RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
राजेश ने अपना बॅग रखा और टॉवेल्ल लेकर बाथरूम मे घुस गया…थोड़ी देर बाद वो फ्रेश होकर बाहर निकला…रश्मि एक नाइटी पह्न कर सो रही थी…..राजेश की आँखो के सामने रश्मि के विशाल चूतड़ दिख रहे थे…नाइटी काफ़ी उपर उठ चुकी थी….आज राजेश को चोदे हुए 2 दिन हो चुके थे…..उसका लंड खड़ा हो गया …पर उसे याद आया…अरे मुझे तो रश्मि को मनाना होगा…क्योकि रात को नही आया था…और अभी दिन है……………………….सो वो धीरे से उसके बगल मे बैठ गया…और अपने दाहिने हाथ से उसके चेहरे को सहलाया और उसके गालो पर एक किस देते हुए कहा:
राजेश: डार्लिंग…सो रही हो……..अभी तो 10 बजे है….तबीयत तो ठीक है
रश्मि: ठीक है ..सोने दो.
राजेश: अरे यार आँखे तो खोलो…देखो तुम्हारे लिए क्या लाया हू.
रश्मि: आँखे खोल कर कहा…क्या लाए हो….
राजेश: जलेबी……उठो……फ्रेश हो जाओ…नाश्ता करते है
रश्मि उठ गयी………..और उसके गले मे बाँहे डाले हुए कहा…….तुम मुझे मरवा दोगे…..कभी तो मेरी फ़िक्र कर लिया करो…..मे रात से परेशान थी तुम्हारे लिए…और तुम हो कि…मेरी ज़रा भी फ़िक्र नहिकरते…बताओ मे क्या करू?
राजेश: मे समझ सकता हू….मे तुम्हे पूरा वक़्त नही देता हू…पर क्या करू काम ही ऐसा है…प्रॉजेक्ट वर्क है…टाइम-बॉंडेड रहता है…समय पर पूरा नही हुआ तो कंपनी को पेमेंट नही मिलेगी….और अगर पेमेंट नही मिली…तो मेरा भी पेमेंट नही मिलेगा…….क्या करू?
रश्मि: छोड़ दो नौकरी……
राजेश: और फिर जलेबी कहाँ से आएगी…ये कीमती कीमती कपड़े…..तुम्हारे नखरे का क्या होगा….?
रश्मि: मे कुच्छ नही माँगूंगी…प्लीज़ ….मे अब बर्दास्त नही कर सकती…बहुत हो गया….रात को मेने एक सेक्सी ब्लू फिल्म देखी थी…तब से हॉट हू….
राजेश: अरे तो ये बात है….डार्लिंग अभी आया…तुम्हारी हॉट निकालता हू.
रश्मि: रश्मिने उठ कर बाथरूम की तरफ जाते हुए कहा….आप चलो मे अभी आई डाइनिंग रूम मे.
और वो बाथरूम मे घुस गयी…
थोड़ी देर बाद दोनो डिन्निंग टेबल पर नाश्ते के लिए आ गये…सभी ने मिलकर नाश्ता किया…नाश्ता करने के बाद राज अपनी शॉप चला गया….कमला किचन मे और राजेश और रश्मि अपने बेडरूम मे…थोड़ी देर तक इधर उधेर की बाते हुए…फिर दोनो सेक्स के आगोश मे समा गये…करीब 50 मीं तक सेक्स चला…चुदाई अव्वल थी….राजेश ने दो तीन आसन का इस्तेमाल किया…रश्मि आज खूब चुदी….जब दोनो नॉर्मल हुए तो राजेश ने कहा…एक खूसखबरी है……..
रश्मि: क्या?
राजेश: उसके चेहरे को चूमते हुए कहा….कि मुझे मुंबई जाना होगा 3 मंथ. की ट्रैनिंग है….तुम चलोगि…तुम्हारा मन हल्का होगा…
रश्मि: वैसे कब जाना है
राजेश: 4-5 डेज़ लगेंगे……2 लोगो का रेकमेंडेशन हुआ है कंपनी की तरफ से एक मेरा और दूसरा मेरे एक दोस्त का.
रश्मि: अगर मेरा असाइनमेंट सब्मिट हो जाता है इन दिनो तो मे चलूंगी…वरना तुम्हे अकेले ही जाना होगा………………….मे अब अकेली नही रह पाऊँगी
राजेश: डार्लिंग…मे जो भी कर रहा हू तुम्हारे लिए ना..
