RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
कुँवारियों का शिकार--24
गतान्क से आगे..............
मैने बहुत हैरान था और सोच रहा था के यह लड़की क्या चीज़ है जो मेरा फ़ॉर्मूला मुझ पर ही चला रही है और इसको क्या-क्या पता है कहीं ये मुझसे कुच्छ च्छूपा तो नही रही? यह असल में चाहती क्या है? मैने हाथ उठा कर उसको रोका और पूछा के वो और क्या जानती है, और ऐसा विचार उसके मन में कैसे आया? वो मुस्कुराई और बोली के मैं नही जानती. मैं तो पहले दिन से ही बता चुकी हूँ कि यह नौकरी पाने के लिए मैं कुच्छ भी करने को तैयार थी पर तुमने कोई गौर ही नही किया और कोई भी ऐसी वैसी बात नही की बल्कि मुझे यहाँ रहने की जगह भी दे दी वो भी बिना किसी लालच के. फिर भी जाने क्यों मुझे लगता है कि तुम्हारा कोई और पहलू भी है जिसे मैं नही जानती और चाहती हूँ की अगर कुच्छ है तो उसे बता दूं अगर उसको इश्स लायक समझू तो, कहते हुए वो कुच्छ गंभीर हो गयी.
मैने उससे कहा के अगर उसकी बात ख़तम हो गयी हो तो मैं कुच्छ कहूँ. उसने कहा के हां वो अपनी बात कह चुकी और मेरे जवाब के लिए तैयार है. मैने मुस्कुराते हुए कहा के मेरी बात पूरी कहने में टाइम लग जाएगा इसलिए पहले खाना खा लें उसके बाद बात करें तो कैसा रहेगा? वो चौंक गयी और घड़ी देखने लगी और बोली के बिल्कुल ठीक है पहले पेट पूजा पीछे कम दूजा. खाना यहीं बाहर या अंदर? मैने कहा के यहीं ठीक है. और वो गयी और 10 मिनट में ही खाना लगा दिया और हमने खाना शुरू किया. खाना बहुत ही बढ़िया बना था और जैसे एक-एक चीज़ उसने बहुत खास बनाई थी. मैने उसके खाने की तारीफ की और यह भी कहा के मैं तो महीने में एक बार से ज़्यादा उसके हाथका खाना नही खा सकता और अगर खाया तो फिर नौकरों के हाथ का खाना मुश्किल हो जाएगा. वो हंस पड़ी और बोली के जैसी तुम्हारी मर्ज़ी. मैं तो रोज़ भी खिला सकती हूँ. मेरा क्या है एक की जगह दो का खाना बनाने में कोई भी एक्सट्रा मेहनत नही लगेगी. खाना ख़तम किया तो वो स्वीट डिश ले आई और वो भी उन्नकि फॅमिली रेसिपी थी उसकी नानी की सिखाई हुई स्पेशल नेवाबी फिरनी. मैने कहा के क्या बात है आज इतनी ज़्यादा मेहरबान क्यों हो रही हो मुझ पर शुरू भी और आख़िर भी स्पेशल रेसिपी के साथ. वो बोली के पहली बार खाना खिला रही हूँ तो याद तो रहना चाहिए ना कि कुच्छ स्पेशल था. फिर उसने बर्तन समेटे और आकर मेरे पास बैठ गयी.
मैने बोलना शुरू किया. तनवी जैसे कि तुम्हे मेरी पिच्छली ज़िंदगी के बारे में तो पता चल ही गया है की शादी के पहले मैं कैसा था और शादी के बाद मैं कैसा था. अचानक हुए हादसे ने मुझे तोड़ के रख दिया था और मैने खुद को अपने बच्चो में और अपने काम में बिज़ी कर लिया था और मुझे किसी और बात की कोई होश नही थी. मेरी सेक्स की भूख भी ना जाने कहाँ खो गयी थी. दोबारा शादी ना करने का फ़ैसला मेरा खुदका था और मैं उस पर आज भी अटल हूँ. फिर एक दिन एक घटना ने जैसे मुझे नींद से जगा दिया. सेक्स की मेरी सोई हुई इच्छा जाग गयी और मैं अपने आप को रोक नही पाया. एक बात मैं यहाँ पर स्पष्ट कर दूँ के शादी के पहले भी और अब कुच्छ महीनों से मैं जिन लड़कियों के संपर्क में आया हूँ किसी पर भी मैने कोई भी, किसी तरह का भी दबाव नही डाला है, कोई लालच नही दिया है, किसी भी मजबूरी का फयडा नही उठाया है. जो भी लड़की मेरे संपर्क में आई है पूरी तरह से अपनी मर्ज़ी से आई है और अच्छी तरह से समझ बूझ कर आई है. मैने उनकापूरा साथ दिया है और देता रहूँगा एक अच्छे दोस्त की तरह. वी आर अडल्ट्स और अपनी मर्ज़ी से अगर अपनी किसी भूख को मिटाना चाहते हैं तो मैं किसी भी तरह से इसको ग़लत नही समझता. मैने हमेशा उनको सेक्स से विमुख रहने की तो नही पर लिमिट में करने की सलाह दी है और अब तक तो मैं सफल भी रहा हूँ. अब मेरा सोचने का और देखने का तरीका भी बदल गया है और फ्रॅंक्ली स्पीकिंग हर सुन्दर लड़की मेरी कमज़ोरी है.
