College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
08-25-2018, 04:24 PM,
#43
RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
कुँवारियों का शिकार--25 

गतान्क से आगे.............. 

तनवी के झड़ने के बाद मैं भी 10-12 धक्के मार के झाड़ गया और मैने अपना लंड उसकी चूत में पूरा घुसा कर अपना गरम लावा उसकी चूत में छ्चोड़ दिया. मेरे गरम वीर्य की 3-4 बौच्चरें तनवी की बcचेदानि से टकराईं और उन्न झटकों को वो सह ना सकी और काँपने लगी. उसके चेहरे पर असीम संतुष्टि के भाव थे. अपनी आँखें आधी खोल कर उसने मेरी ओर देखा और अपना हाथ उठा कर मुझे आमंत्रित किया. मैने उसको अपनी बाहों में भर लिया और वो अमरबेल की तरह मुझसे लिपट गयी. वो रह रह कर सिहर उठती और मुझसे लिपट जाती. मैने उसको पूछा के कैसी लगी उसको अपनी पहली चुदाई. वो शर्मा गयी और बनावटी गुस्से से मेरी छाती पर मुक्के मारने लगी प्यार से. मैने हंसते हुए उसके हाथ पकड़ लिए और अपनी बाहों में उसको भींच लिया और उसके कान में कहा लड़ाई करोगी तो एक बार फिर चोद डालूँगा और तब तक अपने लंड तुम्हारी चूत में अंदर बाहर करता रहूँगा जब तक तुम माफी नही माँगोगी. वो बोली ठीक है चोद लेना पर अभी नही, अभी तो साँस बहुत फूली हुई है और चूत में भी दर्द हो रहा है चाहे मीठा मीठा पर हो रहा है. मैं बहुत ज़ोर से हंस पड़ा और उसको चूम लिया. फिर मैने कहा के अब ठीक है अब तुम चुदाई की भाषा समझ गयी हो और बोलने भी लगी हो. वो बोली के तुम इतने बेशरम हो के मुझे भी बेशरम बना दिया है. मैने कहा के जब हम चुदाई कर सकते हैं तो इसके बारे में बात करने में कैसी शरम. वो मुस्कुराई और बोली के आहिस्ता आहिस्ता आदत पड़ेगी ना मैं कोई तुम्हारी तरह एक्सपीरियेन्स्ड थोड़े ही हूँ. मैने कहा के पूरा तजुर्बा भी करा देंगे. उसने एक बार फिर मेरे कंधे में अपना मुँह च्छूपा लिया और हँसने लगी. हम काफ़ी देर तक ऐसे ही चिपक कर लेटे रहे और एक दूसरे की साँसें गिनते रहे. 

बेध्यानी में मेरे हाथ उसकी पीठ सहलाते रहे और वो काँपति रही. फिर उसने एक गहरी सांस ली और बैठ गयी और बोली के क्या जादू जानते हो जो मुझे पागल कर दिया है तुमने, मेरा दिल करता है कि ऐसे ही लिपट कर पड़ी रहूं और तुमको छोड़ू ही नही. मैने कहा के तुम मुझे बाँधने की कभी कोशिश मत करना. तुम जब तक चाहो यहाँ रह सकती हो, जब तुम्हारा दिल करे हम चुदाई कर सकते हैं पर कभी भी यह मत सोचना के तुम मुझे बाँध कर रख सकती हो. उसने कहा के ऐसा क्यो कह रहे हो? मैने कहा के इसलिए के कभी भी तुम कुच्छ और मत सोच लेना. मैं एक आज़ाद पन्छि हूँ और बंधन में नही रह सकता. एक बार रह लिया शादी करके पर अब भगवान ने मुझे फिर से आज़ाद कर दिया है तो जैसी उसकी मर्ज़ी. यदि ऐसा ना होता तो जैसे चल रहा था चलता रहता. मैं तुम्हारा पूरा ख़याल रखूँगा और तुम पर भी कभी कोई दबाव नही डालूँगा. चुदाई केवल और केवल तुम्हारी मर्ज़ी से ही करूँगा. वो रुआंसी होकर बोली तुम ऐसे क्यों कह रहे हो. मैने कहा के पहले ही स्पष्ट बात कह देना ठीक होता है बाद में कोई परेशानी नही होती. वो बोली के ठीक है मुझे मंज़ूर है पर दोस्ती का हक़ तो रहेगा ना मेरा. मैने कहा के दोस्ती तो पक्की रहेगी और वो मैं तो कभी नही भूलूंगा और सच्चे दोस्त की तरहा हमेशा तुम्हारा साथ दूँगा. 

