RE: Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है
शौकत:"ये सब क्या है आरा और क्या मज़ाक है ये सब"
मैं:"तुम बैठो तो सही मैं सब बताती हूँ"
शौकत:"क्या बताती हूँ"
मैं:"देखो मुझसे घुमा फिरा कर कहना नही आता इसलिए सीधे पॉइंट पर आती हूँ"
शौकत:"क्या है बोलो जल्दी"
मैने इस बार उधर देखा और फिर तपाक से बोल पड़ी.
मैं:"लास्ट टाइम जब तुम पार्क से जाने के बाद ताबू को चोद रहे थे और मैने फोन किया था, उस वक़्त बात करते करते तुम मेरी चूत के बारे मे सोच रहे थे, क्यूँ? अब झूट मत बोलना बिल्कुल"
शौकत को बिल्कुल यकीन ना था कि मैं ऐसे ही बोल पड़ूँगी इतनी गहरी बात वो थोड़ा सकपका गया और फिर क़ुबूल करते हुए बोला
शौकत:"हां आरा ये तो है लेकिन इससे क्या"
मैने शौकत के कंधे पर हाथ रखा और उसकी आखो मे आँखें डाल कर प्यार से कहा
मैं:"देखो शौकत मैं नही चाहती कि हम लोग अपने पार्ट्नर को धोका दे लेकिन मैं चाहती हूँ कि हम एक दूसरे के ट्रस्ट को बनाते हुए एक दूसरे से बिल्कुल ईमानदार रहें"
शौकत:"तुम कहना क्या चाहती हो"
मैं:"यही कि ताबू को मालूम होना चाहिए कि तुम मेरे बारे मे सोचते हो, इमॅजिन करके ताबू की चूत मारते हो और इनायत और ताबू भी एक दूसरे के बारे मे ऐसा ही सोचते हैं,इनायत तो ये क़ुबूल कर चुका है."
शौकत:"तो"
मैं:"तो यह कि हम को खुल कर ये बात एक दूसरे के बारे मे आक्सेप्ट करनी चाहिए और फ्यूचर मे हम सेक्स करते वक़्त एक दूसरे को फोन करके सेक्स का मज़ा डबल कर सकते हैं"
शौकत:"इनायत और ताबू इस बात के लिए कैसे मान जाएगे"
मैं:"इनायत तो मान चुका है, बस ताबू को मैं मना लूँगी, हम कोई असली मे थोड़े ही किसी की चूत मार लेंगे"
शौकत:"मैं तो मारना चाहता हूँ"
शौकत एक दम से क्या बोल गया उसको इस बात का अंदाज़ा हुआ तो वो चुप सा हो गया
मैं:"मैं जानती हूँ मेरी जान और मैं भी तुमसे एक बार फिर चुदना चाहती हूँ लेकिन अगर ताबू और इनायत राज़ी हो तभी"
मेरी ये बात सुनकर शौकत को जैसे करेंट सा लगा लेकिन मैं अभी भी उसकी आँखो मे देख रही थी. शौकत ने मेरे होंटो को किस करना चाहा लेकिन मैने उसको दूर कर दिया और कहा कि ये पब्लिक पार्क है. हम अलग अलग होटेल पहुँचे. अब ताबू को इस फोन सेक्स के लिए राज़ी करना था. मैने प्लान बना लिया था और मैं आगे बढ़ रही थी.
|