Porn Sex Kahani पापी परिवार
10-03-2018, 04:17 PM,
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
निकुंज ने अपनी मा के चेहरे पर नज़र डाली जो शुरूवात से उसे उसके जीवन का सबसे मनमोहक, सबसे खूबसूरत चेहरा लगता था. सारी का पल्लू ब्लाउस से हटने के उपरांत उसकी मा की दोनो चूचियों का काफ़ी बड़ा हिस्सा वह बेहद उतावले पन से देखता है. हल्का सा उभरा पेट और उस पेट की शान बढ़ती उसकी गहरी गोल नाभि. घुटने मुड़े होने से सॉफ नज़र आती उसकी गोरी-गोरी पिंदलियाँ और सबसे सुंदर उसकी मा के मांसल व गदराए चूतड़ जो वह पुणे तौर में अपने हाथो के पंजो में भींच कर मेशसूस भी चुका था.


"ले हो गया" कह कर कम्मो अपने बेटे की फ्रेंची धोने लगती है. अपनी सत्यता से निकुंज को रूबरू करवाने के बाद वह उससे आँख नही मिला पा रही थी और जैसे ही निकुंज बाथरूम से बाहर जाता है कम्मो ज़ोर-ज़ोर से हाँपने लगती है. उसकी कामुतेज्जित चूत ने उसकी कछि के साथ उसका पेटिकोट और यहाँ तक कि उसके साड़ी भी भिगो दी थी.


"मैं नाश्ता लगाती हूँ" कम्मो काम से फ़ुर्सत हो कर कमरे में आई तो पाया निकुंज अब तक नंगा था. सिर्फ़ एक नज़र अपने बेटे पर डाल कर वह फॉरन उसके कमरे से बाहर जाने लगती है.


"मोम" कमरा छोड़ने से पहले ही निकुंज अपनी मा को आवाज़ देता है.


"ह्म्म" कम्मो के कदम वहीं रुक जाते हैं मगर पलट कर अपने बेटे की ओर देखने की उसकी हिम्मत नही हो पाती.


"मुझे दर्द हो रहा है मोम" निकुंज का कहना हुआ और सुन कर उसकी मा बिजली की गति से पलट कर खड़ी हो जाती है "क .. कहाँ दर्द हो रहा है निकुंज ?" उसकी मा की घबराहट और ज़ुबान की लड़खड़ाहट ने सॉफ ज़ाहिर किया कि वह अपने पुत्र से कितना प्यार करती है और स्वयं निकुंज भी इस एहसास से वाकिफ़ हो जाता है.


"यहाँ हो रहा है मोम" अपने खड़े लंड की ओर इशारा कर वह बोला.


"क्या ?" कम्मो का मूँह खुला रह गया "कैसा दर्द हो रहा है बेटे ?" वह तेज़ गति से चल कर उसके करीब आ पहुचती है.


"यहाँ बैठो मोम !! बताता हूँ" निकुंज की बात मान कर उसकी मा ने एक पल का इंतज़ार नही किया और बिस्तर के किनारे अपने पाव फर्श पर लटका कर बैठ जाती.


"देखो ना मोम कितना पेन हो रहा है" कम्मो के बिस्तर पर स्थापित होते ही निकुंज बिस्तर से उतर कर खड़ा हो गया.


"सॉफ-सॉफ बता निकुंज !! कहाँ और कितना दर्द हो रहा है ?" पुच्छ कर कम्मो स्वयं अपने हाथो के ज़ोर से अपने बेटे की कमर को पकड़ कर ठीक उसे अपने सामने खड़ा कर लेती है. अब निकुंज का लंड उसकी मा के चेहरे से कुछ ही इंच दूर था.


"यहाँ मोम !! उफ़फ्फ़" निकुंज ने दर्द भरे भाव अपने चेहरे पर लाते हुए अपने फूले सुपाडे पर अपनी उंगली रख कर इशारा किया.


"कैसा दर्द बेटा ?" उत्तेजना-वश कम्मो की साँसे वापस उखडने लगती है. धुलने के उपरांत उसके बेटे का लंड एक-दम फ्रेश और चमकदार हो गया था और उसकी अत्यंत गोरी चमडी पर उभरी नीली नसो के तनाव से वह मा प्रत्यक्ष-रूप से उस विशाल लंड को बेहद फडफडाता और झटके खाता महसूस कर रही थी. हलाकी लंड की अखंड लंबाई और मोटाई से कम्मो पहले से ही परिचित थी मगर जाने क्यों उसे लंड की विकरालता में और भी ज़्यादा इज़ाफ़ा होता नज़र रहा था.


"मोम" उसने अपनी मा को पुकारा और जैसे ही कम्मो उसकी आँखों में देखती है फॉरन निकुंज अपने लंड को पकड़ कर उसका फूला सुपाडा अपनी मा के कोमल गुलाबी होंठो से सटा देता है "अपने होंठ खोलो मोम !! उस दिन आप ने इसे खड़ा करने के लिए चूसा था आज इसे तनाव-मुक्त करने के लिए चूसो" कह कर वह अपनी मा के रेशमी घने बालो को अपने दूसरे हाथ की उंगलियों से सहलाने लगता है.


कम्मो को उसका मनवांछित वरदान मिल गया. स्वयं उसके पुत्र ने उसे विवश किया कि वह उसका लंड चूसे और यही तो वह कब से चाहती थी. चिपचिपा मोटा सुपाडा उसके होंठो से इस कदर चिपक चुका था कि यदि वह इनकार जताने के लिए भी अपना मूँह खोलती तो खुद ब खुद सुपाडा उसके होंठो के अंदर प्रवेश कर जाता.


"उफफफ्फ़ मोम" कम्मो के होंठ खुलते ही निकुंज के मूँह से मस्ती भरी सिसकारी छूट गयी और उसका संपूर्ण सुपाडा बिना किसी रोक-टोक के उसकी मा के गरम मूँह के भीतर चला जाता है. अपने पुत्र की उस मादक सीत्कार की ध्वनि ने जैसे कम्मो के कानो में रस घोल दिया था और वह अपने मूँह के भीतर अपने बेटे के संवेदनशील सुपाडे पर अपनी जिहवा को गोल गोल घुमा कर, उसके सुपाडे पर लगा सारा गाढ़ा रस चाट लेती है.


"उम्म्म" लंड की अत्यधिक मोटाई आड़े ना आए इस प्रयास में वह मा अपने जबड़ो को जितना खोल सकती थी खोलती है और अपने बेटे के लंड का गरम-जोशी से स्वागत करते हुए अपनी पहली ही कोशिश में लगभग आधा लंड अपने छोटे से मूँह के अंदर समाने में सफल हो जाती है.


चुदाई के दौरान नीमा ने अपनी जिन बातों के ज़रिए निकुंज को अनाचार की परिभाषा से अवगत करवाया था, अभी इस वक़्त उन्हे सोच कर निकुंज की उत्तेजना में बेहद तीव्र गति से बढ़ोतरी होती जा रही थी. वह बड़े गौर से अपनी मा की कजरारी आँखों में झाँकते हुए उसे अपना लंड चूस्ते देख रहा था और यह कामुक दृश्य उसके पूरे जिस्म में कपकपि की ल़हेर दौड़ा देता है.
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