RE: Hindi Porn Kahani अदला बदली
घर पहुँचकर सरिता किचन में घुस गयी और नादान शालू अपने पापा के पास आ गयी जो PC पर अपना काम कर रहे थे। उसको देखकर राज बोला- वाह , हमारी रानी बिटिया आ गयी , बताओ क्या क्या लाई। वो शर्माकर बोली- क्या पापा , आपको तो पता है ना हम अंडर्गार्मेंट्स लेने गए थे, तो वही लाए है ना। राज झेंपता हुआ बोला- हाँ हाँ याद है, मैंने सोचा और कपड़े भी लिए होगे शायद। वो बोली- नहीं पापा, हाँ दीदी ने भी अंडर गर्मेंट्स लिए हैं।फिर अचानक राज ने नोटिस किया की वो पहली बार ब्रा पहनकर उसके सामने खड़ी थी, उसकी आँखें जैसे अपनी बेटी की मस्त छातियों पर जम गई।फिर उसने अपने लंड में हलचल महसूस की,और उसका हाथ पकड़कर अपनी ओर खिंचाऔर बोला- आह आज मेरी बेटी बड़ी हो गयी, उसने ब्रा पहनाना शुरू कर दिया, और उसके गाल चूम लिए।वो शर्माकर अपने पापा से लिपट गई और बोली- पापा आइ लव यू और अपने पापा के गाल को चूम लिया।अब राज के लंड ने बग़ावत कर दी और पूरा खड़ा हो गया।अपनी बेटी की जवानी की ख़ुशबू से वो मदहोश बोने लगा, फिर अचानक उसको लगा की वो ग़लत कर रहा है। तो उसने सरिता को पानी लाने को बोला।शालू बोली- मैं जाकर कपड़े बदल लेती हूँ, और अपने कमरे में चली गई। तभी सरिता पानी लेकर आइ, तो उसने उसे अपने गोद में खिंच लिया और उसके होंठ चूसने लगा। सरिता कसमसाने लगी, और बोलो, बेबी आ जाएगी , छोड़िए ना। फिर राज बोला- क्या ख़रीदा दिखाओ । वो बोली, बाद में देखना , पर वो ज़िद करने लगा तो सरिता ने अपनी साड़ी और पेटीकोट एक साथ उठा दिया और अपनी सेक्सी पैंटी उसको दिखाई , जिसमें से जाली के कारण पूरी चूत दिख रही थी।फिर वो घूमकर अपना पिछवाड़ा भी दिखाई और पूरी नंगी गाँड़ और उसने फँसी एक रस्सी देखकर राज बहुत गरम हो गया, और झुक कर उसके चूतरों की मिट्ठि लेने लगा। साथ ही उसको घुमाकर चूत भी चूमने लगा चड्डी के ऊपर से। सरिता ने बड़ी मुश्किल से अपने आप को छुड़ाया और साड़ी नीचे करके वहाँ से भाग गई। राज बहुत गरम हो चुका था, पर उसको पता था की शालू के रहते आज सरिता की चूदाइ सम्भव नबी है, ये सोचकर वो बाथरूम में घुसकर मूठ मारने लगा और सरिता की चूत और गाँड़ की कल्पना करने लगा, तभी अचानक उसकी आँखों के सामने शालू की ब्रा में क़ैद चूचियाँ भी दिखने लगी, और वो झड़ने लगा।
