RE: Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है
मैं आरिफ़ की टाँगो के बीच मे देखा तो उसका खड़ा हुआ लंड नज़र आ रहा था, मैने उसकी तरफ पॉइंट किया तो वो शर्मा गया और छुपाने लगा, मुझे हसी आ गयी और मैं कहकहा लगा कर हंस पड़ी.
मैं:"उफ्फ अब तुम्हे फिर मास्टरबेट करना पड़ेगा"
आरिफ़:"ये बुरा है हम मर्दो के साथ में कि हमारा एग्ज़ाइट्मेंट नज़र आ ही जाता है"
मैं:"क्यूँ औरतो का नज़र नही आता क्या"
आरिफ़:"औरतो का कैसे नज़र आता है"
मैं:"उनकी वेजाइना गीली हो जाती है और उनके निपल कड़क हो जाते हैं"
आरिफ़:"लेकिन ये सब तो कपड़ो के नीचे होते हैं ना, लेकिन तुम्हारे निपल्स भी कड़क नज़र आ रहे हैं"
मैं अपने ब्रा की तरफ देखा तो सच मे मेरे निपल्स नज़र आ रहे थे
मैं:"क्या नज़र है तुम्हारी, लगता है कि मुझे भी अब मास्टरबेट करना पड़ेगा, तुम्हारी तरहा"
आरिफ़:"तुमको कितना टाइम लगता है मास्टरबेट करने मे"
मैं:"डिपेंड करता है, इमॅजिन करके मास्टरबेट करने मे टाइम लगता है लेकिन कोई पॉर्न मॅगज़ीन पढ़ कर या वीडियो देख कर करने मे कम टाइम लगता है"
आरिफ़:"तो ये लो पहले तुम ये मॅगज़ीन देख कर लो बाद में मैं भी कर लूँगा"
मैं:"क्यूँ कोई पॉर्न वीडियो नही है तुम्हारे पास, तुम्हारे मोबाइल में"
आरिफ़:"नही "
मैं:"अच्छा लाइव देखना चाहोगे क्या"
आरिफ़:"वो कैसे"
मैं:"तुम मुझे लाइव दिखाओ और मैं तुम्हे"
आरिफ़:"क्या कह रही हो, ये कैसे हो सकता है"
मैं:"आरे भाई हम दोनो अडल्ट्स हैं क्यूँ नही हो सकता"
आरिफ़:"लेकिन भाई बहेन भी तो हैं"
मैं:"अच्छा ठीक है अगर तुम कंफर्टबल नही हो तो जाने दो"
आरिफ़:"क्या तुम कंफर्टबल हो मेरे सामने"
मैं:"तुम कब से मुझे देख ही तो रहे हो"
आरिफ़:"वो तो कंट्रोल नही हुआ"
मैं:"तो ठीक है देख लो मुझे"
ये कह कर मैने अपनी नाइटी उतार दी और उसकी तरफ देखने लगी. वो एकदम से भौचक्का रह गया और मुझे घूर कर देखने लगा. मैने उसको चिडाने के लिए आँख मार दी तो वो जैसे होश मे आया. उसकी सूरत देख कर मुझे काफ़ी मज़ा आया. मैं खिल खिला कर हंस पड़ी.
मैं:"अभी कुछ देखा नही हो ये हाल है, जब देख लोगे तो पता नही क्या करोगे, अच्छा तुम भी तो कुछ दिखाओ, चलो सीधे सीधे मुझे अपने पेनिस दिखाओ.
आरिफ़:"नही मुझे शरम आती है"
मैं:"ये ठीक है, मुझे देखने में नही आती लेकिन अपना दिखाने मे शर्म आ रही है"
आरिफ़ ने अब अपनी टी शर्ट और पाजामा उतार दिया था अब वो सिर्फ़ अंडरवेर पहने था.
मैं:"गुड अच्छा एरेक्षन है"
ये कहकर मैने अपनी ब्रा उतार दी, मेरे नंगे बूब्स को देख कर जैसे वो पागल ही हो गया, उसका मूह सूख गया था जैसे और वो मेरे गोरे गोरे बड़े बड़े बूब्स को देख कर एकदम से पत्थर की मूरत सा बन गया था. मैं जब आवाज़ दी तो वो होश मे आया. मैं उसके एकदम पास मे खड़ी हो गयी.
मैं:"होश उड़ गये क्या हाहहहाहाहा"
आरिफ़:"तुम कितनी खूबसूरत हो,उफ्फ ये कितने हसीन हैं"
मैं:"अच्छा हसीन नज़ारा तुमने देखा ही कहाँ है"
ये कहकर मैने झट से अपनी पैंटी भी उतार दी, अब मैं बिल्कुल नंगी खड़ी थी वो भी अपने सगे भाई के सामने. उसकी नज़रे अब मेरी चूत पर थी, वो एक दम सन्न सा पड़ गया था और उसकी साँसें उपर नीचे हो रही थी. मैने अपने हाथो से उसका अंडरवेर नीचे खिसका दिया. उसके लंड का साइज़ देख कर मैं दंग रह गयी, ये शौकत से लंबा और इनायत से भी चौड़ा था.
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