RE: Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है
मुझे ये बात खाए जा रही थी कि इनायत मेरे और आरिफ़ के रिश्ते की वजह से साना का रिस्ता आरिफ़ से नही
करवाना चाहता था.
उस रात मैने इनायत से कोई बात नही की. उसने मेरी तरफ कई बार देखा ज़रूर लेकिन पूंच्छा नही कि किस
वजह से मैं चुप हूँ. शायद वो जानता था कि असली वजह क्या है. मैने भी उसकी तरफ देखने की कोई कॉसिश
नही की. सुबह को उसने मुझसे पूंछ ही लिया
इनायत:"क्या बात है चुप चुप सी हो?"
मैं:"कुछ नही ऐसे ही"
इनायत:"देखो हम ने एक दूसरे से वादा किया था कि कुछ भी हो जाए हम एक दूसरे से हर बात जीकर करेंगे"
मैं:"मुझे तुम्हारी ये बात बुरी लगी कि आरिफ़ तुम्हारी बहेन के काबिल नहीं क्यूंकी वो वर्जिन नही है"
इनायत:"देखो आरा समझने की कोशिश करो, तुम दो अलग बातो को जोड़ रही हो जो ठीक नही है"
मैं:"नहीं, बिल्कुल नहीं, तुम्हारी बहेन का बेशक ये हक़ है कि उसका हज़्बेंड वर्जिन हो लेकिन वर्जिन ना
होना तुम्हारी निगाह मे जुर्म किस तरहा हो गया है और यही मुझे खल रहा है"
इनायत:"देखो, आइ आम वेरी सॉरी अबौट लास्ट टाइम, लेकिन ज़रा समझने की कॉसिश करो कि ये कहाँ तक सही होगा
कि मैं या कोई और ज़बरदस्ती अपने ख़याल किसी और पर थोपे."
मैं:"इनायत अब मैं कुछ नही कहना चाहती, तुम जो चाहो करो मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है, ये तुम्हारी और
तुम्हारी बहेन की लाइफ है. आरिफ़ के लिए भी लड़कियो की कोई कमी नहीं है"
इनायत ने मज़ीद बहेस करना ठीक नहीं समझा और वो चुप चाप चलता बना.
मैने भी ठान लिया था कि मैं साना, उसकी मा, उसके बाप सबको नंगा करूँगी और साना को खुद उसके दोनो भाई
और बाप के सामने बे जीझक नंगी होने की हालत तक ले कर आउन्गि ताकि इनायत के डबल स्टॅंडर्ड्स उसके
सामने आ जायें.
इसके लिए एक प्लान की ज़रूरत थी जो धीरे धीरे फ्लेक्सिबिलिटी के साथ फेज़ बाइ फेज़ इंप्लिमेंट किया जाए.
मैने सोचना शुरू किया कि क्या किया जाए जिससे लाठी भी ना टूटे और साँप भी मर जाए.
उस सुबह मैने जान कर कोई काम नही किया. दोपहर को जब सब मर्द चले गये तो साना मेरे कमरे
मे आई मेरे हाल लेने को.
साना:"क्या हुआ भाभी,क्या बात है?"
मैं:"कुछ नही बस ऐसे ही ज़रा दर्द है"
साना:"क्या हुआ सर दुख रहा है?"
मैं:"नही सर मे नही जिस्म मे दर्द है"
साना:"कहाँ दुख रहा है, मैं बॉम लेकर आती हूँ"
मैं:"अर्रे नही, ये वो वाला दर्द नही है"
साना:"तो क्या पीरियड्स वाला दर्द है?"
मैं:"नही बाबा, तुम इतने सवाल मत पून्छो "
साना:"तो सॉफ सॉफ बोलो ना"
मैं:"ये मिया का दिया दर्द है अपनी बीवी को, जब शादी हो जाएगी तो समझ जाओगी"
साना:"अच्छा तो ये माजरा है, तो पहले क्यूँ नही कहा"
मैं:"क्या कहती इस बारे में"
साना:"लगता है बहुत प्यार व्यार हो रहा है आज कल"
मैं:"अच्छा बन्नो, तुम्हारी शादी होगी तब पता चलेगा जब मूसल जाएगा ना अंदर"
साना:"क्या कहा मूसल?"
