RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-2
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा दूसरा पार्ट लेकर हाजिर हूँ अब आगे की कहानी.............................
थोड़ी देर कस्टमर डील करने के बाद वो बाइक से चला गया…….रास्ते मे काफ़ी ट्रॅफिक रहने के वजह से वो 15 मिनट. लेट कॉलेज पहुँचा……जब कॉलेज पहुँचा तो कोई उसे दिखाई नही दे रहा था……कही छुट्टी तो नही हो गयी…रश्मि कहाँ है…..वह सोच रहा था…..तभी उसने मेन गेट पर गार्ड से पूछा
राज: भैया…..ये पेपर ख़तम हो गया?
गुआर्द: हा….20 मिनट. हो गये…सारे बच्चे चले गये.
राज: अरे…ये कहाँ रह गयी…….मे भी कितना स्टुपिड हू…मुझे और पहले निकलना चाहिए था….उसने मोबाइल निकालकर रश्मि को फोन लगाया पर वो स्विच-ऑफ था…..वो मायूष हो कर घर की तरफ चलने लगा…जैसे ही यू टर्म किया कि उसे रश्मि दिखाई दी…………………………..अरे कहाँ थी….कहाँ हो भाई….??? मे तो मायूस होकर घर जाने वाला था….
रश्मि: जी वो बाथरूम लगा हुआ था……
राज: तो कॉलेज मे कर लेती…यू सड़क पर झाड़ियो मे?
रश्मि: कॉलेज का बाथरूम काफ़ी गंदा था…सूऊओ
राज: कोई बात नाही आओ बैठो.
रश्मि: आप लेट कैसे हो गये
राज: अरे यार वो डॉक्टर. नेहा है..ना उसका ऑपेरेशन था
रश्मि: डॉक्टर. नेहा का ऑपेरेशन ??? उसे क्या हुआ?
राज: अरे डॉक्टर. नेहा का ऑपेरेशन नही…..एक लेडी का ऑपेरेशन कर रही थी…वो मुझे अनेस्तीसिया देने के लिए रोक लिया था……उसपर ये देल्ही का ट्रॅफिक? तभी लेट हो गया…..तुम्हे ज़्यादा वेट तो नही करना पड़ा?
रश्मि: नही…और वैसे भी मे चाह रही थी कि आप लेट हो जाओ
राज: क्यो?
रश्मि: बाथरूम जो लगा हुआ था?
राज:वूऊओ तो क्या हुआ…..किसी सुलभ-सौचालय मे करवा देता……..वैसे कोई दिक्कत तो नही हुई …उन झाड़ियो मे?
रश्मि: दिक्कत …कैसी दिक्कत
राज: वही …कहीं झाड़ियो के बीच कीड़े-मकोडे रहते है ना…कई सीटियों के बीच घुस ना जाए.
ये सुनते ही रश्मि शर्मा गयी……..भाई शहाब आप भी ना….क्या करती मजबूरी जो थी….पेशाब को रोक भी तो नही सकते ना?
राज: हां पर पब्लिक प्लेस पर यू बाथरूम करना…और वो भी एक लेडी के लिए सेव नही है
रश्मि: जानती हू…पर क्या करू…..और वैसे भी वन्हा कोई नही था………
राज: अच्छा छोड़ो…ये बताओ क़ी पेपर कैसा गया….
रश्मि: ठीक था…एक क्वेस्चन का आन्सर नही हुआ.
राज: हम्म पास तो हो जाओगी ना?
रश्मि: सिर्फ़ पास होने के लिए नही पढ़ा जाता
राज: तो फिर?
रश्मि: ग्यान हासिल करने के लिए
राज: ह्म्म्म्म चलो…कहाँ चलना है
रश्मि: घर
राज: नही….पहले एक रेस्टोरेंट मे कुच्छ खाते है…पहली बार मेरी बाइक पर बैठी हो……चाँट खाते है….
