RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
स्मृति ना बोलना ही उचित समझा…..अब राजेश ने उसके उप्पर सवार हो गया…और अपने लंड का टोपा उसके होंठो से थोड़ी दूरी पर लहराया…..स्मृति को उसकी स्मेल बहुत मादक लग रही थी…..स्मृति का मन तो कर रहा था कि उसके लंड को चूम ले और चाट ले…पर ना जानेक्यो वो ऐसा नही कर पारही थी… अब राजेश ने अपने लंड को और नज़दीक कर दिया…..इतना नज़दीक कि उसके लंड का सूपड़ा स्मृति के होंठ से टकरा गया……स्मृति ने आह किया और फिर अपने होंठ खोल दिए…लंड सीधा उसके मुँह मे चला गया..पर फिर उसने निकाल दिया…….उसे उल्टी लगने लगी…………………………स्मृति उठ गयी…..खाँसते खाँसते उसका बुरा हाल हो गया……राजेश भी घबरा गया…..सोचा…अगर लोग उठ गये तो क्या होगा…..रश्मि क्या सोचेगी…..तभी उसने पानी का ग्लास ले कर उसे दिया……स्मृति ने एक घूँट पानी पिया …उसके बाद वो नॉर्मल हो गयी…..
राजेश: आंड एनी प्राब्लम………………………..पर स्मृति कुच्छ बोली नही………………
थोड़ी देर खामोशी के बाद राजेश ने उसके सिमिलर सो गया और उसके चुचियो से खेलने लगा………………..
राजेश अब स्मृति के चुचियो से खेलते हुए उसे किस करने लगा…स्मृति भी अब नॉर्मल हो गयी थी क्योकि वो एक बार झार चुकी थी….राजेश का लंड काफ़ी बड़ा हो गया था….अब उसे बर्दास्त नही हो रहा था…वो एक हाथ से स्मृति की चूत के दाने को कुरेदने लगा…फलस्वरूप स्मृति की नाक फड़कने लगी…..उसके मुँह से आहह ऊहह की आवाज़ निकलने लगी…जिससे राजेश को पता चल गया कि लोहा गरम है……हथोडा मारने का समय आ गया है…… राजेश स्मृति की जाँघो के बीच बैठ गया लंड को अपने हाथो मे लेकर स्मृति की चूत के होंठो पे रगड़ा…स्मृति के पूरे शरीर मे करेंट सा लगा….वो अपनी जंघे सिकोड़ने लगी……राजेश ने अपने लंड को स्मृति के चूत पे लगाया और एक ज़ोर का शॉट मारा…लंड सीधा चूत के अंदर 4 इंच चला गया……चूँकि स्मृति मॅरीड थी पर 2 साल से वो विधवा थी इस वजह से उसकी चुदाई नही हुई थी…पर आज उसकी चूत कसी सी लग रही थी……चूत की दीवार काफ़ी सख़्त थी….परंतु रस से भरी रहने के कारण राजेश को आसानी हुई लंड को अंदर घुसाने मे………………..अब उसने स्मृति की आँखो मे झाँकते हुए कहा:
राजेश: मेरी जान कैसा लग रहा है….
स्मृति कुच्छ नही बोली………..अहमम्म्म सिर्फ़ मुस्कुरा दी….
राजेश ने अब और ज़ोर से धक्का मारा…पूरा लंड उसके अंदर चला गया…………राजेश ने दुबारा कुरेदना चाहा…….अब बताओ मेरी जान….मेरी रानी और उसके होंठो को अपने होंठ मे लेकर चूसने लगा….और उसके चुचियो को दबाने लगा……..
स्मृति आसमान मे तैरने लगी……….अब 2 साल बाद उसकी चूत की चुदाई हो रही थी…..तुम बाकाई खिलाड़ी हो सेक्स के….मे मान गयी…सिर्फ़ इतना ही कहा………….मुझे पटा कर बिस्तेर तक ले आए……….
राजेश: मेरी रानी आगे आगे देखो होता है क्या………वैसे तुम्हे मालूम ही होगा कि रश्मि आज कल अपने जेठ से चुदवा रही है……………
स्मृति: क्या???? ये मुझे नही मालूम और अपनी नज़रे चुराने लगी.
राजेश: मुझे सब मालूम है कि तुम सब जानती हो…हा ना….
