RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
राज ने अपने धक्को की रफ़्तार को बढ़ा दिया स्मृति के मुँह से ना चाहते हुए भी सिसकारियाँ निकलने लगी प्यासी तो वो पहले से ही थी क्योकि राजेश ने उसे प्यासी छोड़ दिया था
काफ़ी झटके खाने के बाद दोनो स्खलित हो गये....स्मृति पसीने पसीने हो गयी..थी राज भी पसीने से लत-पथ हो गया था....पर दोनो काफ़ी सटिसफेड थे...स्मृति के चेहरे पर एक सुकून था....वही राज के चेहरे पर एक शरारत......वो उसकी आँखो मे झाँककर बोला...
राज:मेडम, अब बताओ...कैसी लगी..
स्मृति: सिर्फ़ शरमाते हुए...धत्टत्त..........आप बहुत बदमाश है...मुझे कही का नही छोड़ा...अब मे क्या करू.........मे तो बर्बाद हो गयी
राज: बर्बाद हो गयी या आबाद
स्मृति: मुस्कुराते हुए...आप एक न. के बहन-चोद हो...अपनी बहन को चोद्ते हो..और अपनी छ्होटी बहू को भी
राज: तो फिर इसमे बुरा क्या है.?? मे जो कुच्छ भी करता हू पार्ट्नर की रज़ामंदी से...ये फर्स्ट टाइम है कि मुझे सख्ती करनी पड़ी.....मे चाहता नही था...पर कोई चारा भी तो नही था...क्योकि तुम इतनी आसानी से मेरे लंड के नीचे आ नही सकती.................आइ आम सो सॉरी
स्मृति: अब सॉरी बोलने से क्या फ़ायदा...अब तो मे लुट चुकी हू..........
थोड़ी देर एक दूसरे को सहलाने के बाद....राज ने स्मृति खींच कर अपनी बाँहो मे ले लिया....और उसके होंठो को चूमने लगा.....
स्मृति: अब तो छोड़ो.....सुबह के 4 बज रहे है...
राज: एक बार और....
स्मृति: नही...अब तक 3 बार हो चुका है...और फिर मे भी थक चुकी हू
राज: पर मे एक बार और लेना चाहता हू.
स्मरती: प्लीज़ ट्राइ टू अंडरस्टॅंड....मेरी योनि मे दर्द हो रहा है...
राज: वो ठीक हो जाएगा....कई साल से न्ही चुदाई हो ना इसलिए ऐसा हो रहा है...इसका इलाज़ चुदाई ही है.....इस बार चोद्ने दो...देखना दर्द ठीक हो जेएगा.
स्मरती: तुम्हे कैसे पता?
राज: बस पता है....मेने अपने जीवन मे कई लड़कियो..औरतो को चोदा है...एक्षपीरियंस है.भाई.....
स्मृति: ह्म्म्म्म तुम काफ़ी चोदु इंसान हो....
राज: वो तो मे हू ही....पर तुम भी कम नही हो....जिस तरह पहले नखरे कर रही थी...और फिर सेक्स के लिए साथ दे रही थी....उससे यही अंदाज़ा लगाया जा सकता है..............
स्मृति: वो तो एग्ज़ाइट्मेंट थी......वैसे राजेश से भी ऐसा हुआ था...पर उनके केस मे वो बाजी हर गये थे...और आप जीत गये.....ऐसा क्यू????
राज: वैसे इसलिए है...कि मेडान मे उतरने से पहले काफ़ी तैयारी कर लेनी चाहिए......अपने एमशन को कंट्रोल मे रखना चाहिए....और ज़्यादा वक़्त ओरल सेक्स और सेडक्षन मे लगाना चाहिए...ना कि फिज़िकल टच....मे...
स्मृति;ह्म्म्म्म आप तो सेक्स के देवता हो...
राज: और तुम मेनका....मे अब तुमसे प्यार करने लगा हू..और उसपर चढ़ गया..अपना लंड उसकी चूत पर लगाया और इसबार ज़ोर ज़ोर से चोद्ने लगा.....स्मृति भी काफ़ी हेल्प करने लगी....और करीब 30 मीं की चुदाई के बाद दोनो एक बार और झार गये........झरने के बाद दोनो एक दूसरे पर ढेर हो गये...और सुबह के 8 बजे तक दोनो सोते रहे.........................................................................
सुबह 8 आम रश्मि ने चाय लेकर कमरे मे आई....उस समय स्मृति और राज दोनो एक दूसरे की बाँहो मे नंग-धरन्ग सो रहे थे.....सुरू मे तो रश्मि ठितकी...उसे लगा कि अभी नही जाना चाहिए...पर उसने कुच्छ सोचते हुए वो बेड के पास टेबल पर चाय का ट्रे रख दिया...और फिर स्मृति और राज को उठाने लगी.....राज उठ गया...पर स्मृति नही उठी....वो शायद गहरी नींद मे जो थी.
