RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
कुँवारियों का शिकार--4
गतान्क से आगे..............
रास्ते में मैने प्रिया को पूछा कि उसने दीपक में ऐसा क्या देखा के उसके साथ ये सब करने को तैयार हो गयी. प्रिया ने अपनी नज़र झुका ली और कुच्छ नही बोली. मैने फिर पूछा और कहा कि अब तो हमारे बीच एक दोस्ती का रिश्ता बन चुका है इसलिए उससे बेजीझक सब कुच्छ बता देना चाहिए. प्रिया कुच्छ देर चुप रही और फिर बोली के उसे लगा के उसका मेद्स का प्री-बोर्ड ठीक नही हुआ था और वो दीपक को पटा के चाहती थी के वो थोड़ी देर के लिए उसकी आन्सर बुक उसे दिखा दे जिस से वो करेक्षन कर दे.
मैं चौंक गया के यह लड़की इतनी चालाक हो सकती है और कहा के ऐसा कैसे हो सकता है. वो बोली क्यों नही हो सकता, जब उसके पापा चेकिंग के लिए आन्सर शीट घर लाते तो वो मुझे फोन करके बता सकता था और मैं उसके घर चली जाती किसी बहाने से और कोई तरीकानिकाल लेते. प्रिया बोलती चली गयी कि दीपक तो डरपोक निकला और उसकी बात सुनते ही भाग गया उसे अकेला छोड़ के.
मैने हंसते हुए कहा कि मेरे लिए. प्रिया भी हंस दी. मैने रास्ते में केमिस्ट शॉप से उसके लिए मेडिसिन ली. फिर हम उसके घर के पास पहुँच गये और वो मुझे डाइरेक्षन बताने लगी, मैने उसे रोक दिया और कहा के मैं जानता हूँ. रेकॉर्ड चेक करते समय मैं देख चुका था कि वो मेरे बहुत पुराने दोस्त नरेश (बिट्टू) के बड़े भाई नरेन्दर की बेटी है.
मेरा पहले उनके घर बहुत आना जाना था कॉलेज के दिनों में. वो हैरानी से मुझे देखने लगी. उसका घर आ गया और मैने गेट के साथ ही कार रोक दी और उतर के उसकी तरफ आ गया और दरवाज़ा खोल के उससे बोला आओ, ज़रा ध्यान से. उसका स्कूल बॅग मैने ले लिया और आगे हो के कॉल बेल दबा दी. उसकी मैड ने गेट खोला और बोली बेबी आ गयी मैं तो आने वाली थी तुम्हे लेने. फिर वो मेरी तरफ देख के बोली, आप कौन हैं.
प्रिया ठीक ना होने का नाटक करते हुए कमज़ोर सी आवाज़ में बोली ये हमारे प्रिन्सिपल हेँ स्कूल के और मेरी तबीयत खराब होने की वजह से मुझे डॉक्टर को दिखा के और मेडिसिन दिलवा के लाए हेँ. मैड ने झट से बॅग मुझसे लिया और आइए कहती हुई तेज़ी से अंदर को जाने लगी. मैं भी प्रिया को सहारा देते अंदर बढ़ गया.
हमारे मैन डोर तक पहुँचते तक नरेन्दर भैया बाहर आ गये और क्या हुआ कहते हुए हमारी तरफ बढ़े. फिर मुझे देख कर रुक गये और पहचान कर बोले कि तुम राज शर्मा हो ना, तुम यहाँ क्या कर रहे हो. मैने हंसते हुए कहा के हां राज ही हूँ और अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करने की कोशिश कर रहा हूँ, लो सांभलो अपनी बेटी को, एक ज़रा सा ब्रेड पकॉरा हाज़ाम नही कर पाती, क्या खिलाते हो इसको? फिर मैने तसल्ली दी और कहा के घबराने की कोई बात नही है थोड़ी असिडिटी हो गयी थी और हल्का सा स्टमक आचे हुआ था इसको.
स्कूल में डॉक्टर आज के दिन आता नही है और कोई और प्रबंध ना होने की वजह से मैं खुद ही प्रिया को डॉक्टर के पास ले गया और चेक अप करवा के मेडिसिन दिलवा दी है और साथ के लिए भी मेडिसिन दी है एहतियातन के लिए अगर सुबह तबीयत खराब हो तो मेडिसिन लेले और फिर उसे बता दें वो फोन पर ही बता देगा जो टेस्ट्स करवाने होंगे और अगर ठीक हो तो मेडिसिन लेने की कोई ज़रूरत नही है. वैसे घबराने की कोई बात नही है आंटॅसिड लेते ही प्रिया वाज़ फीलिंग बेटर.
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