RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
इनस्पेक्टर शर्मा के जाने के बाद कई सवाल रश्मि के दिमाग़ मे आने लगे….ये झांट के बाल कहाँ से आ गये….जहा तक मालूम है……मे तो इतनी लंबे झांट रखती नही….और ना ही स्मृति दीदी की है और ना ही कमला दीदी की…..राजेश और राज के भी नही है इतने लंबे बॉल……..तो फिर ये है किसके…..?????
क्या ये कही सिर के बाल तो नही??? अगर ये सिर के बॉल है…तो पॅंटी मे क्या कर रहे है…… तभी उसे ख्याल आया….राजेश अक्सर कहता था कि उसकी एक फ्रेंड जो उसके साथ काम करती है (रंभा) उसके बाल काफ़ी लंबे है….तो क्या ये उसके बाल है? और ये पॅंटी भी??? तो फिर मेरे घर मे कैसे आए…..??
ओह माइ गॉड……अब तो मुझे कुच्छ करना होगा……इनस्पेक्टर सही कह रहा है..मेरे हज़्बेंड को पहले अगवा किया गया और फिर उसे रिवर मे लेजाकार कोई उसे धकेल दिया है…ज़रूर कोई लड़की का मामला होता है……तभी कुच्छ सम्झ बुझ कर अपने जेठ (राज) को फोन किया और पूरी बातो को बता दिया…..
राज: देखो…..जल्दिबाजी करने की ज़रूरत नही है…और ना ही कोई क्लू पोलीस को दो…मे अभी आ रहा हू….तब मिल कर बाते करते है और कोई रास्ता बताते है….अगर मेरे भाई का कत्ल हुआ है तो मे जहन्नुम से भी कातिल को पकड़ लूँगा…तुम चिंता मत करो……मेरे एक दोस्त है …जो कि डिटॅक्टेटिव का काम करता है……..मे अभी आया….तुम वेट करो………………………और राज जल्दी ही ½ घंटे मे घर आ गया….आते ही वो रश्मि से लिपट गया और फिर पूरी बातो को बिस्तार से पूछा……………………………………………………………………..
राज:ह्म्म्म्म ये तो बहुत गंभीर मामला है? पोलीस को बताना होगा….वरना कातिल देश से भाग भी सकता है…………..क्या कहती हो?
रश्मि: ये ही तो मे भी चाहती थी…..पर मे डरती हू कि कही आपके और मेरे, आपके और दीदी के संबंध कही सामने ना आ जाए…………………….??
राज: उसकी चिंता मत करो….. अभी ज़रूरत है…कातिल को पकड़ना…एक इंसान का कत्ल हुआ है…और कातिल सरेआम घूम रहा है…..तुम जल्दी से इनस्पेक्टर शर्मा को फोन लगाओ…………………………
रश्मि: ठीक है अबी करती हू….और इनस्पेक्टर शर्मा को फोन करके सारी बातो को बता दिया……….
इनस्पेक्टर शर्मा: क्या तुम मिस. रंभा का आडड्रेस दे सकती हो.?
रश्मि: आडड्रेस तो है नही…पर उसका मोबाइल नम्बेर. है मेरे पास..
इनस्प. शर्मा: जल्दी से भेजो….
रश्मि ने स्मस कर दिया……..इनस्पेक्टर शर्मा ने नो. लगाया पर नंबर. एंगेज जा रहा था…बार बार नंबर. लगाने के बाद एक बार रिंग बज गयी……फोन कोई मेल पर्सन ने उठाया…………………
इनस्पेक्टर शर्मा: क्या मे मिस. रंभा से बात कर सकता हू. आप कौन बोल रहे है?
जी..मे कारण मल्होत्रा बोल रहा हू सीएमएस कंप्यूटर से
इनस्पेक्टर शर्मा: मे मिस. रंभा के बारे मे कुच्छ जानना चाहता हू
कारण: सर उसने तो ऑर्गनाइज़ेशन छोड़ दिया है.
इनस्प. शर्मा: व्हाट?
कारण: हां…कुच्छ क्रिमिनल आक्टिविटीस मे इन्वॉल्व थी तो बॉस ने उसे निकाल दिया.
इनस्प. शर्मा: कॅन आइ हॅव सम इन्फो रेग मिस्टर. राजेश कुमार, हू ऑल्सो वर्क्ड वित युवर ऑर्ग.
कारण: ही ऑल्सो लेफ्ट ऑर्गनाइज़ेशन.
