RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
कुँवारियों का शिकार--9
गतान्क से आगे..............
मैने भी प्रिया की बढ़ती बेचैनी को देखकर उसके मम्मे अपने हाथों में लेकर मसलना शुरू कर दिया और अपना मुँह भी इस्तेमाल करते हुए एक को मुँह में लेकर उसके निपल को प्यार से दाँतों में दबाने लगा. प्रिया भी मस्ती के चरम की ओर अग्रसर होने लगी. दोनो की उत्तेजना ने मिलकर मेरी उत्तेजना पर जैसे आग में घी का काम किया और मुझे भी अपने पूरे शरीर में करेंट जैसी लहरें दौड़ती महसूस हुईं. मैने प्रिया को ज़ोर से अपने साथ चिपका लिया और उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी. हमारी जीब आपस में मीठी लड़ाई लड़ने लगीं. फिर निशा ने एक ज़ोर की हुंकार भरते हुए अपना पानी छोड़ दिया और उसका शरीर पूरी तरह से ऐंठ गया. उसकी चूत ने एक बार फिर मेरे लंड पर अपना कसाव बढ़ाया और मैं भी ज़ोर-ज़ोर के 8-10 धक्के लगाकर झरना शुरू हो गया और मैने अपना लंड पूरा उसकी चूत में धकेल दिया और अपनी सारी गर्मी निशा की चूत में उंड़ेल दी. मेरे लंड ने 6-7 झटके खाए जिसके फलस्वरूप निशा ने एक बार फिर मस्ती में चरम को प्राप्त किया, हालाँकि यह केवल एक छ्होटा सा ही परंतु बहुत तगड़ा आनंद था. हम दोनो की देखा-देखी प्रिया का भी पानी छ्छूट गया और वो भी निढाल होकर एक तरफ को लुढ़क गयी. उसके लुढ़कते ही मैं भी निशा के ऊपेर गिरकर उस से लिपट गया.
निशा ने अपने गीले मुँह से मुझ पर छ्होटे-छोटे चुंबनों की बौच्हार करदी और मुझसे एक लता की तरह लिपट गयी और बहुत ही प्यार से बोली के थॅंक यू. मैने उससे मीठी झिरकी दी और कहा के देखो दोस्तों में ‘थॅंक यू’ और ‘सॉरी’ नही होते तो उसने मेरी बात काट दी और बोली जो भी हो पर आज जो प्राप्ति मुझे हुई है उसके आगे यह थॅंक यू भी बहुत छ्होटा है पर मेरे पास और कोई शब्द नही है अपना आभार व्यक्त करने के लिए इसलिए इतना ही कह सकी हूँ. मैने मुस्कुराते हुए कहा के चलो ठीक है आज के बाद यह शब्द इस्तेमाल नही करना. वो बोली ओके और अपने मम्मे मेरी छाती में दबाते हुए मुझे ज़ोर से भींच लिया.
