RE: Hindi Porn Kahani अदला बदली
पर शालू के दिल में विश्वास बैठ गया की ज़रूर कुछ दाल में काला है! उसने सोचा कि सरिता और पापा के बारे में पता करना पड़ेगा। पर कैसे पता करे, क्या पापा से पूछे, नहीं ये सही होगा। उसने सोचा चलो देखा जाएगा। सरिता परेशान हो गयी, की ye मैंने क्या बोल दिया। इसलिए वो सोचने लगी कि कुछ करके शालू का विश्वास जितना पड़ेगा।वो बोली,
सरिता- देखी बेबी, जब कोई मर्द औरत से प्यार करता है तो वो उसके शरीर को सहलाता है, और इसमें औरत को बहुत मज़ा आता है , ख़ासकर जब आदमी औरत की छातियों को सहलाता है, तो औरत को बहुत मज़ा आता है। ऐसा कहते हुए, सरिता ने शालू की चूचियों पर हाथ रख दिया , शालू को तो जैसे बिजली का झटका लगा, वो हैरानी se सरिता को देख रही थी , फिर सरिता ने हल्के से उसकी चूचियाँ दबायीं, वो आह करने लगी,तब सरिता बोली- बेबी दर्द हुआ क्या?
शालू- नहीं तो। सरिता- फिर चिल्लायी क्यों? मज़े से चिल्लायी ना? शालू- ( शर्माते हुए) हाँ मज़ा आया।
सरिता- ऐसे ही जब औरत चूदवाती है ना ,तो उसे बहुत मज़ा आता है, समझी बेबी?
शालू- हाय, दीदी, आपने फिर गाली दी? क्या हो गया है आपको?
सरिता- बेबी इस काम को, यानी आदमी और औरत के मिलन को,चूदाइ ही कहते हैं।
शालू- ओह ऐसा क्या? पर ये नाम तो कोई नहीं लेता, सब इसे गाली कहते haain।
सरिता- बेबी, आज ke लिए इतना ही सीख लो, की चूदाइ के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है। समझी?
शालू ने हाँ में सर हिलाया। तभी राज आ गया और सरिता को किचन में छोड़कर बाहर aa गयी।
जब शालू अपने कमरे में गयी, तो राज ने सरिता की चुचि दबाते हुए पूछा - शालू se पार्क के बारे में बात हुई क्या?
सरिता उसका लंड दबाकर बोली- हाँ,सब बात हो गई । फिर आँख मारकर बोली, बेबी अब सब समझने लगी है, जल्द ही मज़ा लेगी। राज बोला - क्या बकती हो, अभी वो बच्ची है। सरिता- उसकी चूचियाँ तो मस्त हो गयी हैं , मैंने आज उनको दबाया था, तो उसको बहुत मज़ा आया। राज- क्या? ये क्यों किया।इसकी क्या ज़रूरत थी?
सरिता हँसते हुए बोली की तुम मेरा क्यों दबाते हो? और हाहा कह किचन में भाग गईं।
फिर खाना लगाकर वो अपने घर चले गयी। रात को खाना खाते समय राज की आँखें कई बार शालू की छातियों पर गयीं , और वो सोचने लगा कि आज इनको सरिता ने दबा कर मज़ा लिया है, ये सोचकर उसका लंड कड़ा होने लगा। बाद में खाना खाकर वो सोने चले गए।राज ने आज फिर मूठ मारी, उसके सामने शालू की छातियाँ तनी हुई दिख रही थीं।
अगले दिन शालू स्कूल गयी, तो लंच में तीनों सहेलियाँ बैठी थीं और बातें कर रही थीं।
निलू- शालू , पार्क की बात समझ में आ गईं ना? और खि खि करके हसने लगी।
शालू- हाँ सरिता दीदी ने कुछ समझा दिया।
नेहा- तो वो लड़की क्यों चिल्ला रही थी, पता चला?
शालू- हाँ वो सेक्स कर रही थी।
निलू- सरिता दीदी ने सेक्स शब्द बोला था?
