RE: Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है
सास:"आरा कहाँ तो तुम"
वो बाहर आई और प्लान के मुताबिक मुझे कहने लगी कि मैं खुद ससुरजी के पास जाउ और उनको खुश करूँ
सास:"आरा जाओ अपने ससुर के पास और जल्दी करो"
मैं:"मुझे माफ़ कर दीजिए"
सास:"अर्रे भाई जल्दी करो आरा, जाओ जल्दी जाओ"
मैं धीरे धीरे ससुरजी के कमरे मे आ गयी वो अब भी जैसे यकीन नहीं कर पा रहे थे कि उनकी बीवी
ने उनकी बहू को उनके पास चुदने के लिए भेज दिया है. मैं ससुरजी के पास आई और मुस्कुरा कर उनका
चेहरा अपने हाथो से उपर किया और फिर उनसे लिपट गयी.
मैं:"बरकत तेरी बीवी ने तो कमाल ही कर दिया,अच्छा अब जल्दी कर मेरी चूत कुलबुला रही है तेरा लौडे
के लिए"
ससुरजी:"मुझे यकीन नही होता,ये सब असल मे हो रहा है"
मैं:"गान्डू, तू यकीन करने मे टाइम लगा और तेरी बेटी आ जाएगी फिर अपने हाथ से हिलाना बैठ कर"
अब सुसुरजी ने कुछ सोचा और मुझे किस करने लगे, मैने भी अपनी बाँहे उनकी बाहों मे डाल दी और
उनसे लिपट गयी, बाहर मेरी सास हमारे सेक्स ख़तम होने का वेट कर रही थी.
ससुरजी:"चलो अच्छा हुआ, अब मैं बेफिकर हो कर तुमसे प्यार कर सकता हूँ, अब डर नहीं है"
मैं:"साला तू मर्द है ना इसलिए सिर्फ़ अपने बारे में हो सोचेगा, सोच अगर तेरी बेटी या तेरे बेटों को
मालूम पड़ा तो क्या होगा"
ससुरजी ने मेरी नाइटी उतारनी चाही और मैने भी अपने दोनो हाथ उठा दिए ताकि मेरी नाइटी मेरी बाहो
से निकल सके, ससुरजी अब भी वैसे ही नंगे थे और उन्होने मुझे बिस्तर पर बिठा दिया और मेरे पैर
हवा मे उठा दिए और मेरी टाँगो से बीचे मे आकर मे चूत मे लंड डालने लगे और एक धक्का सा दिया
, इससे उनका लॉडा मेरी बुर मे घुस गया.अब वो मेरी कमर पकड़ कर धक्के दे रहे थे, मेरी चूत मे पहले
से ही काफ़ी पानी आ गया था और पूरा कमरा पच पुच की आवाज़ से गूँज रहा था.
ससुरजी:"उनको कैसे मालूम पड़ेगा"
मैं:"अच्छा चलो ठीक है, मान ले कि नही मालूम पड़ता तो तेरी बीवी का क्या, वो बेचारी कैसे अपनी प्यास
बुझाएगी"
ससुरजी:"इसमे मैं क्या कर सकता हूँ"
मैं:"तू तो अपनी बेटी की उमर की लड़की को चोद रहा है तो उसके लिए भी कोई जवान लड़का ढूँढ दे या उससे
खुद कह दे कि वो भी मज़े करे"
ससुरजी:"देखो आरा इसमे ख़तरा बहोत है, जवान लड़के ब्लॅक मैल करने लगते हैं, वीडियो बना कर इंटरनेट
पर डाल देते हैं, इससे सब बर्बाद हो जाएगा"
मैं:"तो घर में ही कुछ इंतेज़ाम कर दे, आआहह उहह धीरे साले फाड़ देगा क्या मेरी चूत को, ज़ालिम आराम से,रंडी नही हूँ तेरी बहू हूँ कुत्त्तीए आआआअहह"
मैने जान बूझ कर ज़ोर से चिल्ला कर कहा ताकि मेरी सास तक आवाज़ चली जाए
सास:"आरा धीरे, पूरे मोहल्ले तक पहुँच जाएगी तुम्हारी आवाज़"
मैं:"साली, मुझसे क्या कह रही है, अपने मिया से कह ना, साला पागल हो जाता है मेरी बुर देख कर"
मैने ये बात चिल्ला कर कही, मुझे बड़ा अच्छा लगा, मैने आज पहली बार अपनी सास को गाली दी थी.