सरिता खाना खिलाकर चली गयी,और राज और शालू भी लेट गए।शाम को सरिता फिर आकर चाय पिलाकर खाना बनाने लगी और शालू अपने पापा की मदद से पढ़ाई करने लगी। फिर क़रीब ६ बजे शालू बोली, पापा चलो कहीं घूम कर आते हैं। फिर कुछ देर बहस के बाद पार्क का कार्यक्रम बना, और वो सरिता को खाना बना कर घर जाने को कहकर पार्क जाने के लिए तय्यार होने लगे। राज ने एक त शर्ट पहनी जींस के साथ और शालू अपनी नयी ब्रा के साथ टॉप और जींस में आ गयी तय्यार होकर। कर से वो पार्क पहुँचे तो वहाँ कई लोग टहल रहे थे, बच्चे झूला झूल रहे थे। राज भी यहाँ कई साल बाद आया था। वो दोनों एक पूरा चक्कर लगाए पार्क का, शालू काफ़ी बातें कर रही थी, अपने स्कूल के बारे में,तभी वो एक पार्क के सुनसान जगह पर पहुँचे और वहाँ का नज़ारा देख कर राज ठिठक गया। यहाँ पर कई जोड़े अलग अलग बेंचों पर, और पेड़ के पीछे और झाड़ियों के पीछे अस्त व्यस्त कपड़ों मैं एक दूसरे से लिपटे बैठे थे । कई चुम्बन ले रहे थे, कई खुले आम चूचियाँ दबा रहे थे, कुछ लड़कियाँ अपने लड़कों se चिपकी हुई थीं। राज ने बौखला कर शालू को देखा, वो हैरानी और कुतूहल से ये सब देख थी,उसकी आँखें फटी जा रही थी। फिर राज कहा, चलो यहाँ से, और दूसरी तरफ़ मुड़ गया,पर उधर और बुरा हाल था।वहाँ तो कुछ झाड़ियों में और भी ज़्यादा तमाशा चल रहा था। तभी एक बेंच पर तो हद हो गयी,वहाँ एक लड़की एक लड़के के गोद में मुँह रखकर अपना सर ऊपर नीचे कर रही थी, राज समझ गया की वो लंड चूस रही है। शालू भी आँखें फाड़कर ये सब देख रही थी, राज का लंड अब तन गया था ।थोड़ी दूर जाने पर एक झाड़ी में से आह आह उफ़ उफ़ की आवाज़ आ रही थी,वो दोनों उधर देखे, वहाँ एक लड़की एक पेड़ सहारे झुक कर खड़ी थी उसकी सलवार नीचे पड़ी थी,और एक लड़का उसकी चूदाइ कर रहा था ।उसके नंगे चूतर आगे पीछे हो रहे थे। राज ne देखा शालू की छाती ऊपर नीचे हो रही थी ,उसकी साँस फूल रही थी ।राज शालू को लेकर जल्दी से वहाँ से बाहर आकर कार में आकर बैठ गए, उनका लंड अभी भी तना हुआ था,शालू अभी भी झटके में थी। राज ने देखा कि शालू शॉक में थी, तब वो बोला-बेटी, मैं समझ सकता हूँ कि तुम परेशान हो, पर तुम्हें ये समझना चाहिए कि दुनिया में सब तरह के लोग होते हैं।
शालू- पापा, क्या लोग इतने बेशर्म भी होते हैं, कि खुले में ऐसा नंगे हो जाते हैं ?
राज- बेटी, कई लोगों के घर में जगह की कमी होती है इसलिए वो ये सब बाहर करते हैं।
शालू- पापा मुझे तो वो सब देखकर बहुत शर्म आ रही थी।
राज- बेटी, ये सब तो नैचरल है, सब लोग ये करते हैं,इसमें सबको बहुत मज़ा आता है।
ये कहते हुए उसका लंड और कड़ा हो गया , फिर उसको समझ आया की वो एक तरह से अपनी बेटी से सेक्स चैट कर रहा है , उसे अपराध भावना होने लगी ।
शालू- पापा, उस लड़की को दर्द हो रहा था ना, तभी वो आह आह कर रही थी ना?
