RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
कुँवारियों का शिकार--31
गतान्क से आगे..............
अगले दिन किसी त्योहार की छुट्टी थी. मैं सुबह उठा और फ्रेश होकर चाय पीने और अख़बार देखने लगा. मुझे इंतेज़ार था नाज़िया का. आज उसको चोद्कर लड़की से औरत बनाना था. यह सोच कर ही मेरा लंड जॉकी में करवटें लेने लगा. खैर इंतेज़ार ख़तम हुआ और वो टाइम भी आ ही गया जिसका मैं बेसब्री से इंतेज़ार कर रहा था. ज़ाकिया नाज़िया को सहारा देकर ला रही थी. मैने पूछा के तनवी नही आई तो ज़ाकिया ने कहा के नही वो नही आई पर आज तुम्हारी पुरानी पहचान वाली को लाई हूँ. कहकर उसने आवाज़ दी के आ जाओ कब तक बाहर खड़ी रहोगी? मैने दरवाज़े की तरफ देखा तो मैं चौंक गया. दरवाज़े में मरियम खड़ी थी. उसके चेहरे का रंग उड़ा हुआ था. वो डरते-डरते अंदर आई. मुझे उसकी सूरत देखकर खुद डर लगने लगा के यह क्या हो गया है और अब आगे क्या होने वाला है? ज़ाकिया ने आगे बढ़कर नाज़िया को बेड पर लिटा दिया और वापिस मेरे पास आकर मुझे गिरेबान से पकड़ कर बोली तुम समझते क्या हो अपने आप को? मैने कहा के मैं कुच्छ समझा नही तुम क्या कहना चाह रही हो ज़ाकिया?
उसका चेहरा लाल भभूका हो रहा था और वो एक-एक लफ्ज़ चबा कर बोली दिमाग़ खराब हो गया है मेरा. पागल हो गयी हूँ मैं. तुमने यह कैसी उल्टी गंगा बहा रखी है? पहले मेरी सबसे छ्होटी बेहन को चोदा और आज मेरी दूसरी छ्होटी बेहन को चोदने का प्रोग्राम बनाया हुआ है. मैं क्या करूँ. अगले महीने मेरी शादी है और मैं अपने होने वाले शौहर को मिलने गयी थी कल. वहाँ उसने मुझे अकेले में चोदने की कोशिश की पर मेरी सील तोड़ने में कामयाब नही हो सका. तड़पति हुई घर पहुँची तो यह महारानियाँ दोनो अपनी-अपनी आप बीती एक दूसरे को सुना रही थीं और मैं चुप खड़ी सुनती रही. मेरी जलती आग में यह घी डालती रहीं और मैं जलती रही. यह सब सुनकर नाज़िया और मरियम दोनो के चेहरे पर छाए परेशानी के बादल छट गये और दोनो एक दूसरे को देख कर हल्के से मुस्कुराने लगीं. ज़ाकिया बोले जा रही थी कि अल्लाह-अल्लाह करके अब टाइम आया है और तुम पूछ रहे हो के मैं क्या कहना चाह रही हूँ? मैं बड़ी हूँ और पहले मेरी आग को बुझाओ फिर कुच्छ और करना. मैं मुस्कुराते हुए आगे बढ़ा और उसको अपनी बाहों में भरकर कहा के मना किसने किया है ज़ाकिया रानी और उसको अपने साथ चिपका कर उसके गुलाब की पट्टियों जैसे दोनो होंठ अपने होंठों मे क़ैद कर लिए और चूसने लगा. अपनी जीभ उंनपर फेरी तो वोकाँप उठी और मुझे अपनी बाहों में कस लिया. मैने मरियम को कहा के दरवाज़ा लॉक कर्दे.