रश्मि ने एक स्माइल देते हुए कहा....कनग्रॅट्स..........राज ने थॅंक्स कहा और धीरे से उठने की कोशिश की....ताकि स्मृति नही उठ सके...उसकी गांद तक चादर डाल दी....पर चुचिया नंगी ही थी.....उसे ढँकने की कोसिस राज ने नही की...और फिर वो बेड से बाहर बिल्कुल नंगा आ गया....लंड अभी भी लोहे की रोड लग रहा था...राज ने आगे बढ़ कर रश्मि को गले लगा लिया...और उसके होंठो को चूमने लगा.....
रश्मि: हटो...ये क्या कर रहे हो....जाओ फ्रेश हो लो....फिर चाय पी लेना...मे जा रही हुउऊउ...जैसे ही टर्न की राज ने उसे अपनी गोद मे उठा लिया और वही बेड पर पटक दिया और उसके उपर चढ़ गया.....स्मृति उठ गयी....उसने देखा कि रश्मि रूम मे आ चुकी थी....और राज उसके उपर चढ़ा हुआ है....वो शरमाते हुए वन्हा से बाथरूम भाग गयी....
रश्मि: ये क्या करते हो...छोड़ो मुझे...दीदी क्या सोचेगी..
राज: अरे मेरी जान कुच्छ नही सोचेगी...देखा नही कितनी खुस दिख रही है...अब वो मेरे लंड की रानी बन गयी है....ज़्यादा मत सोचो...अब तो वो चाह करकेभी इस रूम से नही जा सकती.....
रश्मि: यही तो मे चाहती थी...कि आप उसे पूरा मर्दाना सुख दो...ताकि वो समझे कि जीवन जीने के लिए है...यू किसी के लिए खराब करने के लिए नही....जाने वाले चले गये...उसे याद करके क्या फयडा.....................
राज: ह्म शायद तुम ठीक कह रही हो...पर मुझसे एक पाप हो गया है..
रश्मि: कैसा पाप....??
माएःस;मेने उसके साथ जानवरो जैसा बीहेव किया है....क्या सोचेगी?
रश्मि: कुच्छ नही सोचेगी.....जब कोई मर्द ...औरत के साथ जानवरो जैसी चुदाई करता है...तो औरत को मज़ा आता है.....और जब मज़ा आता है तो वो सारे गिले सीकवे भूल जाती है............दीदी के साथ भी कुच्छ ऐसा ही हुआ है....तभी वो आपके साथ सुबह तक 4 बार चुदाई है....वरना कोई एक बार भी चोद्ने ना देती.
राज: ये तो तुम ठीक कह रही हो....
रश्मि: अब आप उठेंगे...मे नहा चुकी हू....
राज: नही...मुझे चोद्ना है?
रश्मि: अरे बाबा...सुबह के 9 बज चुके है...नाश्ता बनाना है...दोपहर मे कर लेना.....अब उठ जाओ मेरी जान.
राज: ह्म्म्म्म एक किस दे दो...तब
रश्मि: ये लो...ऊऊऊऊऊऊऊओंम्म्मममम और वो उठ कर वन्हा से भाग गयी....तब तक रूम मे स्मृति भी आ गयी..............वो राज से नज़रे नही मिला पा रही थी...उसने गुम-सुम चाय का प्याला लिया और पीने लगी....
राज: कैसा लगा????
स्मृति: क्या?
राज: चाय?
स्मृति: ठीक है
राज: और मेरा वो?
स्मृति: वो?? मतलब???
राज: मतलब....लंड
स्मृति: हमम्म्ममम नाइस....और वो शर्मा कर भाग गयी.....राज ठहाका मार कर हस्ने लगा............
चाय पीकर राज बाथरूम मे चला गया....फिर फ्रेश हो कर नीचे डिन्निंग टेबल पर बैठ गया...जहा घर के सारे सदस्य बैठे थी..और उनका इंतेज़ार कर रहे थे.
कमला: सुनो जी...मैं 2-3 दिन के लिए गाज़ियाबाद जाना चाहती हू..नेहा ने बुलाया है....बोल रही थी कि उसकी कमर मे दर्द है...और ब्लीडिंग भी हो रही है.
राज:अरे ......वो डॉक्टर है...तुम वन्हा जाकर क्या करोगी.
कमला: हेल्प के लिए बुलाया है.
राज: कैसी हेल्प?
कमला: उसके घर मे कोई नही है....उसका पति देल्ही से बाहर गया हुआ है....अकेली घर मे रहती है........
राज: ह्म्म्म्मम......ठीक है चलो...मे भी मिल लूँगा.....साली साहिबा कई दिन से क्लिनिक नही आ रही है...क्या बात है...मे सोच रहा था कि कही घूमने गये होंगे....नयी नयी शादी है....हनिमून ..या और कही......अच्छा भाई मे चलता हू...जाते वक़्त चलेंगे....तुम तैयार रहना....और वो वन्हा से चला गया.
रश्मि और स्मृति भी अपने कमरे मे आ गयी.....
क्रमशः..........................
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