शालू- नहीं यार, वो तो चू-- बोली थी।
नेहा- मतलब चूदाइ बोली थी क्या?
शालू हैरानी से पूछी - तुम भी ये शब्द बोलती हो? ये तो गाली हुई ना?
निकु- धत्त, ये गाली नहीं, यही तो मज़े का काम है।
तभी निलू का सेल बज उठा, वो फ़ोटो देखकर बोली, पापा का है, और उसने नेहा को आँख मारी।फिर वो दूर चली गई और अपने पापा से हंस हंस कर बात करने लगी। फिर शालू बोली, मैं क्लास में जा रही हूँ। येकहकर वो चल पड़ी। थोड़ी दूर जाने के बाद अचानक उसे ध्यान आया की किताबें वो वहीं निलू के पास छोड़ आयीं है, तब वो वापस मुड़ी और फिर निलू और नेहा की तरफ़ चल पड़ी। जब वो उनके पास आयी तो उसे ज़ोर ज़ोर से हँसने की आवाज़ आइ,वो ठिठक गई और एक पेड़ ke पीछे से निलू और नेहा की बातें सुनने लगी।वहाँ बग़ीचे में आसपास कोई नहीं था ।उधर निलू का सेल अभी नेहा के हाथ में था और वो निलू ke पापा से बोल रही थी- क्या, अंकल आप भी ना, हर समय मस्ती में रहते हो? आप ये बताओ मेरे जन्म दिन पर आप मुझे क्या गिफ़्ट दे रहे हो। उधर से पता नहीं क्या बोला गया, पर नेहा बोली, हाहा वो मैं हमेशा लेती रहती हूँ, मुँह में और चूत में भी, पर इस साल मुझे आपसे स्पेशल गिफ़्ट चाहिए, हीरे की अँगूठी, उससे कम कुछ नहीं।
मेरा तो मुँह खुला रह गया की ये निलू के पापा से कैसे बात कर रही है, तभी निलू ने अपना सेल वापस लिया और बोली, पापा इस बार आप इसको गिफ़्ट de दो , लेकिन मैं अपने बर्थ डे पर इससे भी महँगी गिफ़्ट लूँगी, अच्छा chalo मैं भी नेहा के पापा से ही ले लूँगी, फिर उधर से कुछ सुनकर बोली, हाँ हाँ लंड भी लूँगी अंकल का और गिफ़्ट भी, जाओ आप अपना लंड ख़ुद हिलाओ। फ़र वो हँसती हुई बोली, चलो बाई लवयू पापा , उधर नेहा ne भी फ़ोन पर कहा- बाई अंकल लव यू । फिर दोनों हँसने लगी, और स्कूल की तरफ़ चल दी। मैं बिलकुल हैरान परेशान स्कूल में अपनी किताब उठा कर आ गयी।
ये कैसी बातें कर रही थी,निलू अपने पापा से और नेहा भी उनसे ही। ये कैसा बाप बेटी का रिश्ता है? उसे सरिता दीदी से समझना होगा की ये सब क्या है? और वो किसी से यह नहीं पूछ सकती थी।
शालू जब घर पहुँची तो पापा ने उससे पूछा कि , पढ़ाई कैसी रही, वो बोली , बढ़िया और फिर उसके पापा ने उसके बालों पर हाथ फेरा और बोले , जाओ कपड़े बदल लो खाना खाते हैं, वो पापा से लिपट गई, उसके पापा ने उसके गाल चूमते हुए कहा, क्या बात बात है? आज पापा पे बड़ा प्यार आ रहा है! वो हँसी और बोली- चलो मैं अभी आती हूँ, भूक लगी है। फिर उसके पापा खाने के टेबल पर इंतज़ार कर रहे थे, वो तय्यार होकर आइ उसने आज एक फ़्रॉक पहनी थी, जिसने से उसकी चूचियाँ अलग से बड़ी बड़ी दिख रही थींऔर गोरी गुदाज जाँघें तो ग़ज़ब ढा रही थीं । राज का लंड झटके मारने लगा , आह क्या मस्त दिख रही है। फिर उसने अपने को कंट्रोल किया और दोनों खाना खाने लगे।फिर वो दोनों tv देख रहे थे, तब राज ने उसको उसकी सहेलियों में बारे में पूछा । वो हड़बड़ा गई , उसे फ़ोन पर सुनी बातें याद आइ पर वो पहले सरिता से इस बारे में बात करना चाहती थी। उसने कहा, सब ठीक हैं, और उठाकर आराम करने चली गयी । राज उसके गोल गोल चूतरों को देखकर अपना लंड अजस्ट करने लगा।