रश्मि: कुच्छ नही बोली…सिर्फ़ हां मे हां मिला दी
राज ने एक रेस्टोरेंट मे बाइक रोक दी…..रेस्टोरेंट मे स्पेशल कॅबिन था उसमे रश्मि को लेके चला गया…और दो प्लेट समोसा चाट बनाना को बोल दिया और साथ मे कोल्ड-ड्रिंक भी
राज और रश्मि एक कॅबिन मे बैठ गये…..और इधर-उधर की बाते करने लगे……मौका देख कर राज ने रश्मि को कहा
राज: जानती हो….आज तुम बहुत सुंदर लग रही थी…इस सूट मे
रश्मि शर्मा गयी…बोली कुच्छ नही सिर्फ़ मुस्कुरा दी
रश्मि: ये ही लाए थे मुंबई से…….सोचा आज से एग्ज़ॅम सुरू है पह्न लू
राज: अच्छा किया……और वैसे भी वाइट सूट तुमपे जाँचता है…..
रश्मि: आप भी हॅंडसम लग रहे है….इन कपड़ो मे…..राज उस समय एक जीन्स और एक टी-शर्ट पहने हुए था…..उसे देख कर लग रहा था कि कोई खिलाड़ी हो.
राज: थॅंक्स…….
तभी वेटर दो प्लेट मे चाट ले कर आ गया और टेबल पर रख दिया…..दूसरे वेटर ने दो-ग्लास मे कोल्ड-ड्रिंक रख दिया….और बोला….और कुच्छ शहाब?
राज: नही…तुम जाओ….और दोनो धीरे धीरे खाने लगे
राज को कुच्छ शरत सूझी…उसने एक चम्मच मे थोड़ा सा समोसे का टुकरा काट कर रश्मि की तरफ बढ़ाया……..
रश्मि कुच्छ सोच रही थी…जब राज को देखा तो शरमाते हुए उसके आग्रह को मानते हुए उस टुकड़े को खाने के लिए जैसे ही मुँह खोला….राज ने अपना हाथ खींच लिया…और दोनो ठहाका मार कर हस्ने लगे. इसी तरह 2-3 बार किए……इसी बीच चाट का रस रश्मि के सूट पर गिर गया…..एक तो समोसा गरम और उसपे उसका दाग लगने का डर….रश्मि जल्दी से उठ खड़ी हो गयी…
रश्मि: ओह माइ गॉड…मेरा सूट खराब हो जाएगा….
राज ने जल्दी से अपने हाथ से उसके ब्रेस्ट से समोसे का टुकरा हटा दिया और उसे रगड़ने लगा……ये सिर्फ़ 1 मिनट तक चला…ये सब इतनी जल्दी हो गया कि रश्मि को पता ही नही चला…ना ही राज को…लेकिन जब रश्मि को ध्यान गया तो वो शर्मा गयी…और अपनी नज़रे नीचे करते हुए बाथरूम की ओर चल दी…..
थोड़ी देर बाद वो नॉर्मल हो कर आ गयी…पर सूट पर मसल्ने का दाग लग गया था…
राज: आइ एम सॉरी……
रशमी: सॉरी? किस चीज़ के लिए?
राज: वो….मेने तुम्हारे ब्रेस्ट?
रश्मि: कोई बात नही…आपने अच्छा ही किया…अगर ना करते तो मेरा सीना जल जाता.
अब चले…???
राज: अरे कोल्ड ड्रिंक तो पी लो…
रश्मि: अरे हाँ…और दोनो कोल्ड-ड्रिंक पीने के बाद अपने घर आ गये…रास्ते मे कोई बात नही हुई……….
आज का दिन रश्मि और राज के लिए याद-गार था….जहाँ राज को रश्मि की समीपता मिली….वही रश्मि को भी उनका साथ आच्छा लगा…..ये सिलसिला रोज चलता रहा……..दोनो मे प्यार बढ़ता गया……हसी मज़ाक, बाते, और सेक्स की भी बाते होती रही….जैसे कितुम सॅटिस्फाइड हो राजेश से, तो रश्मि भी बोल देती थी कि क्या आप दीदी से खुस है…वग़ैरह वग़ैरह……
अब राज की रोज की ड्यूटी बन गया…रश्मि को कॉलेज छोड़ना और फिर लाना…..फिर अपने कारोबार मे लग जाता.
