RE: Hindi Porn Kahani अदला बदली
सरिता ने अपनी कहानी समाप्त की और राज और शालू पूरे ध्यान से कहानी सुन रहे थे, ये सब जानकार हक्के बक्के रह गए।
राज ने पूछा-फिर क्या तुमको श्याम और असलम ने नहीं चोदा?
सरिता- वो सब बाद में फिर कभी बताऊँगी। अभी मुझे घर जाना है, कहकर वो तय्यार होकर अपने घर चली गई, और राज और शालू भी कपड़े पहनकर हॉल में आ गए और शालू राज की गोद में आकर बैठ गई, और अपने पापा के सीने से लग गई।
शालू बोली-पापा क्या हम लोग निलू के बर्थडे में जाएँगे, शेखर अंकल ने आपको फ़ोन किया था ना? राज ने शालू के नंगे पेट को सहलाकर कहा, अगर तुम जाना चाहती तो चलेंगे मैं तो शेखर को जानता नहीं, निलू तो तुम्हारी ही सहेली है। फिर वो उसके टॉप को और ऊपर करके उसके पूरे पेट और नाभि को सहलाने लगे।शालू ने भी पापा के गाउन में हाथ डालकर उनकी छाती के बालों से खेलने लगी।
निलू घर पहुँची और अपने पापा को देखके उनसे लिपट गई और बोली- आप कब आए? शेखर किचन में जाकर उसके लिए पानी लाया और बोला - बस थोड़ी देर हुए।कैसा रहा स्कूल? निलू-स्कूल तो ठीक था,पर आज एक गड़बड़ हो गई,वो शालू है ना मेरी सहेली, उसको सब पता चल गया था हमारे और नेहा और उसके पापा के बारे में। शेखर- वो कैसे हुआ? निलू-उसने मेरी और नेहा की आपसे हुई बातें सुन ली थी,जब हम मस्ती में उलटी सीधी बातें कर रहे थे।शेखर-ओह बेड़ा गरक, अब क्या होगा? निलू-फ़िक्र मत करिए पापा,मैंने उसे हमारे और नेहा के बारे में सब बता दिया है, और उसको भी अपनी पापा से चूदवाना है।मुझे लगता है कि वो आज ही चूद जाएगी।पापा उसको हम अपने ग्रूप में शामिल कर लेंगे।शेखर-तब तो ठीक है, ऐसा करते हैं की उन दोनों को हम तुम्हारे जन्म दिन पर बुलाते हैं।उस दिन ही हम कोशिश करेंगे कि वो हमारे ग्रूप में शामिल हो जाए।फिर दोनों हँसने लगे।फिर वो नेहा को गोद में खींचकर उसको चूमते हुए बोले- चलो अपनी सहेली को फ़ोन लगाओ और हम दोनों बात करते हैं और उनको जन्म दिन का निमंत्रण देते हैं।फिर निलू फ़ोन लगा रही थी और शेखर ने निलू की चुचि दबाना शुरू किया और उसके गालों को चूमने लगे।फिर निलू और शेखर ने शालू और राज को निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। शेखर ने निलू को चूमते हुए कहा, लो तुम्हारा काम तो हो गया। फिर बोले-मूड है? निलू ने बनावटी भोलेपन से पूछा- किस चीज़ का मूड? शेखर ने कपड़ों के ऊपर से उसकी चूत दबाते हुए बोले-इसके मनोरंजन का मूड। और दोनों हँसने लगे और उठकर बेडरूम की ओर चल दिए।
कॉलेज के ब्रेक में शालू और निलू बग़ीचे के एक कोने में जाकर बैठ गयीं।
निलू-कल तुम्हारे पापा और तुमने मेरे जन्मदिन में आने का निमंत्रण स्वीकार करके बहुत अच्छा किया, अब हम पार्टी में सब मज़ा करेंगे।
शालू-अरे तुम्हारि पार्टी में तो आना ही है।पापा थोड़ा झिझक रहे थे क्योंकि वो अंकल को नहीं जानते, पर जब मैं बोली की अंकल तुम्हारे पापा हैं, तो वो माँ गए।
निलू-थैंक्स यार, नेहा भी नहीं है यहाँ, और तू भी नहीं आती तो बिलकुल मज़ा नहीं आता।
शालू-हम आएँगे यार, मैंने भी तेरा घर नहीं देखा है।इसी बहाने तेरा घर भी देख लूँगी।हाँ एक बात तूझे बतानी थी कि परसों मैं भी अपने पापा से चुद गई।
निलू ने ख़ुश होकर उसको गले से लगा लिया और बोली- वाह, ये तो कमाल हो गया। अब तू भी हमारे ग्रूप की मेम्बर बन गई।ज़्यादा दुखा तो नहीं?
शालू- शुरू में दर्द हुआ था, पर पापा ने बड़े प्यार से और धीरे से किया,इसलिए ज़्यादा दर्द नहीं हुआ, पर बाद में बहुत मज़ा आया।निलू- तेरे पापा का तो बड़ा होगा ना, और मोटा भी होगा?