वो बाथरूम में जाने के लिए उठी पर उसकी टाँगों ने उसका साथ नही दिया और वो गिरने को थी के मैने तेज़ी से उठकर उसको पकड़ लिया और सहारा देकर बाथरूम में ले आया और सीट पर बिठा दिया और टब में गरम पानी भरने लगा. उसने पूछा के ये क्या कर रहे हो तो मैने मुस्कुराते हुए कहा के तुम्हारा इलाज करने जा रहा हूँ ताकि तुम अपने पैरों पर खड़ी हो सको. वो कुच्छ नही बोली और अपनी चूत को धोने लग गयी. फिर वो खड़ी हुई और मैने सहारा देकर उसको टब में बिठा दिया और उसको कहा के तनवी गरम पानी से अपनी चूत के सिकाई कर लो और तब तक करती रहना जब तक यह पानी ठंडा ना हो जाए. तुमको आराम मिलेगा और तुम फिर से बिना सहारे के खड़ी हो सकोगी. 

मैं बाहर आ गया और बेड पर बैठ कर सोचने लगा. फिर मैने तनवी को अपना राज़दार बनाने का फ़ैसला कर लिया. मेरे अकेले से सब कुच्छ नही हो सकता था. वो या कोई भी साथ हो तो सब काम जल्दी हो सकता था. मैं बात कर रहा हूँ अपने मिशन की जिस पर चलते मैने पहली लड़की मिनी को पकड़ा था और चोद भी लिया था और उम्मीद थी के अब वो अपनी पढ़ाई में ध्यान देगी और अच्छे नंबर लाएगी. जैसे ही तनवी बाहर आई मैने उसको अपने पास बुलाया. वो पहले से काफ़ी ठीक थी पर अभी उसकी चाल में लड़खड़ाहट थी. मैने उसको अपने पास बिठा लिया और उसको कहा के मैं उसको कुच्छ बताना और समझाना चाहता हूँ. क्या उसने पूछा? मैने कहा के मैं उसको जो बताने जा रहा हूँ वो मेरे सीने में दबा एक ऐसा राज़ है जो मैने आज तक किसी से शेर नही किया और उसको दोस्ती के नाते से सब बताने जा रहा हूँ और चाहता हूँ के वो मेरी बात के मर्म को जाने और समझे और अगर चाहे तो मेरी मदद करे और ना चाहे तो ना करे पर इस राज़ को अपने तक ही रखे. 

फिर मैने उस पर प्रिया से लेकर मिनी तक के अपने सारे अनुभव खोल के रख दिए और साथ ही अपनी सोच भी उसको बता दी और फिर उसके जवाब का इंतेज़ार करने लगा. इस बीच मैं तनवी को नीचे अपनी स्टडी में ले आया था ताकि उसको चार्ट्स और दूसरी डीटेल्स दिखा सकूँ. तनवी मेरी सारी बातें खामोशी से सुनती रही और मेरे चुप होने के बाद भी काफ़ी देर तक खामोश रही फिर बोली के मुझे लग तो रहा था के कुच्छ है पर तुम इतने गहरे हो मैं यह सोच भी नही सकती थी. मैने कहा के देखो मैं जो हूँ और क्यों हूँ और इस के पीछे मेरी क्या सोच है वो सब मैने तुमसे बता दी है, कुच्छ भी नही छिपाया एक दोस्त की तरह और अकेला इतने बड़े काम को अंजाम नही दे सकता इसलिए तुमसे मदद की उम्मीद करके तुमसे सब कुच्छ कह दिया है. अब तुम्हारी मर्ज़ी है मदद करने या ना करने की. मैं तुम पर कोई भी दबाव नही डालूँगा और अगर तुम नही चाहोगी तो बस यह उम्मीद ज़रूर करूँगा के तुम यह सब कुच्छ अपने तक ही रखोगी. वो बोली के राज यह बात तो तुम भूल ही जाओ के यह मैं किसी को बता दूँगी. लेकिन मुझे सोचने का टाइम दो ताकि मैं अच्छी तरह सोच कर तुम्हे जवाब दूं के मैं इसमे तुम्हारी क्या और कितनी मदद कर सकती हूँ. मैने उसको अपने आलिंगन में ले लिया और उसको लेकर अपने बेडरूम मे आ गया. 