स्मृति: अगर मालूम है तो तुम पुच्छ क्यो रहे हो
राजेश: इसलिए कि मे तुम्हारे मुँह से सुनना चाहता हू
स्मृति: हां उसने मुझे बताया था..जब वो मस्सूरी मे थी…..आपको बुरा तो नही लगा?
राजेश: अरे नही…..दरअसल मेने ही उसे ऐसा करने को कहा था….
स्मृति: पर क्यो? दुनिया मे कोई भी पति अपने पत्नी को किसी और के बाँहो मे नही देखना चाहता ….तो फिर आप क्यो? मुझे समझ मे नही आया…
राजेश: मे किसी को यू तड़प्ते नही देखना चाहता…मे मुंबई गया था 15 डेज़ के लिए…मे नही चाहता कि मेरी गैर-हज़ारी मे मेरी वाइफ किसी चीज़ (लंड) के लिए तडपे.
स्मृति: ग्रेट…..अब तो धक्के लगाओ……..
राजेश: पर कहाँ?
स्मृति: मेरी चूत मे….(खुस)
राजेश: हाआ …ये लो आह…और वो लंड को पूरा निकाल कर ज़ोर से पेल दिया…..स्मृति चिहुनक गयी…..
स्मृति: अरे बाबा धीरे धीरे …….जान से मारने का इरादा है क्या?
राजेश: नही मेरी जान ….जानसे मारूँगा तो मे ही मर जाऊँगा…..तुम बहुत खूबसूरत हो और ये तुम्हारी चूत…….वाह क्या कहने
स्मृति: और ये चुचिया…इनके बारे मे क्या ख्याल है?
राजेश: वाह री साली….बन गयी छिनाल….चुदक्कर…
स्मृति: माइंड युवर लॅंग्वेज….ऐसी बाते मत करो
राजेश: अरे मेरी जान तुम तो नाराज़ हो गयी ….मे तो ऐसे ही बोल रहा था……….चुदाई के दौरान ऐसी बाते बोलने से जोश और बढ़ता है…
स्मृति: पर मुझे पसंद नही…..चुदाई के समय सिर्फ़ चुदाई होनी चाहिए…………और अगर ओपन लॅंग्वेज बोलना है तो बोल सकते हो…पर गाली नही…प्लीज़….
राजेश: ओके मेरी जान…सॉरी….
स्मृत: सॉरी की ज़रूरत नही………धक्के लगाओ……………….
राजेश: तो ये लो……और ज़ोर से चोद्ने लगा…….पर ये क्या…..खलास……………और धदाम से स्मृति पर गिर गया……………………..
स्मृत: ये क्या किया आपने….? टे टाय फिश……………….
राजेश को शर्मिंदगी हुई…वो कुच्छ नही बोला…सिर्फ़ ज़ोर ज़ोर से हाफने लगा………सॉरी डार्लिंग…कभी कभी ऐसा हो जाता है…………पर तुम परेशान मत हो….1 घंटे. के बाद फिर प्रोग्राम सुरू करूँगा…
पर स्मृति तो पागल सी हो गयी….वो अपनी चूत मे उंगली करने लगी…..थोड़ा राहत हुआ…फिर दौड़ कर बाथरूम मे चली गयी………………………..थोड़ी देर बाद वापस आई……राजेश सो चुक्का था….
स्मृति उसे गौर से देखते हुए सोचने लगी…………………..कैसा आदमी है….? छ्हीईईइ
तभी उसके दरवाजे पर दस्तक हुई….वो चौक गयी….दौर कर गाउन पह्न लिया और राजेश के शरीर पर एक चादर ढँक दिया…….और जा कर दवाजा खोलने लगी……………
दरवाजे पर रश्मि थी…..अंदर आते ही बोली……………..क्या हुआ…तुम चीखी क्यो…………?
स्मृति: ये बात तुम अपने हज़्बेंड से पुछो….मुझे बीच भवर मे छोड़ कर सो गया…
रश्मि सब समझ गयी….पर बोली कुच्छ नही…….तुम सो जाओ ..सुबह बात करते है….और वो चली गयी.
स्मृत: पर मे यान्हा नही सोना चाहती….
