RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
कुँवारियों का शिकार--2
गतान्क से आगे..............
आज एक ग़लती उसने की थी और मैने उसे दबा दिया है और वो अब उससे इस बारे में कुछ ना कहें और ना ही कुछ पूच्छें. बस प्यार से समझा दें के दोबारा कोई ग़लती ना करे और बहुत अच्छे से पढ़ाई करे. और साथ ही मैने ज़ोर देकर उनसे कहा के पांडेजी हमारे लिए दीपक को मेरिट में आना ही होगा वो इस बात का पूरा ध्यान रखें. यह एक मीठी धमकी सी थी और पांडेजी समझ गये और मुझे आश्वासन देकर चले गये.
अब मैने टाइम देखा, रिसेस होने में अभी 7 मिनट बाकी थे. मैने घंटी बजकर पेओन को बुलाया और उससे कहा कि प्रीति मॅम को बुलाके लाए. प्रीति मॅम प्रिया की क्लास टीचर थी. वो बहुत पुरानी टीचर थी मेरे स्कूल की और मुझसे भी 3-4 साल बड़ी थी और मैं भी उनको शुरू से प्रीति मॅम कहकर ही बुलाता था. उनके आनेपर मैने उन्हे बताया कि उनकी क्लास की प्रिया के पापा का मेरे पास फोन आया था और वो कह रहे थे कि सुबह प्रिया की तबीयत कुछ खराब थी पर क्लास टेस्ट की वजह से उसने छुट्टी नही की.
अगर वो ठीक है तो कोई बात नही, और अगर उसकी तबीयत ठीक नही है तो उसे घर भेज दें. मैने आगे कहा के वो चेक कर लें और अगर वो ठीक नहीं है तो प्रिया को मेरे ऑफीस में भेज दें मैं उसे घर भेजने का इंटेज़ाम कर देता हूँ. प्रीति माँ ठीक है सर कहके चली गयीं और कुछ देर में ही प्रिया मेरे ऑफीस में आ गयी. मैने मुस्कुराते हुए पूछा के तुम्हे अंदर आते तो किसी ने नही देखा तो वो बोली के नही बाहर पेओन नही था. होता भी कैसे मैने उसे पहले ही अकाउंट्स ऑफीस भेज दिया था कुछ पेपर्स लाने के लिए.
मैं खड़ा हुआ और प्रिया का हाथ पकड़ कर ऑफीस की साइड में बने एक दरवाज़े पर लाया और उसे खोलकर बाहर ले आया. बाहर मेरी ब्लॅक मर्सिडीस खड़ी थी. मैने उसकी बॅक सीट पर प्रिया को बिठा दिया और कहा के मेरा वेट करे मैं 5 मिनट में आता हूँ. कार को रिमोट से लॉक करके मैं वापिस ऑफीस में आकर अपनी चेर पर बैठ गया. इतने में ही पेओन मेरे बताए हुए पेपर्स अकाउंट्स ऑफीस से लेकर आ गया. मैने पेपर्स लिए और उससे कहा के मैं थोड़ी देर में ज़रूरी काम से जा रहा हूँ और वापिस शायद नही अवंगा.
वो सर हिलाकर बाहर चला गया. मैने बटन दबाकर दरवाज़ा लॉक किया और साइड के दरवाज़े से बाहर आकर उसको बाहर से लॉक कर दिया और कार में ड्राइविंग सीट पर जा बैठा.
कार को स्टार्ट करके मैने आगे बढ़ाया तो प्रिया बोली के हम कहाँ जा रहे है सर. मैने रिर्व्यू मिरर में उसे देखा तो उसस्के चेहरे पर डर के भाव नज़र आए. मेने उसे तसल्ली देते हुए कहा के प्रिया देखो मेरा विश्वास करो हम जा रहे हैं सिर्फ़ एकांत में मज़े करने के लिए और जो कुछ हमने आज ऑफीस में किया था वही करेंगे लेकिन बिल्कुल एकांत में और साथ ही उसे विश्वास दिलाया के मैं उसके साथ कोई भी ज़बरदस्ती नही करूँगा और जो कुछ भी वो नही करना चाहेगी वो नही करूँगा. लेकिन चूमा-चॅटी और हाथ- चालाकी तो ज़रूर करूँगा और मज़े लूँगा भी और दूँगा भी. मेरी बात सुनकर उसके चेहरे पर परेशानी की जगह एक फीकी सी मुस्कान आ गयी.
मैने अब उसकी तरफ से ध्यान हटाकर ड्राइविंग की तरफ किया और कार की स्पीड बढ़ा दी. अब मुझे जल्दी से जल्दी अपने फार्म हाउस पहुँचना था ताकि आगे का काम शुरू कर सकूँ. फार्म हाउस में एक चौकीदार ही होता था जो दिन में गेट पर ही रहता था. फार्म हाउस के निकट पहुँच कर मैने प्रिया को कहा कि हम पहुँचने वाले हैं और जब मैं कहूँ वो नीचे दुबक जाए ताकि गार्ड को पता ना चले के मेरे अलावा भी कार में कोई है.
फार्म हाउस पहुँच कर मैने उसे बताया और वो फुर्ती से नीचे कार के फ्लोर पर बैठ गयी और सर भी नीचे कर लिया. मुझे देखते ही गार्ड ने मुस्तैदी से सल्यूट करते हुए गेट खोल दिया और मैं बिना रुके अंदर चला गया. गेट से बिल्डिंग का दरवाज़ा नज़र नही आता था. फिर भी मैने प्रिया को कहा के मैं पहले दरवाज़ा खोल दूं उसके बाद वो नीचे उतरे और फुर्ती से अंदर चली जाए. उसने ऐसा ही किया और मैं उसके पीछे अंदर गया और दरवाज़ा डबल लॉक कर दिया. उसका स्कूल बॅग कार में ही था और मैने अपना ब्रीफकेस एक तरफ रखा और प्रिया का हाथ पकड़ कर अंदर बेडरूम में ले आया.
|