RE: Maa Sex Chudai माँ बेटा और नौकरानी
रात को मैं जल्दी अपने कमरे में चला गया | अन्दर से सुनता रहा , घोटू और झुमरी बाई के आने का पता मुझे चल गया | जब माँ ने अपने कमरे का दरवाज़ा खोला , कुछ देर रुकने के बाद , मैं चुपचाप बाहर निकला और माँ के कमरे के दरवाज़े के पास आया | अन्दर से सिस्काने और हंसने की आवाजें आ रही थी |
“चोद डल मुझे घोटू बेटा और जोर से चोद अपनी मालकिन की चूत , झुमरी अपने बेटे को कह कि मुझ पर दया ना करे , हचक हचक कर मुझे चोद डाले , हफ्ता होने को आया यह बदमाश गायब था , मैं तो तरस कर रह गई इसके लंड को”, माँ सिसकते हुए कह रही थी |
फिर झुमरी की आवाज़ आई , “बेटा, देखता क्या है , लगा जोर का धक्का , चोद डाल साली को , देख कैसे रिरिया रही है? कमर तोड दे इस हरामन की , पर झड़ना नहीं , जब तक मैं ना कहूँ , मन भर कर चुदने दे , काफी प्यासी है , तेरी मालकिन तेरे लौड़े के लिए” |
झुमरी गंदे गंदे शब्दों और गालियों का प्रयोग, माँ और घोटू को और उत्तेजित करने के लिए जान बूझकर कर रही थी, शायद!
मैंने दरवाज़े के छेद से अन्दर देखा | ऊपर की बत्ती जल रही थी | इसलिए सब साफ़ दिख रहा था | माँ मदर्जात नंगी बिस्तर पर लेटी थी और घोटू उस पर चढ़ा हुआ था | उसे घचाघच चोद रहा था | मैं बाजू से देख रहा था , इसलिए माँ की चूत तो मुझे नहीं दिखी | पर घोटू का मोटा लम्बा लंड सपष्ट माँ की गोरी गोरी जांघों के अन्दर बाहर होता हुआ मुझे दिख रहा था |
झुमरी बाई पूरी नंगी होकर माँ के सिरहाने बैठ कर उसके मुम्मे दबा रही थी | क्या चूचियां थी माँ की और बड़े काले चुचक , बीच बीच में झुक कर झुमरी बाई माँ के होंठ चूम लेती थी | झुमरी बाई भी कम नहीं थी | एक दम छरहरा सांवला बदन और छोटी तनी हुई चूचियां | घोटू ऐसा कस कर मेरी माँ को चोद रहा था कि जैसे खाट तोड़ देगा | खाट भी चरमर चरमर चरमरा रही थी |
मेरी माँ को चोदते चोदते घोटू बोला, “माँजी, कभी गांड भी मरवाइये , बहुत मजा आएगा” |
माँ सिसकते हुए बोली, “हाँ रे चोदू , तुझे तो मजा आएगा , पर मेरी तो फट जाएगी , आज तक किसी से नहीं मरवाई मैंने , अब तुझसे मरवाऊँ? मैं नहीं मरवाती गांड , इतने मोटे लंड से” |
झुमरी बोली, “नहीं फटेगी मालकिन , घर का माखन लगा कर प्यार से मारेगा मेरा बेटा , आसानी से फिसलेगा , मेरी भी गांड मारता है यह हरामी , बहुत मजा आता है , अब मेरी गांड चुद चुद कर चौड़ी हो गई है , मेरे बेटे को भी किसी नई तंग गांड का मजा लेने दो” |
माँ अब हाथ पैर फेंक रही थी |
“चोद घोटू, चोद डाल मुझे राजा , झुमरी बाई मेरी चूची दबा और जोर से मुझे चुम्मा दे दे मेरी जान”, माँ सिसकते हुए बोली|
“बहुत चिचिया रही है यह रंडी, इसका मुंह बंद करना पड़ेगा”, कहकर झुमरी माँ के मुंह पर चढ़ कर बैठ गई | अपनी चूत माँ के मुंह पर रख कर उसने माँ की बोलती बंद कर दी और जांघें आपस में कस कर माँ का सर अपनी जाँघों में दबा लिया | फिर उचक उचक कर माँ के मुंह को चोदने लगी |
