RE: Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है
मैने उसको देख कर बनावटी गुस्सा दिखाया.
मैं:"जाओ तुम पहले शॉपिंग कर आओ फिर मेरे पास आना"
साना:"ओह भाभी, आइ आम रियली सॉरी, मैं बिल्कुल भूल गयी, खैर आप नहा तो लीं ना"
मैं:"हां, बेचारी अम्मी ने मुझे नहलाया और बाल भी सॉफ किए उन्होने"
साना:"आप मज़ाक कर रही हैं"
मैं:"मैं मज़ाक क्यूँ करूँ, उनकी एहसानमंद हूँ मैं तो"
साना:"ओह भाभी,मुझे माफ़ कर दो, मुझे पता नहीं था ये सब"
मैं:"खैर जाने दो ये बताओ कि क्या लाई हो शॉपिंग करके"
साना:"कुछ नहीं मैं तो कुछ ख़ास नही लाई, बस थोड़े अंडर गारमेंट्स ही लाई हूँ लेकिन ताबू भाभी
तो उफ्फ ना जाने क्या क्या फॅशनबल चीज़ें लाई हैं, उन्हे कैसे कोई पहेन सकता है"
मैं:"क्यूँ अपने हज़्बेंड के सामने बेडरूम मे पहेनने में क्या हर्ज़ है"
साना:"हां अपने हज़्बेंड के सामने तो कोई हर्ज नही है"
मैं:"और तुम कौन्से कम फॅन्सी अंडरगार्मेंट्स पहेन्ति हो"
साना:"भाभी, अंडरगारमेंट्स कौन देख सकता है"
मैं:"तो उसी तरहा बेडरूम मे कौन देख सकता है क्या पहेन रखा है"
साना:"ह्म्म आप ठीक कहती हैं, अच्छा बताइए अब कैसी है आप की गुलाबो"
मैं:"कैसी है, आज शाम तक ठीक भी हो गयी तो रात को तुम्हारे भाय्या फिर रगड़ रगड़ के वही हाल
कर देंगे"
साना:"आप भाय्या को मना कर दें"
मैं:"हाँ, मना कर दूँगी, आज मैं अम्मी के साथ सोने वाली हूँ"
साना:"तो अब्बू कहाँ सोयेंगे?"
मैं:"अब्बू इनायत के साथ सो जायेंगे"
साना:"हाहाहाहहाः ये भी खूब है"
मैं:"हां खूब ही तो है, अम्मी बता रही थीं कि उनका भी कभी कभी यही हाल होता है"
साना:"अम्मी आप से ऐसी बात क्यूँ करेंगी भला"
मैं:"वो मेरी एक दोस्त हैं पहले और सास बाद में, मैं उनसे हर मसले मे राई ले लेती हूँ"
साना:"काश मुझे भी ऐसी ही सास मिले"
मैं:"ज़रूर मिलेगी थोड़ा सबर करो और प्यार करने वाला शौहर भी"
साना:"भाभी आप भी ना, बहुत शरारती हैं"
मैं:"हां मेरी बन्नो, शरारत की उमर भी तो है, तुम भी शरारती बन जाओ वरना शादी के बाद मुश्किल
होगी"
साना:"क्या मुश्किल होगी?"
मैं:"पता ही नही होगा कि क्या करना है, कैसे करना है,पागल ही जाओगी"
साना:"तो आप बता दीजिए ना कि क्या करना होता है, कैसे करना होता है?"
मैं:"मैं तो बता ही दूँगी लेकिन तुम थोड़ी शर्मीली हो और झिझक बहुत है तुममे"
साना:"उफ्फ भाभी, अब बताइए भी ना क्या करना है"
मैं:"सब बता दूँगी,पहले तुम्हे झिझक निकालनी होगी"
साना:"ठीक है"
मैं:"अच्छा फिर टाइम देख कर बता दूँगी, कल अम्मी अपनी बहेन के यहाँ जाने वाली है और ताबू दोपहर
को गहरी नींद मे होती है तब आना सब सिखा दूँगी, समझी मेरी बन्नो"
साना:"ठीक है भाभी आप कितनी अच्छी हैं"
ये कहकर वो शाम का खाना बनाने चली गयी और फिर सबने रात का खाना एक साथ खाया.
