RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
कुँवारियों का शिकार--5
गतान्क से आगे..............
प्रिया की आँखें उत्तेजना के मारे लाल हो गयीं थी और पूरी खुल भी नही पा रही थी. उन आँखों में एक अजीब सी खुमारी नज़र आ रही थी और उनमें देखते मेरे दिल की धरकनें तेज़ हो रही थी. मैने अपना हाथ उसकी चूत पर रखा जो इस समय फूल कर कुप्पा हो रही थी. मेरे हाथ के कोमल स्पर्श से वो एक झटके से उछल पड़ी और उसके मुँह से एक ज़ोर की सिसकारी निकली. उसने कातर दृष्टि से मेरी तरफ देखा मानो कहना चाहती हो के अब और ना तडपाओ पर उसके मुँह से कोई शब्द नही निकले. उसके चेहरे के भाव और आँखे बहुत कुच्छ कह रही थी जिन्हे मैं अच्छी तरह समझ रहा था.
मैं तेज़ी से उठा और एक टवल दोहरा करके उसकी गांद के नीचे रख दिया और साइड टेबल से क्रीम की बॉटल उठा कर थोड़ी सी क्रीम उसकी चूत में और थोड़ी सी अपने लंड पर लगा दी. फिर मैने उसकी टाँगें उठा कर ऊपेर कर दी और उनके बीच में आ गया. मैने कहा के प्रिया अब तुम्हें हिम्मत से काम लेना होगा पहले पहल थोड़ा दर्द होगा जो तुम्हे सहना होगा और उसके बाद ही तुम्हे स्वर्ग का आनंद भी मिलेगा और मैं पूरी कोशिश करूँगा के दर्द कम से कम हो पर होगा ज़रूर, मेरी बात समझ रही हो ना.
प्रिया ने अधखुली आँखों से मेरी तरफ देखते हुए सहमति में अपनी गर्दन हिला दी. मैने उसकी टाँगें चौड़ी करते हुए अपने लंड को उसकी चूत पर टीका दिया और उस पर रगड़ने लगा. फिर थोड़ा सा दबाव डाला और मेरे लंड का सुपरा उसकी चूत के मुँह पर अटक गया. मैने अपना एक हाथ पूरा खोल कर उसके पेट के नीचे ऐसे रखा के मेरा अंगूठा उसके भग्नासे को दबा रहा था.
उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी और मैने एक छ्होटा पर ज़ोरदार धक्का लगाया. मेरे लंड का सुपरा उसकी चूत में घुस गया और वो तड़प उठी. मैने पूछा के दर्द बहुत ज़्यादा हो रहा है क्या. तो वो बोली के नही ज़्यादा तो नही पर हो रहा है. मैने महसूस किया कि मेरा लंड उसकी कुमारी झिल्ली को टच कर रहा है. मैने देर ना करते हुए एक और धक्का ज़ोर से लगाया. मेरा लंड उसकी कुमारी झिल्ली को फाड़ता हुआ तीन-चौथाई उसकी चूत में समा गया. उईईई…..माआआआ प्रिया की एक ज़ोरदार चीख निकली, हवा में उठी हुई उसकी टाँगें काँपने लगीं और उसकी आँखों से आँसू बहने लगे. मैने अपना लंड वहीं जाम कर दिया और उससे प्यार से समझाया और कहा के बस थोड़ी देर का ही दर्द और है उसके बाद तो बस मज़ा ही मज़ा और तुम्हे फिर कभी भी दर्द नही होगा.
वो रोते हुए बोली के यह क्या कम दर्द है मेरी तो जान ही निकल चली थी. मैने प्यार से उसे समझाया के हर लड़की को पहली बार चुदवाने में दर्द सहना ही पड़ता है और मैने तो बहुत प्यार से किया है, पूरा ख्याल रखा है और रुक भी गया हूँ. इस तरह मैने उससे बातों में उलझा लिया ताकि उसका ध्यान बॅट जाए. मेरे हाथ का अंगूठा लगातार उसके भग्नासे से खेल रहा था जिसके कारण उसकी उत्तेजना जो दर्द की अधिकता से ख़तम सी हो गयी थी, फिर बढ़ने लगी. जैसे ही मैने देखा के प्रिया के चेहरे पे दर्द के भाव नही हैं और उनकी जगह उत्तेजना ने ले ली है तो मैं धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करने लगा और हर 2-3 धक्कों के बाद अपना लंड थोड़ा सा और अंदर सरकाने लगा.
प्रिया भी अबतक नॉर्मल सी हो गयी थी और उसके दर्द का स्थान आनंद ने लेना शुरू कर दिया था. उसके चेहरे पर अब एक अर्ध मुस्कान खिल रही थी और आँसुओ में भीगा उसका मुस्कुराता चेहरा, अधकुली मदहोश आँखें मुझे पागल किए दे रहीं थी. पर मैं अपने पर काबू रखे प्यार से धक्के लगाता रहा और फिर मेरा लंड पूरा जड़ तक उसकी चूत में समा गया और उसकी बच्चेड़ानी के मुँह से जा टकराया. प्रिया चिहुनक गयी और हैरानी से मुझे देखने लगी.
प्रिया के लिए यह एक नया अहसास था. मैने प्यार से उसे बताया कि क्या हुआ है. उसने अपना सिर हिलाया जैसे वो समझ रही हो. अब मैने अपने दोनो हाथ उसके मम्मों पर रख दिए और उन्हे प्यार से मसल्ने लगा. कभी पूरे मम्मे को मुट्ठी में भर के हौले से दबाता कभी प्यार से सहलाता कभी निपल को चुटकी में लेकर प्यार से मस्सल देता. प्रिया की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी. उसने अब नीचे से हिलना भी शुरू कर दिया था.
प्रिया की चूत का कसाव मेरे लंड पर ऐसा था जैसे किसी बहुत चौड़े रब्बर बॅंड में मेरा लंड फँसा हुआ हो. उसकी चूत ने मेरे लंड को पूरी तरह से जकड़ा हुआ था. चूत की पहली चुदाई में ऐसे ही कसाव का मज़ा आता है जो मुझे बहुत पसंद है. प्रिया ने ह…उ..न, ह…उ…न की आवाज़ें निकाल कर मेरा ध्यान आकर्षित करने की चेष्टा की.
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