College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
08-25-2018, 04:14 PM,
#4
RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
मैने टाइम देखा, हमे यहाँ पहुँचने में आधा घंटा लग गया था. यानी मेरे पास केवल 2 घंटे थे मस्ती करने के लिए. मैने उसकी तरफ देख मुस्कुराते हुए पूछा के कुछ पीना चाहोगी तो उसने पूछा के क्या. मैने कहा के पेप्सी या कोक या कुछ और. उसने मेरी तरफ एक प्रश्नावाचक दृष्टि डाली तो मैने मुस्कुराते हुए पूछा के बियर पीना चाहोगी. उसने कहा के कभी ट्राइ नही की. बस एक ही बार शॅंपेन ली थी वो भी एक ग्लास. मैने कहा चलो कोई बात नही अब बियर का मौसम भी नही है कुछ और पीते है.

मैने बकारडी (वाइट रूम) निकाली और 2 ग्लास में 2-2 अंगुल डाल कर चिल्ड 7-अप से भर दिया और ड्राइ फ्रूट की ट्रे के साथ बेड पर रख दिया और उससे कहा लो पियो. उसने पूछा ये क्या है तो मैने कहा के ट्रस्ट मी यह माइल्ड ड्रिंक है. दोनो ने ग्लास उठाए और मैने चियर्स बोला तो उसने भी चियर्स बोला. फिर मैने एक लंबा घूँट भरा और उसे कुछ देर मुँह में घुमाने के बाद गटक गया. उसने भी मुझे कॉपी किया और बोली के कुछ ख़ास तो लगा ही नही. मैने कहा के लगेगा जब ये तुम्हारा मज़ा दोगुना करेगी तब. उसने अपनी नज़रें नीची कर ली.

मैं उठकर उसके पास गया और उसके साथ लगकर बैठ गया और बगल में हाथ डाल कर अपने से सटा लिया. वो भी मेरे साथ लग गयी और मैने उसके गाल पे हल्का सा किस किया और कहा के जानेमन अब शरमाने से नही चलेगा तो वो शोखी से बोली के कैसे चलेगा. मैने तेज़ी से उसे खड़ा किया, ग्लास लेकर ट्रे में रखा और उसकी शर्ट खोल कर उतार दी और कहा के ऐसे. उसकी शर्ट उतरते ही उसके दोनो मम्मे उजागर हो गये और मैं प्यासी आँखों की प्यास बुझाने लगा. बाकी सब के लिए तो अभी बहुत समय था. मेरा शुरू से एक ही निश्चय रहा है के “धीरे धीरे रे मना धीरे सब कुच्छ होये”.

मैने नज़रें उठा कर उसकी तरफ देखा और बोला के प्रिया आज मैं तुमको इतना और ऐसा मज़ा दूँगा के तुमने कभी स्वप्न में भी नही सोचा होगा. और कहते कहते मैने अपनी शर्ट और बनियान उतार दी. दोनो शर्ट्स को मैने पास रखी एक कुर्सी की पुष्ट पर टाँग दिया और बेड पर बैठ कर प्रिया को अपनी गोद में खींच लिया.

मैने अपना ग्लास उठाया और प्रिया को उसका ग्लास थमा दिया. अब तक हमारे ग्लास आधे हो चुके थे. मैने कहा ख़तम करो इसे और अपना ग्लास खाली कर दिया. प्रिया ने भी ऐसा ही किया. दोनो ने कुछ दाने ड्राइ फ्रूट्स के मुँह में डाले और मैं फिर खड़ा हो गया. मैने तेज़ी से अपनी पॅंट उतारी और सलीके से फोल्ड करके उसी चेर पर रख दी. फिर प्रिया को उठाया और उसकी स्कर्ट भी उतार के फोल्ड करके अपनी पॅंट के ऊपर रख दी. क्या सुंदर और चिकनी टाँगें थी उसकी. मेने देखा के उसने लाइट पिंक कलर की पॅंटी पहनी थी और मेने अपना जॉकी.

मैं अभी इसके आगे नही बढ़ाना चाहता था. मेरी आदत ही नही पसंद भी कुछ ऐसी थी. सॉफ शब्दों में कहूँ तो यह के मुझे चोदने से अधिक मज़ा भोगने में आता था. चोदना तो आखीर होता है, असली आनंद तो स्पर्श-सुख लेने और देने में आता है. में खूब अच्छी तरह पका कर खाने में विश्वास रखता हूँ. पहली मुलाकात में किसी कुँवारी की सील तोड़ना मुझे पसंद नही है और ना ही किसी के साथ ज़बरदस्ती करने की ज़रूरत पड़ी है.

लड़की को पूरी तरह विश्वास में लेने के बाद और पक्का वादा लेने के बाद के ये हमारा संबंध केवल शारीरिक है और इसमे एमोशनल बिल्कुल नही होना है, तभी मैं आगे बढ़ता हूँ. बहुत फ़ायदा रहता है ऐसे संबंधों में. दोनो में किसी पर कोई बोझ या दबाव नही होता और कम से कम मुझे तो बहुत ही आनंद आता है.

मैने आगे बढ़ कर प्रिया को गले से लगाया और उसका मुँह ऊपेर करके उसे चूमने लगा. मैने महसूस किया की उसके शरीर में हल्का हल्काकंपन हो रहा है. जैसे किसी सितार के तार को छेड़ने के बाद उसमे कंपन होता है. मैं उसे चिपकाए हुए ही बेड पर ले आया और बेड की पुश पर टेक लगाकर उसे अपने ऊपेर करते हुए घुमा दिया. उसकी पीठ मेरी छाती से चिपक गयी और मैने उसकी बगलों से हाथ डालकर उसके दोनो मम्मे अपनी हाथों में ले लिए. जैसे मेरे हाथों में दो टेन्निस बॉल्स आ गयी हों. इतने ही बड़े और इतने ही टाइट थे.

