RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-15
राज रूम मे आया तो देखा कि मिरर के सामने स्मृति और ब्रा का हुक लगा रही है …वो बार बार अपना दोनो हाथ पीछे ले जाकर हुक लगाने की कोशिश कर रही थी……ये सीन देख कर कर राज को जोश आ गया…..क्या सीन था…उसने मिरर मे देखा….स्मृति की दोनो चुचिया….आज़ादी के लिए मिन्नते माँग रही थी…..कि आओ और मुझे मुक्त कराओ….ये मुझे मार डालेगी………………
राज: अरेरररीएरएरीई ये क्या कर रही हो….क्यो इन बेचारो पर इतना ज़ुल्म करती हो….देखो कैसे लाल हो गये है…ये दोनो……………..छोड़ो इसे मे कुच्छ करता हू….और ब्रा का स्ट्रॅप अपने हाथो मे लेना चाहा…तभी स्मृति ने उसे धकेल दिया………………….
स्मृति: खबरदार जो इन्हे च्छुआ…….तुम्ही ने इन्हे बिगड़ दिया है..हमेशा आज़ाद रहने को कहते है…मे क्या करू?….और फिर ये बिगड़ जाती है तो हमारी मुनिया भी बिगड़ जाती है….और आप को क्या है…..मतलब निकल जाने के बाद……….कोई मरे…या कोई जिए…उससे आपको क्या मतलब?
राज: अरे बाप रे….ये तो आग और धुआ दोनो साथ साथ है…..रब मुझे बचाए इन हसिनाओ से.
मेडम क्या बात है…..क्या मेरा कसूर है….क्यो मुझपर इल्ज़ाम लगा रही हो? अब देखो इस बेचारे को…जो तुम्हे देख कर आहे भर रहा है..
स्मृति: अरे बाप रे…ये तो हमे खड़े खड़े निगल जाएगा….ऐसे देख रहा है जैसे मानो खा जाएगा……पर है बहुत प्यारा……आइ लव इट.
राज: अब तुम आए हो लाइन पर….कितने नखरे कर रही थी….पर आइ आम अगेन सेयिंग “सॉरी फॉर दा दट” मुझे बिल्कुल अच्छा नही लगा…तुम्हारे साथ ज़ोर-ज़बरदस्ती करते हुए.
स्मरती: कोई नही….मुझे पता है कि आपलोगो ने जो भी किया है मेरे लिए…मेरी भलाई के लिए…मेरी लाइफ के लिए….थॅंक यू सो मच……सेक्स करने के बाद मेने जाना कि प्यार क्या होता है….मर्द का सुख क्या होती है.आपका और रश्मि का सुक्रिया …जो हमे जीना सिखाया.
राज: मेने जो कुच्छ भी किया रश्मि के कहने पर किया...और ये मेरा फ़र्ज़ भी था.....वाकई तुम बहुत हॉट लेडी हो...चोद्ने मे मज़ा आ गया क्या मस्त माल है...क्या मस्त चूत है.....
स्मृति: च्चिईीई....कितनी गंदी बाते करते हो
राज: क्यो...तुम्हे अच्छा न्ही लगा
स्मृति: ह्म्म पर मुझे कुच्छ कुच्छ होता है
राज: तो हो जाने दो.....कौन रोक रहा है
अच्छा छोड़ो ये लो लगाओ ब्रा का हुक
राज: ओह...हो....क्यो परे शान कर रही हो...अच्छा लाओ...और राज ने ज़ोर से खींच कर लगा दिया....बूब्स टाइट हो गयी....स्मृति ने यू तुर्न ले कर के अपनी बाँहे राज के गले मे डाल दी और उसके होंठो पर अपने होंठ रख लिए और चूसने लगी....दूसरी तरफ राज भी इसे आगोश मे ले कर उसके होंठो को चूसने लगा...साथ ही उसकी चुचियो से खेलने लगा.....स्मरती का एक हाथ उसके लंड पर था और दूसरा हाथ उसके सीने पर....दोनो फोरप्ले कर रहे थे...तभी रश्मि ने तालिया बजाई और कहा...खाना लग गया है....सॉरी फॉर इंट्रप्ट....पर खाना खाने के बाद अपना प्रोग्राम सुरू कर सकते है......
दीदी चले???
स्मरती: ह्म ठीक है...चलो
राज: ऐसे ही?
स्मृति: क्यो?
राज: सिर्फ़ ब्रा और पेटिकोट मे ही?
स्मृति: तो कौन सा सिनिमा देखने जा रही हू..घर मे ही तो हू...और फिर रश्मि को देखो...गाउन मे है सुबह से
राज: अरे नही मे तो ये कह रहा था कि आज कुच्छ स्पेशल करे क्या?
स्मृति: स्पेशल>>>> क्या?
राज:ह्म चाहते है कि तीनो बिल्कुल नंगे....हो जाए और जो मर्ज़ी आए वो करे....क्या कहती हो?
स्मृति: तुम्हारे सामने तो मे हो जाऊंगी...पर रश्मि के सामने मुझे शर्म आएगी.
राज: नही आएगी...मे हू ना.....और फिर रश्मि भी तो यही चाहती है....हम तीनो आज जी भर के सेक्स करेंगे...और जो मर्ज़ी होगी वो करेंगे...मंजूर?
स्मृति: ह्म्म्म्म अब मे भी आपके दौर मे शामिल हो गयी हू
जो चाहे वो करो..पर मर्यादा का ध्यान रखो.
राज: अरे मेरी जान चुदाई ही करेंगे...कारगिल लड़ाई करने नही जाएँगे.....तुम चिंता मत करो....बस मज़े लुटो....
