RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
अनिता का बहुत बुरा हाल था उसे चिंता अपने घर की हो रही थी.....उसकी मम्मी का बुरा हाल हो रहा होगा....पर वो करे तो क्या करे...इस मोबाइल मे बॅलेन्स है नही आउटगोयिंग हो नही सकता...और इनकमिंग कैसे आए....??? ये बहुत बड़ी समस्या थी अनिता की...पर राज का साथ था यही एक हिम्मत और मोटिवेशन की बात थी... वो गौर से राज को देखे जा रही थी जो कि वो घर से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था.......और उसे अपनी तरफ देखते ही उसने पूछा ......
राज: मेडम...? क्या हुआ??? तुम मुझे घूर घूर के क्यो देख रही हो...??? डर लग रहा है???
अनिता: नही??? मे सोच रही ही कि कैसा मेरा भाग्य है....एक तरफ शादी की तैयारी चल रही है और दूसरी तरफ......................????????????और वो अपनी नज़रे नीची कर ली........
राज: तुम परेशान मत हो....? मे हू ना...तुम सही सलामत घर जाओगी....मे सोच लिया है.......अभी मे वे2स्मस खोलकर रश्मि को स्मस करता हू........डॉन'ट वरी.
वे2स्मस के नाम से अनिता चौंक गयी....अरे वाह ....ये तो मेने सोचा ही नही ....इंटरनेट से हम अपना मेसेज दे सकते है......जल्दी खोलो....और दोनो मोबाइल इंटरनेट पर लग गये....
अनिता और राज ने अपने अपने पेरेंट्स को स्मस भेज दिया.....राज ने रश्मि को सारा ब्रितांत लिख दिया और अनिता ने अपनी मा को सिर्फ़ ये कहा कि वो कल तक आएगी...एक सहेली के घर पर रुकी हुई हू......................
अनिता काफ़ी खुस हो गयी...और राज भी ......अब उसे चिंता नही थी...कि तभी फोन बज गया........फोन रश्मि का था..............................................
रश्मि: कहाँ है आप???? हमलोगो को चिंता हो रही है....
राज: यार बहुत बड़ी मुसीबत मोल ले ली.......बुरी तरह फस गया हू.........और वो डीटेल्स मे सब-कुच्छ बता दिया....
पर ये नही बताया कि राजेश अभी जिंदा है................राज ने सोचा कि अगर वो बता देता तो शायद स्टोरी कुच्छ और हो जाएगी....क्योकि राजेश के जिंदा होने का सबूत तो राज के पास भी नही है.......तभी रश्मि ने पूछा ....तुम मुझे एग्ज़ॅक्ट अड्रेस बताओ ...मे अभी पहुँचती हू.........राज ने उसे कहा कि मे अड्रेस स्मस कर देता हू...पर तुम अभी मत आना...यान्हा जोरो की बारिश हो रही है....तुम सुबह करीब 5 बजे आना.....और हां इनस्पेक्टर शर्मा को भी लेकर आना....
