10-07-2020, 02:21 PM,
(This post was last modified: 10-13-2020, 01:29 PM by desiaks.)
|
|
jaunpur
Junior Member
|
Posts: 1
Threads: 0
Joined: Nov 2019
|
|
RE: Kamukta Kahani अनौखा इंतकाम
(10-11-2018, 02:28 PM)sexstories Wrote: अनौखा इंतकाम
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और छोटी सी कहानी आपके लिए शुरू कर रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ आपको ये कहानी ज़रूर पसंद आएगी . दोस्तो ये कहानी एक ऐसी औरत की कहानी है जिसने अपने पति के अलावा किसी गैर को देखा तक न था लेकिन जब उसके पति ने किसी और के साथ यौनसंबंध बनाए तो....................
ये कहानी रूबीना मक़सूद नाम की एक शादी शुदा लड़की की है.जो पेशे से एक लेडी डॉक्टर है.और आज तक अपनी जिंदगी के 28 साल गुज़ार चुकी है.
रूबीना पैदा तो ओकरा सिटी के पास एक गाँव में हुई मगर पाली बढ़ी वो ओकरा सिटी में थी.
रूबीना के उस के अलावा एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई हैं.रूबीना की बहन नरेन उस से एक साल बड़ी है.जब कि उस का भाई रमीज़ अहमद र्म रूबीना से एक साल छोटा है.
रूबीना ने फ़ातिमा जिन्नाह मेडिकल कॉलेज लाहोर से एमबीबीएस करने के बाद ओकरा के सरकारी हॉस्पिटल में हाउस जॉब स्टार्ट कर दी.
पढ़ाई के दौरान ही रूबीना के वालदान ने दोनो बहनों की शादी के लिए रिश्ता पक्का कर दिया था और फिर एमबीबीएस करने के तकरीबन एक साल बाद रूबीना और उस की बहन की एक ही दिन शादी हो गई.
रूबीना की बहन नरेन तो शादी के फॉरन बाद अपने हज़्बेंड के साथ मलेसिआ चली गई. जब के रूबीना ब्याह कर भावलपुर के करीब एक गाँव में चली आई.
रूबीना के हज़्बेंड मक़सूद अपने इलाक़े के एक बहुत बड़े ज़मींदार थे.
रूबीना ने मेडिकल कॉलेज के हॉस्टिल में रहने के दौरान अपनी कुछ क्लास फेलो लड़कियों के मुक़ाबले शादी से पहले अपने आप को सेक्स से दूर रखा था.इसलिए रूबीना अपनी शादी की रात तक बिल्कुल कंवारी थी.
शादी के बाद रूबीना सुहाग रात को अपने रूम में सजी सँवरी बैठी थी.मक़सूद कमरे में आए और रूबीना के पास आ कर बेड पर बैठ गये.
रूबीना जो कि अपना घूँघट निकाल कर मसेहरी पर बैठी हुई थी. वो अपने शोहर मक़सूद को अपने साथ बेड पर बैठा हुआ महसूस कर के शरम के मारे अपने आप में और भी सिकुड सी गई.
मक़सूद ने जब रूबीना को यूँ शरमाते देखा तो कहने लगा कि रूबीना मेरी जान आज मुझ से शरमाओ मत अब में कोई गैर थोड़े ही हूँ तुम्हारे लिए अब तो हम दोनो मियाँ बीवी हैं.
फिर थोड़ी देर मक़सूद ने रूबीना से इधर उधर की बाते कीं.जिस की वजह से रूबीना की मक़सूद से झिझक थोड़ी कम होने लगी.
थोड़ी देर बातें करने के बाद मक़सूद ने जब देखा कि अब रूबीना थोड़ी कम शरमा रही है तो उस ने आगे बढ़ कर रूबीना के गुदाज बदन को अपनी बाहों में भर लिया.जिस की वजह से रूबीना तो शरम से और सिमट कर रह गई.
