RE: Hindi Porn Kahani अदला बदली
तभी राज अंदर आया और बेडरूम में शालू को दुल्हन के लिबास में बिस्तर पर बैठी देख कर उत्तेजित हो गया।उसका लंड कड़क हो गया।उसने आलमारी खोलकर १ हीरे का सेट निकला और आकर बिस्तर पर बैठ गया।फिर बड़े प्यार से उसका घूँघट हटाया और उसके होंठ को चूमकर उसे प्यार किया और उसके हाथ में हीरे का सेट देकर बोला- ये तुम्हारी मुँह दिखायी का, रख लो। शालू उस सुंदर सेट को देखकर बहुत ख़ुश हुई और राज को चूम के बोली- थैंक्स पापा।फिर राज मुस्कुराते हुए बिस्तर पर लेट गया और शालू को अपने ऊपर खिंच लिया। फिर उसकी आँखों में देखकर बोला- बेटी ख़ुश हो? शालू बोली- जो पापा बहुत ख़ुश हूँ।आज से मैं आपकी बेटी और बीवी दोनों हो जाऊँगी। और आप मुझे डबल प्यार करना।
राज हँसते हुए बोला- ज़रूर बेटी, अब पापा तो तुम्हारे ही आगे पीछे रहेगा। फिर उसने शालू के होंठ चूसने शुरू किए और उसके हाथ शालू की पीठ, कमर और चूतरों का भूगोल नापने लगे।शालू के नरम शरीर ओर राज का कठोर शरीर का मिलन शालू को मस्त कर रहा था।फिर राज ने शालू की साड़ी उतार दी और ब्लाउस और पेटी कोट में उसकी मस्त जवानी को देखकर वो बहुत उत्तेजित हो उठा।फिर उसने शालू को नीचे किया और उसके ऊपर आकर उसका मुँह चूमा और फिर नीचे आकर उसकी ब्लाउस के बाहर से उसकी चूचियों को चूमा , फिर उनको मस्ती से दबाते हुए नीचे की तरफ़ खिसका और उसका गोरा चिकना पेट और नाभि को चूमा और नीचे जाते हुए उसने शालू का पेटीकोट खोला और शालू ने कमर उठाकर राज को उतारने में मदद की।अब शालू की पैंटी और चिकनी जाँघें उसकी आँखों के सामने थी।अब राज ने देखा मी उसकी पैंटी गीली हो गई थी।उसने पैंटी के ऊपर मुँह रखकर उसको सूँघा और फिर चूमा और चाटा। शालू का पूरा बदन काँप उठा।अब राज ने उसकी जाँघों को चाटा और फिर ऊपर आ गया । अब वो ब्लाउस खोलने लगा और ब्लाउस को निकाल कर उसने बड़ी देर तज ब्रा और पैंटी में अपनी बेटी की मस्त जवानी का मज़ा लिया। फिर धीरे से बोला- बेटी, मेरी एक इच्छा पूरी करोगी? शालू- बोलिए ना पापा, मैं आपकी हर इछा पूरी करूँगी। राज- मैं चाहता हूँ कि तुम ब्रा पैंटी में मुझे इस कमरे में चल के दिखाओ जैसे फ़ैशन परेड में लड़कियाँ चलती हैं। वो हँसने लगी, तो राज बोला- प्लीज़ दिखाओ ना। तब वो खड़ी होकर बिस्तर से नीचे आइ और कमरे में चलकर दिखाने लगी, वो अपने चूतरों को वैसे ही मटका रही थी जैसे वो लड़कियाँ परेड में करती हैं।ये देख कर राज का लंड अब दर्द करने लगा। उसने अपने कपड़े उतारे और सिर्फ़ चड्डी में आ गया।शालू ने पापा का लंड चड्डी में देखा और शर्मा गयी। फिर वो आके पापा के पास खड़ी हो गई । राज ने उसे लिपटा लिया और उसके होंठों को चूसते हुए , उसकी ब्रा खोल दी। बड़े बड़े कसे हुए अनार से उसकी छातियाँ देख कर वो पागल होकर उन पर टूट पड़ा और उनको दबाते हुए चूमने और चूसने लगा।जैसे ही उसने निपल्ज़ को होंठों से दबाया शालू आह कर उठी।उसका लंड शालू के पेट में धँस गया था।तभी राज ने शालू का हाथ पकड़कर अपने लंड के ऊपर रख दिया।शालू ने पहली बार लंड का अहसास किया, उसने उसे अपनी मुट्ठी में जकड़ लिया।फिर राज ने उसकी चुचि को चूसा और फिर नीचे बैठकर उसकी पैंटी को उतार दिया।