वो खुशी खुशी गयी और जैसे ही उसने दरवाज़ा लॉक किया मैने कहा के तुम तीनो अपने अपने कपड़े उतार कर बिल्कुल नंगी हो जाओ और मैं अपने कपड़े भी उतारने लग गया. तीनो ने सारे कपड़े उतार दिए और मेरा बेडरूम जैसे रोशनी से भर गया. तीन कड़क जवान गोरी चित्ति लड़कियाँ नंगी मेरे आगे खड़ी थीं और मेरा लंड क़िस्सी साँप की तरह अपना फन उठाकर उनको सलामी दे रहा था. ज़ाकिया मेरे लंड को बड़ी दिलचस्पी से देख रही थी और बोली के वाह तुम्हारा औज़ार तो बहुत बढ़िया लगता है. अभी देखते हैं इसकी धार. मैने कहा के घबराओ मत तुम तीनो को दो-दो बार तो ठंडा कर ही सकता है कम-से-कम. वो बोली के कहने और करने में बहुत फ़र्क होता है राज करो तो जानें. मैने आगे बढ़ कर उसको पकड़ा और बेड पर ले आया. उसको सीधा लिटा दिया और मरियम और नाज़िया को बोला के इसके मम्मे चूसो और चूस-चूस कर लाल कर दो और इसके पूरे बदन को भी प्यार से सहलाओ. इसको इतना उत्तेजित करो के यह छटपटाने लगे पर तुम डरना नही और रुकना भी नही. मज़ा इसको तभी आएगा जब यह पूरी तरह से उत्तेजित हो जाएगी.
दोनो ने ज़ाकिया को जाकड़ लिया और मेरे कहे का अनुसरण करने लगीं. मैने नाज़िया से कहा के इसके नीचे दो तकिये लगा दो जैसे तुम्हारे नीचे लगाए थे. उसने जल्दी से तकिये लगाए और अपने काम में लग गयी. मैने उसकी टाँगें उठा कर अपने कंधों पर लटका दीं और उसकी चूत की दरार में अपनी जीभ चलाने लगा. तिहरे आक्रमण से वो बहुत जल्दी उत्तेजित हो गयी और छटपटाने लगी और हााआआं हुउउउउउउउउउउउउउन ऊऊऊऊऊऊऊऊओ की आवाज़ें निकालने लगी. मैने अपने दोनो हाथों से उसकी चूत को खोला और मैं देखता ही रह गया उसकी चूत का नज़ारा. हल्के गुलाबी रंग की पंखुड़ीयाँ और अंदर गहरे लाल रंग की उसकी चूत जो उसकी बढ़ती उत्तेजना के कारण गीली हो चुकी थी और फड़फदा रही थी. मैने अपनी एक उंगली उठाकर उसकी पुट्तियों को सहलाया और उसके दाने के आसपास फिराना शुरू कर दिया. वो काँपने लगी और बोली के हाए रीईईईईईईईईई नाज़ी तू सच बता रही थी के बड़ा मज़ा आता है. मैं तो हवा में उड़ रही हूँ और डर लग रहा है कहीं गिर ना जाऊ. मेरी आग और बढ़ गयी है जल्दी कुच्छ करो राज. मैने उसके दाने को उंगली से सहलाया तो वो और काँपने लगी. फिर मैने उसके दाने को सहलाते सहलाते उसकी चूत अपने मुँह से पूरी धक दी और अपनी जीभ को अंडा डाल कर दबाने लगा. वो कराह उठी और उसने कोशिश की के अपनी चूत को मेरे मुँह पर दबा दे पर जिस पोज़िशन में वो थी वो ज़्यादा हिल नही सकती थी.
मैने अपनी जीभ से उसे चोदना शुरू कर दिया. बहुत जल्दी वो उत्तेजना की ऊँचाइयाँ छूने लगी. हाआआआआअँ आईसीईईईई हीईीईईईईईईईईईईईईईईईईई करूऊऊऊऊऊऊओ, माआआआआआऐं गइईईई, माआआआअर डूऊऊऊऊ, मेरिइईईईईईईईई चूऊऊऊऊथ, ईईईईई क्य्ाआआआआआ हूऊऊऊऊऊ गय्ाआआआअ मुझीईईईईई, आआआआअँ आआआआअँ आआआआअँ. और उसकी चूत काबाँध टूट गया और वो झाड़ गयी. मैने अपने मुँह को नही हटाया और उसकी चूत को चाटना चालू रखा. थोड़ी ही देर में वो फिर से उत्तेजित होने लगी तो मैने उसकी टाँगें नीचे करके तकिये हटा दिया. जेल की ट्यूब उठाकर उसकी चूत मैं अंदर तक जेल लगा दी और थोड़ी सी अपने लंड पर भी लगाकर उसे चिकना कर दिया. फिर अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया, नीचे से ऊपेर और ऊपेर से नीचे. उसकी चूत पाओ रोटी की तरह फूल गयी थी और झटके लेकर खुल-बंद हो रही थी. चूत के छ्ल्ले पर अपने लंड का सुपरा रख कर मैने दबाव डाला तो आधा टोपा अंदर चला गया. मैने बाहर निकालकर फिर अंदर डाला तो थोड़ा और अंदर चला गया. फिर मैं उसे ऐसे ही आगे पीछे करने लगा. आगे करते उसका छल्ला अंदर दबाता और मैं हल्का सा झटका देता तो मेरा लंड एक-दो सूत और अंदर चला जाता और बाहर करता तो उसका छल्ला बाहर को आता पर मैं लंड को बाहर नही आने देता. 4-5 बार ऐसा करने पर मेरे लंड का सुपरा और एक इंच लंड उसकी चूत में घुस गया और मैने वही एक इंच लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.