अगर तुम्हारी इज़ाज़त हो तो ये ब्रा खोल दू?
स्मृति: अभी नही खाना खने के बाद....
राज ने अपने आपको समझाया...बेटा समय से पहले जल्द बाजी मत करो...उल्टी पड़ेगी...और फिर घी खुद दाल मे गिर रहा है तो उंगली क्यो टेढ़ी करे....?और मुस्कुरा कर वन्हा से चल दिया.
डिन्निंग टेबल पर रश्मि खाना लगा चुकी थी…..राज एक नेकेर पहने हुए था और आते ही सबसे पहले रश्मि को अपनी बाँहो मे लिया और उसके होंठो की चूमने-चूसने लगा……..रश्मि भी उनसे लिपट गयी और अपनी बाँहो का हार उन्हे पहना दिया…तभी रश्मि चौंक गयी…..क्योकि स्मृति सिर्फ़ एक ब्रा और पॅंटी मे सामने दिखी……आज पहली बार अपनी बड़ी बहन को इस रूप मे देख रही थी…वाउ…क्या ग़ज़ब का रूप था स्मृति का…..रश्मि अस्चर्य चकित रह गयी….
जब राज ने देखा तो उसे भी आनी बाँहो मे ले लिया….और कहा….
राज: ये रही ना बात…. क्या मस्त जवान है तुम्हारी……
स्मृति: सब आपका आसिर्वाद है…..
रश्मि: सिर्फ़ इनका ही नही मेरा भी है
स्मृति: ऑफ कोर्स यू ऑल्सो….
रश्मि:….थॅंक्स मेरी मा
राज: अरे यार तुम दोनो बाते ही करोगी भी या कुच्छ खिलाओगी.
रश्मि: अरे हां…खाना लगा है आ जाओ.
रश्मि खाना लगाने लगी…3 प्लेट लगाया…..पर राज ने कहा…नही सिर्फ़ 1 प्लेट होगी…और हम एक दूसरे को खिलाएँगे….और वो भी ज़मीन पर….
रश्मि:ये क्या बात हुई….? ज़मीन पर क्यू….टेबल पर क्यो नही
राज: इसलिए मेरी जान कि तुम दोनो मेरी गोद मे बैठकर खाना खओगि….और तुम दोनो ही मुझे खिलाओगी …और वो भी अपनी हाथो से नही ….अपने होंठो से….
रश्मि: ये क्या बात हुई…?? मेरे होंठो से खाएँगे….क्या मेरा जूठा खाएँगे?
राज: तो क्या हुआ….? अगर मे तुम्हारे होंठ चुसूंगा तो क्या वो जूठा नही होगा….तो फिर खाना खाने मे क्या है.
रश्मि: जैसी आपकी मर्ज़ी…..
रश्मि ने ज़मीन पर चादर बिच्छाया…..और राज, स्मृति और खुद बैठ गये…खाने को ज़मीन पर ही लगाया….एक तरफ रश्मि और दूसरी तरफ स्मृति………………….खाने को प्लेट मे लगाने के बाद रश्मि ने एक रोटी का टुकरा उठाया….और राज की तरफ बढ़ाया….
राज: अहहाा…मेडम…अपने होंठो से..ना कि हाथो से….
रश्मि : ओह यस….और रोटी का टुकड़ा अपने मुँह मे दबाया और फिर राज के होंठो के पास आ गयी…..पर बगल बैठे रहने से कनफ्र्टबल फील नही कर रही थी…..राज ने उसे कहा…तुम मेरी गोद मे आ जाओ एंटी डाइरेक्षन मे……रश्मि उठ कर उसकी गोद मे बैठ गयी रश्मि की चूचियाँ राज की छाती से टच करने लगी….रश्मि की चूत….राज के लंड पर दबने लगी.
पर गाउन की वजह से रश्मि को दिक्कत होने लगी…..राज ने कहा…डार्लिंग गाउन उतार दो….रश्मि ने मुस्कुराते हुए स्मृति को देखा….स्मृति ने भी मुस्कुराते हुए हामी भर दी…..रश्मि ने उठ कर अपना गाउन बड़ी अदा से उतारा…फिर राज के सर पर रख दिया….राज ने उसके गाउन को अपने लंड पर रगड़ा और फिर स्मृति के उप्पर फेंक दिया……स्मृति ने उसे टेबल पर रख दिया……रश्मि सिर्फ़ ब्रा और पॅंटी मे कयामत लग रही थी….भरा भर बदन, टाइट चुचिया…..(36द साइज़ की) और मोटी गांद पॅंटी के उप्पर से काफ़ी सेक्सी दिख रही थी….रश्मि ने अपने बदन को तोड़ते हुए टर्न किया जिससे रश्मि की गांद राज की नाक के पास आ गयी….राज गांद की गहराई मे अपनी नाक ले गया और सूंघने लगा…क्या मस्त सेंट थी….चूत के रस और गांद की गंध आ रही थी राज को ….जो कि काफ़ी मादक लग रही थी……अब उसने आगे बढ़कर रश्मि को टर्न किया जिससे उसकी चूत उसकी नाक के सामने आ गयी उसको भी ऐसा ही किया………..उधेर रश्मि को गुदगुदी हो रही थी….क्या कर रहे हो??? गुदगुदी हो रही है…..कुच्छ नही मेरी जान…? प्यार कर रहा हू….एक बात तो है…मे तुम्हारे बाप को धन्याबाद देना चाहता हू…क्या मस्त कुड़ी पैदा की है…मे तो जन्नत का सैर कर रहा हू…..भाई वाह क्या मस्त माल है.
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