गोरी गोरी फुली हुई बिना बालों की मस्त चूत देखकर वो भी मस्त हो गया और उसे चूम लिया। फिर वो खड़ा होकर बोला- चलो अब तुम मेरी चड्डी खोलो। वो शर्माते हुए नीचे बैठ गयी और उसकी चड्डी नीचे खिसकाने लगी।पर उसका लंड खड़ा होने जे कारण वो उतार नहीं पाई । फिर उसने हाथ डालकर लंड को पकड़कर टेढ़ा किया और फिर चड्डी उतार दी। चड्डी से बाहर आते ही शालू के सामने लम्बा मोटा साँवला सा लंड ऊपर नीचे होने लगा। उसके सामने वाले हिस्से में कामरस की बूँदें चमक रही थीं।वो एकटक उसकी ख़ूबसूरती और विशाल साइज़ को देखती रह गई। राज बोला- बेटी इसे सहलाओ ,ये तुम्हारे कोमल हाथों का इंतज़ार कर रहा है। शालू ने उसे सहलाना शुरू किया। वी बोली- पापा ये कितना कड़ा है और गरम है।राज- बेटी ये तुम्हारे मुँह में जाना चाहता है। इसे चूमो और चूसो ,तुमको बहुत अच्छा लगेगा। शालू ने हिचकते हुए उसको साइड से चूमा, ताकि वो रस उसको ना मुँह में लग जाए।राज- अरे, इसको सामने से चूमो और ये रस का स्वाद लो, तुम्हारी माँ तो इस रस के लिए पागल रहती थी। ये सुनकर उसने लंड का सूपारा अपने मुँह में लिया और पहली बार उसने वीर्य का स्वाद चखा, जो उसे पसंद आया।फिर राज उसके मुँह में लंड अंदर बाहर करने लगा । थोड़ी देर बाद उसने शालू को ऊपर उठाया और उसको चूमते हुए बिस्तर पर लेटा दिया।अब वो उसके ऊपर चढ़कर उसकी चूचियाँ दबाने और चूसने लगा।फिर वो नीचे आया और उसकी टाँगों को घुटने से मोड़कर जाँघों को फैलाया और अपना मुँह उसके स्वर्ग के द्वार को देखने लगा।फुली हुई चूत के बीच की दरार में उसने ऊँगली डालकर पुत्तियों को फैलाया और अंदर का गुलाबी छेद देखकर वो मस्त बो गया।फिर उसने अपनी जीभ उस गुलाबी छेद में डाली और उसको ऊपर नीचे करने लगा। शालू आह आह पापा क्या कर रहे हो, आह बहुत अच्छा लग रहा है, आह मैं मर गई आज मेरा पानी निकल रहा है, उईउई , कहते हुए वो झड़ गई।
शालू के झड़ने के बाद राज फिर उसके ऊपर आ गया और उसे चूमने लगा, उसकी चूचियाँ दबाते हुए बोला, बेटी, मज़ा आया? शालू ने हाँ में सर हिलाया और पापा को चूम लिया।थोड़ी देर के चुम्बन और चुचि मर्दन से शालू फिर गरम हो गयी । तब राज ने नीचे आकर उसकी छूट में १ ऊँगली डाली और उसे अंदर बाहर करने लगा। कौमार्य की झिल्ली के कारण उसकी ऊँगली थोड़ी दूर ही गईं और वो बड़े लाड़ से बोला- अरे बेटी, तुम तो अभी तक कुँवारी हो, किसी बोय्यफ़्रेंड से मज़ा नहीं किया? शालू ग़ुस्से से बोली- पापा आप मुझे ऐसी लड़की समझते हो।राज हँसकर बोला, अरे मैं तो मज़ाक़ कर रहा था।फिर उसने कहा- बेटा, अब मैं तुम्हारी सील तोड़ूँगा, जब लंड अंदर जाएगा तो थोड़ा दर्द होगा , बर्दाश्त कर लोगी ना? शालू- पापा मैं आपके प्यार के लिए सब बर्दाश्त मार लूँगी।राज- चलो फिर बोलो की पापा मुझे चोदो , मुझे लड़की से औरत बना दो। शालू- शर्माकर बोली, ये ज़रुरी है बोलना? राज- हाँ, मुझे अच्छा लगेगा।शालू- ठीक है पापा , आज मैं आपको हर तरह से ख़ुश करूँगी। चलो आप मुझे अब चोद दीजिए और मुझे औरत बना दीजिए।राज का लौंडा मस्ती से भर उठा ये सुनकर।वो समझ गया की ये लौड़िया उसके जीवन को मस्ती से भरने वाली है।अब उसने शालू को कहा की ज़रा कमर उठाओ, फिर उसकी गाँड़ के नीचे तकिया लगा दिया ,जिससे उसकी चूत उभरकर ऊपर को आ गयी।अब वो पागल हो रहा था उसकी गुलाबी छेद को देखकर। उसने फिर से अपना मुँह रख दिया उस मस्तानी चूत पर और उसको चूमने और चाटने लगा।