एक-दो धक्कों के बाद मैं हल्का सा ज़ोर बढ़ा देता और थोड़ा थोड़ा करके मेरा लंड उसकी कुंआरी झिल्ली तक पहुँच गया और वो बोली के बस दर्द होता है. मैने कहा के पहली चुदाई है एक बार तो दर्द होगा ही. उसके बाद तुम्हे मज़ा ही मज़ा आएगा और दर्द कभी नही होगा. मैं अपनी पोज़िशन सेट करके उतना ही लंड अंदर बाहर करने लगा और जब वो पूरी तरह से मस्ती में आ गयी तो मैने अपना लंड सुपारे तक बाहर निकाल कर एक पूरी ताक़त लगाकर धक्का मारा और मेरा लंड गकच करके ज़ाकिया की सील तोड़कर अंदर घुस गया. ज़ाकिया की एक ज़ोरदार चीख निकली जिसे मरियम ने अपना मुँह उसके मुँह पर रख के बंद कर दिया. मैने अपना हाथ नीचे लाकर उसके दाने पर अपना अंगूठा रख दिया और रगड़ने लगे. उधर वो दोनो अपनी आपी को प्यार से सहला रही थीं और थोड़ी देर में ही ज़ाकिया की उत्तेजना फिर से बढ़नी शुरू हो गयी और दर्द भी कम हो गया. बहुत टाइट चूत थी उसकी और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरा लंड किसी शिकंजे में कॅसा हुआ हो. मैने ज़ोर लगा कर अपने लंड को बाहर किया और थोड़ी जेल और लगाकर वापिस अंदर डाल दिया और आहिस्ता आहिस्ता अंदर बाहर करने लगा. उसकी दोनो पुट्तियाँ मेरे लंड से चिपकी हुई थीं और जब मैं लंड को अंदर करता तो दोनो अंदर को दब जातीं और साथ ही चूत काछल्ला भी अंदर हो जाता और जब मैं लंड को बाहर निकालता तो छल्ले के साथ साथ दोनो पुट्तियाँ भी बाहर आ जातीं. घर्षण का आनंद बहुत ही अधिक आ रहा था.
अभी मेरा लंड आधा अंदर जाना बाकी था. हर 4-5 धक्कों के बाद मैं थोड़ी जेल अपने लंड पर और लगा देता और साथ ही आधा इंच लंड को और अंदर घुसा देता. इस तरह करते करते मेरा लंड जड़ तक अंदर घुस गया और उसकी बच्चेदानी से जेया टकराया. टकराते ही ज़ाकिया ने एक ज़ोर की झुरजुरी ली और बोली यह क्या हुआ तो मैने कहा के लंड पूरा अंदर घुस गया है और उसकी बच्चेदानी से जा टकराया है इसलिए उसे गुदगुदा गया है. वो बोली के बहुत अच्छा लग रहा है करते रहो. अपनी बच्चेदानी के मुँह पर मेरे लंड की 8-10 ठोकरें ही वो सह पाई और उसका पूरा शरीर अकड़ गया और वो एक बहुत ही लंबी आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआः के साथ झाड़ गयी. झटके खाते उसके शरीर के साथ उसकी चूत भी खुलने और बंद होने लगी. जब तक वो झड़ती रही मैं अपना लंड उसकी चूत में जड़ तक डाल कर निश्चल पड़ा रहा और हाथ बढ़ा कर उसके मम्मे अपने हाथों में पकड़ लिए. बहुत ही प्यारा पहला स्पर्श था उसके मम्मों का. जैसे दो कच्चे अमरूद मेरे हाथों में आ गये थे पर इतने चिकने थे उसके मम्मे के मेरे हाथों से फिसले जा रहे थे. उसके अंगूरी निपल मैने अपने अंगूठों और उंगलियों में दबाए तो उसकी एक मादक आआआआआआः निकली.