फोन रखने के बाद राज ने अनिता को अपनी बाँहो मे लिया...और उसके होंठो पे एक किस करने लगा.....तभी दरवाजे पर कोई दस्तक हुई......दोनो घबरा गये....अनिता ने राज को और ज़ोर से भींच लिया....राज ने उसे अपनी गले से लगाते हुए कहा...घबराओ मत मे देखता हू.......राज ने उस कुल्हाड़ी को अपने हाथो मे ले लिया और फिर ज़ोर से दरवाजे को खोल दिया...पर बाहर से कोई दस्तक नही हो रही थी.........राज ने कुल्हाड़ी से एक जोरदार हमला किया...दरवाजे पर ....दरवाजे का एक पल्ला टूट गया.....राज ने अब दूसरा बार किया....अब दूसरा पल्ला भी नीचे से टूट गया......इतनी जगह बन गयी थी कि कोई आदमी आसानी से निकल सके.....राज ने नीचे झुक कर जगह का मुयाना किया...और देखा...पर एक तो बारिश और दूसरे अंधेरे की वजह से उसे कुच्छ नही दिखाई दे रहा था.....वो पिछे मूड कर अनिता की ओर देखा....कि मानो कह रहा हो कि क्या करे??????? अनिता का भी बुरा हाल था.....उसने धीरे से कहा....हम यही सुरक्षित है...बाहर मत जाओ....कही कोई गड़बड़ ना हो जाए....पर दरवाजा तो टूट चुका है..अबकोई भी आसानी से अंदर आ सकता है.....जो होगा देखा जाएगा....निकलो बाहर....................और राज ने सबसे पहले गौर से एक एक चीज़ को मुयायना किया और पहले अपना सिर निकाला और फिर अपने आपको.....फिर अनिता को बाहर निकालने की कोशिश की.....तभी एक बिल्ली उसपर गिर गयी.....दोनो बुरी तरह डर गये.....बिल्ली का भार राज पर था...उसके गालो पर पंजो के निशान उभर गये.....राज को दर्द भी हो रहा था.......राज अनिता को अपनी बाँहो मे लिए हुए खड़ा हुआ ...और धीरे धीरे दीवार के सहारे बरामदे मे आ गया.....जहा पर उसकी बाइक खड़ी थी........राज अनिता को लिए हुए बाइक के पास आया...पर पानी का जमाव काफ़ी हो गया था.......बाइक का पहिया पूरा पानी मे डूब चुका था.....ऐसे मे बाइक को स्टार्ट करना मुस्किल था......शित्त्तत्त........बाइक तो स्टार्ट होगी नही...क्या करे?????
अनिता: तभी मे कह रही हू...कि हमे इसी घर मे रात गुज़ारना होगा
राज: शायद तुम ठीक कह रही हो....पर अगर कोई हलचल होगी तो हमे तैयार रहना होगा..........ये कुल्हाड़ी बहुत काम की चीज़ है............डॉन'ट वरी....
चलते है वापस घर मे...क्योकि बारिस अभी भी जोरो से हो रही थी. राज और अनिता दोनो उसी घर मे आ गये...और अंदर से दरवाजा लॉक कर लिया......नीचे टूटे हुए पल्ले पर टूटे हुए पलंग के पल्ले रख दिए....ताकि कोई बिल्ली अंदर ना आ जाए...........तभी उसने पलट कर अनिता को देखा......डर लग रहा है???
अनिता: नही.....और उसे अपने बाँहो मे ले लिया....ह्म्म्म्मम
राज: इस डर को दूर करना हो तो मेरी एक राई है....?
अनिता: राई.....कौन सा राई....???
राज: सेक्स......डर को दूर भागता है.....तुम्हारा क्या इरादा है.
अनिता: धत्त्त...... आपको तो बस एक ही चीज़ सूझती है...हमे आफ़त हो रही है और आप बस...................और वो अपनी नज़रे नीचे कर ली...
राज: मे कोई ज़ोर ज़बरदस्ती नही करूँगा.....बस एक इज़ाज़त माँगी है.....मे तैयार हू...तुम्हारी रज़ामंदी चाहिए....
अनिता:कुच्छ नही बोली.....पर वो हल्की हल्की मुस्कुराने लगी......उसका ना बोलना राज ने हां समझा और उसे अपनी बाँहो मे ले लिया और फर्स पर आ गया.....अनिता ने भी उसे अपनी बाँहो मे ले लिया और उसके होंठो और गालो पर किस करने लगी.....
ये एक आमंत्रण था अनिता के तरफ से.............
उसके आमंत्रण को समझते हुए राज ने उसके बूब्स को अपने हाथो मे लिया और उसके होंठो को चूमने, चाटने लगा......आज पहली बार अनिता के चुचियो को इस तरह सहला और दबा रहा था राज .........उसे बहुत अच्छा लग रहा था....अनिता ने अपनी आँखे मूंद ली और राज के समानांतर पीठ के बल लेट गयी...और उसके शर्ट के बटन को खोलने लगी.....