शालू अब और आह आह करने लगी। जब राज ने देखा की चूत मस्त गीली हो गयी है तो उसने फिर अपने लंड में पास ही रखी शीशी से तेल लगाया और फिर पूरी तरह से शालू पर छा गया। उसके होंठ चूसते हुए उसकी चुचि दबाते हुए उसने अपना लंड का सुपारा उसकी चूत के छेद पर सेट किया। फिर धीरे से धक्का मारा , क़रीब एक चौथाई लंड अंदर चला गया और उसकी झिल्ली फट गयी। शालू दर्द से कराह उठी, तब राज ने रुक कर उसके होंठ चूसते हुए चूचियाँ मसली और निपल्ज़ भी चूसे। वो अब मस्त होने लगी, तब राज ने फिर ज़ोर का धक्का लगाया और पूरा लंड पेल दिया। अबकि बार वो और ज़ोर से चीख़ी।राज ने फिर रुक कर उसको संभालने का मौक़ा दिया और चुचि चूसता रहा।उसके आँसुओं को चाट कर वो उसको प्यार किया। जब वो नोर्मल हुई तो वो बोला- बेटी, अब चूदाइ शुरू करूँ?वो हाँ में सर हिलाई , फिर राज ने धीरे से आधा लंड निकाला और फिर अंदर झटके से पेल दिया। फिर शालू को भी मज़ा आने लगा , उसने भी अपने हाथ राज के चूतरों पर रख दिए और उनको नीचे की तरफ़ दबाने लगी।राज समझ गया की अब लौंडिया मस्ती में है, तो उसने भी धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और पूरा कमरा फ़च फ़च की आवाज़ से गूँज उठा। शालू की आह और राज की बहुत मज़ा आ रहा है , जैसी आवाज़ें कमरे में भर रही थी।फिर जैसे जैसे राज के धक्के तेज़ होते गए, वैसे ही शालू की मस्ती बढ़ती गयी, और वो मैं गायीइइइइइइइइ पापाऽऽऽऽ के साथ झड़ गयी। राज भी तीन चार धक्के और मारने के बाद झड़ने लगा।फिर वो शालू के बग़ल में लेट गया और उसको बाहों में भर कर चूमते हुए बोला- बधाई हो अब तुम औरत बन गयी।शालू ने भी लाड़ में आकर उसको चूमा और बोली , थैंक यू पापा।
थोड़ी देर आराम करने के बाद राज उठा और शालू की टाँगे फैलाकर उसकी चूत की हालत देखा, वहाँ ख़ून के निशान थे, और उसके लंड पर भी थोड़ा सा ख़ून था।शालू ने भी उठकर अपनी चूत और राज का लंड देखा। राज मुस्करा के बोला, ये नोर्मल है और उसको बाथरूम ले गया। वहाँ पहले वो पेशाब किया और फिर शालू ने पेशाब किया। दोनों एक दूसरे को पेशाब करते देख के मुस्कराए । फिर राज ने बड़े प्यार से शालू की चूत की सफ़ाई की और बाद में शालू भी उसका लंड धोने लगी।फिर तौलिए से सफ़ाई करके दोनों वापस बेडरूम में आये। राज ने ख़ून और वीर्य से सनी चादर को बदलकर दूसरी चादर बिछाई ।फिर दोनों लेट गए और एक दूसरे से लिपट गए, और चूमा चाटी चालू हो गई ।फिर वो बातें करने लगे।
राज-बेटी जो आज तुमने मज़ा दिया है, ऐसा मज़ा तो तुम्हारी माँ ने भी नहीं दिया।
शालू- मैंने क्या किया? जी किया वो आपने ही किया।
राज- चलो अगले राउंड में तुम कर लेना।फिर वो उसके गोल गोल चूतरों पर हाथ फेरने लगा।साथ ही उनको दबाने भी लगा। शालू- पापा , आपने माँ के अलावा भी किसी से मज़ा किया है?
राज- बेटा, तुमसे झूठ नहीं बोलूँगा , हाँ किया है पर तुम नाम नहीं पूछना प्लीज़।
शालू- पापा, प्लीज़ बताइए ना कौन है, मैं बिलकुल बुरा नहीं मानूँगी।
राज-तुम्हारी माँ के जीतेजी मैंने कभी कोई गड़बड़ नहीं की पर अब एक लड़की के साथ सम्बंध बन गया है। शालू- कौन है वो? राज- प्लीज़ मत पूछो ना । शालू- pleaseeee बताओ ना।
राज- वो लड़की और कोई नहीं सरिता है।
शालू अविश्वास के साथ राज को देखने लगी, उसे झटका लगा था।
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