इनस्प. शर्मा: कब निकाला गया जॉब से?
कारण: नेक्स्ट फ्राइडे को (यानी 12 को)
इनस्प. शर्मा: ओह माइ गॉड…..सॅटर्डे को वो घर से गायब हुआ…और वेडनेसडे को उसकी लास पोलीस को मिली….ये क्या चक्कर है.
इनस्पेक्टर शर्मा: क्या ये बता सकते हो कि अभी मिस. रंभा कहाँ मिलेंगी..
कारण: सॉरी सर…नो हॅव एनी इंडिविजुयल इन्फर्मेशन….वाइ-दा-वे क्या आप अपना इंट्रोडक्षन दे सकते है?
इनस्प शर्मा: मे इनस्पेक्टर राज कुमार शर्मा, न्ड्स पोलीस स्टेशन से बोल रहा हू.
आंड एइज यू अवेर….मिस्टर. राजेश का कत्ल हो गया है….
कारण: व्हाट????????????????????????????????
इनस्प शर्मा: जी…और उसी केस के सिलसिले मे बात कर रहा था…..और होप सो आगे भी आप हेल्प करते रहेंगे…
कारण: शुवर सर…………………………..मे तो इस ऑर्गनाइज़ेशन मे नया हू….पर जितनी जानकारी होगी …ज़रूर प्रवाइड कराऊंगा……
और फोन काट दिया…….और फिर कारण ने अपना कॉन्वर्सेशन को अपने बॉस मिस्टर. जोशी को बता दिया……………………………………………………………
इसका इन्फर्मेशन ऑफीस मे किसी के पास भी नही था…………………….ऑफीस मे सॅनाटा च्छा गया….जिसने भी सुना (राजेश जी अब नही रहे) शोकेड हो गया….
ऑफीस मे मिस्टर. जोशी ने एक मीटिंग बुलाई गयी…और कहा गया कि जिसके पास जो भी इन्फर्मेशन है मिस्टर. राजेश और रंभा के बारे मे वो पोलीस को ज़रूर शेर करे…क्योकि इस केस के साथ साथ इस ऑर्गनाइज़ेशन के स्टेटस और फ्यूचर भी सामिल है………
इस दौरान रश्मि और राज के बीच कोई सेक्स एनकाउंटर नही हुआ और ना ही अनिता और राज के बीच....क्योकि सिचुयेशन ही ऐसा बन चुकी थी...उधेर स्मृति का भी फोन आना बंद हो चुका था...पर कहते है समय सब ठीक करा देता है... पोलीस ने भी अब आना बंद कर दिया था.....पोलीस को रंभा की तलाश थी जो कि उसे ढूँढ रही थी...कभी कभी इनस्पेक्टर शर्मा रश्मि को परेशान करने आ जाता था.......राज भी चाहता था कि पोलीस का चक्कर जल्द से जल्द ख़त्म हो जाए. पर अभी चुप रहने मे ही अपनी भलाई समझा……..सुबह घर से जल्दी निकल जाता और रात 10 बजे तक घर आता. रश्मि अपने अतीत के दिनो को याद करते करते सो जाती थी….अब वो बिध्वा की जिंदगी जी रही थी….क्या किस्मेत थी रश्मि चली थी अपनी बड़ी बहन की जिंदगी सँवारने पर खुद गहरी खाई मे गिर गयी…..ये समाज एक विधवा को किसी दूसरे की बाँहो मे नही देख सकता….भले ही कोई शादी-शुदा जोड़ा एक दूसरे को शेर करे………………
राज चाह करके भी रश्मि की कोई हेल्प नही कर सकता था..क्योकि अब पड़ोसियो की नज़र भी उन पर थी उनके रिस्ते अगर उजागर हो गये तो सोसाइटी मे नाक कट सकती थी..और जीना दुर्लभ हो सकता है.
रश्मि ने अपने आपको को समझाया और अपना जीवन नये सिरे से सुरू करना सुरू कर दिया…..राज ने उसे शॉप पर आने को कह दिया…क्योकि अगर वो काम करेगी तो दुख कुच्छ कम होगा और मन भी लगा रहेगा. सुरू मे तो रश्मि ने मना किया पर समझाने पर वो मान गयी….ठीक है मे कल से जाय्न कर लूँगी..और अपने कमरे मे चली गयी……राज ने उसे गले लगाना चाहा पर रश्मि ने उसे धक्का दे कर दूर कर दिया. राज उसे देखता रह गया……
क्रमशः...............................
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