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राज और रश्मि के बीच काफ़ी केमिस्ट्री बन चुकी थी. अब दोनो काफ़ी खुल चुके थे……एक दूसरे को पकड़ना, यहाँ तक कि किस भी कर लेते थे. एक रोज राज ने मन बना लिया कि वो रश्मि को अपना लंड ज़रूर दिखाएगा…क्योकि उसे ऐसा लगने लगा था कि रश्मि राजेश से सेक्स-सॅटिस्फाइड नही है……वो रश्मि के मन को जानना चाहता था…वो जानना चाहता था कि अगर वो रश्मि को हाथ लगाए तो हाथ को छिटक तो नही देगी? दूसरी तरफ रश्मि भी ऐसा ही कुच्छ सोच रही थी…..वैसे रश्मि की रोज रात मे चुदाई होती थी…पर उसे ना जाने राज मे क्या नज़र आता था…कि वो उससे बात करने के बाद फ्रेश हो जाती थी……ऐसा कमला और राजेश ने भी नोटीस किया था…पर कोई कुच्छ बोला नही……घर का वातावरण ठीक ठाक था.
चुदाई सेशन दोनो जोड़ो मे जबरदस्त होती थी….दोनो के कमरे अगल-बगल रहने के वजह से आवाज़े और सिसकारिया राज भी सुन लेता था और उधेर रश्मि भी………………..कमला और राजेश की केमिस्ट्री भी ऐसी ही थी…पर सेक्स मे कवर नही हुई थी…पर गंदे मज़ाक होते थे.
राज एक सुबह अपनी वाइफ को बोला कि आज मे घर नही आऊंगा…क्योकि रात मे ऑपेरेशन है एक डॉक्टर. नेहा के साथ…..कमलाने सिर्फ़ इतना ही कहा…अपना ख्याल रखना
डॉक्टर. नेहा शर्मा शाम 7 पीयेम पर डिसपेनसरी आ गयी थी राज पहले से ही अपनी शॉप मे था..डिसपॅन्सी मे आते ही डॉक्टर. नेहा ने राज को बुलाया…
डॉक्टर. नेहा: जीजू…आज लड़के वाले आए थी मुझे देखने
राज: क्या? ग्रेट….मुर्गा कैसा है
डॉक्टर. नेहा: हस्ते हुए….कोई खास नही….मुझे ऐसा लगता है कि सारी जिंदगी ऐसे ही रहने होंगे…..दुनिया मे अच्छे लड़को की कमी हो गयी है
राज: ऐसा नही है मेडम, अब मुझे ही देखो…क्या कमी है मुझमे. एक दम फिट हू….तभी तो तुम्हारी बहन के साथ शादी की है…..पर हम एक दो बोझ और ढो सकते है.
डॉक्टर. नेहा: क्या??? क्या कहा.? यानी कि कोई और भी है?
राज: बिल्कुल?
डॉक्टर. नेहा: लगता है दीदी को बोलना होगा
राज: बोल दो…क्या करे….जब रोज रोज एक ही दाल खाने को मिले तो मज़ा कहाँ से आएगा…कभी कभी तो कवाब मिलना चाहिए
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डॉक्टर.नेहा: ज़्यादा नॉन-वेज खाओगे तो काँटा गले मे अटक जाएगा
राज: काँटे के डर से कोई नॉन-वेज खाना थोड़े ही भूलता है
डॉक्टर.नेहा: तो आपका क्या इरादा है…अब तक कितने किलो नॉन-वेज खा लिए हो
राज: अभी तक काउंट नही किए है….पर अगर फ्रेश माल हो तो कोई परवाह नही
डॉक्टर. नेहा: दीदी को पता है?
राज: हां वो मेरा टेस्ट जानती है……कोई रुकावट नही..मेने तो उसे बोल दिया है कि मेरी तरफ से तुम भी आज़ाद हो……जब कभी भी नॉन-वेज खाने का मन करे तो खा लो और मुझे भी खाने दो.