राज मुस्कुराया और वो भी उसकी समीज़ को खोलने लगा......अपना हाथ पिछे ले जाकर उसके हुक्स को खोल दिया ....जिसे राज और अनिता दोनो ने मिलकर उसके शरीर से दूर कर दिया...फिर सलवार को भी निकाल दिया....अब अनिता सिर्फ़ एक ब्रा और एक पॅंटी उसके शरीर पर थी.......पर अंधेरा रहने के वजह से राज उसके शरीर को नही देख पा रहा था.......ये उसका दुर्भाग्य था.......और अनिता के लिए शर्म के गहने.
अब अनिताने भी राज को नंगा कर दिया था...उसके ब्रीफ जो कि वी शेप मे थी....जिसमे उसका लंड बाहर को आ गया था......अनिता ने जब उसे अपने हाथो से लिया तो काँप गयी...ये लंड है या गधा-लंड...इतना बड़ा लंड तो वो सिर्फ़ BF मे देखा था......अपनी सहेलियो के साथ...वो डर गयी....इससे तो उसकी चूत का किबड़ा हो जाएगा...पर वो अपने मुख से बोली कुच्छ नही.
राज: कैसा लगा ....???
अनिता: क्या???
राज: वही जिसे तुम पकड़ रखी हो?
अनिता: क्या पकड़ रखी हू?
राज: ये तो तुम बताओगि ना
अनिता: वही तो मे भी पुच्छना चाहती हू...कि क्या पकड़ रखी हू..और ज़ोर से उसके लंड को हिला दिया.....सूपड़ा बिल्कुल बाहर आ गया और फिर अंदर हो गया......
राज का तो बहुत बुरा हाल हो गया.......राज ने भी उसकी एक चुचि को अपने मुँह मे ले लिया दूसरी अपने हाथो मे...और ज़ोर ज़ोर से चूसने और दबाने लगा....
अनिता की चूत मे कुच्छ हलचल होने लगी.......
राज ने अनिता को सीधा लिटाया और उसकी आँखो मे खनक कर बोला......
राज: हाई डार्लिंग.....आज हमारी सुहागरात है.....
अनिता: शर्मा कर अपनी आँखे मूंद ली.....राज ने उसकी दोनो आँखो को चूम लिया और फिर आगे बोला.......देखो...अगर तुम साथ नही दोगि तो मे उतर जाउन्गा...और तुम कंवारी ही रह जाओगी......अनिता ने धीरे से कहा....इसमे मे क्या कर सकती हू...तुम मर्द हो....तुम्हे पहल करनी चाहिए.......
राज: तो तुम उसके लिए तैयार हो....
अनिता अब भी कुच्छ नही बोली...वो मन ही मन सोचा कैसा बुद्धू है....इतना भी नही समझता कि औरत का ना हां होता है......फिर मुस्कुराते हुए कहा....अब तो तुम समझ जाओ......क्यो तडपा रहे हो....
राज: नही जब तक तुम अपनी जवान से नही कहोगी...तब तक तुम्हे नही चोदुन्गा.
ये मेरा वादा है.
अनिता: तो फिर रहो अपने लंड पर हाथ रख कर....मुझे क्या?
राज: मे भी देखता हू......तुम कब तक अपनी जवानी को संभाले रखती हो.....और दोनो एक दूसरे मे किस, चूसा और सेडक्षन करने लगे.......अनिता का पूरा बदन टूट रहा था....उसका लंड सीधे उसके नाभि पर लग रहा था...जिससे उसे गुदगुदी हो रही थी.....
अनिता: अरे बाबा......मुझे अब बर्दास्त नही होता........
राज: तो क्या करू????
अनिता: तुम बहुत बेशर्म हो.....औरत का कुच्छ तो ख़याल रखो...तुम कई औरतो को चोद चुके हो.....मुझे भी औरत बना दो.
राज: पर कैसे.....??? मुझे कुच्छ नही आता...और फिर किस औरत को चोदा?
अनिता: ओहूऊओ...जैसे कि पता ही नही है...मुझे सब पता है.....तुम
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