RE: Kamukta Kahani अनौखा इंतकाम
मक़सूद अपनी बीवी की बात सुन के जोश में आ गया और तेज़ तेज़ झटके देने लगा और साथ ही रूबीना के मम्मो और निपल्स को भी काट रहा था. उस ने तो रूबीना के मम्मो ऑर निप्पलो को काट काट कर सूजा दिया.
आख़िर कुछ टाइम की चुदाई के बाद मक़सूद रूबीना की चूत में ही डिस्चार्ज हुआ और रूबीना के उपर ही लेट गया.
इस के बाद मक़सूद पूरी रात ना खुद सोया और ना ही रूबीना को सोने दिया और उसे हर ऐंगल से चोदा .कभी घोड़ी बना कर तो कभी खड़ा करके, कभी सीधा और कभी साइड से.
सुहाग रात को मक़सूद ने रूबीना को सेक्स का एक ऐसा नया और मजेदार चस्का लगाया कि वो अपने शोहर और सेक्स की दिवानी हो गई.
रूबीना की शादी शुदा जिंदगी का आगाज़ बहुत अच्छा हुआ था और वो अपने ससुराल में बहुत खुश थी.
हालाँकि रूबीना के ससुराल में किसी चीज़ की कोई कमी नही थी.मगर फिर भी रूबीना का दिल अपनी नौकरी छोड़ने को नही कर रहा था.
रूबीना ने जब अपने शोहर मक़सूद और ससुराल वालों से इस बारे में बात की.तो उस के शोहर या ससुराल वालों को उस की नोकरी जारी रखने पर कोई ऐतराज नही था.
इसलिए शादी के बाद रूबीना ने अपना ट्रान्स्फर विक्टोरीया हॉस्पिटल बहावलपुर में करवा कर अपनी जॉब जारी रखी.
अपनी शादी के 6 महीने बाद ही रूबीना को इस बात का ईलम हो गया.कि अक्सर बड़े ज़मींदारों की तरह उस के शोहर मक़सूद भी उन के खेतों में काम करने वाले अपने मजदूरों की बिवीओ से लेकर गाँव की कई और औरतों से नाजायज़ ताल्लुक़ात रखते हैं.
रूबीना को इस बात के बारे में पता चलने के बाद दुख तो बहुत हुआ.लेकिन रूबीना ना तो अपने शोहर को इन कामों से रोक नही सकती थी. और ना ही उस में इतनी हिम्मत थी कि वो अपने शोहर से इस बारे में कोई बात भी करती.
खुद एक ज़मींदार घराने से ताल्लुक होने की वजह से रूबीना ये बात खूब जानती थी.कि उन जैसे ज़मींदार घरानों में ये सब कुछ चलता है.
इसलिए रूबीना ने शुरू शुरू में ना चाहते हुए भी अपने शोहर के इन नाजायज़ कामों को नज़र अंदाज करना शुरू कर दिया.
रूबीना की शादी को अभी 8 महीने ही गुज़रे थे कि एक दिन वो हॉस्पिटल से जल्दी घर आ गई.
रूबीना जब अपनी गाड़ी से उतार कर हवेली में आई तो हवेली में काफ़ी खामोशी थी.
उस ने घर में काम करने वाली एक नौकरानी से पूछा कि सब लोग किधर हैं तो नौकरानी ने बताया कि उस के सास ससुर उस की दोनो ननदों के साथ सहर शॉपिंग के लिए गये हैं.
रूबीना काफ़ी थकि हुई थी इसलिए वो घर के उपर वाली मंज़िल पर अपने रूम की तरफ चल पड़ी.
ज्यूँ ही रूबीना अपने रूम के पास पहुँची तो उसे अपने रूम से अजीब सी आवाज़े सुनाई दी. जिस को सुन कर रूबीना थोड़ी हेरान हुई.
रूबीना ने कमरे के बंद दरवाज़े को आहिस्ता से हाथ लगाया तो पता चला कि दरवाज़ा तो अंदर से बंद है.
रूबीना को कुछ शक हुआ कि ज़रूर कोई गड़ बड है. उस ने की होल से कमरे के अंदर देखने की कोशिश की पर उसे कुच्छ नज़र नही आया.
इतनी देर में रूबीना को ख़याल आया कि कमरे के दूसरी तरफ एक खिड़की बनी हुई है.जिस पर एक परदा तो लगा हुआ है मगर वो कभी कभी हवा की वजह से थोड़ा हट जाता है. और अगर वो कोशिश करे तो उस जगह से वो कमरे के अंदर झाँक सकती है.
रूबीना ने इधर उधर नज़र दौड़ाई तो उसे एक कोने में एक पुरानी कुर्सी पड़ी हुई नज़र आई.
रूबीना फॉरन गई और उस कुर्सी को कमारे की खिड़की के नीचे रखा और फिर खुद कुर्सी पर चढ़ गई.
ये रूबीना की खुशकिस्मती थी या फिर बदक़िस्मती कि खिड़की का परदा वाकई थोड़ा सा हटा हुआ था. जिस वजह से रूबीना को कमरे के अंदर झाँकने का मोका मिल गया.
कमरे में नज़र डालते ही अंदर का मंज़र देख कर रूबीना की तो जैसे साँसे ही रुक गई.
रूबीना ने देखा कि कमरे में उस के सुहाग वाले बेड पर उस का शोहर मक़सूद घर की एक नौकरानी को घोड़ी बना कर पीछे से चोद रहा था.
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