RE: Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है
जैसे ही ससुरजी को एहसास हुआ तो उनके तोते उड़ गये लेकिन इनायत ने उस वक़्त उनका सामना करना ठीक नहीं समझा,
इसलिए इनायत वापस अपने कमरे मे चले गये और फिर मेरी सास खुद अपने कमरे मे आ गयीं. मेरे ससुर अब भी
ख़ौफ़ और हैरत की हालत मे थे. मेरी सास ने उनको देखा और सारी बात समझ गयी और उनके पास आकर बोली.
सास :"आप डर क्यूँ गये, यहाँ हमाम मे सब नंगे हैं"
ससुरजी:"क्या मतलब ?"
सास:"रात को इनायत मुझे और साना को प्यार कर रहा था और उसे मालूम है कि आप आरा और साना के साथ क्या कर रहे हैं"
ससुरजी:"क्या?"
सास:"और आरा, इनायत, ताबू और शौकत पहले से ही हनिमून के टाइम से आपस मे सब कर चुके हैं"
अब तो जैसे ससुरजी को बिजली का झटका सा लगा और वो बिस्तर से उतर कर मेरी सास की तरफ लपके
ससुरजी:"क्या कह रही हो, तुम्हे सब पता था और तुमने मुझसे ये सब छिपाया"
सास:"मुझे कल ही मालूम पड़ा"
मैं:"तो इसमे बुरा क्या है, इससे तो ताबू भी आपके ढीले लौडे के नीचे आ जाएगी"
मेरी बात सुनकर ससूजी झेंप से गये और कुछ सोचने लगे फिर बोले
ससुरजी:"चलो अच्छा है अब जब जी चहेगा मैं साना,ताबू और आरा के पास जा सकता हूँ"
सास:"और मैं भी इनायत और शौकत के पास जा सकती हूँ"
ये कहकर हमसब खिलखिला कर हंस पड़े.
सास:"बेटी की चूत के अलावा उसकी शादी मे बारे मे भी सोचो"
ससुरजी:"वो तो आरा के भाई से करनी है ना"
सास:"हां बिल्कुल"
ससुरजी:"मैं सोचता हूँ कि अगर भाई आरा के भाई को इस बारे मे पता चला तो"
सास:"इसकी फ़िक्र आप मत करो, आरा ने पहले ही अपने भाई को अपनी टाँगो के बीच की जगह दिखा दी है"
ससुरजी:"क्या, ऐसा कुछ और भी है जो मैं नहीं जानता???"
सास:"नहीं, मेरे राजा, बस इतना ही है"
ससुरजी:"पता नहीं तुम अब कहने लगो कि आरा के भाई से तुम भी मज़ा ले चुकी हो"
सास:"अभी तक तो नहीं लेकिन तुमने अच्छा याद दिलाया, आरा जल्दी इंतेज़ाम करवाओ अपने भाई से"
साना:"नहीं अम्मी, पहला हक़ मेरा है, फिर किसी और का"
सास:"ठीक है मेरी बच्ची, पहले तेरी शादी हो जाए फिर"
ससुरजी:"अब ताबू को भी मिला लो इस खेल में"
साना:"ठीक है अभी बुला लाती हूँ" ये कह कर मैं सीधे शौकत के रूम मे नंगी ही चल पड़ी, मेरी सास मुझसे
कुछ कहना चाहती थी लेकिन मैं उनकी तरफ देखे बिना ही शौकत के रूम का डोर नॉक करने लगी.
वो लोग अभी सो रहे थे लेकिन नॉक करने पर शायद उठ गये और अंदर से दोनो की आवाज़ आई और जब मैने जवाब दिया तो अंदर ही बुला लिया, मैने बेधड़क अंदर चली गयी. मुझे नंगा देख कर शौकत और ताबू चौंक गये और
ताबू बोल पड़ी.
ताबू:"आरा अब तुम ऐसी हालत मे, कोई देख लेगा तो क्या करेगा"
शौकत:"हां आरा तुमको ख़याल रखना चाहिए, इतना रिस्क अच्छा नहीं है"
मैं:"देखो मुझे तुम लोगो से कुछ कहना है, तो बिना डिस्ट्रब किए सब सुनते जाओ"
|