सास:"अजी धीरे करो ना,आज दुनिया ख़तम नही हो रही है"
ससुरजी:"अच्छा मेरी जान"
मैं:"तो क्या सोचा हैं, अपनी बीवी के लिए"
ससुरजी :"क्या कहना चाहती हो सॉफ कहो ना"
मैं:"अपनी बीवी के लिए तू इनायत या शौकत के लंड की पर्मिशन दे दे"
ससुरजी:"पागल हो क्या, वो उसके बेटे हैं, ये कैसे किसी को क़ुबूल होगा"
मैं:"अच्छा तो बहू की बुर मे अपना केला पसंद है लेकिन बीवी की चूत मे बेटे का नही पसंद"
ससुरजी:"तुम मेरी बेटी नही हो"
मैं:"अच्छा अगर तुझे अपनी बेटी चोदने को मिले तो क्या तू उसको नही चोदेगा"
ससुरजी:"हरगिज़ नहीं"
मैं:"बेटा एक बार जब अपनी बेटी की चूत देख ली ना तो सब भूल जाओगे"
ससुरजी:"तुमने कब देखी उसकी"
मैं:"मैं और वो सहेली जैसी हैं इसलिए हम मे कुछ नही छिपा है, मैं अपने सेक्स के बारे में उसको सब
बताती रहती हूँ और मैने कई बार उसको नहलाया है, सब जानती हूँ, वो तेरी बीवी की जवानी है
, समझा"
ससुरजी:"अच्छा"
मैं:"क्यूँ आ गया ना मूह मे पानी, सोच अगर मेरी जगह खुद तेरी बेटी जो तेरे लंड से पैदा हुई है,
खुद तेरे ही लंड को चूस रही हो"
इन बातों से सुसुरजी काफ़ी गरम हो गये थे और उनकी स्पीड बढ़ चुकी थी
ससुरजी:"ये सब कभी मुमकिन नहीं है"
मैं:"मैं मुमकिन बना सकती हूँ लेकिन तुझे अपनी बीवी के बारे मे सोचना होगा, उसके लिए मैं
इनायत को राज़ी कर लूँगी"
ससुरजी:"अगर साना मान जाती है तो ठीक है, मुझे कोई ऐतराज़ नही है"
मैं:"इसके फ़ायदे भी तो सोच,मैं और तू बिना किसी झंझट के सबके सामने दिन दहाड़े खुले मे चुदाई का
ये खेल खेल सकते हैं"
ससुरजी:"शौकत और ताबू को भूल गयी क्या?"
मैं:"शौकत और ताबू को तू मेरे उपर छोड़ दे, मैं उनको भी मना लूँगी लेकिन इसमे टाइम लगेगा"
ससुरजी:"फिर हो सकता है कि ताबू को भी मैं चोद सकूँ"
मैं:"साला तू है मर्द,पक्का कुत्ता, एक बहू की चूत मे लंड डाले है और अपनी बेटी और दूसरी बहू
के बारे में सोच रहा है हाहहाहहाहहाहा हीहेहेहीहीह"
अब ससुरजी झाड़ चुके थे, वो कुछ मेरे उपर लेट गये और मैं भी उनके सर के बालो में उंगलिया कर
रही थी. ये एक अजीब एहसास था कि मैं अपने ससुर से चुदवा रही हूँ और उनकी बीवी बाहर पहरा दे
रही है. कुछ देर तक इसी तरहा रहने के बाद उन्होने और मैने कपड़े पहेन लिया और मैं कमरे के बाहर
गयी. मेरी सास ने मुझे आँख मारी और उनके चेहरे पर एक मुस्कान आ गयी.
सास:"आरा कहाँ जा रही हो, वो जो मेरे बेड पर तुमने पेसाब किया है वो कौन सॉफ करेगा?"
मैं:"ठीक है अम्मी, मैं अभी वॉशिंग मशीन मे डाल देती हूँ"
सास:"जल्दी करो, ताबू और साना आते ही होंगे"
फिर कुछ देर बाद साना और ताबू भी आ गये. हम दोपहर के काम मे लग गये.मैने सोचा था कि आज
इनायत को अपनी मा की चूत के डीटेल्स दे दूँगी और एक बार फिर रोल प्ले के ज़रिए उसको उसकी अपनी
मा की चूत तक पहुँचा दूँगी. मैं बेसब्री से रात का इंतेज़ार कर रही थी.
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