झड़ने के बाद उसने अपना शरीर ढीला छ्चोड़ दिया था और अब एक बार फिर से उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी थी. मैने अपना लंड दो इंच बाहर निकालकर वापिस अंदर पेलना शुरू कर दिया और थोड़ी देर तक उसे ऐसे ही चोद ता रहा. कुच्छ समय में ही उसने भी अपनी गांद उठाकर मेरे लंड का स्वागत करना शुरू कर दिया और मैं अपना लंड पूरा बाहर निकालकर पेलता रहा. जब मैं अपना लंड बाहर निकालता तो सिर्फ़ टोपा अंदर रह जाता और मैं वापिस अंदर घुसा देता. लंड जब अंदर घुसना शुरू होता तो वो अपनी गांद उठाना शुरू कर देती और फिर हमारे शरीर आपस में टकराते. चुदाई का मस्त संगीत कमरे में गूँज रहा था. फॅक-फॅक फॅक-फॅक और मेरी गोलियों की थैली उसकी गांद से टकराती तो पाट-पाट की आवाज़ होती. मैं जानता था की अब मैं और ज़्यादा देर तक नही रुक सकता, इसीलिए मैने अपने धक्कों की रफ़्तार कम ही रक्खी थी ताकि मेरी उत्तेजना ज़्यादा ना बढ़े. पर ज़ाकिया की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी और अब उसे चुदाई का भरपूर मज़ा आ रहा था. दर्दका नाम-ओ-निशान ख़तम हो चुका था. हम तीनों के मिलेजुले प्रयास उसकी उत्तेजना को बढ़ाते जा रहे थे और वो उचक उचक कर चुदवा रही थी.
फिर वही हुआ जो होना था. ज़ाकिया ने बोलना शुरू कर दिया. मार दो मेरी चूत को, फाड़ दो मेरी चूत को. हाए राज तुम्हारा लंड तो बड़ा प्यारा है रे, ऐसे रगड़ कर अंदर बाहर हो रहा है के बहुत मज़ा आ रहा है. फिर उसकी साँसें अटकने लगीं और वो माआआआआआऐं गइईईईईईई रीईईईईईईई, पकड़ लूऊऊऊऊऊऊ मुझीईईईईई, माआआआआआ ईईईईई कैसाआआआआ मज़ाआआआआआअ हाआआआआआआआई, रोमीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मेरईईईईईईय रजाआाआआआ माआआआआईं गइईईई. और वो झाड़ गयी. मैं तो पहले ही तैयार था सो मैने भी उसके बोलते ही अपनी रफ़्तार खूब तेज़ करदी थी. 10-12 ज़ोरदार धक्को के साथ ही मैं भी अपने चरम पर पहुँचा और अपना लंड उसकी चूत में जड़ तक डाल के अपने गरम गरम वीर्य की पिचकारियाँ उसकी चूत में छ्चोड़ने लगा. मेरा लंड उसकी बच्चेदानी से सटा हुआ था और वीर्य की गरम गरम धार उसकी बच्चेदानि के मुँह पर पड़ी तो वो काँप कर एक बार और झाड़ गयी और अपने शरीर को ढीला छ्चोड़ दिया. मैं भी उसके ऊपेर गिर गया और मुझे नाज़िया और मरियम ने ज़ाकिया के साथ जाकड़ लिया.
जब हम दोनो संयत हुए तो मैने मरियम से कहा के ज़ाकिया के लिए हॉट वॉटर ट्रीटमेंट का इंटेज़ाम करे तो वो तुरंत उठी और बाथरूम में चली गयी. मैं खड़ा होकर बेड से नीचे उतरा और ज़ाकिया को भी उठने को कहा. नाज़िया को कहा के इसको सहारा देना पड़ेगा तो वो बहुत हैरान हुई. मैने कहा के होता है पहली चुदाई के बाद ऐसा ही होता है अगर चुदाई ढंग की हो तो लड़की अपने आप खड़ी नही हो सकती. नाज़िया की आँखों में लाल डोरे तेर रहे थे तो मैने उसको तसल्ली दी और कहा के घबराओ नही अब अगला नंबर तुम्हारा है. तुमने देख ही लिया है कि चुदाई कैसे होती है और कितना दर्द होता है जब लंड चूत में पहली बार जाता है और फिर उसके बाद कितना मज़ा आता है. पूच्छ लो ज़ाकिया से. ज़ाकिया ने शर्मा कर आँखें बंद कर लीं. फिर हम दोनो उसको पकड़ कर बाथरूम में ले गये और उसको गरम पानी के टब में बिठा दिया जिसमे मैने एक शीशी से थोड़ा अस्ट्रिंजेंट लोशन मिला दिया था. वो टब में बैठ गयी और मैने उससे कहा के जब तक पानी ठंडा ना हो जाए वो इसमे बैठी रहे और अपनी चूत की सिकाई करे. फिर खड़ी होकर चेक करे कि ज़्यादा दर्द तो नही है. अगर ज़्यादा दर्द हो तो एक बार और गरम पानी की सिकाई करनी पड़ेगी. तुम सिकाई करो और मैं नाज़िया की खबर लेता हूँ कहकर नाज़िया को लेकर बाहर आ गया. हमारे पीछे पीछे मरियम भी आ गयी और हम तीनों बेड पर आ गये. नाज़िया हमारे बीच में थी.