राज को लगा की वो झड़ जाएगा उत्तेजना से। उसने अपने लंड को पैंट में अजस्ट किया और बोला- नहीं बेटी, वो मज़े से चिल्ला रही थी, दर्द से नहीं। तुम इस सबके बारे में सरिता से पूछ लेना, वो तुम्हें समझा देगी। राज ने सोचा की अब ये सेक्स चैट बंद होनी चाहिए । वो बोला- चलो अब घर आ गया , और दोनों खाना खाकर सोने गए।राज ने मूठ मारा , उसके आँखों के सामने बार बार शालू का हैरत भरा चेहरा आ रहा था। उधर शालू की नींद भी उड़ गयी थी, उसकी आँखों से वो कामुक दृश्य जा ही नहीं रहे थे , उसके हाथ अपनी पैंटी पर चला गया, जहाँ उसे अजीब सी फ़ीलिंग हो रही थी ।फिर वो बड़ी मुश्किल से सो पाई। उसने सोच लिया था कि कल दीदी से बात करूँगी ।
सुबह वो स्कूल चली गई और लंच ब्रेक में वो अपनी सहेलियों के साथ कैंटीन में एक टेबल पर लंच ले रही थी। उसकी सहेलियों ने उसे ब्रा पहन्ने पर बधाई दी, तो वो शर्मा गई ।फिर शालू ने उन्हें पार्क की बातें बताईं, तो वो दोनों हँसने लगी, उनकी बातों से ये शालू को पता चल गया की वो दोनों इन सब बातों को समझती हैं।
शालू ने भोलेपन से पूछा- पर एक बात बताओ, वो लड़की बेंच के नीचे बैठकर उस लड़के की नुन्नी को मुँह में लेकर क्यूँ चूस रही थी? और वो दूसरी लड़की जो पेड़ का सहारा लेकर झुकी हुई थी, मज़े से आह कर रही थी, पर मुझे लगा की उसे दर्द हो रहा है, तब पापा ने बताया की वो मज़े से चिल्ला रही थी।
शालू की बात सुनकर वो एक दूसरे को अर्थपूर्ण नज़रों से देखने लगीं, और निलू बोली-तुम्हारे पापा ऐसा बोले, की वो मज़े से चिल्ला रही थी?
शालू- हाँ, वो ऐसे ही बोले थे।
निलू- और तेरे पापा क्या बोले? वो और भी कुछ समझाए क्या?
शालू ने नहीं में सर हिलाया और बोली- आज मैं सरिता दीदी से सब समझूँगी, शाम को। अगर तुमने कुछ समझाना है तो बोलो ना?
नेहा- अरे तुम सरिता से ही समझ लेना, चलो क्लास मे चलें।
फिर सब क्लास को ओर चल पड़े।
उधर राज ने सरिता के आते ही उसकी धमाकेदार चूदाइ की , और जब वो उसका लंड चूस रही थी , तब उसने फिर पार्क की बातें उसको बताई ,और कहा कि वो शालू को ये सब समझा दे ,क्यूँकि वो बहुत हैरान हो रही थी। सरिता ने मुँह उसका लंड निकालकर कहा- क्या उसको। चूदाइ के लिए तय्यार करूँ?
राज ने उसका मुँह फिर से अपने लंड पर दबाकर बोला-धट, मेरा ये मतलब नहीं है, पर उसको ये सब समझना चाइए ना?
स्कूल से घर आने पर उसने पापा के साथ खाना खाया और आराम करके होम वर्क किया। शाम को सरिता आइ और उनको चाय पिला दी फिर किचन का काम करने लगी।राज ने ध्यान से देखा की शालू सरिता ke पीछे घूम रही है, उसने सोचा ये पार्क की बातें समझना चाहती है, उसने उन्हें एकांत देने सोची और बोला, बेबी मैं ज़रा काम से raha हूँ ,१/२ घंटों में आ जाऊँगा ।जाते जाते सरिता को इशारा किया की वो उसे समझा दे, जो usne बोला थ। फिर वो बाहर चला गया।
राज के जाने के बाद शालू सरिता के पास किचन में आइ, फिर थोड़ी देर इधर उधर की बात की, फिर वो पार्क की बातें करने लगी।उसने सरिता को बताया की वो जब अपने पापा के साथ पार्क गयी थी , तो वहाँ क्या कुछ देखा उसने।सरिता को तो राज पहले ही सब बता चुका था, फिर भी वो अनजान बनकर सब सुनी।
शालू- दीदी मैं तो हैरान रह गई , सब कितने बेशर्म हैं, वहाँ खुले में नंगे होकर गंदे काम कर रहे थे।
सरिता- बेबी,तुम्हें एक बात समझना होगा, की ये गन्दा काम नहीं है, दर असल ये तो शरीर की ज़रूरत है, जिसे सबको पूरी करनी पड़ती है।
शालू- ये कैसी ज़रूरत है, की पार्क में नंगा हो जाएँ?