कुच्छ देर रुक कर मैने सोचा के कहूँ या ना कहूँ, फिर मैने बोलना शुरू किया. तनवी तुम सोच रही होंगी के मैने तुम्हारी तरफ कोई ध्यान नही दिया. ऐसा नही है. मैं तो तुम्हें देखते ही तुम्हारी ओर आकर्षित हो गया था, क्योंकि तुम हो ही इतनी सुंदर. लेकिन तुम्हारी बातें और तुम्हारी मजबूरी ने मुझे कुच्छ भी कहने और करने लायक नहीं छोड़ा सिवाए तुम्हारी हेल्प करने के. तनवी चौंक कर कुछ बुदबुदाई. मैने कहा के तनवी जो भी कुच्छ तुम्हारे मन में है साफ बोलो ऐसे नही. उसने नज़रें झुका के कहा कि यही तो मैं सोच रही थी के तुम कैसे पत्थर हो कभी एक बार भी कोई इशारा तक नही किया और यह भी के शायद मेरी उमर की लड़कियाँ तुम्हें पसंद ही नही हैं. मैने उसको कहा के कोई पागल ही होगा जो तुम्हें पसंद नही करेगा. लेकिन मैं तो यही सोच कर चुप रह गया के तुम कहीं ग़लत ना समझ लो कहते हुए मैं थोड़ा उसकी ओर सरका और उसके कंधे पर हाथ रखते हुए उसे अपनी ओर खींचा. वो भी मेरी ओर सर्की और मेरे कंधे पर अपना सर रख दिया और अपना हाथ मेरे गले में लपेट दिया. उसका एक मम्मा मेरी छाती को गुदगुदाने लगा. मैने अपने दूसरे हाथ से उसका चेहरा ऊपेर किया और उसकी मुंदी हुई आँखों को चूम लिया. वो सिहर कर पलटी और मेरी गोद में लेट सी गयी और अपनी दोनो बाहें मेरे गले में डाल कर मुझ से लिपट गयी और बोली के मैं बहुत प्यासी हूँ और मुझे कब्से इस दिन का इंतेज़ार था के कोई मुझे अपनी बाहों में लेकर मसल दे. मैने उसे अपनी बाहों की गिरफ़्त में ले लिया. उसके भरे हुए सख़्त मम्मे मेरी छाती में गढ़ने लगे और मेरे होंठ उसके होंठों से जा टकराए. मेरी जीभ ने उसके होंठों पर दस्तक दी और उसके होंठ अपने आप खुल गये जैसे मेरी जीभ का स्वागत कर रहे हों. मेरी जीभ उसके मुँह में चली गयी और उसकी जीभ से जा टकराई. दोनो जीभें आपस मिली एक दूसरे से लिपटने लगीं. यह चुंबन कोई 15-20 मिनट तक चला. हमारे शरीर निश्चल थे केवल जीभें आपस में उलझी हुई थीं.
तनवी की साँसें भारी होने लगीं और उसने मुझे ज़ोर से अपनी बाहों में कस लिया. मैने उसको कहा के अब बस करो नही तो मैं अपना नियंत्रण खो दूँगा. वो मेरी बाहों में मचल के बोली के 4-5 साल अभी लगेंगे उसको शादी करने में क्योंकि वो पहले अपनी बहनों की शादी करेगी और अपने भाई को इस लायक बनाएगी कि वो घर का बोझ अपने कंधो पर उठा सके. तभी वो शादी के बारे में सोचेगी और तब तक वो इंतेज़ार नही कर सकती. क्या मैं इतना समय उसकी देखभाल कर सकता हूँ. मैने कहा के देखभाल की उसको कोई ज़रूरत नही है और जहाँ तक उसकी ज़रूरतों का सवाल है वो मैं कर ही दूँगा पूरी. और उसको क्या चाहिए? वो बोली के तुम्हारा सहारा मिल जाएगा तो मैं…. ये क्या बोल रही हो मैने उसको टोका? वो बोली के मैं तो यही कह रही हूँ के 4-5 साल मुझे तुम्हारा साथ मिल जाए तो मैं निश्चिंत हो जाऊंगी. मैने कहा के कैसा सहारा? वो बोली के यही के मैं तुम्हारी शारीरिक ज़रूरत पूरी करूँ और तुम मेरी. मैने अब तक इस बारे में कभी सोचा भी नही था पर अब मैं और इंतेज़ार नही कर सकती और चाहती हूँ के तुम मुझे वो एहसास कराओ जो मैं आज तक करने की हिम्मत नही जुटा पाई हूँ.
