच उसके भाई का लंड घुस रहा था......
उसकी चूत की पॅल्को को रगड़ते हुए उसके लंड का सुपाडा अंदर जा रहा था....
अशोक के लंड मे भी एक तूफान उठा हुआ था उसकी उतेज्ना उसके लंड के कठोर पन से नज़र आ रही थी... उसका लंड आजतक कभी इतना ज़्यादा कठोर ऑर तन के खड़ा नही हुआ था जितना कि आज था... उसको तो ऐसा लग रहा था कि अगर मेने अभी दीदी की चूत मे डाल कर इसको चोद कर लंड को शांत नही किया तो ये उतेज्ना के मारे फट जाएगा........
अशोक ने धीरे से अपने लंड को थोड़ा ऑर अंदर घुसाया तो मनीषा की चूत की पॅल्को को रगड़ते हुए उसके लंड का सुपाडा अंदर घुस रहा था ऑर जैसे ही उसका सुपाडा अंदर घुस गया उसकी चूत की पलके उसके सुपाडे की बाउंड्री लाइन पर आ चुकी थी....
ऑर फिर मनीषा की चूत की पलकें अशोक के लंड के सुपाडे से फिसल कर उसके सुपाडे से नीचे आ गयी थी.... उसको देख के लग रहा था जैसे चूत ने लंड को जाकड़ लिया हो... लंड के सुपाडे को क़ैद कर लिया हो....
फिर अशोक एक झटके मे उसके ऊपर पूरा चढ़ जाता है ऑर अपना पूरा लंड उसकी चूत की जड़ों तक घुसा देता है मनीषा की चूत मे एक बार फिर तेज़ बिजली दौड़ जाती है ओर उसके लंड का साइज़ महसूस कर के उसके मुँह से निकल जाता है...
मनीषा- आआआआआआहह गधे कही के पूरा वजन मेरे उपेर डाल दिया...
अशोक- अपने मन मे ( वजन नही दीदी बोलो गधे जेसा पूरा लंड डाल दिया मेरी चूत मे)
अशोक बस हँसता है ऑर वहाँ से हट के उठ जाता है क्यू कि उसने पहले से मन बना के रखा था कि वो अपनी बेहन को केसे चोदना चाहता है ऑर उसकी बेहन चुदते समय नखरे करने की बजाए उसका साथ दे उसके लंड को चूसे ऑर बेशर्मो की तरह उसके लंड के सुपाडे को अपनी जीब ( टंग ) को उसके सुपाडे पे गोल गोल घुमा कर उसे लिक्क करे
उठते वक्त इस बार वो अपना लंड उंड़र नही डालता है उल्टा वो उसको वैसे ही तना वही बाहर रहने देता है.... उसी की वजह से उसकी टी-शर्ट ने उसका आधा लंड वैसे ही ढक दिया था अब उसका आधा लंड ही तना हुआ बाहर नज़र आ रहा था......
तभी घंटी बजती है ऑर मनीषा बेड से उठते हुए
उसके लंड पे एक नज़र मारती है ऑर फिर डोर खोलने के लिए चल देती है....
जाते जाते वो बहुत गालियाँ देती है....
कॉन साला मादरचोद अपनी माँ चुदाने यहाँ आया है इनकी माँ का भोसडा अपने घर पे बैठ के अपनी माँ बेहन चुदाओ ना यहाँ आने की क्या ज़रूरत है......?
मनीषा डोर खोलती है तो सामने दीपा मासी थी...
मनीषा मुस्कुरा कर उसको अंदर बुलाती है ऑर सोफा पे बिठा देती है ऑर हाल चल पूछ कर बोलती है...
मनीषा- आप बैठो मासी मे आपके लिए पानी लाती हूँ ऑर मम्मी को भी बताती हूँ कि आप आई हो....
दीपा- रहने दे उसको सोने दे सुबह उसको मिल लुगी.... मे भी थक गयी हूँ ऑर नींद भी आ रही है....
अशोक को चिंता होने लगी कि इतनी रात को कॉन आया होगा ऑर क्यू आया होगा...?
अशोक ने टाइम देखा तो रात के 12 बज रहे थे..... वो अपना लंड जो अब सेमी एरेक्ट था उसे अंदर डाल के हॉल मे आया तो दीपा मासी को देखा....
ऑर देखते ही उसकी गान्ड फट गयी क्यू कि उसकी मासी मुँह फट ऑर बिंदास किसम की औरत थी उसके मुँह मे जो भी आता वो बक देती थी....
मेरे नानी नाना की बड़ी बेटी थी... मम्मी जब 10 साल की थी तब नाना की मौत हो गयी थी ओर तबसे दीपा मासी ने काम करना शुरू कर दिया जैसे जैसे वो बड़ी होती गयी वैसे वैसे वो औरत से मर्द बन रही थी...
उसकी बाते उसका नेचर
घर मे उसने सब को दबा के रखा था....
इसी वजह से मम्मी उससे नफ़रत करती थी ऑर उसका नेचर भी मम्मी को पसंद नही था.....
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