RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
इतनी बातें करते वो काफ़ी हद तक संयत हो चुकी थी. मैं उसके पास बेड पर बैठ गया और उसके मम्मे को प्यार से सहलाते हुए उसको बोला के यह सब कब से चल रहा है. अब उसे अपनी नग्नता का एहसास हुआ और वो शर्म से लाल हो गयी. उसका रंग इतना गोरा था के ये लाली उसके चेहरे को एक दम सेब के समान लाल कर गयी. एक और बात और वो यह के शर्म से उसके कान तक लाल हो गये थे और यह देखकर मेरे तो मारे उत्तेजना के होश खराब हो गये. उसने अपनी आँखे बंद कर लीं और गहरी साँसें लेने लगी. मैने उसके मम्मे को पकड़ के हिलाया और पूछा के बोलो अरषि यह सब क्या है और तुम कंप्यूटर तक कैसे पहुँचीं?
इतना तो मैं समझ ही गया था के कंप्यूटर उसके लिए कोई नयी वस्तु नही है. उसने भी कंप्यूटर के बारे में ही बताना शुरू किया. जी मैं कंप्यूटर के बारे में तो जानती ही हूँ. इस पर मैं कभी कभी अपनी असाइनमेंट्स तैयार करती हूँ तो मुझे यह भी पता है के यहाँ पर सीक्ट्व कॅमरा और मोशन सेन्सर्स लगे हुए हैं और उनकी रेकॉर्डिंग भी यहीं होती है. मैने काफ़ी दिन पहले आपको एक लड़की के साथ यहाँ से निकलते और कार में बैठकर जाते देखा था और वो लड़की च्छूप कर कार में बैठी थी. मैने सोचा के वो कार में छुपकर क्यों बाहर निकली है? फिर मैने सोचा के चलो सीक्ट्व की रेकॉर्डिंग में देखती हूँ के आप दोनो यहाँ क्या करने आए थे. फिर वो बताती चली गयी के उसने मेरी और प्रिया की पहली रेकॉर्डिंग देखी. मैं अंदर से तो डर गया के यह लड़की बहुत कुच्छ जान गयी है पर मैने ऐसा कुच्छ भी उस पर ज़ाहिर नही होने दिया और पूछा के देख कर तुमको कैसा लगा. मेरा हाथ उसके मस्त करने वाले मम्मे से अभी भी खेल रहा था. इस कारण से और रेकॉर्डिंग्स की याद से अरषि भी अंदर से आंदोलित हो रही थी. वो बोली के वो नही जानती के जो कुच्छ भी उसको उस दिन लगा वो क्या था पर इतना ही कह सकती है की उस पर एक अजीब सा नशा सा च्छा गया था और उसके हाथ अपने आप उसके शरीर के साथ खेलने लगे थे और कुच्छ देर बाद उसकी पॅंटी बहुत गीली हो गयी थी और उसको लगा के उसके अंदर से कुछ निकला था. मैने उससे पूछा के आगे बोलो.
उसने बताया के वो इसके बाद नज़र रखने लगी के मैं कब किसी लड़की के साथ आता हूँ और फिर उसने मेरी और प्रिया की दूसरी रेकॉर्डिंग भी देखी और फिर वही सब कुच्छ उसके साथ हुआ. और आज हमारे जाने के बाद वो फिर रेकॉर्डिंग देख रही थी के पकड़ी गयी.
मैं समझ गया के मुझे कुच्छ ऐसा करना होगा के यह लड़की आगे कुच्छ गड़बड़ ना कर सके. और वो यह था के इसको भी अपने घेरे में ले लिया जाए तो इसका मुँह भी बंद रहेगा और अपनी एक और लड़की बढ़ जाएगी मस्ती करने को. मैने उसके मम्मे को सहलाते हुए उस को पूछा के मैं जो कर रहा हूँ वो उसको कैसा लग रहा है? वो कुच्छ बोली तो नही पर उसके चेहरे पर आनंद के भाव देख कर मैने उसे प्रेस नही किया जवाब देने के लिए पर इतना ज़रूर पूछा के क्या वो चाहती है के मैं उसके साथ आगे वो सब करूँ जो मैने अपनी दोस्त के साथ किया था. उसने सर हिला कर हां में इशारा किया तो मैं खुश हो गया.
फिर भी मैने पक्का करने के लिए उससे कहा के क्या वो मेरी दोस्त बनेगी. उसने कहा के हां. मैने कहा के दोस्ती में सब कुच्छ चलता है और इन बातों को किसी को बताना नही होगा. उसने मेरी ओर देखा और बोली की जी मैं जानती हूँ और मैने किसी को कुच्छ नही बताया है और ना ही कभी किसी को बताऊंगी. फिर मैने उसको कहा के देखो अब हम दोस्त बन गये हैं तो कोई शरम नही होनी चाहिए हमारे बीच में. मैं सिर्फ़ तुम्हें चोदने के लिए ही तुम्हारा दोस्त नही बना हूँ. अब तुम्हारी हर इच्छा और ज़रूरत का ख़याल मैं रखूँगा और तुम अपनी कोई भी बात मुझसे नही छुपओगि. दोस्तो इस तरह मेरी झोली मे उपर वाले ने एक कुँवारी कन्या को डाल दिया दोस्तो इस कन्या की चुदाई अगले पार्ट मे
क्रमशः..........
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