रश्मि: वो तो ठीक है…पर लोगो को क्या करू…..?? लोग मुझे ताने देते है….
राजेश: ताने कैसी ताने?
रश्मि: शादी के 2 साल हुए…अभी तक कोई औलाद नही हुई….
राजेश: तो क्या हुआ….सभी लोग प्लान करते है….अपने भविस्य के लिए और अब भैया को देखो शादी को 5 साल हुए…उनको भी बच्चा नही हुआ…..उसका क्या?
रश्मि: ये सब मे नही जानती…..मुझे बच्चा चाहिए ..और ये तभी संभव होगा जब तुम मेरे पास रहोगे…..और सेक्स करोगे……………………….
ठीक है बाबा ये प्रॉजेक्ट ख़तम होने के बाद प्लान करते है फॅमिली की.
दोनो मे एक बार फिर फोर-प्ले सुरू होगयी और फिर सेक्स………………………………अंततः……दोनो स्खलित होकर ढेर हो गये…और दोनो चिपक कर सो गये…………………………………………………………………..
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शाम को राज किसी काम से घर आया हुआ था…कमला कही पड़ोस मे गयी थी…..रश्मि कोई नॉवेल पढ़ रही थी…..राज शर्मा की स्टोरी. राज ने जब आवाज़ लगाई तो कोई जवाब नही मिला….तब उसने दरवाजे को प्रेस किया…दरवाजा अपने आप खुल गया……वो अंदर दाखिल हुआ….और रश्मि या कमला को ढूँढने लगा…..तभी उसे रश्मि के कमरे से आवाज़ आई…उसने चुपके से दरवाजे की तरफ देखा….रश्मि के रूम के दरवाजे के पास आ गया और झाँक कर रूम के अंदर झाँकने लगा…देखते हुए राज को झटका लगा……रश्मि बिल्कुल नंगी…बगल मे एक सेक्सी नॉवेल और उसके हाथ मे राज का ब्रीफ था….ये वही ब्रीफ था जो रश्मि के साथ नहाते वक़्त पहना था…..रश्मि लंड की जगह वाले हिस्से को किस कर रही थी और चाट चूम रही थी….ये देखकर राज रोमांचित हो गया….उसे कुच्छ समझ मे नही आ रहा था कि क्या हो रहा है…अब वो अपने कान को दरवाजे से लगा लिया और उसकी आवाज़ को सुनने लगा…..शुरू मे उसके कराहने की और सिसकारियो की आवाज़े आने लगी…फेर बाद मे….वो राज का नाम ले ले कर ब्रीफ को किस कर रही थी………
रश्मि; आइ लवर यू मेरे जेठ जी….जब से आपका लंड देखी हू तब से ब्याकुल हू…मेरी चूत हमेश रोती रहती है…क्या करू….हज़्बेंड तो चोद्ते है पर उनके चोद्ने से मन नही भरता…बताओ मे क्या करू…..और ये कहते हुए ब्रीफ के लंड की जगह किस कर लिया….आगे कहा……आपका लंड एक अश्व-शक्ति का लंड है…..ऐसा ही लंड मेरे मामा का था…..मोटा और काला….मे ऐसे ही लंड की दीवानी हू……हालाँकि मे पूर्ण रूप से कोरी हू……अपने हज़्बेंड के बाद आप ही है जिनसे मे अफेर कर बैठिहू…..आप आ जाओ और मेरी प्यास बुझा दो……………………………मे अब बर्दास्त नही कर सकती……याद है जब आपने मेरे होंठो को चूसा था… उसी दिन मे चुद जाती पर मुझे एहसास हुआ कि मे ग़लत कर रही हू….हां मे ग़लत कर रही थी….पर मे क्या करू….मेरी प्यास बुझती ही नही…..आपके दिल मे क्या है मे नही जानती …पर मे आपके वगैर बेचैन हू……………………………..मे क्या करू …..बताओ मे क्या करू….और पूरे ब्रीफ के कपड़े को अपने गालो, नाक और चेहरे पर रगड़ने लगी…………………………………….राज को बहुत अस्चर्य हुआ……चाहता तो राज भी रश्मि को था…कई दफ़ा उसे ब्रा और पॅंटी मे देख चुका था….पर सेक्स के लिए कभी नही सोचा…..आज उसके मन मे अरमान जगा है…पर वो इतनी जल्दी अपने पत्ते खोलना नही चाहता…..वो धीरे से बोला……मेरी जान थोड़ा और तड़पो……..तभी उसने धीरे से आवाज़ लगाई
राज: रश्मि………ए रश्मि कहाँ हो भाईईईईईईई..
