RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
मैं अंदर आया और आदतन मेन डोर लॉक किया और अपने बेडरूम के दरवाज़े के साथ वाले दरवाज़े की ओर बढ़ गया. मैने दरवाज़े की चाबी लगाई और उसका हॅंडल घुमा कर उसको खोलने की कोशिश की. मैं चौंक गया क्योंकि दरवाज़ा नही खुला. यह एक लॅच लॉक था और अगर अंदर से लॅच लगा भी हो तो बाहर से चाबी लगाने पर खुल जाना चाहिए था. इसका एक ही मतलब था के दरवाज़े की अंदर से कुण्डी लगी हुई थी जो के मैने कभी भी नही लगाई थी. कोई अंदर ही था और उसने इसे डबल लॉक किया हुआ था.
मैं सोचने लगा के अंदर कौन हो सकता है. यह एक छ्होटा सा कमरा था. दरअसल यह पहले मेरे बेडरूम के साथ अटॅच्ड बाथरूम से जुड़ा हुआ ड्रेसिंग रूम था और मैने इसे ड्रेसिंग रूम की जगह सीक्ट्व का कंट्रोल रूम बना दिया था और इसमे 2 कंप्यूटर मॉनिटर और कंप्यूटर रखा हुआ था. सारे कबोर्ड्स निकाल कर एक स्टील आल्मिराह रखी हुई थी जिसके अंदर एक कॉंबिनेशन लॉक वाली सेफ थी और आल्मिराह में कंप्यूटर संबंधी सॉफ्टवेर Cड्स और डVड्स के रेक थे. और सेफ में मेरी प्राइवेट वाली डVड्स थी जो मैं समय-समय पर बर्न करके यहाँ स्टोर कर देता था. यही तो मेरी सेफ्टी प्रॉविषन थी और इनके बिना तो मैं कभी भी फस सकता था. आप समझ ही गये होंगे के मैं किन डVड्स की बात कर रहा हूँ. जी हां यह वही डVड्स थीं जिनमे मैने अभी कुछ दिन पहले ही प्रिया की तीनो मुलाक़ातों की रेकॉर्डिंग्स बर्न करके एक नयी डVड शामिल की थी.
मैं बड़ी सावधानी के साथ अपने बेडरूम की ओर गये और उसका दरवाज़ा खोल कर अंदर गया. फिर बाथरूम में दाखिल हुआ और वहाँ से इस कमरे के दूसरे दरवाज़े को खोलने का प्रयास किया. यह दरवाज़ा खुल गया और मैने उसको थोड़ा सा खोल कर उस कमरे के अंदर झाँका. मेरी आँखें वहाँ का नज़ारा देख कर पथरा गयीं.
कंप्यूटर टेबल के सामने चेर पर एक बहुत ही सुंदर लड़की बैठी हुई थी और उसकी पीठ मेरी ओर थी इसलिए वो मुझे नही देख सकती थी. वैसे भी वो इतनी व्यस्त थी के उसका ध्यान भी मेरी ओर नही जा सकता था. लड़की की उमर का सही अंदाज़ा लगाना तो मुश्किल था पर जो कुछ मैं देख पा रहा था उसके मुताबिक वो कोई छ्होटी उमर की लड़की नहीं थी. उसने एक बर्म्यूडा टाइप हाफ पॅंट के ऊपेर एक टाइट टी-शर्ट पहनी हुई थी और वो टी-शर्ट भी पूरी उसकी बगलों तक ऊपेर उठी हुई थी. ब्रा ना होने के कारण उसके उन्नत उरोज पूरी तरह नंगे थे पर मुझे तो पीछे से केवल उसके बायें मम्मे की साइड से थोड़ी सी झलक ही दिख रही थी. उसकी बर्म्यूडा के बटन खुले हुए थे और साइड से उसकी पिंक कलर की पॅंटी की झलक दिख रही थी. उसका एक हाथ अपने दायें मम्मे पर था और दूसरा उसकी पॅंटी के अंदर था और ध्यान पूरी तरह से कंप्यूटर स्क्रीन पर लगा हुआ था. वहाँ ज़रूर कुच्छ ऐसा था जिसे वो पूरी तन्मयता से देख रही थी और शायद इसीलिए उसको मेरे वहाँ होने का पता नही चला. नही तो मैने बहुत बार पाया है की इस मामले में औरतज़ात की छ्टी हिस यानी की 6थ सेन्स बहुत तेज़ होती है और वो बिना देखे भी यह जान जाती हैं के कोई उन्हें देख या घूर रहा है.
मैं तेज़ पर दबे कदमों से उसके पास पहुँचा और पीछे से हाथ डालकर उसके दोनों मम्मे पकड़ लिए और बड़े प्यार से सेक्सी आवाज़ में बोला के अपने हाथ से ज़्यादा मज़ा दूसरे के हाथ से आता है, आओ मैं तुम्हारी मदद कर देता हूँ. वो चौंक कर एकदम जड़ हो गयी और साथ ही मैं भी, क्योंकि सामने कंप्यूटर स्क्रीन पर जो द्रिश्य चल रहा था उसमे मैं, प्रिया और निशा आपस में गूँथे हुए थे. यह अभी कुच्छ देर पहले की रेकॉर्डिंग थी जिसको वो लड़की देखने में व्यस्त थी और देख कर उत्तेजित भी हो उठी थी. वो थर-थर काँपने लगी और उसने मुझे देखने की नाकाम कोशिश भी की. पर मैने उसकी एक ना चलने दी और उसको अपने साथ चिपकाते हुए उठा लिया और अपने बेडरूम में ला कर बेड पर पटक दिया. अब उसकी नज़र मुझ पर पड़ी. मुझसे नज़र मिलते ही उसकी आँखें फटने को हो गयीं और उसने अपने आप को ढीला छोड़ दिया. मैं मन ही मन मुस्कुराए बिना ना रह सका के वाह री मेरी किस्मेत, एक के बाद एक पके हुए आम मेरी झोली में आ रहे हैं.
पर मैने अपने पर काबू पाते हुए अपने चेहरे के भावों में कोई नर्मी नही आने दी और बहुत साख स्वर में उसको पूछा के वो कौन है. वोकाँपते हुए बोली के जी मैं अरषि हूँ. मैने और कड़क होकर पूछा के कौन अरषि? वो थोड़ा और सहम गयी और बोली के जी राम सिंग मेरे पिता हैं. मैं चौंक गया और उसको पूछा के क्या सच में ही वो राम सिंग की बेटी है. उसने कहा के हां जी मैं राम सिंग की बेटी ही हूँ जी. मुझे याद आया के राम सिंग की एक बेटी है जिसके कॉलेज की अड्मिशन के लिए मैने उसे कुच्छ पैसे भी दिए थे. पर यह लड़की तो बहुत छ्होटी लग रही थी. केवल 4 फीट 10 इंच हाइट थी उसकी और देखने में वो 7थ या 8थ की स्टूडेंट लग रही थी. हां उसके मम्मे ज़रूर पूरी तरह विकसित थे. छ्होटे पर सख़्त और गोल और अनुपात से थोड़े बड़े निपल जो यह दर्शाते थे कि ये इतनी छ्होटी भी नही है. मैने उसको पूछा के तुम पढ़ाई कर रही हो? उसने कहा के जी 2न्ड एअर बी.स्क. कंप्यूटर साइन्स में कर रही हूँ और आपने ही तो मेरी अड्मिशन के लिए बाबा को पैसे दिए थे.
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