मैं:"हां तुम्हारे प्यारे भाय्या ने कल ना चाहते हुए भी मेरी बुर मे अपना मूसल रगड़ रगड़ कर मेरी
ये हालत कर दी है"
साना:"हहाहहः अच्छा मुझे क्या पता"
मैं:"हंस लो तुम्हारा भी टाइम आएगा जब तुम्हारी बुर का भोसड़ा बन जाएगा"
साना:"ये ज़रूरी तो नही है कि ऐसा ही हो"
मैं:"हां हो सकता है कि वो कमज़ोर लुल्ली वाला निकले हाहहहाहाहा....."
मेरी बात सुन कर साना ने बुरा सा मूह बनाया
साना:"क्या भाभी आप भी ना"
मैं:"मज़ाक कर रही थी बाबा, नाराज़ क्यूँ होती हो, सबका केला अलग अलग साइज़ का होता है लेकिन मज़ा सबका
अच्छा ही होता है"
साना:"आपको कैसे पता"
मैं:"मैने तुम्हारे दोनो भाइयो का केला खाया है मेरी जान, शौकत का लंबा लेकिन पतला और इनायत का चौड़ा
लेकिन थोड़ा छोटा"
साना:"आपको अब बुरा नहीं लगता, जब शौकत भाई ताबू भाभी के साथ होते हैं?"
मैं:"अब जब गुजर चुकी है तो कह रही हूँ, यही मेरी किस्मत, लेकिन हां प्यार तो दोनो मर्दो ने मुझसे
खूब किया, दोनो ने रगड़ रगड़ कर चोदा है मुझे"
साना:"छी भाभी क्या बोलती हो"
मैं: "अच्छा चाइयीयियी, क्यूँ,, बन्नो जब केला चूसोगी ना तो भूल जाओ कि छी वगेरा"
साना:"मैं तो कभी ना चूसू किसी का केला, ये आप ही करो"
मैं:"मैं तो कर ही रही हूँ लेकिन केला देखने के बाद भूल जाओगी छी"
साना:"अच्छा वो सब ठीक है, आप नहा लो फिर जिस्म थोड़ा हल्का लगेगा"
मैं:"कैसे जाउ बाथरूम तक, तुम ऐसा करो पानी भर दो मैं तुमको बुला लूँगी, आज बाल भी सॉफ
करने हैं"
साना:"ठीक है, मैं पानी भर कर आपको आवाज़ देती हूँ"
ये कहकर साना बाथरूम की तरफ चल पड़ी, मैने जान भूझ कर आँगन मे अपनी सास के सामने लंगड़ा कर
चलना शुरू कर दिया. मेरी सास ने आकर कर मुझसे पूंच्छा
सास:"अरे आरा क्या हुआ"
मैं:"जी कुछ नही वो बस ऐसे ही"
मेरी सास मेरे करीब आई तो मैने कह ही दिया जो मेरे मन में था
मैं:"जी आपसे कैसे कहूँ ये सब"
ये बात मैने लगभग फुसफुसा(विस्पेर) कर कही और मेरी सास ने भी वैसे ही जवाब दिया
सास:"बोलो तो सही "
मैं:"कल रात इनायत ने जल्दी जल्दी किया जिससे मेरी नीचे वाली जगह दुख रही है"
सास:"ये मर्द सब ऐसे ही होते हैं, औरतो को बस इस्तेमाल की चीज़ समझते हैं"
मैं:"सब मर्द मतलब ससुरजी ने भी क्या,,,"
मेरे इस सवाल की उनको उम्मीद ना थी, उनको मेरी तरफ देखा और वापस आँगन में जाकर बैठ गयी.