रश्मि मानो नींद से जागी थी…अपने कपड़े पहने और ब्रीफ को बेड के अंदर किया और बोली…अभी आई……………………….और फिर आ गयी…
राज: कमला कहाँ है????? खाना लगाओ अभी जाना है…
रश्मि: जी अभी लगाई…आप हाथ पैर धो लो……मे अभी लगा देती हू…..
इस दरम्यान राज ने नोटीस किया कि रश्मि अपनी नज़रे चुरा रही थी….अपनी नज़रे नीची करके बात कर रही थी…..वैसे बो समझ चुका था कि ये ऐसे क्यो कर रही है…फिर भी उसे कुरेदते हुए कहा…
राज: क्या हुआ…तबीयत ठीक नई है क्या?
रश्मि: जी ठीक है….सो रही थी……दीदी बगल मे शर्मा अंकल के पास गयी है….उनकी बेटी का तिलक जा रहा है……………….सो फॅमिली फंक्षन अटेंड करने गयी..और
राज: और राजेश…?
रश्मि : वो ऑफीस? और हां भैया…वो मुंबई जा रहे है 2 मंथ के लिए…कोई ट्रैनिंग है….
राज: तुम भी जा रही हो?
रश्मि: जी असाइनमेंट जमा करने है…और फिर मे वन्हा जा कर क्या करूँगी…मे यही ठीक हू….
राज: वेरी गुड….. अरे हन….तुम्हारे लिए कुच्छ लाया हू…ले लो पैकेट…अगर तुम्हे पसंद नही हो तो वापस कर देना ….दुकानदार को दे दूँगा…और ये लो कमला को दे देना…दोनो के अलग अलग कपड़े के पैकेट हैं. और बेसिन की ओर चल दिया….
रश्मि उन पैकेट को देखने लगी…..रेड सेफन दी सारी, पेटिकोट, 4 ब्रा और 4 पॅंटीस थी….सब एक से एक आधुनिक और कॉस्ट्ली थी…..उसने मन ही मन सोचा…..जेठ जी तो काफ़ी रंगीले हो रहे है…तभी इस तरह के कपड़े खरीद लिए………………………..वो मुस्कुरई और फिर और ढूँढने लगी…उस पैकेट मे एक गत्ते का लिफ़ाफ़ा था..उसे निकाल कर देखा ….अरे ये तो थॉम्ब है….जो हेरोयिन बीच पर नहाते समय पहनती है…ये देखते हुए उसे करेंट सा लगा…वो समझ गयी कि जेठ जी के अंदर क्या मंसूबा है उसके प्रति….वो शर्मा गयी और कपड़े वही ड्रॉ मे डाल कर चल दी किचन की ओर…..
आज डॉक्टर. नेहा का बर्तडे था………..सुबह से ही काफ़ी खुस थी ….आज 12.00 पीयेम तक काम किया और उसके बाद सभी मरीज़ो को देखने के बाद अपने घर पर आ गयी……..उसकी मॅमी आंड कुच्छ रिलेटिव मिलकर घर को सजाने का काम करने लगे…कमला सुबह ही आ गयी थी…….वो भी लग गयी…उसने किचन संभाल लिया…….राज, राजेश और रश्मि शाम को आएगे……………………………….
पार्टी मे कुछ खास मेहमआनो को बुलाया गया था..जिसमे उसके रिलेटिव, कॉलीग्स आंड मेडिकल कॉलेज के स्टाफ्स के थे….कुल मिलकर 30 लोग ने पार्टी अटेंड किया…..पार्टी रात 11 पीयेम तक चली उसके बाद खाना हुआ……………………………खाना खाने के बाद सभी लोग अपने अपने घर चले गये…….कमला ने कहा कि मे सुबह आऊँगी….क्योकि मे काफ़ी थक चुकी हू….राज ने उसका वही रहना उचित समझा…..राजेश ने पार्टी अटेंड की नही थी…क्योकि कल उसे मुंबई के लिए फ्लाइट पकड़नी थी……इसलिए वो अपने प्रॉजेक्ट पर काम कर रहा था…रात 1 बजे तक काम किया…….उसे पता ही नही रहा कि आज डॉक्टर. नेहा का बर्तडे है…वैसे रश्मि ने दो बार फोन करके बता दिया था……पर वो समय पर ना आने का खेद प्रकट कर चुका था डॉक्टर. नेहा को…………………
राज एक ऑटो लाया और उसपर रश्मि और खुद बैठकर घर आ गये…..दोनो काफ़ी थके हुए भी थे….राज ने थोड़ी सी पी भी रखी थी….और रश्मि भी…..ऑटो मे दोनो ऐसे बैठे हुए थे कि ऐसा लगता था कि दोनो पति-पत्नी हो या प्रेमी-प्रेमिका हो……
ऑटो ड्राइवर= शहाब, कहा चलु?