मैने उसको कहा के वो आराम से सोच ले और अगर कुच्छ पूच्छना हो तो पूच्छ ले मैं तैयार हूँ. उसने कहा के पूच्छने को कुच्छ भी नही है, सब कुच्छ तो पूरी डीटेल्स में उसको बता दिया है. फिर वो बोली के यार तुम हो बहुत डेरिंग. मैने कहा के डेरिंग की कोई बात नही है मैने अपनी सेफ साइड करके ही सब कुच्छ किया है. लड़कियाँ सारी अडल्ट हो चुकी हैं और उनकी रज़ामंदी रेकॉर्ड करके ही चुदाई की है ऐसे नही. फिर तो ठीक है कोई प्राब्लम ही नही है वो बोली. अगर सिर्फ़ उन लड़कियों के साथ ही करना है जो अडल्ट हैं और राज़ी हैं फिर तो कोई भी परेशानी नही हो सकती. मैं कहा के ज़बरदस्ती के तो मैं बहुत ही हिलाफ हूँ. सिर्फ़ और सिर्फ़ प्यार से अगर लड़की चाहे तो मैं कुच्छ करता हूँ वरना कभी नही करूँगा. तनवी बहुत खुश हुई और बोली की फिर तो मैं तैयार हूँ तुम्हारी हर तरह की मदद करने के लिए. मैने कहा के तुम लड़की हो और लड़कियाँ तुम्हारे साथ खुल कर बात करने मैं शरमाएगी भी नही और तुम उनको समझा भी जल्दी लोगि. और यही कारण है के मैने तुमसे बात करने की हिम्मत भी की है. मैने उनके बर्ताव भी रेकॉर्ड किए हैं और उनकी वीक्ली असाइनमेंट रिपोर्ट के चार्ट्स भी बना रखे हैं. तुमको तो बस उनसे बात करके उनको तैयार करना है. उसने कहा के ठीक है पहले हम मिनी का रिज़ल्ट देख लेते हैं अगर उसमे इंप्रूव्मेंट नज़र आता है तो फिर तो यह तरीका ठीक है नही तो सोचना पड़ेगा. मैने भी कहा के बिल्कुल ठीक है. 

मैने कहा के इस काम के लिए हमको एक फ्रंट भी बनाना होगा ताकि लड़कियाँ आसानी से आ सकें और सारे काम बिना किसी की नज़र मैं आए ही हो सकें. उसने कहा के वो तो करना ही पड़ेगा. मैने तनवी को बताया के हम नीचे जिम क्लब खोल लेते हैं क्योंकि तुम जिम में इन्स्ट्रक्टर का रोल बखूबी कर सकती हो. अगर बाहर की कोई लड़की आती भी है तो तुम उसकी सक्रीनिंग कर सकती हो और कोई काम की लड़की हो तो उसको ही मेंबरशिप देना बाकी को टाल देना के अभी फुल है जब कोई स्पॉट खाली होगा तो उसको बता देंगे. तनवी बोली के यार तुम डेरिंग होने के साथ साथ चालाक भी बहुत हो. मैने कहा के हर बात का ध्यान रखना पड़ता है और फिर यहाँ आने पर लड़कियों को ऊपेर अपने पास ले जाने में भी तो आसानी रहेगी और किसी को पता भी नही चलेगा. तनवी बड़ी खुश हुई और बोली के जिम की फीस कितनी रखेंगे. मैने कहा के नो प्रॉफिट नो लॉस पर चलेंगे. तुम्हारी इन्स्ट्रक्टर की सॅलरी निकाल के 20% एक्सट्रा रखेंगे ताकि एक्विपमेंट की सर्विसिंग और रिपेर आदि के लिए, और कुच्छ नही. वो बोली के मेरी सॅलरी? मैने कहा के हां यह तुम्हारी एक्सट्रा ड्यूटी होगी तो सॅलरी भी तो होनी चाहिए ना. वो बड़ी खुश हुई और बोली के ये ठीक रहेगा ताकि किसी को कोई शक़ भी नही होगा. सब कुच्छ फाइनल कर के हम एक दूसरे को बाहों में लेकर सो गये. 

सुबह मेरी आँख खुली तो तनवी मेरे बाजू पर सर रख के गहरी नींद में थी और उसके होंठों पर एक दिलकश मुस्कान थी. मैने अपना हाथ बढ़ा कर उसके बालों की लट को जो आगे आ गयी थी हटाया और उसके होंठों पर अपने होंठ बड़े प्यार से रख दिए. उसने अपनी आँखें खोल कर मुझे देखा तो चौंक कर पीछे को हुई. मैने उसको वापिस अपनी और खींचा और अपनी बाहों में कस लिया और कहा के क्या बात है डर गयी क्या. तब तक तनवी पूरी तरह जाग चुकी थी और मुस्कुरा के बोली के नही चौंक ज़रूर गयी थी. मैने उसको ज़ोर से भींच लिया तो उसके मम्मे मेरी छाती में चुभने लगे और मेरा लंड उसकी जांघों में. उसने हाथ बढ़ाकर मेरे लंड को पकड़ लिया और बोली के ये आराम कब करता है तो मैने हंस कर जवाब दिया के आराम ही तो कर रहा था पर तुम्हारी चूत की महक ने इसी बेचैन कर दिया है और यह पुनर्मिलन करना चाहता है. मेरी बात सुनकर वो खिलखिला कर हंस दी और बोली के वा अभी कल ही तो मिले हैं दोनो. मैने कहा के दोस्ती हो चुकी है ना तो आज फिर इतने करीब देख कर रह नही सका सलामी दे रहा है अटेन्षन मुद्रा में. 