डॉक्टर. नेहा: थ्ट्स ग्रेट....तो फिर क्या इरादा है?? आज नॉन-वेज चलेगी.....?
राज: उसी का इंतेज़ार है...देखो क्या इशारा होता है..
तभी ओटी स्टाफ ने कहा ...मेडम ओटी इस रेडी फॉर ऑपेरेशन ....दोनो उठ कर खड़े हो गये और चले गये अपने अपने काम मे.
दूसरे दिन सुबह सुबह रश्मि ब्रश कर रही थी.....राजेश सुबह सुबह कही चला गया था...और राज नहाने जा रहा था...कि तभी उसने रश्मि को टूथ-ब्रश करते हुए देखा...उसे सरारत सूझी...वो उसके पास जाते हुए कहा:
राज: आज तुम्हारा पेपर है या नही
रश्मि: जी कल है......असाइनमेंट बनाना है.....
राज: ठीक है मे नहाने जा रहा हू...क्या तुम्हारा बाथ-रूम इस्तेमाल कर लू?
रश्मि: क्यो नही...पर टॅक्स लगेगा
राज: टॅक्स??? कैसा टॅक्स
रश्मि: पहले सर्वीसज़ ले लो फिर बताऊँगी और मुस्कुराते हुए ज़ोर ज़ोर से टूथ ब्रश करने लगी.
राज मुस्कुराते हुए बाथरूम मे चला गया...पर दरवाजा खुला छोड़ दिया जानभुजकर.....शायद उसे लग रहा होगा कि रश्मि ज़रूर झाँकेगी.
राज सिर्फ़ एक ब्रीफ मे था .जो कि पूरा टाइट था....लंड का उभार काफ़ी दिख रहा था......राज ने शावेर ऑन कर दिया और नहाने लगा....पूरा शरीर पानी से भींग चुका था...उसका ब्रीफ भी भींग चुका था....लंड का आकार और सॉफ दिख रहा था.........थोड़ी देर बाद रश्मि चुप-चाप अंदर आ गयी.....वो बोली
रश्मि: सॉरी...बाहर का बेसिन नल नही चल रहा था...तो मे अंदर का बेसिन इस्तेमाल कर लू?
राज: कर लो परंतु मेरी तरफ मत देखना?
रश्मि: मुस्कुराते हुए...आपकी तरफ देखने के लिए क्या है?
राज ने चुटकी लेते हुए कहा: जो भी है मेरे ब्रीफ मे है...ये बाद वो धीमे से कहा......इशारा था कि रश्मि सुने भी और ना भी सुने....परंतु रश्मि सुन ली थी...वो सिर्फ़ मुस्कुराइ वो सिर झुकाए वही पर खड़ी थी.
राज ने कहा कि अब खड़ी क्यो हो.....मेरी पीठ पर साबुन तो लगा दो....अगर तुम्हारे पास समय हो तो?
रश्मि उसके करीब आ गयी और साबुन ले कर उसके पीठ पर साबुन लगाने लगी...रश्मि के कोमल हाथ का स्पर्श पाते ही उसका लंड और फुफ्कारने लगा....और दूसरी तरफ रश्मि भी मज़े लेने लगी....आज जीवन मे पहली बार किसी मर्द की देह च्छू रही थी......मन जब ज़्यादा मजबूर हो जाता है तभी इंसान ऐसे कदम उठाते है......यही हाल रश्मि का था....उसे ऐसे क्यो हो रहा था वो उसे भी नही मालूम. पर वो करे तो क्या करे.......साबुन का फ़ैन पूरे सरीर मे लगाने के बाद उसने कहा अब आप सॉवॅर ऑन कर लो....फ़ैन सॉफ हो जाएगी.
राज अचानक टर्न हो गया.....अब रश्मि के सामने आ गया और उसके होंठो को अपने होंठो मे ले लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा....इस अचानक हमले के लिए रश्मि बिल्कुल तैयार नही थी...पर उसका मन इसके लिए ज़रूर तैयार था...तभी तो बाथरूम मे आई थी.....
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