मैं चौंक गया और पूछने लगा के क्या कह रही हो? क्या तुम अभी तक….. हां उसने मेरी बात काटी और बोली के मैने अभी तक सेक्स काकोई अनुभव नही किया है और चाहती हूँ के तुम वो प्रथम पुरुष बनो जो मुझे यह अनुभव कराए और कम से कम 4-5 साल तो मैं तुम्हारी ही होकर रहूं. मैने कहा के मैं बँध कर नही रह सकता तो वो बोली तुम्हें बाँधने के लिए कौन कह रहा है मैं तो यह कह रही हूँ के मैं बँधी रहूं. इसके साथ ही वो मेरी छाती में मुँह छुपा कर मुझसे लिपट गयी और मेरे बहुत कहने पर भी उसने ना तो अपना मुँह खोला और ना ही आँखें. अभी तक वो मेरी गोद में अढ़लेटी अवस्था में ही थी. मैने अपना एक हाथ उसकी पिंदलियों पर पहुँचाया और उन्हें सहलाने लगा और उसे घुटनों के नीचे के कोमल भाग पर रख दिया. वो सिहर गयी और ज़ोर से अपने मम्मे मेरी छाती पर रगड़ने लगी. मैने अपना हाथ ऊपेर किया और उसके टॉप में घुसा दिया. मेरे हाथ का स्पर्श उसकी नगञा त्वचा पर होते ही वो कांप गयी. मेरा हाथ उसके पेट से होता हुआ उसके कठोर मम्मे पर पहुँचा और उसका माप तोल करने लगा. वो जूडी के मरीज़ की तरह काँपने लगी तो मैने अपना हाथ उसके टॉप में से निकाल कर उसको उठाकर कमरे के अंदर आ गया और उसको बेड पर लिटा दिया.
वो अपनी आँखें बंद करके लेटी रही. मैने फुर्ती से अपने कपड़े उतारे और फिर आगे बढ़कर उसको बिठा दिया और उसके टॉप को उतार दिया. उसके सख़्त और उन्नत मम्मे मेरे आँखों के सामने थे और जैसे गुरुत्वाकर्षण को चुनौती देते हुए सर उठाकर खड़े थे. जवान और सुन्दर लड़कियों में मेरी दिलचस्पी का यह भी एक कारण था के उन्नकि त्वचा बहुत ही चिकनी और सुदृढ़ होती है और उनका जिस्म एक दम कड़क होता है जो छ्छूने पर एक मादक एहसास पैदा करता है. मैने बेड पर ही उसको ऊँचा किया और वो अपने घुटनों पर आ गयी. मैने उसकी बगलों में हाथ डाल कर उसको अपने साथ चिपका लिया और उसकी पीठ सहलाने लगा. चिकिन पीठ पर मेरे हाथों ने जैसे कयामत ढा दी और वो एक लंबी साँस लेकर मेरे साथ ज़ोर से चिपक गयी. फिर मैं उसको नीचे ले आया और उसकी स्प्लिट स्कर्ट को खोलना चाहा. उसने खुद ही उसको खोल दिया और वो उसके पैरों में गिर गयी. फिर उसने अपनी पॅंटी भी नीचे कर दी और बारी-बारी अपने पैर उठाकर दोनो कपड़े उतार दिए. अब दोनो पूरी तरह से नंगे थे और एक दूसरे से चिपके हुए थे और हमार स्पर्श ने जैसे हमारे शरीरों में आग भर दी थी जिसको शांत करने का एक ही उपाए था और वो था तनवी की चुदाई.