सरिता- बेबी कई लोगों के पास घर में जगह नहीं होती, कुछ लोगों की शादी नहीं होती, कई बार लड़के और लड़की के पास काम या पैसा नहीं होता, तो वो मजबूर होकर ऐसे खुले में अपने शरीर को शांत करते हैं। वो सब मजबूर लोग हैं।
शालू- तो क्या वो जो कर रहे थे, वो ग़लत नहीं था? मैंने सुना है कि ये सब काम शादी के बाद ही करना चाहिए, पर वो तो शादीशुदा नहीं लग रहा था, वो तो मेरे जैसे स्कूल और कॉलेज के लड़के लड़कियाँ लग रहे थे।
यह सुन कर सरिता सोच में पड़ गयी। वो सोच रही थी कि इसे क्या ज्ञान दूँ, सही या ग़लत?
सरिता- देखो, ये सही है, कि ये सब काम शादी के बात होना चाहिए, पर कई बार लड़के लड़कियाँ ये सब शादी के पहले भी कर लेते हैं।आजकल इसको बहुत ग़लत नहीं समझा जाता, पहले की बात कुछ और थी।
शालू- पर दीदी वो आह आह क्यूँ चिल्ला रही थी? क्या उसे दुःख रहा था? पापा बोले कि वो मज़े से चिल्ला रही थी। ये सच है क्या? क्या ऐसा होता है?
सरिता- ओह बेबी, तुम्हारे पापा सच कह रहे थे की इस काम में बहुत maza आता है, इसलिए वो चिल्ला रही थी।
शालू- और वो लड़की उसकी नुन्नी क्यों चूस रही थी? उसकी गंदी सुसू वाली जगह को क्यों चूस रही थी?
सरिता- बेबी, उसको नुन्नी नहीं कहते उसको लंड कहते हैं, जब लड़का जवान हो जाता है,तो उसका वो बड़ा हो जाता है।
शालू- छी दीदी आप तो गंदी गाली बोल रही हो।
सरिता- नहीं, उसको इसी नाम से बुलाते हैं, और उसको छूने, पकड़ने और सहलाने में लड़कियों को बहुत मज़ा आता है, और कई लड़कियाँ उसे चूसती भी हैं।
शालू- क्या आपने अपने पति का चूसा?
सरिता सोची, की बेबी मैं तो तेरे पापा का भी चूसती हूँ, पर वो सामने se बोली- हाँ बेबी, मैं भी चूसती हूँ, अपने पति का लंड। और मुझे बहुत मज़ा आता है।
शालू - ओह, जब आपके पति आपसे ये काम करते हैं तो क्या आप भी चिल्लाती हो?
सरिता हंस कर बोली- हाँ सब लड़कियाँ ऐसे ही मज़ा लेकर चिल्लाती हैं।और जब tumhare पापा karte hain मैं बहुत चिल्लाती हूँ। ऐसा बोलते ही वो हड़बड़ा गयी, हे। भगवान ये मेरे मुँह से क्या निकल गया?
पर तीर कमान से निकल चुका था, शालू हैरान रह गयी, बोली- आप पापा के साथ भी ये काम करते हो?
सरिता- नहीं नहीं, ये तो मैं ऐसे ही बोल गयी।
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