RE: Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है
हम ने शाम को बाहर जाने का प्लान बनाया था, इनायत दरवाज़ा लॉक कर रहा था और मैं बिल्डिंग के नीचे आ गयी थी. मेरे पर्स मे से फोन कई बार बजा लेकिन मुझे मालूम ही ना पड़ा. हम ने
एक ऑटो रिक्षव किया कि तभी एक बार फोन और बजा और इस बार इनायत ने मुझे बताया कि शायद मेरा फोन बज रहा है,जब मैने फोन उठाया तो फोन कॉल एंड हो चुका था लेकिन मैं ये देख
कर डर गयी कि ये शौकत का वही नंबर था जिससे उसने मुझे कल फोन किया था, इसमे करीब 8 मिस्ड कॉल्स थीं. मेरा मूड ऑफ हो गया. मैने इनायत को मिस्ड कॉल दिखाई तो उसने कहा कि प्लान
कॅन्सल मत करो, मेसेज कर दो बिज़ी थी इस लिए कॉल रिसीव नही कर सकी, कह दो बाद मे कॉल करूँगी. मेरे वैसे ही एसएमएस शौकत को भेज दिया.
हम लोग मूवी देखने जा रहे थे, इत्तेफ़ाक़ से ये मूवी एक लव ट्राइंगल थी. मैं उस फिल्म की हेरोयिन की तरहा महसूस कर रही थी. ये फिल्म ज़्यादा हिट नही जा रही थी और इसलिए इनायत और मैं लगभग हॉल मे
अकेले ही थे. मुझे टेन्स देख कर इनायत ने मेरा ध्यान डाइवर्ट करने के लिए मेरी सलवार के उपर से ही मेरी चूत को मसलना चाहा लेकिन मैने इशारे से मना कर दिया. फिल्म ख़तम हो चुकी थी, लाइट्स
ऑन थीं, सब लोग जा रहे थे लेकिन मैं अभी भी स्क्रीन की तरफ देख रही थी. इनायत बड़े गौर से मुझे देख रहा था. फिर एक छोटे से बच्चे के रोने की आवाज़ से मेरा ध्यान टूटा और मैने
हड़बड़ा कर इनायत की तरफ देखा जो मुझे ही देख रहा था. मुझे हड़बड़ाता देख कर उसे मेरे कंधे पर हाथ रखा और मुझे उठने का इशारा किया. हम अब सड़क पर चल रहे थे, थोड़ी ही दूर
गये थे मैने एक ऑटो रिक्क्षा को रोक लिया. इनायत ने अचरच से मेरी तरफ देखा तो मैने कहा कि घर चलते हैं, मेरा मूड नही है. हम रास्ते भर खामोश रहे और फिर मैं अपने बेडरूम
पर चुप चाप लेट गयी. मुझे अब समझ मे नही आ रहा था कि मैं क्या करूँ, शौकत के फोन ने फिर मेरी नींद उड़ा दी थी. रात को इनायत ने मुझे अपने पास बुला कर बिठाया और फिर हम लोगो
ने शौकत के कॉल के बारे मे आगे का प्लान बनाया.
इनायत:"तुम बिना फोन उठाए डर रही हो, बात कर के देखो क्या पता क्या बात हो"
मैं:"मैं समझ नही पा रही हूँ कि वो किस लिए फोन कर रहा है"
इनायत:"जब तक तुम उससे बात नही करोगी कैसे मालूम पड़ेगा क्या बात है"
मैं:"क्या पता वो मान जाए मेरी शर्त फिर तुम क्या करोगे"
इनायत:"और अगर वो कुछ और कहना चाहता हो तो क्या करोगी"
मैं: "ये मुसीबत कब दूर होगी"
इनायत:"जब तक तुम उसका सामना नही करोगी"
मैं:"ठीक है मैने अभी उसको फोन करती हूँ"
इनायत:"देखो ठंडे दिमाग़ से बात करना और सोच समझ कर"
मैने बेडरूम मे जाकर अपने पर्स से फोन निकाला और शौकत को डाइयल कर दिया. वो जैसे फोन के पास ही बैठा था, झट से फोन रिसीव कर लिया.
शौकत:"हेलो"
मैं:"हेलो"
शौकत:"क्या बिज़ी थीं सुबह से"
मैं:"हां थोड़ा बिज़ी थी"
शौकत:"क्या कर रही थीं"
मैं:"तुमको जवाब देना ज़रूरी है"
ये बात मैने थोड़ा चिड कर कही,आज शौकत बड़ी नर्मी से पेश आ रहा था.
शौकत:"नही मैने सोचा क्या ज़रूरी काम आ गया"
मैं:"मैं अपने शौहर के साथ बिस्तर पर रोमॅन्स कर रही थी, तुम्हारा कॉल ज़रूरी नही था उस वक़्त"
शौकत:"तो कब ले रही हो मेरे सब्र का इम्तेहान"
मैं:"तो तुम राज़ी हो, मुझे तो लगा था कि तुम मना कर दोगे सॉफ सॉफ, मेरे शौहर को इस बारे मे कुछ मालूम नही है, मैं खुद ही अगली बार तुमको फ़ोन कर के बताउन्गि कि तुमने कैसे ये नज़ारा
देखना है, और याद रहे अगर तुमने कुछ गड़बड़ की तो तुम्हारे पास आने के लिए मैने अब सोचूँगी भी नही." ये कह कर मैने फोन काट दिया.