खाना खाने के बाद मेरी सास ने सबको कह दिया कि आरा मेरे साथ सोएगी उसकी तबीयत ठीक नही है
और मेरे ससुर को इनायत के साथ सोने के लिए कह दिया. जब इनायत ने पून्छा तो सास ने सॉफ कह दिया कि
उसको आराम की ज़रूरत है और तुम गहरी नींद मे सो जाते हो, मैं उसका ख़याल रखूँगी.
रात को जब मैं सास के रूम मे गयी तो वो पहले ही अपने माथे पर अपना हाथ रखे आँखें मूंदे
लेटी थीं,मेरी आवाज़ सुन कर उन्होने आँख खोली और मुझसे लाइट्स ऑफ करने को कहा.मैने हमेशा की
तरहा नाइटी पहेन रखी थी. मैने सोचा कि शायद मेरी सास दोपहर के इन्सिडेंट से परेशान हैं और
गिल्टी फील कर रही हैं.
मैं चुप चाप उनकी लेफ्ट साइड मे जाकर लेट गयी. थोड़ी देर बाद मेरी सास ने मुझसे फिर बात शुरू की.
सास:"आरा, मैं दोपहर की बात से शर्मिंदा हूँ, मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था"
मैं:"शर्मिंदा होने की क्या बात है, आप ही ने कहा था कि आप मेरी दोस्त हैं, मुझे बिकुल बुरा नहीं
लगा, मैं भी अपने आप को रोक नही पाई, आप हैं ही इतनी दिलकश और खूबसूरत"
सास:"तो तुमको बुरा नहीं लगा, लेकिन फिर भी शायद हम को ये सब नहीं करना चाहिए"
मैं:"आप एक औरत हैं और मैं भी,अगर हम एक पल के लिए एक दूसरे से ये सब बाँट लेते हैं तो इसमे
हर्ज ही क्या है"
सास:"लेकिन अगर किसी को भनक भी लगी तो हम लोग किसी को मूह दिखाने लायक नही रहेंगे"
मैं:"ये सब बातें या तो रात के अंधेरे मे होती हैं या अकेले में तो फिर किसी को क्या पता चलेगा"
सास:"पता नहीं मुझे ये सब थोड़ा अजीब से लगा लेकिन ना जाने क्यूँ अच्छा भी लगा"
अब मैं समझ चुकी थी कि मेरी सास धीरे धीरे सीशे मे उतरने वाली है और मैने जाल फेंक दिया.
मैं:"मुझे भी अच्छा लगा और मेरा मन है कि आप का शानदार जिस्म मुझे हमेशा देखने को मिले"
सास:"क्या है मेरे बूढ़े जिस्म मे"
मैं:"आप को क्या पता, ये आपकी बड़े बड़े सीने,बड़ी सी निपल्स, खुसबुदार चूत, उभरे हुए चुतड
ये भारी भारी जांघें, ये सफेद रंगत, अफ क्या चीज़ हैं आप, मैं तो आपको जी भर के देख
भी ना पाई हूँ"
सास:"अच्छा तो मैं तुम्हे इतनी अच्छी लगती हूँ"
मैं:"हां आप जानती नही कि मैने कैसे रात का इंतेज़ार किया है"
सास:"तुम तो मेरी दीवानी सी हो गयी हो"
मैं:"हां, क्या मैं दोबारा आपको नंगी देख सकती हूँ"
सास:"ठीक है लेकिन हम शोर नही करेंगे"
ये कहकर वो बिस्तर पर बैठ गयीं और मैने झट से अपनी नाइटी उतार दी जिसके नीचे मैने कुछ नही
पहना था. मैने भी उनकी शलवार और कुर्ता उतार दिया, उन्होने भी नीचे कुछ नहीं पहना था.
मैने तुरंत उनकी बड़ी बड़ी लटकी हुई उनकी चूचिया पकड़ ली और और उनको उनके लिप्स पर किस करने लगी.
वो उफान पर थीं, मैं उनके निपल्स पर उंगलियो से घेरा बना रही थी और वो भी मेरी पीठ सहला रही
थीं. मैने करीब 10 मिनिट तक ऐसा ही किया और उनको पीठ के बल लिटा दिया और उनकी टाँगो के बीच मे
झुक कर उनकी चूत चाटने लगी, मैने उनको तड़पाना शुरू किया, मैं थोड़ी देर के लिए उनकी चूत चाट
लेती और फिर रुक जाती, जब मैं रुक जाती तो वो मेरी तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देखने लगती.