फिर क्या था 2 मिनट में ही हमारे कपड़े इधर उधर गिरे पड़े थे और हम एक दूसरे में समा जाने की कोशिश में लग गये थे. तनवी की चूत पनिया गयी थी और मेरे लंड ने भी प्री कम की बूँदें निकाल दी थीं. मैने अपना लंड हाथ में लेकर तनवी की चूत पर रगड़ा और जब चिकनाई से वो फिसलने लगा तो मैने चूत के मुहाने पर रख के थोड़ा सा दबाव डाला. लंड थोड़ा सा फास्कार तनवी की चूत को खोलता हुआ अंदर घुस गया. तनवी के चेहरे पर एक तमतमाहट थी और आनंदतिरेक से उसकी आँखें मंडी हुई थीं. फिर मैं अपने लंड को एक ही धक्के में उसकी चूत में जड़ तक डाल दिया. उसने अपनी आँखें खोल कर मेरी ओर मुस्कुराते हुए देखा और बोली के आराम से चोदो ना. मैने कहा के टाइम कम है इसलिए पूरा अंदर डाल दिया है ताकि तुम्हारी चूत जल्दी से अड्जस्ट करले. चोदुन्गा तो प्यार से ही. फिर मैने पलटी ली और साइड में हो गये दोनो. उसकी एक टाँग उठा कर अपने ऊपेर करली और धीरे धीरे धक्के मारने लगा. इसी तरह प्यार के हिचकोले खाते हुए हम दोनो जब झड़ने के करीब पहुँचे तो मैने उसको अपने नीचे करके 10-15 करारे धक्के लगाए तो तनवी की चूत ने पानी छोड़ दिया और साथ ही साथ मेरे लंड ने भी उसकी चूत में अपने गरम वीर्य की बेरिश कर दी. यह एक बहुत ही सुख कारी अनुभव था हम दोनो के लिए. इसस्में सेक्स के साथ साथ एक प्यार का एहसास भी था जो दोनो को और करीब ले आया और फिर हम जल्दी से नहा धो कर और नाश्ता करके स्कूल के लिए चल पड़े. चलने से पहले मैं तनवी को आंटी प्रेग्नेन्सी टॅबलेट देनी नही भूला. वो एक बार फिर मेरी प्रशंसा में बोली के यार तुम वाकई बहुत ख़याल करने वाले आदमी हो. 

स्कूल पहुँच कर मैने कुछ फाइल्स अपने पीसी से तनवी के पीसी में डाल दीं और उसको कहा के इनको स्टडी करले और फिर मुझे बताए के वो किसको शॉर्ट लिस्ट करना चाहती है. हम बाकी की तैयारी कर लेते हैं और जैसे ही कन्फर्म होगा की मिनी के साथ मेरा एक्सपेरिमेंट सक्सेस्फुल हुआ है हम आगे का प्रोग्राम चालू कर देंगे. तनवी ने कहा के ठीक है. छुट्टी से कोई दो घंटे पहले तनवी मेरे पास आई और बोली के उसने तीन लड़कियाँ शॉर्टलिस्ट कर ली हैं पर एक लड़की का जल्दी ही कुच्छ करना पड़ेगा. मेरे पूछ्ने पर उसने बताया के लड़की का नाम मरियम है और उसके लिए हमें मिनी के रिज़ल्ट का इंतेज़ार भी नही कर सकते क्योंकि उस लड़की को कुच्छ कुच्छ पता है प्रिया और नेहा के बारे में. यह उनकी क्लास में ही है और उनकी कुच्छ बातें सुन चुकी है पर वो शरम की वजह से उनसे बात नही कर सकी है और अंदर ही अंदर परेशान है और यही वजह है कि वो पढ़ाई में पिछड़ रही है. तनवी ने आगे बताया के मरियम से वो बात भी कर चुकी है और चाहती है के मैं भी आज ही बात कर लूँ. मैने कहा के नेकी और पूछ पूछ. तनवी हंस दी और उसको भेजती हूँ कहकर चली गयी. 

क्रमशः...... 
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