मैने प्यार से उन्हे दबाया और फिर उन्हें अपने हाथों में ऐसे भरा के मेरी उंगलियाँ उनके नीचे, हथेलिया दोनो साइड्स में और दोनो अंगूठे उसके चूचको के थोड़ा ऊपेर थे. उसके दोनो चूचक आज़ाद थे और मैं देख रहा था के उत्तेजना के कारण उसके शरीर पर गूस बंप्स उभर आए थे और उसके दोनो निपल्स संकुचित हो कर अंदर को धन्से हुए थे. मैने अपने दोनो अंगूठे नीचे किए उसके चूचकों पर तो मुझे ऐसा लगा के जैसे दो रूई के फाहे मेरे अंगूठों के नीचे आ गये हों. इतने मुलायम और नरम थे उसके चूचक.

मैं बहुत रोमांचित था और अपनी किस्मत पर गर्वान्वित भी की इतनी सुन्दर, कड़क जवान लड़की जो कि साक्षात सेक्स की प्रतिमूर्ति थी मेरी बाहों में थी और में उसका आनंद ले रहा था. मैने अपने अंगूठों और उंगलियों से दोनो मम्मों पर हल्का सा दबाव बढ़ाया तो उसके दोनो निपल्स तेज़ी से उभर कर बाहर को आ गये और मैने बड़े प्यार से उनको सहलाना शुरू किया. प्रिया के मुँह से अयाया, ऊउउउउह की आवाज़ें आनी शुरू हो गयीं. मैने पूछा, क्यों प्रिया मज़ा आ रहा है ना. तो वो लंबी साँस लेकर बोली के बहुत ज़्यादा, इतना के बता नहीं सकती, लेकिन बहुत ही ज़्यादा.

मैने अपनी दाईं टांग उठाकर उसकी दाईं जाँघ को प्यार से रगड़ना शुरू कर दिया. उसकी साँस अटकने लगी. बीच-बीच में वो एक लंबी साँस खींच लेती और फिर से उसकी साँस तेज़ हो जाती. मैने अपना हाथ उसके दोनो मम्मों के बीच में रखा तो महसूस किया के उसका दिल इतनी ज़ोर से धड़क रहा है जैसे अभी छाती फाड़ कर बाहर आ जाएगा. मैने उसे घूमाकर सीधा किया और अपने सीने से लगा लिया और उसे लिए हुए ही पलट गया. अब वो बेड पर मेरे नीचे लेटी थी और मैं पूरी तरह से उसके ऊपेर चढ़ा हुआ था.

मेरे दोनो हाथ उसकी पीठ पर थे. मैने प्रिया को इसी स्थिति में प्यार से भींच लिया और उसने भी दोनो बाहें मेरी पीठ पर लेजाकार मुझे ज़ोरों से कस लिया. ऐसा करने से उसकी उत्तेजना थोड़ी कम हुई और उसने अधखुली आँखो से मेरी तरफ बड़े प्यार से देखा. मैने मुस्कुराते हुए पूछा, क्यों कैसा लग रहा है तो वो बोली के में नही जानती थी के इतना मज़ा भी आ सकता है. मैने कहा के मेरी जान अभी तो शुरुआत है असली मज़ा तो आगे आएगा. वो हैरानी से आँखे फाड़ के बोली और कितना मज़ा आएगा. मैने कहा के लेती जाओ, सब पता चल जाएगा.

मैं धीरे से प्रिया से अलग होकर बेड से उतर कर खड़ा हो गया. मेरा अंडरवेर प्री कम से गीला हो गया था और मुझे परेशानी हो रही थी. मैने देखा के उसकी पॅंटी तो कुछ ज़्यादा ही गीली हो गयी थी. मैने प्रिया को भी खड़ा किया और उसकी पॅंटी नीचे खींच दी और साथ ही अपना अंडरवेर भी उतार दिया. दोनो को एक दूसरी चेर पर डाल दिया और बोला के दोनो गीले हो गये हैं. प्रिया बोली के उसे लगा के कुछ निकला है उसके अंदर से. मैं समझ गया के वो एक बार झार चुकी है. मैने प्रिया को समझाया के क्या हुआ है और उसकी चूत को अपनी हथेली से ढक लिया. प्रिया की चूत पर अभी रोन्येदार छ्होटे बाल थे मुश्किल से आधा इंच के और रेशम की तरह मुलायम थे. मेरी हथेली पर सनसनाहट होने लगी.

मैने प्यार से प्रिया की चूत को सहलाया और बेड पर बैठ गया. प्रिया को मैने अपनी गोदी में खींच लिया. एक बार फिर उसकी पीठ मेरी छाती से चिपकी हुई थी. मैने लेफ्ट हॅंड में उसका लेफ्ट मम्मा पकड़ा और पहले से थोड़ा ज़्यादा ज़ोर से मसलना शुरू किया. राइट मम्मे को मुँह में लेकर चूसने लगा और चूत की दरार में उंगली चलानी शुरू कर दी. मेरी पूरी हथेली उसकी चूत को ढके हुए ऊपेर नीचे हो रही थी और मेरी उंगली उसकी दरार को रगड़ती हुई नीचे उसकी गांद के छेद को छ्छू कर वापिस आती.
क्रमशा............
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