RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
लंबे इंतेज़ार के बाद अगले थर्स्डे की शाम को प्रिया का फोन मुझे आया के कल निशा स्कूल से मेरे साथ मेरे घर आएगी और फिर वो घूमने और पिक्चर देखने के बहाने से घर से निकलेंगी और पिच्छली बार की तरह मैं उनको पिक कर लूँ. मैने कहा के ठीक है पर इस बार साकेत माल पर नही, अंसल प्लाज़ा पर मिलना. वो बोली के हां मैं भी नयी जगह पर मिलना चाहती थी. मैने कहा ओके और फोन काट दिया.
अगले दिन मैं निर्धारित समय पर अंसल प्लाज़ा पहुँच गया और उन्हे अपनी पोज़िशन बता दी. प्रिया ने कहा के वो आ रही हैं. और 5 मिनट से भी पहले दोनो ने इधर उधर देखते हुए कार के पिच्छले दरवाज़ों को खोला और अंदर बैठ गयीं. मैने तेज़ी से कार आगे बढ़ा दी और काफ़ी तेज़ी से ड्राइव करते हुए अपने फार्म हाउस की तरफ बढ़ने लगा. पीछे से प्रिया की शोखी भरी आवाज़ आई बहुत जल्दी में लग रहे हो. मैने कहा के हां जल्दी तो ज़रूर है क्योंकि टाइम ज़्यादा नही है और मुझे डबल ड्यूटी करनी है. मेरे इतना कहते ही दोनो की हँसी छ्छूट गयी.
फार्म हाउस पहुँचते ही प्रिया और निशा दोनो सीट के नीचे दुबक गयीं, प्रिया ने निशा को सब कुच्छ समझा रखा था और मैने मैन डोर के सामने कार रोक दी. कार से उतर कर मैने मैन डोर खोला और दोनो जल्दी से अंदर चली गयीं. मैं भी उनके पीछे अंदर बढ़ा और मैन डोर डबल लॉक करके उनको बेडरूम में ले आया.
मैं सीधा लिकर कॅबिनेट की तरफ गया और 3 ग्लास निकाल के 2-2 अंगुल बकारडी डाली और चिल्ड 7-अप से भर के तीनों ग्लास लेकर उनके पास आया और कहा के लो. प्रिया ने एक ग्लास उठा लिया पर निशा रुक गयी और पूच्छने लगी इसमे क्या मिलाया है. मैने कहा के माइल्ड ड्रिंक है और तुम्हारी सारी टेन्षन ख़तम हो जाएगी और तुम्हारा मज़ा भी बढ़ जाएगा. प्रिया ने भी उसको कहा के घबरा मत कुच्छ नहीं होगा मैं भी तो पी रही हूँ. और प्रिया ने एक लंबा घूँट भरा और मुँह में घुमाने के बाद गटक गयी. निशा ने भी एक ग्लास उठा लिया और एक छ्होटा सा घूँट भरके चेक किया और पी गयी. फिर बोली के कुच्छ पता ही नहीं लगा. प्रिया ने उसको फिर तसल्ली दी के पता कुच्छ नहीं लगता बस टेन्षन ख़तम हो जाती है और मज़ा ज़्यादा आता है. मैने भी अपना ग्लास उठाया और चियर्स कह कर आधा कर दिया.
मैने उनको कहा के ड्रिंक भी ख़तम करो और जल्दी से तैयार भी हो जाओ और प्रिया को कहा के कपड़े ठीक से कपबोर्ड में टाँग दे. इधर मैने अपने कपड़े उतारे और फोल्ड करके एक चेर पर रख दिए उधर दोनो ने अपने कपड़े उतारे और फोल्ड करके कपबोर्ड में रख दिए. जैसे-जैसे उनके जिस्म उजागर होते गये मेरा लंड अकड़ता गया और उनके पूरी तरह नंगे होने तक मेरा लंड भी पूरी तरह खड़ा हो गया. निशा बड़े गौर से यह सारी प्रक्रिया देख रही थी और उसने उत्सुकता से पूछा के अभी तो यह ढीला था और अब एक दम से तन गया है, ऐसा क्यों? प्रिया ने हंसते हुए कहा के पगली यह ऐसे ही तो तेरी चूत फाड़ेगा, ढीला-ढाला तो उसमे घुसेगा ही नही.
मेरी उत्तेजना का कोई ठिकाना नही था, दो लड़कियाँ पूरी तरह से नंगी होकर मेरी आँखों के सामने थीं और उनकी सुंदरता और उनका अंग-प्रत्यंग मेरी उत्तेजना को बढ़ा रहा था. दोनो ने जैसे ही अपने ग्लास खाली किए मैने भी अपना ड्रिंक ख़तम किया और तीनों ग्लास और ट्रे एक तरफ रख दी. फिर मैं आगे बढ़ा और दोनो को अपनी एक-एक बाँह में लपेट कर अपने साथ भींच लिया और उनको कहा के मैं बहुत भाग्यशाली हूँ के 2-2 अनुपम सुंदरियाँ मेरी आगोश में हैं और मैं उनको भोगने और चोदने जा रहा हूँ. दोस्तो कहानी अभी बाकी है
क्रमशः..........
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