RE: Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है
हम जिस जगह पहुँचे थे ये एक हिल स्टेशन था, बरसात ख़तम होने को आई थी, इस टाइम पर यहाँ लोग कम ही थे. हम ने एक अफोर्डबल होटेल मे रूम बुक किया. तबस्सुम जहाँ भी जाती लोग उसकी तरफ मूड मूड कर देखते. वो एक बला की खूबसूरत लड़की थी. मैं कभी कभी शौकत के साथ थोड़ा मज़ाक भी कर लेती. हम यहाँ की खूबसूरत वादियो मे अपने खूबसूरत मुस्तकबिल को तलाश कर रहे थे. कभी कभी मैं और शौकत एक साथ बैठ जाते और इनायत और तबस्सुम एक साथ. तबस्सुम एक पढ़ी लिखी लड़की थी, शुरू के दिनो मे तो वो चुप चाप रही लेकिन फिर वो हमारे साथ, ख़ास कर मेरे
साथ घुल मिल गयी. एक दिन सुबह शौकत और इनायत कहीं बाहर गये थे कि तबस्सुम और मैं होटेल के ही केफे मे बात चीत करने लगे.
तबस्सुम:आरा मैं काफ़ी दिनो से तुमसे एक बात पूछना चाह रही हूँ.
मैं:"पूछो, क्या बात है"
ताबू:"आप में और शौकत मे इतनी अच्छी निभती है तो उन्होने आपको,,,, आपको,,,"
मैं:"छोड़ क्यूँ दिया?"
ताबू:"आप बुरा मत मानना, मुझे लगा ही था कि आप इस बात का बुरा ना मान जायें"
मैं:"शौकत ने शराब के नशे में ऐसा किया था, जब उनको होश आया तो उनका अपनी ग़लती का एहसास हुआ"
ताबू:"तो फिर आप वापस इस घर मे क्यूँ आई"
मैं:"मेरे अब्बू को हार्ट अटॅक हुआ था जब मैं शौकत से अलग होकर अपने घर मे थी, मेरे लिए तलाक़शुदा और बूढो के ही रिश्ते आते थे, इसलिए कि,,,"
मैं अपनी बात को ख़तम भी ना कर पाई थी कि तबस्सुम मे मुझे रोक दिया,,,
ताबू:"छोड़िए इन बातो को, खैर अच्छी बात ये है कि आप फिर से खुश हैं, ये ज़रूरी है"
मैं:"हां, सही कहा तुमने यही ज़रूरी है"
हम लोगो ने फिर ना जाने कितने टोपिक्स पर बात की और फिर हम वापस ताबू के कमरे मे वापस आ गये. उनके कमरे में देखा तो मैं थोड़ा चौंक गयी, बेड पर ताबू की कई सारी पॅंटीस पड़ी थी,
मुझे थोड़ा हसी आ गयी, मैने उससे पूछा इसके बारे में
मैं:"ये सब क्या है बेड पर, कोई नुमाइश लगा रखी है क्या"
ताबू:"क्या कहूँ,,,"
मैं:"शरमा रही हो, ह्म्म्म्ममम लगता है हर रोज़ परेड होती है तुम्हारी"
ताबू:"आपको मालूम है"
मैं:"क्या"
ताबू:"यही सब"
मैं:"सॉफ सॉफ बताओ यार, शरमाओ मत"
ताबू:"यही आपके साथ ये सब नही करते थे"
मैं:"अर्रे भाई, सॉफ सॉफ बोलो तभी समझुगी ना"
ताबू:"मतलब, आपको वो आपके साथ वो,,,"
मैं:"शरमाओ मत यार तुम जिस आदमी की बात कर रही हो उसका मुझसे और मेरा उससे एक वक़्त कुछ नही छिपता था समझी,हाहाहा"
ताबू:"यही कि वो मेरी पैंटी पर अपना पानी गिराते हैं और फिर मुझे वही पहनने को देते हैं"
मैं:"नया स्टाइल है लगता है, मेरे साथ तो बस अंधेरे मे उछल कूद होती थी और फिर सो जाया करते थे, शायद तुम्हारे हुस्न ने उनको दीवाना कर दिया है"
ताबू इस बात पर सिर्फ़ मुस्कुराइ
ताबू:"आपके साथ वो सिर्फ़ रात मे और वो भी अंधेरे मे करते थे"
मैं:"हां, अब शायद वो बदल गये हैं लेकिन मुझे सेक्स का असली मज़ा इनायत ने दिया है, तुम यकीन नही कर सकती कि वो और मैं लगभग हर पोज़ीशन मे सेक्स कर चुके हैं"
ताबू:"सच में"
मैं अब बेड के सामने पड़े एक सोफे पर बैठ गयी थी और अंजाने मे मैने एक रिमोट कंट्रोल से टीवी ऑन करना चाही, टीवी पर जो कुछ नज़र आया उसको देख कर मैने ताबू की तरफ देखा तो वो शरमा सी गयी. ये एक हार्डकोर पॉर्न फिल्म थी जिसमे एक वाइट औरत को एक नीग्रो चोद रहा था और दूर बैठा एक वाइट आदमी ये सब देख रहा था, ये एक कुक्कोल्ड टाइप की मूवी थी.
मैं:"ह्म्म्म्मम तो आज कल ये भी देखा जा रहा है"
ताबू लगभग सकपका सी गयी और थोड़ा एम्बररस्मेंट भी झलक रही थी उसके चेहरे पर लेकिन मैने उसको संभाल लिया
मैं:"अर्रे इसमे घबराने की क्या बात है भला, हम लोग भी ये सब देखते हैं, और सच कहूँ तो मुझे ये सब देख कर बड़ा मज़ा आता है"
ताबू:"आप कब से"
मैं:"जब से इनायत से साथ हूँ"
ताबू:"एक बात पुच्छू, आप बुरा मत मानना"
मैं:"एक क्यूँ हज़ार पूच्छो"
ताबू:"आप ने दोनो भाइयो के साथ वो किया है तो आपको ,,,मेरा मतलब कि वो"
मैं:"कंपेर करना क्यूँ?"
ताबू:"हां"
मैं:"देखो शौकत का लंड लंबा है और पतला है, वो धीरे धीरे सेक्स करना पसंद करते हैं और मेरे साथ तो हमेशा अंधेरे मे सेक्स किया, वो मुझे पीठ के बल लिटा कर मेरी टाँगो के बीच मे आकर मेरी चूत मारा करते थे लेकिन इनायत ने तो कोई पोज़ीशन और टाइम और जगह छोड़ी ही नही है, बस हम ने यही ट्राइ नही किया जो इस मूवी मे दिख रहा हैं यानी स्वापिंग वगेरा"
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