RE: Hindi Porn Kahani अदला बदली
थोड़ी देर बाद सरिता ऊपर आकर सोफ़े पर उससे सट कर बैठ गई और पूछा- बेबी, मज़ा आया?
शालू- आह दीदी बहुत मज़ा आया , पर दीदी उस गंदी जगह को चूसने में आपको घिन नहीं आयी।
सरिता- ( उसके चूत को मसलते हुए ) अरे मेरी बेबी, ये तो औरत का सबसे मस्त अंग है, इसके लिए सब मर्द पागल हैं,अब तेरे पापा को भी इसका मज़ा दे दे।
शालू- छी फिर वोहि, पापा कहाँ से आ गए? आप हो ना मेरे लिए।
सरिता- धत्त , अरे असली मज़ा तो मर्द देगा, ये तो सिर्फ़ ट्रेलर था बेबी।
शालू- दीदी आपने मुझे तो नंगा कर दिया, पर ख़ुद सलवार पहनी हुई हो।
सरिता- ( हँसते हुए उसकी चुचि दबाते हुए बोली) - मैंने तुम्हें नंगा किया, तुम मुझे नंगा कर लो।
शालू भी सोफ़े से नीचे आकर सरिता के पाँवों के बीच में आकर बैठ गई और उसकी सलवार खोल कर उतार दी। गोरी भारी जाँघों के बीच फँसी हुई पैंटी में मोटी फुली हुई चूत का उभार दिख रहा था। सरिता का हाथ शालू की चूचियो पर था। फिर उसकी पैंटी भी शालू ने उतार दी, और मस्त बाल रहित चूत उसके सामने थी, जिसे वो उँगलियों से सहलाने लगी, और सरिता ने उसकी ३ उँगलियाँ अपनी चूत के अंदर डाल दी और उसे आगे पीछे करने लगी, शालू ने महसूस किया की उसकी उँगलिया पूरी गीली हो गयी थीं। फिर सरिता ने उसका मुँह पकड़कर अपनी चूत पर दबा दिया, और शालू ने उसकी छूट चूमना और चाटना शुरू कर दिया। अब शालू को भी इसने मज़ा आने लगा। वो भी सरिता की मोटी चुचि दबाते हुए नीचे काम में जुट गयी, इस बार सरिता की आहें गूँज रही थी। शालू भी जोश में आकर ज़ोर से चूसने लगी।जल्द ही सरिता झड़ने लगी और मर गई मर गई चिल्लाने लगी ।शालू का मुँह सरिता की चूत से निकले पानी से भर गया।फिर शालू उठकर सोफ़े में बैठकर अपना मुँह पोछने लगी। सरिता वहाँ टाँगे फैलाकर निधाल पड़ि थी।फिर सरिता ने शालू को अपनी गोद में खिंचकर प्यार किया और बोली- बेबी बताओ मज़ा आया? शालू ने सरिता की बड़ी छातियों में मुँह छिपाकर कहा- जी दीदी बहुत मज़ा आया । फिर सरिता ने उसको बाथरूम में चलने को कहा। वहाँ पहुँचकर वो टॉलेट सीट पर बैठकर पेशाब करने लगी, उसकी चूत की सीटी सुनकर शालू शर्मा गयी, फिर वो उठ गयी, और शालू बैठी और ससु करने लगी। सरिता उसकी सीटी सुनकर मुस्कुराती हुई अपनी चूत धोने लगी। फिर शालू को अपने पास बुलाया और साबुन लगाकर उसकी चूत भी धोने लगी। शालू के लिए ये सब अजीब था। फिर शालू की चूत को उसने तौलिए से पोछा और फिर एक गरम चुम्बन लिया उसकी कुँवारी चूत का। शालू का बदन कामप उठा।फिर वो दोनों बाहर आए और अपने अपने कपड़े पहन लिए और राज का इंतज़ार करने लगे।
राज १ घंटे बाद आया और सरिता अपने घर जाने को तय्यार थी। शालू अपने कमरे में पढ़ायी कर रही थी। राज ने पूछा-शालू क्या जानना चाहती थी?
सरिता- आज उसको पता चला है की उसकी दोनों सहेलियाँ अपने पापा से चूदवा रही हैं, और शायद उनके पापा बेटियों की अदला बदली करके भी मज़े ले रहे हैं।
ये सुनकर राज का मुँह खुला रह गया। वो बोला- ये क्या बोल रही हो? क्या ऐसा भी कोई करता है?