मैने उसको बेड पर लिटा दिया और अपने हाथों और होंठों से उसकी उत्तेजना को बढ़ाने लगा. उसके मम्मे जिनपर उभरे हुए उसके निपल बहुत आकर्षक लग रहे थे सबसे पहले मेरे मुँह और हाथों के शिकार बने. मैं बहुत देर तक उसके दोनो मम्मों को बारी बारी से चुभलता और सहलाता रहा. कभी उन्हें दबा देता और कभी उसके निपल्स को अपनी उंगली और अंगूठे के बीच मसल देता. वो हाआआआआाआआइईईईईईईई, हाआाआआइईईई करने लगी. इधर मेरा दिल भी मेरी छाती में ऐसे धड़क रहा था जैसे अंदर से हथोदे चल रहे हों और हम दोनों की साँसें क़िस्सी धौंकनी के समान चल रही थीं. बॉडी टोनिंग एक्षसेरसिसेस ने उसके जिस्म को सुन्दर और गथीला बना दिया था और मेरे हाथ उसकी कोमल और चिकनी त्वचा पर फिसल से रहे थे. उसने अपनी उखरी साँसों पर काबू पाने की कोशिश में गहरी साँसें लेना शुरू कर दिया था. मैने उसको पलट दिया और उसका मुँह अपने पैरों की ओर करके अपने ऊपेर खींच लिया. उसकी चूत अब मेरे मुँह के पास थी और उसका मुँह मेरे लंड के पास. उसकी चूत में से एक मदहोश करने वाली महक आ रही थी. मैने अपना मुँह उसकी चूत पर चिपका दिया और पूरे जोश के साथ उसकी चूत को चाटने और चूसने लगा. वो एक बार तो सन्न रह गयी और फिर उसके शरीर ने मचलना शुरू कर दिया. उत्तेजना तनवी से संभाले नही संभाल रही थी. रह रह कर वो कांप जाती. मेरा लंड उसके मुँह से टकरा रहा था. उसने अपने आप को मेरी पकड़ से छुड़ाने की कोशिश नाकाम होती देख कर मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और उसको मुँह चाटने लगी. अब काँपने की बारी मेरी थी.
तनवी क़िस्सी एक्सपर्ट की तरह मेरा लंड चूस और चाट रही थी और मेरी उत्तेजना को बहुत तेज़ी से बढ़ा रही थी. मैने अपना लंड उसके मुँह से निकाल कर उसको वापिस पलटा और पीठ के बल लिटा दिया. उसकी चूत पर अपना ढेर सारा थूक लगा दिया और अपने लंड को उसकी चूत के मुहाने पर रख के एक धक्का मारा. मेरा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया और उसकी कुमारी झिल्ली से जा टकराया. मैं रुका नही और अपने लंड को थोड़ा बाहर खींच कर एक ज़ोर का धक्का मारा. वो ज़ोर से चिल्लाई माआआआआआआआआआआआअ, मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गइईईईईईईईईईईई माआआआआआआआआआआआऐं. मेरे हाथ उसके मम्मों पर और मुँह उसके मुँह से जा चिपका और उसके होंठों को चूसने लगा. मम्मे मेरे हाथों की गिरफ़्त में थे और मेरे हाथ अपने पूरी मनमानी कर रहे थे. थोरी देर में जब उसका दर्द कम हुआ तो मैने तनवी की चुदाई आरंभ कर दी. पहले धीरे-धीरे प्यार से और फिर आहिस्ता-आहिस्ता तेज़-तेज़ और ज़ोर से. फिर हमारे जिस्मो के टकराने की आवाज़ कमरे में गूंजने लगी. अब तनवी को भी मज़ा आना शुरू हो गया था. वो पूरी मस्ती में झूम रही थी और बोल रही थी के ज़ूऊऊऊऊऊऊऊओर से चोदो, ज़ूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊर से, मैं तूऊऊऊओ पाााआआआगल त्ीईीईईईईईईईईईई, पहलीईईईईई क्यूऊऊऊऊऊऊओन नहियीईईईईईईईईईईईईई चूदी
ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई. मैने उसको कहा के कोई बात नही अब सारी कसर निकाल देंगे. वो नीचे से गांद उठा-उठा कर चूत मरवा रही थी और मैं धक्के पे धक्का लगा रहा था. मेरा लंड पूरी तेज़ी के साथ उसकी चूत में अंदर बाहर हो रहा था. 5-7 मिनट की तगड़ी चुदाई के बाद वो झाड़ गयी और उसकी चूत ने पानी छ्चोड़ दिया. उसकी चूत ने मेरे लंड पर अपना कसाव बढ़ा दिया जो उसके पानी छ्चोड़ने की वजा से बहुत गीली थी और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरा लंड किसी मुलायम और स्पंज के शिकंजे में कसा हुआ है. अब मुझे लग रहा था के मैं और ज़्यादा देर नही चोद सकूँगा और झाड़ जाऊँगा. तनवी की कसी हुई चूत काघर्षण जैसे मेरे लंड को बाहर निकलने से रोकने की कोशिश में नाकाम हो रहा था और मेरे मज़े को बढ़ा रहा था.
क्रमशः......
|