मैने उनसे कहा कि मैं अपनी चूत उनके मूह पर रखना चाहती हूँ, उन्होने बुरा सा मूह बनाया लेकिन
फिर कहा कि अच्छा चलो आ जाओ.
अब मैं 69 पोज़ मे थी.वो मेरी चूत चाट रही थीं.
अब मैने ज़ोरदार ढंग से चूत चाटना शुरू किया और थोड़ी ही देर में मेरा और उनका पानी निकल आया
ज्सिको हम दोनो से चाट कर सॉफ कर दिया.
अब मैं फिर उनके सिरहाने आ गयी थी और फिर उनके लिप्स चूस रही थी.मुझे अपनी चूत का और उनको उनकी
चूत के रस का मज़ा मिल रहा था. हम थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे और फिर हम ने बात शुरू कर दी,मैं
अब भी उनसे लिपटी हुई थीं और वो मेरे बालों मे हाथ फिरा रही थीं और मैं उनके चुतड पर हाथ
फेर रही थी.
मैं:"आपको अच्छा लगा"
सास:"हां बहोत अच्छा लगा और तुमको"
मैं:"मुझे भी, अच्छा एक बात पूछूँ"
सास:"बिना झिझल पून्छो"
मैं:"ससुरजी क्या आपको अभी भी प्यार करते हैं रात को"
सास:"हां लेकिन अब पहले जैसी बात नहीं रही, अब उनका खड़ा तो होता है लेकिन वो जल्दी झाड़ जाते हैं"
मैं:"तो आप कैसे अपनी प्यास बुझती हैं, उंगली करके"
सास:"हां, आरा, और चारा ही क्या है"
मैं:"आप मुझे बुला लिया करें"
सास:"अब ये कब तक मुमकिन है"
मैं:"अब साना की शादी हो जाएगी और घर मे मैं,आप और ताबू ही बचेंगे"
सास:"ताबू को भनक लग गयी तो"
मैं:"ताबू की आप टेन्षन ना लें, मैं उसको जानती हूँ,उसमे सेक्स की भूक बहोत ज़्यादा है, हो सकता है
कि वो भी हम को जाय्न कर ले"
सास:"नहीं आरा, वो तुम जैसे समझदार नही है, उसमे अभी भी बच्पना है"
मैं:"अब वो बच्चे पैदा करने के लायक हो गयी है, बच्पना कैसा उसमे"
सास:"नही आरा, ये बात हम दोनो में ही ठीक है"
मैं:"जैसी आप की मर्ज़ी लेकिन आप जब कहेंगी मैं उसको अपने साथ शामिल कर लूँगी"
सास:"देखा जाएगा, कल मैं अपनी बहेन के घर जा रही हूँ, तुम चलोगि क्या"
मैं:"नहीं मैं घर पर ही रहना चाहती हूँ, मैं आपसे एक बात कहना चाहती थी"
सास:"हां बोलो"
मैं:"साना तो बिल्कुल बच्ची है, पता नहीं उसका क्या होगा"
सास:"क्यूँ"
मैं:"उसको अभी कुछ पता ही नहीं है सेक्स के बारे में"
सास:"तुम्हे कैसे पता"
मैं:"वो मुझसे पूंछ रही थी कि मेरी चूत मे दर्द क्यूँ हो रहा था, जब मैने कहा कि तुम्हारे भैय्या
की वजह से तो वो कहने लगी कि भैय्या ने कैसे दर्द किया यहाँ पर"
सास:"या रब, क्या सच में"
मैं:"हां सच्ची"
सास:"तो तुमने क्या कहा"
मैं:"मैं चुप हो गयी"
सास:"तो तुम ही उसको समझा दो सब कुछ"
मैं:"हां मैं भी यही सोच रही हूँ कि कल उसको थोड़ा समझा दूं ताकि उसको शादी के बाद परेशानी
ना हो, वैसे वो आप की फोटो कॉपी है"
सास:"हां वो तो है ही"
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