मैने नाज़िया की गर्दन के नीचे से अपना बयाँ हाथ डाल कर उससे ऐसे अपने पास किया की उसकी पीठ मेरी छाती से लग गयी और मेरा हाथ उसके सख़्त बायें मम्मे पर आ गया. उसका दूसरा मम्मा अपने दायें हाथ में लेकर दबाना शुरू किया. वो ज़ाकिया की चुदाई देखकर बहुत गरम हो चुकी थी. मेरे द्वारा मम्मों को दबाए जाने पर वो सीत्कार कर उठी और अपना हाथ मेरे सर पर लाकर मेरे सर को अपने माम्मे पर झुका लिया. मैं समझ गया और बढ़कर उसके मम्मे को अपने मुँह में ले लिया. उसका अंगूर के जैसा निपल सर उठाए खड़ा था और मेरे मुँह में आते ही मैने उसे अपने दाँतों से हल्का सा दबाया और उसकी नोके पर अपनी जीभ को फिराया तो वो तड़प उठी. उसका भरा हुआ बदन मुझे स्पर्श सुख का बहुत ही मादक एहसास करा रहा था. मरियम को मैने कहा के मेरे लंड को अपने मुँह की गर्मी से गरम करो ताकि यह नाज़िया की चूत का उद्घाटन कर सके. मरियम ने तुरंत मेरे कहे का पालन किया और आकर मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और दूसरे हाथ से मेरी गोलियों को सहलाने लगी और अपनी जीभ से मेरे लंड को चाटना शुरू कर दिया. मेरे लंड पर उसकी जीभ ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया और मेरे खून ने मेरे शरीर में अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और वो डेकशिनेयन होकर मेरे लंड में भरने लगा. जैसे जैसे मरियम की जीभ मेरे सुपारे को चाट रही थी वैसे वैसे मेरे लंड में खून का संचार बढ़ रहा था और वो अकड़ना शुरू हो गया था.
मैने अपना एक हाथ बढ़कर मरियम के अपेक्षाकृत छ्होटे पर कड़क मम्मे को दबाया और उसको प्यार से पूछकर कर कहा कि सेवा का मेवा तुमको अभी दूँगा और आज तुम्हारी भी मस्त चुदाई करके तुमको बहुत मज़ा दूँगा. वो पूरे जोश से मेरे लंड को अपने मुँह में भरकर चूसने लगे. मेरा लंड अब पूरी तरह से अपने स्वरूप में आ गया था और झटके खाने लगा था. मैने मरियम को रोका और कहा के अब नाज़िया की चूत को मेरे लंड के लिए तैयार करे. मरियम ने मेरा लंड अपने मुँह से एक पोप की आवाज़ के साथ निकाला और नाज़िया की चूत पर अपना मुँह टीका दिया. नाज़िया ने एक झुरजुरी ली और अपनी दोनो टाँगें खोलकर अपनी चूत उठाकर मरियम के मुँह पर चिपका दी. उधर मैं अपने दोनो हाथों में उसके दोनो मम्मों को मस्सलने लगा और साथ ही उसको डीप किस करना शुरू कर दिया. नाज़िया तेज़ी से गरम होती जा रही थी. वासना की आग ने उसके जिस्म को पूरी तरह से अपने आगोश में ले लिया था और वो च्चटपटाने लगी थी. उसने अपना मुँह मेरे मुँह से अलग करके कहा अब और कितना तडपाओगे. अब रहा नही जा रहा जल्दी से मुझे चोदो और अपने लंड से मेरी चूत की चटनी बना दो.
क्रमशः......
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