RE: Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है
मुझे ना जाने क्या हुआ कि मैने अपने ससुर के सीने पे लात मार दी जिससे वो हड़बड़ा गये, मैने बनावटी गुस्सा
दिखा कर कहा
मैं:"अबे साले, मा के लौडे मेरी चूत भी चाहिए और मेरे कहना भी नही मानेगा, चल लेकर आ फोन"
ससुर:"आरा मेरी जान इतना गुस्सा मत करो, लाता हूँ फोन"
वो उठे और मेरा फोन लाकर वीडियो बनाने लगे.
मैं:"ये वीडियो फाइल मैं लॉक कर के रखूँगी, समझा, टेन्षन मत ले और इस तरहा वीडियो बना कि तेरा
चेहरा भी आ जाए."
ससुर:"ठीक है, जैसे कहो"
मेरे ससुर बरकत अब मेरी चूत मे अपने लॉडा समा चुके थे और मेरी वीडियो बना रहे थे.
मैं:"बरकत साले वीडियो ही बनाता रहेगा की चोदेगा भी मुझे भडवे"
ससुर:"हां अभी शुरू करता हूँ मेरी जान"
मैं:"हां इसी तरहा कर,तेरी तो लार टपक रही है पहले ही दिन से मुझे देख कर"
ससुर:"सच कहा मेरी जान"
मैं:"तू साला पक्का बेटी चोद है, क्यूँ है ना"
ससुर:"नही बेटी चोद नही, बहू चोद हूँ"
मैं:"अच्छा गान्डू कुत्ते, मैं तेरी बेटी की उमर की नही हूँ क्या, सच बता अपनी बेटी पर नज़र रखी
है क्या तूने"
मेरे ससुर अब धक्के लगा रहे थे और मुझे उनको ज़लील करने मे मज़ा आ रहा था.
ससुर:"नही, अपनी बेटी पर कभी नही"
मैं:"देख मेरे राजा, सच बोल, अगर सच बोलेगा तो मैं ताबू को भी तेरे लंड का स्वाद चखवा दूँगी"
ससुर:"क्या ताबू, सच में, ऐसा हो सकता है"
मैं:"हां मेरे कुत्ते, सब हो सकता है, तू बता तो सही कि तुझे साना अच्छी लगती है कि नही"
ससुर:"हां वो खूबसूरत है"
मैं:"टेन्षन मत ले यार, साना को भी मैं तेरे लौडे से चुदवा सकती हूँ"
ससुर:"अच्छा अब ज़्यादा डींग मत मारो, मुझे अपने काम करने दो"
ये सुनते ही मैने उनको एक बार फिर लात मारी लेकिन इस बार वो भी गुस्से मे आ गये और मेरे बाल पकड़ कर
मुझे ज़बरदस्ती चोदने लगे. मुझे मज़ा आ रहा था, इस एहसास पर लेकिन मैने भी और गुस्सा दिखाया
और उनके चेहरे पर थूक दिया और एक थप्पड़ खींच कर मारा.
मैं:"साले, कमीने, अपनी औकात भूल गया है तू, तुझे तो कभी मेरी चूत सूंघने को नही मिलती अगर
मेरे साथ ये सब ना होता, तू भड़वा है, भूल जा अब मेरी और ताबू की चूत को"
मेरे इस सख़्त रवैय्ये से ससुर जी डर से गये और लगभग गिडगिडाने से लगे.उन्होने मेरे बाल छोड़ दिए.
मैं:"तुझे अपनी औकात याद आ गयी ना, चल ठीक है माफ़ किया,तू बस इतना याद रख कि मुझे खुश
रख और सबकी चूत लेले और अगर मुझे दुखी किया सो समझ लेना तेरी क्या हालत करती हूँ"
अभी ससुरजी ने कुछ झटके ही मारे थे उनका पानी निकल गया.
मैं:"बस इतना ही दम है तेरे लौडे मे"
ससुरजी शर्मिंदा से हो गये. अब मैं भी फ्रस्टेट हो गयी. लेकिन मैने सोचा कि ज़्यादा गाली गलोच
से बात बिगड़ जाएगी इसलिए मैने अपने ससुर को गले से लगा लिया.मेरे इस रवैय्ये से वो हैरान से हो गये.
मैं:"ससुरजी क्या आप मेरे गाली गलोच से नाराज़ है, मुझे लगा कि शायद आपको मज़ा आ रहा है,मैं
आपकी इज़्ज़त करती हूँ, अगर आपको ये मेरे गाली देना पसंद नही है तो मुझे बोल देते"
ससुर:"नही बेटा मुझे काफ़ी अच्छा लगा, तुम्हारी सास तो एक लाश की तरहा पड़ी रहती है, काफ़ी उकसाने
पर वो थोड़ा आक्टिव होती है सेक्स के टाइम पर,लेकिन मैं आज ज़्यादा ही एग्ज़ाइटेड था, इसलिए मेरा पानी
बहोत जल्दी निकल गया"
मैं:"आप टेन्षन मत लीजिए, बस मुझपर प्रॅक्टीस करते रहिए, जल्दी ही आप ठीक हो जायेंगे"
मैने डोर पर डोर बेल सुनी, और ससुरजी को अपने कपड़े उठा कर जल्दी से डोर खोलने को कहा.
वो अपने कपड़े ठीक करके डोर खोलने चले गये और मैं बेड पर आराम करने लगी.
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