सरिता- दुनिया में बहुत कुछ होता है,मैंने भी बहुत कुछ देखा है, किसी और दिन बताउँगी। पर आप अगर चाहो तो शालू बहुत जल्दी ही आप से चूद जाएगी।
राज- मैंने ऐसा नहीं सोचा कभी भी।वो अभी बच्चा है।
सरिता हँसकर बोली- मस्त जवान हो गयी है वो, अब कोई बच्चा नहीं है वो ।
राज-चलो अब तुम घर जाओ, कल बात करेंगे। कहते उसने सरिता को चूमा और उसके चूतरों पर हाथ फेरते हुए उसे जाने दिया।
शाम को सरिता के साथ मज़े लेने के कारण शालू थक गयी थी, और जल्दी सो गयी , सुबह उसके पापा उसको उठाने आए तो देखा की वो पेट के बल सो रही थी, उसकी nighty कमर तक पहुँच गयी थी, और उसके पैंटी में क़ैद मस्त गोल चूतरों को देखकर राज का लंड सर उठाने लगा, पैंटी एक तरफ़ को सरकी होने के कारण,उसका एक गोल चूतर अलग नंगा दिख रहा था।उसका लिंद पूरा अकड़ गया था, उसकी गोरी जाँघें जैसे उसे बुला रही हों। उसने अपने सर को झटका, और सामान्य होते हुए शालू को उठने को बोल कर बाहर आ कमरे से। थोड़ी देर में शालू बाहर आयी, nighty में उसकी चूचियों कि उठान देखकर वो मस्त होने लगा। शालू अपने पापा se लिपटकर उसे गुड मॉर्निंग बोलतें hue उसके गाल को चुमी।राज ne भी उसके नरम बदन को बाहों में भरकर प्यार किया और उसका गाल चूमा। फिर वो तय्यार होकर कॉलेज चली गयी।
इधर राज अपने लंड को मसल रहा था, तभी घंटी बजी, दरवाज़े पर सरिता खड़ी थी, वो अंदर आयी, और उसे राज ne खिंचकर अपनी बाहों में भींच लिया, और उसको चूमने लगा। वो बोली, क्या हुआ है। आज बहुत गरम लग रहे हो, क्या बात है? क्या बेबी के साथ कुछ हुआ क्या, ऐसे बोलते हुए उसके कड़े लंड को लोअर के ऊपर से पकड़कर दबाने लगी। राज बोला- धत्त, ऐसा कुछ नहीं है, तुम्हारी याद रही थी, फिर वो उसको गोद में उठाकर बेडरूम में लेटाकर उसके ऊपर चढ़ जाता है।फिर उसे चूमते हुए पूरा नंगा करके उसकी धमाकेदार चूदाइ करता है।
उधर कॉलेज में शालू को उसकी सहेली निलू मिलती है, नेहा को ना देखकर, शालू बोलती है, आज तुम अकेले कैसे , नेहा नहीं आयी ? निलू रहस्यमयी मुस्कान se बोलती है, हाँ आज वो अपने पापा के साथ कहीं गयी है। फिर निलू उसको बोलती है, चलो अकेले में, मुझे तुमसे कुछ बात करनी है। वो दोनों बग़ीचे के कोने में बातें करती हैं।
शालू- निलू, कल मैंने तुम्हारी और तुम्हारे पापा की और बाद मैं तुम्हारे पापा की और नेहा की बातें सुनी थी, मैं तो हैरान रह गयी की तुम और नेहा अंकल से ऐसी बातें वो भी सेक्स की कैसे कर सकते हो?
निलू का चेहरा सफ़ेद हो गया, वो बोली- ऐसा कुछ नहीं है , वो वो ----
शालू- देखो, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगी,पर मुझे सब सच जानना है और तुम मुझे अभी बताओ ।
निलू- ठीक है, पर तुम्हें वादा करना होगा, कि तुम किसी को नहीं बताओगी।
आगे की कहानी निलू की ज़बानी ( वो कैसे अपने पापा से चूदी) -------
आगे की कहानी निलू की ज़बानी ---
मेरे पापा एक अच्छी कम्पनी में ऊँचे पद पर काम करते हैं, २ साल पहले माँ का कैन्सर की बीमारी से देहांत हो गया,पापा आ उर मैंने बड़े मुश्किल से अपने आप को सम्भाला ।