शालू-हाँ उनका बहुत बड़ा और मोटा है, वो बता रहे थे की ७इंच लम्बा है।मेरा तो ख़ून भी निकला।
निलू- अरे पहली बार में सील टूटने पर ख़ून तो निकलता है,पर जल्द ही आदत पड़ जाती है, और फिर उसके बिन रहा नहीं जाता।
शालू- कल इसलिए तो मैं कॉलेज नहीं आयी क्योंकि मैं ठीक से चल ही नहीं पा रही थी।
निलू- अब भी दर्द है क्या?
शालू- नहीं अब नोर्मल है।अच्छा एक बात बता, पापा कल मेरी गाँड़ भी चाट रहे थे,और बोले थे की बेबी ये तुम्हारी मस्त गाँड़ में भी जल्द लंड पेलूँगा।क्या तू भी गाँड़ मरवाइ है?
निलू- अरे पापा ने तो चूत चूदाइ के ४/५ दिन बाद ही मेरी गाँड़ मार ली थी।सच में बहुत दुखा था, पर अब ये हाल है की २/३दिन भी गाँड़ ना मरवाऊँ तो तेज़ खुजली होती है।
शालू-पर उस गंदी जगह को पापा चाटे थे, ऐसा करना चाहिए क्या?
निलू-अरे पगली कोई जगह गंदी नहीं होती, बस हमें अपना शरीर साफ़ रखना चाहिए, अब मैं तेरे को बताती हूँ की पापा तो मेरी गाँड़ चाटते हैं ही मारने के पहले, मुझे भी उनकी गाँड़ चाटने में बहुत मज़ा आता है।मैं तो उनकी गाँड़ में ऊँगली भी डालती हूँ।
शालू- हे भगवान! तू तो बड़ी कमिनी चीज़ है।
उसी समय शालू के पापा का फ़ोन आता है, वो बोलते हैं-हाय , बेटी क्या हाल है,क्या कर रही हो?
शालू- बस पापा निलू के साथ गप मार रही हूँ अभी ब्रेक है ना!
राज- ओह निलू तुम्हारे साथ है,उसे कुछ बताया तो नहीं!
शालू- पापा वो मेरी पक्की सहेली है, हमारा एक दूसरे से कुछ छुपा नहीं है।
राज- ओह, देख लो कहीं बात फैल ना जाए।
शालू-अरे पापा ऐसा कुछ नहीं होगा।
राज-चलतीं ध्यान रखना।फिर उन्होंने फ़ोन बंद कर दिया।
शालू-मैं तो तेरे जन्मदिन पर तेरे घर आ ही रही हूँ, तू मेरे घर कब आएगी?
निलू-अरे इस में क्या है, मैं आज कॉलेज के बाद आ सकती हूँ, बस एक बार पापा से पूछना पड़ेगा।शालू ख़ुश होकर बोली- तो पूछ ले ना फ़ोन पर। निलू अपने पापा को फ़ोन करती है और बोलती है-पापा,शालू मुझे अपना घर देखने को बोल रही है, मैं एक घंटे के लिए उसके घर चली जाऊँ?
शेखर-अरे एकदम से कैसे प्रोग्राम बना लिया? जाओ पर जल्दी घर आ जाना, तुम जानती हो ना मेरा मन शाम को तुम्हारे बिना नहीं लगता।
निलू- (हँसती हुई) जी हाँ पता है मन नहीं लगता या और कोई आपको तंग करता है!
शेखर(अपना लंड मसलते हुए)-तुम सही कह रही मेरा मन खड़ा हो गया है, हाहा। हाँ, एक बात सुनो,आज शालू के घर में राज को अपनी जवानी की झलक दिखा देना,इससे अपना प्लान पूरा करने में मदद मिलेगी।
निलू(हँसते हुए)- पापा आप भी ना बड़े बदमाश हो , बिचारे अंकल को अभी से तड़पाने को बोल रहे हो, हाहाहा। फिर वो बोली- हाँ पापा शालू भी यहीं है,उससे बात करेंगे? फिर उसने फ़ोन शालू को पकड़ा दिया।
शालू- हैलो अंकल नमस्ते।
शालू की मीठी आवाज़ सुनकर शेखर का लंड कड़ा हो गया, वो उसको दबाते हुए बोला-हाय बेटी, कैसी हो,जन्म दिन पर ज़रूर आना और अपने पापा को भी लाना।
शालू-जी अंकल हम दोनों पक्का आएँगे।
शेखर-तुम और निलू एक फ़ोटो ले लो, मैंने तो अभी तक तुमको देखा ही नहीं, फ़ोटो देखूँगा तो उस दिन पहचान लूँगा, हीहीही।
शालू- ठीक है अंकल निलू अभी मेरी फ़ोटो लेगी और आपको दिखा देगी। फ़ोन रखने के बाद निलू ने शालू की कई पोस में फ़ोटो खिंची और उसके ख़ास उभारों पर ध्यान दिया, ताकि उसके पापा मस्त हो जाएँ।फिर उसने फ़ोटो उनको वाट्सअप पर भेज दीं।
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