इनायत जैसे साँस लेना ही भूल गया था, उसको यकीन ही नही हो रहा था कि ऐसा भी कुछ हो सकता है. वो काफ़ी देर तक एक मुजस्समे की तरहा बैठा रहा, मैने उसको जैसे नींद से जगाया तो वो
हड़बड़ा सा गया.
मैं:"उठो नींद से इससे पहली कि देर ना हो जाए."
इनायत:"घबराओ नही"
मैं:"अर्रे वाह अब भी कह रहे हो घबराओ नही"
इनायत:"यकीन तो मुझे भी नही हो रहा, शौकत मे इतना बड़ा बदलाव या तो सच मे तुम्हारे लिए आ सकता है या फिर कोई और बात है"
मैं:"प्यार मेरी जूती, मुझे तो ये उसकी कोई नयी चाल लगती है, चूत के खातिर कोई इतना पागल हो सकता है कि अपनी होने वाली बीवी को किसी और से चुदवाते हुए देखे"
इनायत:"क्या पता क्या चल रहा है उसके दिमाग़ में, लेकिन अब मुझे थोड़ा डर लग रहा है"
मैं:"क्यूँ"
इनायत:"इंसान जब इतनी जल्दी बदलता है तो डर तो लगता ही है"
मैं:"लेकिन अब मैं क्या करूँ"
इनायत:"उसको यहाँ बुला लो और जब वो यहाँ पहुँचने वाला होगा तो मैं बाहर चला जाउन्गा, फिर तुम उसे कहीं छिपाने का ढोंग कर देना जहाँ से उसे हमारी चुदाई के लाइव शो मिले "
मैं:"कहीं उसके सर पर खून सवार ना हो और वो मुझे नुकसान पहुँचने के लिए आ रहा हो"
इनायत:"टेन्षन मत लो मैने इसका भी इंतेज़ाम कर लिया है, मैं साना को फोन कर दूँगा कि शौकत तुमसे मिलना चाहता है और वो उसपर नज़र रखे और तुम भी आरिफ़ को कह दो कि वो शौकत की
जासूसी करे कि वो घर के बाहर क्या क्या कर रहा है. घर और यहाँ की हर हरकत पर मेरी नज़र होगी. मैं इसी बिल्डिंग की टेरेस से उसके आने का इंतेज़ार करूँगा."
मैं:"ठीक है लेकिन उसके सामने मैं तुम्हारे साथ ये सब कैसे करूँगी"
इनायत:"देखो अगर तुम्हारा मन नही है तो उसको अभी भी मना कर सकते हैं, तुम घबराओ नही,अगर उसने हम को तंग किया तो मैं क़ानूनी करवाई करने से पीछे नही हटूँगा चाहे वो मेरा भाई ही
क्यूँ ना हो."
मैं:"ठीक है, ये भी कर के देख लेते हैं, लेकिन अगर वो इस इम्तिहान मे पास हो गया तो फिर क्या करोगे?"
इनायत:"तुमने ही तो उसको कहा है कि अगर वो पास हो गया तो तुम उसके पास जाने के बारे मे सोचोगी, जाओगी नही, इन दोनो बातो मे बड़ा फ़र्क है"
मैं:"ये कोई कोर्ट नही है कि वो मेरा फ़ैसला सुन कर वापस चल पड़े."
इनायत:"ठीक है आगे देखते है, क्या करना है, तुम दो दिन का टाइम दो ताकि हम उसकी जासूसी करके पता लगा लें कि उसके मन मे क्या चल रहा है"
मैने आरिफ़ को फोन कर दिया कि शौकत मुझसे मिलना चाहता है लेकिन मुझे डर है कि वो मुझे नुकसान पहुँचाने के लिए तो नहीं आ रहा. आरिफ़ का दोस्त खुद एक एएसआइ है इसलिए उसने मुझसे कहा कि वो शौकत की पूरी जासूसी करवा कर मुझे बताएगा जब तक कि शौकत मेरे घर पर ही नही पहुँच जाता. आरिफ़ तो ये चाहता था कि वो मेरे घर मे आकर कहीं छुप जाए ताकि अगर शौकत कोई गड़बड़ करने की कॉसिश भी करे तो वो उसको रोक सके, लेकिन मैने कह दिया कि शौकत और मेरे बीच की बात मैं किसी और के सामने नहीं ज़ाहिर कर सकती. मेरी बात सुन कर वो चुप हो गया.
उधर इनायत ने भी साना को खबर कर दी थी.साना ने उसको कह दिया था कि वो शौकत पर नज़र रखेगी और उसके कमरे की पूरी तलाशी भी ले लेगी.
दो दिन बाद आरिफ़ और साना ने हम को बता दिया था कि डरने की कोई बात पता नही चली है. शौकत ने भी आने की खबर कर दी थी. वो पहले से ही इस जगह को जानता था इसलिए सीधे घर पर पहुँचने मे उसको टाइम नही लगा. जैसे ही इनायत ने उसे बिल्डिंग के नीचे आते देखा तो उसकने मुझे फोन कर दिया. मैने अपने प्रोटेक्षन के लिए एक मिर्ची का स्प्रे अपने पास रख लिया था.मेरे पास कुछ पल के लिए टेंपोररी टाइम के लिए अँधा करने वाला भी स्प्रे था. मैं कोई रिस्क नही लेना चाहती थी.
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