मैने प्रिया की ओर देखा तो पाया के वो अब तक संयत हो चुकी थी और मुस्कुराते हुए हमारी बातों का आनंद ले रही थी. मैने उससे कहा के प्रिया जानती हो ना अब क्या करना है. वो समझदार लड़की फुर्ती से उठकर बाथरूम से गरम पानी और छ्होटा टवल लेकर आई और जैसे मैने उसकी चूत की सिकाई की थी वैसे ही उसने निशा की चूत की सिकाई करनी शुरू करदी. निशा चुप रहकर उसको देखती रही और थोड़ी देर बाद बोली यह क्या जादू है मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मेरी सारी अकड़न और जकड़न दूर होती जा रही है और बहुत अच्छा लग रहा है. प्रिया ने उसको बताया के कैसे वो पहली बार उठने की कोशिश में गिरने को हो गयी थी और मैने उसे ठीक किया था. निशा ने प्यार भारी नज़रों से मेरी ओर देखा और मुस्कुरा दी. फिर प्रिया उसको बाथरूम में ले गयी और उसकी चूत को वैसा ही हॉट वॉटर ट्रीटमेंट दिया जैसा मैने उसको दिया था. कुच्छ ही देर में अपने बदन पोंचछकर दोनो बाहर आ गयीं. साथ ही मैं बाथरूम में गया और एक टवल गीला करके अपना बदन भी पोंछ कर बाहर आ गया. मैने देखा के दोनो, इस बात से बेख़बर के वो बिल्कुल नंगी हैं, बातें करने में व्यस्त थीं और उनके नंगे बदन चमक रहे थे. मेरे दिल ने मस्ती का एक गहरा गोता खाया और मैने आगे बढ़ कर दोनों को अपनी बाहों में जाकड़ लिया और कहा के जल्दी से कपड़े पहन लो नही तो मैं दोबारा शुरू हो जवँगा और रात यहीं बितानी पड़ेगी. दोनो ने खिलखिलाते हुए मुझे भी जाकड़ लिया और मेरा एक-एक गाल चूम लिया और एक साथ बोलीं नहीं और भाग कर कपबोर्ड में से अपने कपड़े निकालकर 2 मिनट में ही तैयार हो गयीं. अब वो बिल्कुल मासूम लड़कियाँ नज़र आ रही तीन.
इतनी देर में मैं भी अपने कपड़े पहन चुका था और फिर हम चलने को तैयार थे. मैने उन्हें रोका और एक मसल रिलाक्सॅंट गोली निशा को दी और कहा के वो इसको खा ले तो उसका रहा-सहा दर्द भी जाता रहेगा. निशा ने वो गोली पानी से ले ली. फिर मैने दोनो को एक-एक गोली और दी और कहा की यह कल सुबह नाश्ते के बाद खा लेना और प्रिया से कहा के वो तो जानती है के यह क्या है और निशा को भी समझा दे इसके बारे मे. प्रिया ने कहा के वो अभी रास्ते में समझा देगी.
फिर हम बाहर की ओर अग्रसर हुए. दोनो पिछली सीट पर दुबक गयीं और मैं कार लेकर चल पड़ा. गाते पर अपनी औपचारिक बातें राम सिंग से करने के बाद मैं निकला और वापिस उन दोनो को छोड़ने चल दिया.
दोनो को वापस अंसल प्लाज़ा छ्चोड़ने के बाद मैं वहाँ से चला ही था के पता नही क्यों मेरे दिमाग़ में एक ख्याल आया के कल और परसों छुट्टी है तो पूरा आराम करना चाहिए और जो काम मैने कल करना है वो भी आज ही निपटा दूं अभी टाइम भी है और मैं निकला हुआ भी हूँ. यह एक छ्होटा सा उबाउ काम था जो की फार्म हाउस की सीक्ट्व की रेकॉर्डिंग्स चेक करने का था. चेकिंग तो सरसरी ही होती थी मैन काम था के रेकॉर्डिंग को डेलीट करके हार्ड डिस्क को खाली करना होता था ताकि आगे की रेकॉर्डिंग हो सके. पूरे फार्म हाउस में क्लोज़ सर्क्यूट टीवी कॅमरास लगे हैं और मोशन सेन्सर भी लगे हैं और कोई भी हुलचूल होने पर रेकॉर्डिंग शुरू हो जाती है. यह कोई एक घंटे का ही काम था इसलिए मैने कार वापिस फार्म हाउस की ओर घुमा दी और फिर से वहाँ पहुँच गया. गेट पर राम सिंग ने हैरानी से पूछा तो मैने कहा के बस थोड़ा सा काम और याद आ गया था जो वैसे तो मैं शनि या इतवार को आके करता हूँ पर अभी आधे रास्ते से वापिस आ गया हूँ के अभी ख़तम कर दूँगा और दो दिन आराम करूँगा, पहले याद नही आया नही तो कर के ही निकलता. राम सिंग ने कहा के हां साहिब वो तो बिल्कुल ठीक है.
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