RE: Hindi Chudai Kahani घरेलू चुदाई समारोह
“ये लो मम्मी…” वो आनंद की अधिकता से चीख पड़ा- “ये लो, ताज़ा और गर्मागर्म…”
कोमल भी इस समय फिर से झड़ रही थी। उसने प्रमोद का लण्ड अपने मुँह से तभी निकाला जब वह पूरी तरह झड़ गई। फिर पूछा- “तुमने कभी चूत चाटी है, प्रमोद…” कोमल ने पूछा।
“नहीं तो…” प्रमोद ने कोमल की ताज़ी चुदी चूत में से बहते सजल के पानी पर नज़र डालते हुए जवाब दिया।
कोमल अपनी पीठ के बल आराम से लेटती हुई सजल से बोली- “बेटा इसे सिखा तो ज़रा कि मैनें तुझे चूत चाटना कैसे सिखाया था…” कोमल ने अपनी टाँगें फैला लीं, जिससे सजल को आसानी हो और प्रमोद को भी पूरी प्रक्रिया साफ़-साफ़ दिखाई पड़े।
सजल को अपने दोस्त के सामने अपनी काबिलियत दिखाने का जो मौका मिला था वह उसे छोड़ना नहीं चाहता था। उसने अपना चेहरा गंतव्य स्थान पर लगाया और अपनी अँगुलियों से चूत की कलियों को अलग करते हुए अपनी जीभ अंदर डाल दी और चटाई शुरू कर दी। प्रमोद को वो इस तरह दिखा रहा था जैसे वो चूत-रस नहीं बल्कि रसमलाई खा रहा हो।
“चाट बेटा चाट…” कोमल ने सिसकी ली और एक नज़र प्रमोद के चेहरे पर डाली।
प्रमोद वाकई इस दृश्य में लीन था और उसने अपना चेहरा और पास किया जिससे कि उसे पूरा प्रोग्राम अच्छे से दिखे। उसे आंटी की चूत की भीनी-भीनी खुशबू भी आने लगी थी।
“मेरे मम्मों के साथ खेलो और सजल को मेरी चूत खाते हुए देखो…”
प्रमोद ने आंटी की चूचियां मसलते हुए पूछा- “क्या मैं भी इसमें हिस्सा ले सकता हूँ, आंटी…”
चुदासी क्या चाहे… चुदक्कड़… वो बोली- “वैसे ही करना जैसे सजल कर रहा था… अपनी जीभ से वैसे ही चाटना, ठीक है… जा अब लग जा काम पर…”
“अरे मेरा प्यारा बच्चा… चाट, चाट, चाट… अपनी जीभ डाल अंदर…”
प्रमोद ने थोड़ा जोर लगाकर अपनी जीभ को अंदर धकेल दिया।
“चोद मुझे अपनी जीभ से, प्रमोद। क्या तुम जानते हो कि मेरी क्लिट कहाँ है…”
“मेरे ख्याल से जानता हूँ…” और उसने अपनी जीभ उस स्थान पर लगाई जिसे वह क्लिट समझता था।
“सही… हाँ, तुम जानते हो… तुम जानते हो। अब तुम वापस अपनी जीभ मेरी चूत में डाल दो…”
जब प्रमोद कोमल की चूत का रस ले रहा था, सजल अपनी मम्मी के मम्मों पर पिला पड़ा था। वह अपनी मम्मी को अपने दोस्त के साथ बांटकर काफी खुश था, हालांकि उसने इसकी उम्मीद नहीं की थी। उसका लण्ड एक बार फिर से तन्नाने लगा था।
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