RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
निशा हैरानी से प्रिया को हिलाने लगी और बोली के प्रिया तुम ठीक तो हो? प्रिया ने अपनी मस्ती भरी आँखें खोलीं और एक क़ातिल मुस्कान के साथ बोली में स्वर्ग में हूँ, और आज जितना मज़ा तो पहली दोनो बार में भी नही आया था. मैने भी चुटकी लेते हुए कहा के ग़लती जो की थी उसकी भरपाई भी तो करनी थी, अब तो नाराज़ नही हो. प्रिया बोली के अगर ऐसा ही मज़ा देना हो तो मैं तो कहूँगी के बार बार यह ग़लती करो और साथ ही उसने मुझे अपनी बाहों में ज़ोर से भींच लिया. उसके सख़्त मम्मे मेरी छाती में धँसने लगे. मैने भी उसको बाहों में लेकर किस किया और कहा के चलो अब निशा का भी ध्यान करो. प्रिया ने निशा को कहा के वो जाकर बाथरूम से दो छ्होटे टवल लेकर आए और एक को गीला करले.
निशा ने तुरंत ऐसा ही किया प्रिया ने पहले गीले टवल से हम दोनो की सॉफ सफाई की और फिर सूखे टवल से अच्छी तरह से पोंछ दिया. फिर प्रिया ने निशा से कहा के जैसे वो करे वैसे ही निशा भी करे. प्रिया मेरे एक बाजू लेट गयी और निशा दूसरी साइड में. दोनो साइड लेकर मेरी तरफ को हो गयीं अब दोनो का एक-एक मम्मा मेरी साइड्स को छ्छू रहा था और दूसरा मेरी छाती पर दबाव बना रह था. दोनो ने मेरी एक-एक टाँग अपनी टाँगों में ले ली और अपनी एक टाँग से मेरी जांघों को सहलाने लगी. प्रिया ने अपना एक हाथ नीच लाकर मेरे लंड पर क़ब्ज़ा कर लिया और निशा का हाथ पकड़ कर उसको मेरे अंडकोष सहलाने के लिए कहा. ऐसा अनूठा स्पर्श सुख, मैं बता नही सकता के कितना आनंद था उसमे. मेरे पास शब्द नही हैं उसे बताने के लिए. पूरे शरीर में जैसे चींतियाँ रेंग रही थीं. खून का संचार तेज़ हो गया था. दिल की धड़कनें बढ़ गयी थीं. मेरे लंड ने भी करवट लेनी शुरू कर दी थी. दोस्तो कहानी अभी जारी है आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः..........
|