यह नजारा देख कर मुझसे नहीं रहा गया | मुंह से अवाज़ ना निकले ऐसी कोशिश करते हुए अपने लंड को मैं रगड़ कर अन्दर चल रही धुंअधर चुदाई देखने लगा | झुमरी माँ का सर कस कर अपनी चूत पर दबा कर ऊपर निचे उछल रही थी | दोनों माँ बेटे मिलकर बहुत देर माँ को गूंदते रहे | जब माँ झड़ने को आ जाती | तब झुमरी बाई घोटू को इशारा कर देती |
“रुक बेटे, लंड पेलना बंद कर, नही तो झड जाएगी यह साली चुदैल औरत, बहुत दिन से मुझे कह रही थी कि घोटू नहीं आया चोदने , तो आज ऐसा चोद कि दो दिन उठ ना सके”, झुमरी बाई बोली|
दस मिनट मिनट में माँ की हालत बुरी हो गई | वो रो पड़ी| झुमरी की चूत में दबे उसके मुंह से हलकी दबी चीखें निकल रही थी | उससे यह चुदासी सहन नहीं हो रही थी | बिना झडे उस मीठी सूली पर लटके लटके वो अब बुरी तरह तड़प रही थी | झुमरी खुद शायद एक दो बार माँ के मुंह में झड चुकी थी | माँ के सर पर से उतर कर वो लेट गई और माँ के चुम्बन लेने लगी |
“पसंद आया अपनी नौकरानी की चूत का रस मालकिन” ? घोटू से चुदते चुदते तो यह और मसालेदार लगा होगा आपको” |
माँ कुछ कहने की स्थिति में नहीं थी | बस सिसकती जा रही थी | माँ के चर्म सुख की इस स्थिति में मौका देखकर झुमरी ने मेरी बात आगे छेड़ी |
“मालकिन , मैं कह रही थी कि कल से घोटू मुन्ना को स्कूल छोड़ आया करेगा और ले भी आयेगा , आते आते मेरे पास छोड़ दिया करेगा” |
माँ सर इधर उधर फेंकते हुए हाथ पैर पटकते हुए बोली,”तुम दोनों क्या करोगे मेरे बच्चे के साथ , मुझे मालूम है, हाए मैं मरी! , घोटू दया कर चोद डाल रे बेटे मत तडपा अब”|
घोटू माँ की चूत में लंड पेलता हुआ बोला, “बहुत प्यार करेंगे मुन्ना को माँ जी , उसे भी सब काम करीदा सिखा कर आपके कदमों में ला कर पटक देंगे, फिर आप दिन भर उस बच्चे के साथ मस्ती करना” |
माँ को बात शायद जंच रही थी क्योंकि उसने कुछ नहीं कहा |
झुमरी ने माँ के चुचक मसलते हुए कहा, “अरे अभी से उसे चुदाई के खेल में लगा दिया तो दो साल में लंड भी बड़ा हो जायेगा उसका , घोटू को देखो , बारह साल का था , तब से चोद रहा है मुझे बदमाश , अब देखो कैसा घोड़े जैसा लौडा हो गया है उसका” |
माँ आखिर तैयार हो गयी, “ठीक है घोटू , कल से तेरे और झुमरी के सपुर्द किया मैंने मुन्ने को , हाए मैं मरती क्यों नहीं, चोद चोद कर मार डाल मुझे मेरे राजा” मस्ती में पागल हो कर माँ बोली |
झुमरी खुश हो गई , घोटू को बोली, “घोटू बेटे, कल से ही शुरू हो जा , मैं कहती थी न कि मालकिन मान जाएँगी, आखिर अपने बेटे को भी तो पक्का चोदू बनाना है इन्हें , तू अब चोद डाल बेटे , ऐसे चोद अपनी मालकिन को कि वह सीधे इन्द्रलोक पहुँच जाए” |
माँ के होंठों पर अपना मुंह जमाकर झुमरी माँ के मुंह को चूसने लगी और घोटू अब माँ को ऐसे बेरहमी से चोदने लगा | जैसे घोड़ा घोड़ी को चोदता है | मुझसे अब न रहा गया | मैं वहां से भागा और कमरे में आकर सटास्ट मूठ मारी | लौड़ा झड़ा तो इतनी जोर से कि वीरज सीधा छः फुट दूर सामने की दीवार पर लगा | आज का वो कामुक नजारा मेरे लिए स्वर्ग का नजारा था |
मैं फिर जाकर आगे की चुदाई देखना चाहता था | पर इतने मीठे सख्लन के बाद कब मेरी आँख लग गई | मुझे पता ही नहीं चला |
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