शाम को सरिता आइ तो शालू उसको धीरे से बोली, दीदी मुझे आज आपसे अपनी सहेलियों के बारे में बात मारनी है, पर पापा है ना यहाँन , क्या करूँ । सरिता बोली- तेरे पापा अभी बाहरजाएँगे काम से तब बात देना। फिर उसने धीरे से शालू को अपने से लिपटा लिया और उसके गाल चूम लिए और उसकी दोनों चूचियाँ दबा दी। शालू छी दीदी करके भाग गई , हालाँकि उसके बदन में झुरझूरी आ गई थी। उधर सरिता जाके राज को बाहर जाने को बोली, क्योंकि शालू को उससे प्राइवट बात करनी है, वो उसके चूतरों को दबाते हुए बोला, मेरी बेटी तो बिगाड़ तो नहीं रही हो। वो मुस्करा कर बोली, मैं तो उसे तय्यार कर रही हूँ। वो हँसकर बाहर चला गया।
राज के जाते ही शालू सरिता के पास आइ और बोली- दीदी चलो ना हाल में बैठते हैं, मुझे आपसे बहुत कुछ पूछना है।
सरिता- चलो , गुड़िया रानी जो पूछना है, पूछो ।
दोनों एक ही सोफ़े पर आस पास बैठ गईं!
शालू- दीदी , आज मैंने निलू और नेहा की बातें सुनी।निलू के पापा का फ़ोन आया था ।
और फिर उसने जो जो सुना था , वो सब सरिता को बता दिया।
सरिता- बेबी इसका मतलब ये है की वो दोनों निलू के पापा से मज़ा लेती हैं। ये बता नेहा भी तो कभी ऐसा दिखाई क्या की वो भी अपने पापा से प्यार करती है?
शालू- कई बार , वो दोनों हमेशा ये बात गर्व से कहतीं हैं की उनके पापा उनको बहुत प्यार करते हैं, और उनको महँगे कपड़े स्कूटी मोबाइल और महँगे गहने भी गिफ़्ट करते हैं।
सरिता- इसका मतलब साफ़ है की क्यूँकि उनकी माँ नहीं है, इसलिए वो दोनों अपने पापा की बीवियाँ बन गयीं हैं।
शालू-( भोचक होकर) पर दीदी क्या ऐसा भी होता है? बाप बेटी भी क्या पति पत्नी की तरह रह सकते हैं? ये अजीब नहीं है?
सरिता- देखो बेबी, बाप बेटी भी इंसान हैं, फिर जवान आदमी जिसकी पत्नी ना हो , वो सेक्स तो चाहेगा और फिर अगर जवान बेटी अपने आप को ख़ुशी से अपने बाप के हवाले कर दे तो कौन आदमी माना कर पाएगा। हाँ सच है कि समाज इसकी इजाज़त नहीं देता। पर घर की चारदीवारी में क्या होता है, इससे किसी को क्या! अब देखो तुम्हारे पापा ने भी दूसरी शादी नहीं की ताकि तुमहे सौतेलि माँ की परेशानी ना हो , पर मन तो उनका भी चूदाइ का करता होगा ना? फिर तुम्हारी ये मस्त जवानी ( ऐसा कहते हुए उसने उसके दूध दबा दिए) देखकर तो कोई भी मर्द पागल हो जाएगा!
ऐसा कहते हुए उसने फ़्रॉक में क़ैद उसके मस्त कबूतरों को मसलना शुरू किया, फिर झुककर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए । शालू कसमसाने लगी , तभी सरिता ने उसे अपनी गोद में खिंच लिया और अब उसके हाथ उसकी जाँघों पर भी घूमने लगे।शालू सीसी कर उठी और बोली, दीदी सुनो तो, पर निलू के पापा नेहा के साथ भी वो काम करते होंगे क्या?
