RE: Gandi Kahaniya सहेली के पापा
मैं पूरी तरह तैय्यार थी अपने कुंवारेपन को सहेली के पापा के
साथ लुटाने को. जहाँ चाह होती है वहाँ राह निकल ही आती है.
मोम भला क्यों रोकती. मैं शाम 5 बजे ही रीता के घर आ गयी. उसकी
मोम मुझे जानती थी. रीता ने उनसे बताया कि यह भी रात को पापा से
इंग्लीश पढ़ेगी तो वह बोली,
"ठीक है बेटी आ जाया करो. मास्टर ढूँढ रहे क़ायदे का मिला तो
रीता को ट्यूशन रखवा दूँगी." उसके पापा अभी घर पर नही थे. वह
9 बजे तक आते थे. मैं रीता के साथ उसके कमरे मे आ गयी. उसका
कमरा ऊपर था. उसकी मोम को साँस की बीमारी थी इसलिए वह ऊपर नही
आती थी. रीता ऊपर मुझे अपने पापा के रूम मे लाई और बोली,
"रात मे पापा इसी कमरे मे मुझे नंगी करके चोद्ते हैं, तुमको
भी यहीं चोदेन्गे."
"कब आते हैं पापा?"
"ठीक 9 बजे ऊपर आते हैं और आते ही मज़ा लेते हैं. 12 बजे तक
मज़ा ले चोद्कर मुझे नंगी ही चिपकाकर सो जाते हैं. सुबह होते ही
कपड़े पहना देते हैं."
"जब तुमको चोदेन्गे तो मुझे?"
"हम दोनो को छोड़ेंगे. आने तो दो पापा को. पापा को एक साथ दो
लड़कियो से बहुत मज़ा आता है." रीता ने मेरी गांद मसल्ते कहा. 16
साल की थी इसलिए जानती सब थी पर रीता ने रात की कहानी सुना
मुझे बेचैन कर दिया था. स्कूल मे रीता की चूत पर बाल नही
दिखे थे पर मेरी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे. मैं रीता से बोली,
"रीता तुम्हारी तो एकदम चिकनी थी."
"हां और अब तुमको भी बाल सॉफ रखना होगा. क्योंकि पापा चिकनी ही
चाटते हैं और मज़ा चटवाने मे ही है. मैं तो खूब
फैला-फैलाकर चटवाती हूँ. तुम भी सॉफ कर लो."
"कैसे?"
"क्रीम से 5 मिनिट मे सब सॉफ. पापा ने दी थी."
"मेरी भी सॉफ कर दो ना रीता अपनी तरह." मैने उसे चूमकर कहा तो
वह बोली,
"अभी मत करो पापा को दिखाना अगर कहेंगे तो कर दूँगी. पापा जो
कहे करना. अपने पापा का देखना कैसा है?" रीता ने मेरी चूचियों
को मसल कहा. फिर हम लोग खा पीकर इधर उधर की बातकरते रहे और फिर
उसके पापा के कमरे मे आ गये. अभी भी 8 बजे थे. एक घंटा था
अभी रीता के पापा के आने मे. हमलोग आपस मे मज़ा लेने लगे.
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