रश्मि: तो फिर उप्पर वाले कमरे मे चली जाओ……
और स्मृति वन्हा से चली गयी…पर उसके अंदर एक क्वेस्चन उभार गयी…कि राजेश को आख़िर क्या हो गया है….इतने बड़े लंड का मालिक..और ये हाल………………………..चीईईईईईईईईईईईईईईइ
इससे से तो अच्छा होता कि मैं विडो ही रहती…कम से कम तो समाज का डर तो नही होता….उसने फ़ैसला किया कि वो सुबह ही यान्हा से चली जाएगी…………………..और वो सोने की कोशिश करने लगी………………………
सुबह राजेश जल्दी उठ गया और बिना किसी को बिना बताए चला गया….जब रश्मि रूम मे देखी तो पाया कि वो अपने रूम मे नही है……..वो फोन लगाया…पर फोन स्विच ऑफ था…टेबल पर एक कागज का टुकरा था..जिसपर लिखा था “मुझे खोजने की कोशिश मत करना” मे अब तुम्हारे लायंक नही रहा….मे किसी औरत के लायक नही रहा….रश्मि मुझे माफ़ करना.
लेटर पढ़ते ही रश्मि ज़ोर से चिल्लाई…और भागी भागी राज के पास आई…वो सो रहा था…..
रश्मि: भैया…मे बर्बाद हो गयी…ये ना जाने कहाँ चले गये है…ये देखो…लेटर….
राज: ओह्ह्ह्ह (आँख मलते हुए) पर तुम बताओगी हुआ क्या रश्मि ने उसे राजेश का लिखा हुआ कागज थमा दिया राज ने उसे पढ़ा .
राज ने सिचुयेशन को देखते हुए कहा….घबराने की कोई बात नही है….तुम स्मृति को सम्भालो…मे अभी देखता हू…वो शर्ट पहना…और घर से निकल गया…….राज के जाने के बाद कमला और रश्मि ने रूम की तलासी ली …उसके बाद स्मृति को उठाने लगी………………………………………..
स्मृति: दीदी…मे घर जाना चाहती हू…..प्लीज़ मुझे जाने दो
कमला: ठीक है तुम चली जाना..पर जिस काम के लिए तुम आई हो वो तो कर लो……मेरी सिस्टर (डॉक्टर. नेहा) आज 10 बजे क्लिनिक पर आएगी…तुम इलाज करवा लो…….उसके बाद कल तुम्हे ये (राज) देहरादून छोड़ आएँगे. रश्मि ने भी हामी भरी…………………………………………फिर उसने रश्मि से पूछा…
कमला: क्या तुम्हारे साथ भी ऐसा हो चुक्का है….राजेश को कोई बुराई तो नही.
रश्मि: हां दीदी…कई बार हुआ है…पर मे किसी को बताई नही…सोचा शायद जल्दिबाज़ी मे ऐसा हो गया हो…..स्मृति को इसलिए भेजा कि टेस्ट चेंज होने से वो ठीक हो जाएँगे…पर ये तो उल्टा पड़ गया..दीदी (स्मृति) मुझे माफ़ कर दो….तुम्हारी जवानी को मेने ग़लत हाथो मे दिया है……सॉरी फॉर दट.
स्मृति: कुच्छ नही बोली…वो वान्हा से चली गयी बाथरूम मे……………………रश्मि और कमला उसे देखती रह गयी…..उसके जाने के बाद रश्मि ने कमला से कहा….दीदी एक उपकार कर दो…प्लीज़ नही तो ये पगली अपनी जान दे देगी…मे जानती हू इसका गुस्सा……………………..
कमला: मे क्या कर सकती हू…बोलो?
रश्मि: जिस प्रकार मुझ पर एहसान किया है…..मेरी दीदी पर भी कर दो….
कमला: वो किस तरह
रश्मि: (रश्मि ने कान मे बोली) मेरी दीदी की लाइफ बचा लो……….नही तो वो फिर से विडो बन जाएगी.प्लीज़ बचा लो………….
कमला: ठीक है….तुम चाहो जैसा चाहो कर लो…पर घर के बाहर ये खबर नही जानी चाहिए…वरना बदनामी होगी………………………..
रश्मि: नही होगी दीदी…भरोशा रखो..मे हू ना…..थॅंक्स और कमला को गले लगा लिया……………
कमला: दर असल….राजेश थोड़ा भावुक है…और फिर बचपन से ही ये सेक्स के प्रति लापरवाह है…हमलोगो ने सोचा कि शादी के बाद सुधर जाएगा…पर ये तो उल्टा हो गया……………लेकिन अगर तुम्हारी बहन का फायडा होगा तो मे ये त्याग करने को तैयार हू…पर क्या ये मानेंगे(जेठ जी)
रश्मि: वो आअप मुझे पर छोड़ दो….मे देख लूँगी………………………
क्रमशः.....................
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