सरिता- कौन सा काम , पूरा बोलो ।
शालू- दीदी , वोहि चू---- छी मुझे तो बोलने में भी शर्म आती है ।
सरिता- चूदाइ बोल ना इसने क्या शर्म ?
शालू - अच्छा चूदाइ ही सही, पर नेहा क्यों निलू के पापा से चूदवाँयेगी?
सरिता-ये भी तो बो सकता है दोनों अपने पापा से और एक दूसरे के पापा भी चूद गईं हों।
शालू- हे भगवान , क्या ऐसा भी हो सकता है?
सरिता- ( उसकी चड्डी के अंदर हाथ डालते हुए बोली) - हाँ चूदाइ के लिए आदमी औरत सब कुछ कर सकते हैं।
ऐसा बोलते हुए उसने शालू की चूत मसलनी शुरू की , शालू आह आह दीदी ये क्या कर रही हो? सरिता ने उसकी एक हाथ से चुचि मसलते हुए कहा, बेबी कैसा लग रहा है? शालू बोली, हाय दीदी अच्छा लग रहा है।फिर उसने उसके होंठ चूसते हुए उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी, शालू के बदन में जैसे आग लग गयी। वो कराह रही थी। फिर सरिता ने उसका हाथ पकड़कर अपनी बड़ी छातियों पर रख दिया और शालू को उनको दबाने का इशारा किया। वो भी दबाने लगी, शालू ने सोचा, उफ़्फ़ दीदी के कितने सॉफ़्ट और बड़े हैं।फिर सरिता ने शालू की फ़्रॉक खोल दी, अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी।अब सरिता ने ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियाँ चूमनी शुरू की।फिर सरिता ने अपनी कुरती भी उतार दी, शालू के सामने ब्रा में लैस उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ थीं। सरिता ने उसकी और अपनी ब्रा खोल दी।शालू का मुँह पकड़कर उसने अपनी छातियों में दबा लिया और शालू उसके दूध पीने लगी, अब सरिता आह आह कर रही थी, और उसकी चूत में ऊँगली कर रही थी।शालू सिसकारियाँ भरने लगी और अब सरिता उसकी चूचियाँ चूसने लगी। फिर सरिता सोफ़े से नीचे आ गई और उसने शालू की पैंटी उतार दी। उसके सामने हल्के बालों वाली सुंदर सी कुँवारी चूत थी,उसने सोफ़े पर बैठी शालू के पाँव फैलाये और उसको चूत की फाँकें दिखने लगी, जिसने से लाल गुलाबी चूत का अंदरूनी भाग दिख रहा था। उसने चूत को मुट्ठी में लेकर सहलाया फिर उसने उँगली ऊपर नीचे की, और फिर झुक कर उसकी गीली हो गयी चूत को चूमने लगी। थोड़ी देर चूमने के बाद उसने छूट को अपनी जीभ की नोक से चोदना शुरू किया और साथ ही उसके दाने को भी जीभ से रगड़ने लगी। शालू का पूरा बदन मस्ती से भर उठा,वो समझ नहीं पा रही थी , की उसके शरीर को क्या होता जा रहा है।अब वो कमर उछालकर अपनी चूत सरिता के मुँह पर रगड़ रही थी।उसकी आह आह से कमरा गूँज रहा था।तभी सरिता ने हाथ बढ़ाकर उसकी चुचि भी दबाना शुरू किया, अब शालू की चीख़ें गूजने लगी, वो बोलने लगी , दीदी मेरा पिशाब निकालने वाला है , हाय हाय मैं मर गईइइइइइइइइ , कहते हुए वो झड़ने लगी, और उसका पानी सरिता के मुँह को भिगाने लगा।फिर सरिता ने मुँह हटाया और शालू मी आँखों में देखा, वो थक कर संतुष्ट पड़ी थी।
|