पापा ने दूसरी शादी का भी नहीं सोचा क्योंकि वो अपनी प्यारी बेटी के लिए सौतेलि माँ नहीं लाना चाहते थे। समय ऐसे ही बीते जा रह था, की तभी एक हादसा हो गया और मेरे दोनों हाथ चाय बनाते समय सिलेंडर में लगे हाथ से झुलस गए, और मेरी दोनों हथेलियों में पट्टियाँ लग गयी और डॉक्टर ने कहा कि २०/२५ दिन लगेंगे और पानी बिलकुल नहीं पड़ना चाहिए पट्टियों मैं। पापा थोड़े परेशान हो गए, फिर वो घर में एक नौकरानी रख लिए २४ घंटे की, मेरी देखभाल के लिए। वो हर समय मेरे आसपास रहते और मेरा पूरा ख़याल रखते थे। नौकरानी मुझे टॉयलेट में भी मदद करती थी और नहलाती भी थी। शुरू में मुझे अजीब लगता था की इतनी बड़ी होकर मुझे कोई और नहलाए और मेरी टोयलेट के बाद मेरी चूत और गाँड़ भी कोई साफ़ करे, पर मजबूरी थी और मैंने समझौता कर लिया, ये सोचकर की कुछ दिन की ही बात है। तभी एक रात को जब मैं और नौकरानी सो रहे थे की रात को क़रीब १० बजे उसका सेल बजा, दूसरे तरफ़ से उसके पति की बीमारी की ख़बर आइ थी, वो घबराकर उसी समय जाने को तय्यार हो गई , और पापा उसे रेल्वे स्टेशन तक छोड़ ke आ गए। मेरे दिमाग़ में ये चल रहा थी की मेरा क्या होगा? पापा वापस आए तो मैं बोली- पापा हमें दूसरी नौकरानी छाइए ना अभी, क्योंकि मेरा काम तो उसके बिना नहीं चलेगा। वो बोली, बेटी अब तो सुबह ही कुछ इंतज़ाम हो पाएगा, अभी सो जाओ। फिर हम अपने कमरों में सो गए । सुबह क़रीब चार बजे मुझे सु सु लगी, अब मैं उलझन में पड़ गई कि kya करूँ, थोड़ी देर तो मैंने प्रेशर बर्दाश्त किया, फिर उठ गयी और पापा के कमरे के दरवाज़े को खटखटाया , अंदर से पापा बोले- क्या हुआ निलू। मैंने कहा- पापा सु सु आइ है।प्लीज़ मदद करिए। पापा बाहर आए, उन्होंने एक बनयान और नीचे हाफ़ पैंट पहनी थी।वो बोले- ओह चलो टॉलेट मैं, और अपने ही टोय्यलेट में गए। वहाँ पहुँचकर वो बोले- बेटा अब अपनी nighty कैसे उठाओगी? मैंने शर्माकर कहा-तभी तो मैं आपसे बोली थी मुझे नौकरानी चाइए। वो बोले- चलो मैं ही मदद कर देता हूँ,ऐसा कहते हुए, उन्होंने मेरी nighty नीचे झुककर सिरे से उठाया और धीरे से मेरी कमर के ऊपर तक कर दिया, मैंने देखा, उनकी आँखें पैंटी में छुपी मेरी चूत और मेरे मांसल जाँघों पर थी। मुझे बहुत शर्म आ रही थी, फिर पापा ने मेरी पैंटी के इलास्टिक में हाथ डाला और उसे भी नीचे को खींच दिया।अब मेरी नंगी बलराहित चूत मेरे पापा के सामने थी,वो एकटक उसे देखे jaa रहे थे, तभी मैं अपनी शर्म बचाने के लिए इंग्लिश कोमोड पर बैठ गयी, पापा वहीं खड़े थे मेरे सामने, मैंने सर उठाया तो उनकी हाफ़ पैंट मेरे मुँह के सामने थी, और उसने एक ज़बरदस्त उभार आ गया था, हालाँकि मैंने कभी सेक्स नहीं किया था, पर ये जानती थी की ये उभार क्या और क्यों है।मैंने मोबाइल में कई सेक्स क्लिप देख रखी थी। अब मुझे और अजीब लगा की मेरे अपने पापा मुझे ऐसी नज़र से देख रहें हैं, फिर मैं बोली- पापा, आप बाहर जाओ, मुझे सूसू करनी है।पापा जैसे नींद से जागे और सॉरी कहकर बाहर चले गए, पर उन्होंने दरवाज़ा बन्द नहीं किया, मुझे लगा की वो पास ही खड़े हैं।फिर मैंने सूसू करना शुरू दिया और ज़ोर से सीटी के आवाज़ आ रही थी, मुझे अजीब लगा सोचकर की पापा ये आवाज़ सुन रहे होंगे, फिर मैंने पापा कहा कि हो गया । तब पापा अंदर आए औरमेरी nighity। को पकड़कर मुझे उठने को बोला, और मेरे पीछे जाकर वो स्प्रे हाथ में लेकर मुझे झुकने को बोले, मैं शर्म लाल हो गई, मेरा पिछवाड़ा उनके सामने था, फिर उन्होंने मेरी चूत पर पानी स्प्रे किया और बाद में एक तौलिए से चूत और चूतरों को पोछा। मेरे शरीर में एक झुरझूरी सी दौड़ गयी, फिर उन्होंने मेरी पैंटी को ऊपर चढ़ाया और मेरी nighty को नीचे कर दिया। मैंने चोरी से उनके हाफ़ पैंट सामने की तरफ़ देखा, और वहाँ उनके उभार को देखकर मेरे शरीर में कम्पन होने लगा।फिर वो मुझे अपने कमरे में छोड़ गए,और अपने कमरे में चले गए। उन्होंने बाद में मुझे बताया था की us दिन उन्होंने मूठ मारी थी ।
|