Missing Text
एक मर्द का हाथ अपने जिश्म से पहली बार टच होता महसूस करके रुबीना के जिश्म में एक मस्ती सी छाने लगी। मकसूद ने रुबीना को ऊपर किया और पहले रुबीना के बालों के जूड़े को खोला और फिर रुबीना की ज्वेलरी उतारनी शुरू कर दी। ज्वेलरी उतारने के बाद मकसूद ने रुबीना के होंठों को किस किया।
ज्यों ही मकसूद के होंठ रुबीना के होंठों से मिले तो रुबीना के जिश्म में गर्मी की एक ऐसी लहर उठी, जो एक पल में सीधे उसके कोमल मम्मों के निपलों को खड़ा करती हुई उसकी सील-बंद चूत तक पहुँच गई, और उसकी चूत को पानी-पानी कर गई।
रुबीना भी आखीरकार, एक जवानी से भरपूर लड़की थी। जिसने अपनी शादीशुदा सहेलियों से सुहागरात के बारे में काफी कुछ सुन रखा था। उसके दिल में भी शादी की पहली रात के कुछ अरमान थे। इसलिये वो भी अपनी शर्मो हया को भुलाकर कुछ ही देर बाद मकसूद का साथ देने लगी।
मकसूद के होंठों और उसकी गरमजोश हरकतों ने रुबीना को मदहोश कर दिया, और इस मदहोशी के आलम में उसे पता ही नहीं चला की कब और कैसे मकसूद ने उसे और अपने आपको कपड़ों की कैद से आजाद कर दिया था।
रुबीना ने जब पहली बार अपने शौहर को इस तरह अपने सामने पूरा नंगा देखा तो उसने शर्म के मारे अपनी नजरें झुका ली। पलंग पर रुबीना मकसूद के सामने पूरी नंगी बैठी हुई थी। रुबीना के खूबसूरत कोरे बदन को देखकर मकसूद की आँखों में चमक आ गई। मकसूद ने एक पल अपनी बीवी के जिश्म का गौर से भरपूर जायजा लिया, और फिर रुबीना के जवान ब्राउन निपल को मुँह में भरकर चूसने लगा।
अपने निपलों पर मकसूद का मुँह करते ही रुबीना सिसक गई। और फिर कमरे में वो खेल शुरू हुवा जो हर नये मियां-बीवी अपनी शादी की पहली रात को एक दूसरे के साथ करते हैं।
मकसूद ने रुबीना के गालों, होंठों और मम्मों को चूस-चूसकर और अपनी उंगलियों के साथ उसकी कुँवारी चूत से खेलकर रुबीना को मजे से बेहाल कर दिया। काफी देर अपनी बीवी के जिश्म को प्यार करने के बाद मकसूद ने रुबीना की टांगों को फैलाया और फिर अपना लण्ड रुबीना की कुँवारी फुद्दी पर रखा और धीरे-धीरे अंदर डालने की कोशिश करने लगा।
रुबीना की कुँवारी चूत अपने शौहर का बड़ा लण्ड ले ही नहीं पा रही थी, और वो चिल्ला उठी- “हाईई नहीं मकसूद आह्ह… प्लीज़्ज़… निकाल दो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है…” और अपने शौहर को रुकने का कह रही थी।
मगर मकसूद उसकी बात सुनने को तैयार नहीं था। मकसूद ने एक झटका दिया और पूरा लण्ड अपनी बीवी की चूत में डाल दिया। दर्द की शिद्दत से रुबीना के तो आँसू ही निकल गये। पर वो चीख भी नहीं सकी। क्योंकी मकसूद ने रुबीना के मुँह में मुँह डालकर उसके मुँह को बंद कर दिया था।
जब दर्द की शिद्दत थोड़ा कम हुई तो मकसूद ने अपना मुँह रुबीना के मुँह से हटाते हुये कहा- “ऐसा करना पड़ता है, वर्ना तुम दर्द नहीं सह पाती। अब आगे दर्द नहीं होगा। क्योंकी अब तुम्हारी सील फट गई है, और उसमें से खून भी निकल रहा है…” फिर मकसूद ने अपने झटकों की स्पीड बढ़ा दी।
अब रुबीना को भी दर्द कम होने के साथ-साथ मजा आने लगा और वो सिसकते हुये कहती रही- “जानू धीरे डालो मजा आने लगा है…”
|
|
|