राज: साउत एक्स्ट.
ड्राइवर ने साउत एक्स्ट की ओर ऑटो को दौड़ा दिया…..राज ने मोके को देखते हुए रश्मि को बाँहो मे लेलिया और उसके होंठो को किस करने लगा…रश्मि को राज के मुँह से शराब की बदबू आ रही थी…उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया और बोली: ठीक से बैठो….ड्राइवर देख रहा है…पर अपना हाथ राज की जाँघ पर रखे रखा……और राज उसके हाथ को अपने लंड पर रगड़ने लगा…..
रश्मि को अच्छा लग रहा था…..वो कुच्छ नही बोल रही थी….बीच बीच मे राज रश्मि को किस कर रहा था……घर के पास आते ही ऑटो ड्राइवर को पेमेंट कर दिया…ऑटो-ड्राइवर उसे घूरते हुए चला गया….रश्मि और राज घर मे घुस गये…………….रश्मि को अजीब सा लग रहा था….वो दूबिधा मे थी कि अगर राज पहल करेंगे तो वो क्या करेगी….वैसे मन तो उसे भी कर रहा था….कि चाहे जो हो……..सेक्स मे आगे बढ़ेगी…पर वह राजेश को धोखा नही दे सकती थी….राजेश जो करता है, किसी के साथ सोता है वो उसका कर्म है मेरा कर्म क्या है….वो लड़का है….समाज उसे कुच्छ नही कहेगा….पर मे एक स्त्री हू….किसी की पत्नी हू, किसी की बहू हू, किसी की बेटी हू….अगर बात खुलेगी को मेरे मम्मी पापा क्या कहेंगे…और फिर कमला दीदी क्या कहेगी….जो कि मुझे अपनी बहन से भी ज़्यादा प्यार करती है…..यही उधेड़ बुन मे उसने घर के अंदर प्रवेश किया और भाग कर अपने कमरे मे चली गयी और अंदर से दरवाजा लॉक कर लिया…..राज को समझ मे नही आया कि क्या हो गया अचानक रश्मि को….वो रश्मि के दरवाजे तक आया और बोला:
राज: रश्मि….एवेरी थिंग ईज़ अलराइट???? कोई दिक्कत है?
रश्मि: जी नही…आप भी सो जाओ…सुबह बात करेंगे…
राज:पर हुआ क्या??? ये तो बताओ…अचानक रिक्ट क्यो कर रही हो
रश्मि: वो आप जानते है…..
राज: क्या???? सॉफ सॉफ बताओ
रश्मि: ऑटो मे जो कुच्छ भी हुआ वो ठीक नही है….हमारा रिश्ता इसके लिए इज़ाज़त नही देता….
राज: मे इसपर कुच्छ सफाई नही दूँगा….दर असल ये समय की माँग है और उम्र का तक़ाज़ा है….तुम भी जानती हो और मे भी कि हम अपने अपने पार्ट्नर से खुस नही है….
रश्मि: आप को किसने कह दिया कि हम खुस नही है….मे अपने पति से बहुत खुस हू…….
राज: वो तो तुम्हारी ज़ुबान कह रही है पर क्या तुम्हारा शरीर तुम्हारा साथ दे रहा है….क्या तुम वाकई खुश हो….तो फिर उस दिन क्या हो गया था तुम्हे जब तुम मेरे बाथरूम मे घुस गयी थी….
रश्मि: आपका बाथरूम नही मेरा बाथरूम था….आप आए थे मेरे बाथरूम मे
राज: हां….हां…तुम्हारा….पर तुम बाथरूम मे क्यो आई…..तब मे नहा रहा था………………
क्रमशः
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