अब मैं बाथरूम मे आ चुकी थी और दरवाज़ा बंद किए बिना मैने अपने सारे कपड़े उतार दिए और साना को
आवाज़ दी.
मैं:"साना, ज़रा मेरी क्रीम लेकर आ जाओ"
मैं अभी कुछ सोच ही रही थी कि मेरी सास की आवाज़ आई.
सास:"ये लो"
मैने चौंक कर देखा तो मेरी सास मेरे सामने मेरी हेर रिमूवल क्रीम लेकर मेरे सामने खड़ी थीं और उनकी
आँखें हैरत से खुली थी, मैं भी चौंक गयी थी, समझ नही पाई कि क्या करूँ, वो मुझे बिना ब्रा
के कई बार देख चुकी थीं और मैं भी लेकिन ये पहली बार था कि वो मुझे पूरा नंगा देख रही थी.
मैं इस तरहा बैठी थी कि मेरी टाँगो के बीच से मेरी चूत सॉफ नज़र आ रही थी.
मैने चूत के सामने हाथ रख कर उसको ढकना चाहा.
सास:"आरा थोड़ा ख़याल रखा करो, घर पर मर्द भी होते हैं,ये ठीक है कि अभी कोई नही है,
और बाल टाइम पर ही सॉफ कर लिया करो, इस तरह रहना ठीक नही है"
मैं:"जी वो मैं साना का वेट कर रही थी इसलिए दरवाज़ा खुला रखा, आज दर्द हो रहा था तो सोचा
उससे ही कह दूं कि क्रीम लगा कर मेरे बाल सॉफ कर दे और मुझे नहला दे"
सास:"अर्रे क्या लड़की है वो, वो तो ताबू के साथ शॉपिंग के लिए जाने वाली थी, मैने उससे कहा था
कि वो तुम्हारा हाल पूंछ ले और फिर जाए, पता नही ध्यान कहाँ रहता है उसका, तुम रूको मैं ही
आज तुमको नहला दूं"
ये तो ऐसा हो रहा था कि चौक्का मारना चाहा था लेकिन छक्का लग गया. मैने सोचा क्यूँ ना सास के भी
जिस्म मे आग लगा दूं. मैने उनको एक बार ससुरजी के सामने डॅन्स करते हुए देखा था, वो अपनी कमर
हिला हिला कर कुछ कह रहीं थी, इससे ये तो मालूम था कि वो और सुसुरजी अब भी रोमॅंटिक हैं और उनके
अंडर गारमेंट्स भी फँसे टाइप के थे जो उनकी उमर के हिसाब से थोड़े अजीब थे. शौकत की उमर लगभग
32 साल की थी और वो पहली औलाद थे, जिस वक़्त तो पैदा हुए थे उस वक़्त मेरी सास की उमर सिर्फ़ 16 साल
ही थी, तो अब उनकी उमर लगभग 48 से ज़्यादा नहीं होगी. गाओं मे अक्सर पहले यही होता था और आज भी कहीं
कहीं ये ही होता है. इसलिए मेरी सास की जिस्मानी ख्वाशात मरी नहीं थी बाकी ज़िंदा थीं. मैने सोचा
यही मौका अच्छा है.
मैं:"नहीं आप क्यूँ परेशान होंगी, मैने खुद ही करने की कोशिश करती हूँ, आप आराम करें"
सास:"अगर तुम शरमा रही हो तो कोई बात नही, मैं इसरार नही करूँगी"
मैं:"नही ऐसी बात नही है, अच्छा आप ही कर दीजिए"
सास:"अच्छा ठीक है, ज़रा पैरो को फैलाओ तो ज़रा और दीवार से टेक लगा कर बैठ जाओ"
मैं:"अच्छा ठीक है"
मैने ऐसा ही किया और ये कन्फर्म किया कि बालो से धकि मेरी चूत मेरी सास के एकदम सामने हो
सास:"ये बताओ तुम इन बालो को इतना बड़ा क्यूँ रखती हो"
मैं:"इनायत को यहाँ बाल पसंद हैं इसलिए"
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