RE: Hindi Porn Kahani अदला बदली
राज ने कहना जारी रखा- मेरे जाने के बाद पापा बाथरूम में नहाने गए, और थोड़ी देर बाद ज़ोर से आवाज़ आयी, रानी भागते हुए दरवाज़े तक पहुँची और पूछी-पापा आप ठीक हो ना? पापा- अरे बेटा मैं गिर गया, आह बहुत दुःख रहा है।रानी- पापा दरवाज़ा खोलो ना तभी तो मैं आपकी मदद करूँगी। पापा- आह, कोशिश करता हूँ।फिर थोड़ी सी कराहने की आवाज़ में साथ दरवाज़े की लैच खुली।रानी ने दरवाज़े को खोला, तो पाया कि पापा पूरे नंगे बाथरूम में गिरे पड़े है।वो अपने ससुर को ऐसी हालत में देखकर डर गयी और शर्मा भी गयी,क्योंकि उनका लम्बा मोटा लंड जो अभी उत्तेजित भी नहीं था काफ़ी बड़ा दिख रहा था, और उसके नीचे बड़े बड़े बालस भी नज़र आ रहे थे।वो शरीर से भी तगड़े थे और इसलिए बहुत भारी भी थे।उनके पूरे बदन में साबुन भी लगा हुआ था।पापा कराहते हुए बोले-बेटी हमको सहारा दो और उठाओ।रानी-जी पापा कोशिश करती हूँ, कहते हुए वो उनको कंधे के नीचे हाथ डालकर उठाने की कोशिश की ,पापा ने भी उठने का प्रयास किया और इस खींच तान में रानी का गाउन सामने से खुल गया और उसकी ब्रा में क़ैद बड़े आम दिखने लगे।नीचे पेटीकोट भी दिख रहा था।रानी का ध्यान इस पर नहीं गया, और साबुन के कारण उसका हाथ फिसल गया। पापा ने उसको बोला- बेटी पहले साबुन निकालना होगा तभी तुम उठा पाओगी। रानी ने कहा ठीक है, मैं पानी डालती हूँ, आप साबुन निकालिए।फिर रानी ने पानी डालना शुरू किया और वो एक हाथ से कराहते हुए साबुन धोने लगे। पहले सर का साबुन धोया फिर छाती का , उसके बाद पेट का,फिर उसने नीचे उनकी लंड पर पानी डाला और ग़ौर से उसको देखा , उफ़्फ़ कितना बड़ा और कितना ताक़तवर लग रहा था, पापा का लंड,उसकी आँखों को वहाँ गड़ा देखकर पापा को मज़ा आया और उनकी आँखें रानी की गाउन से झाँकती छातियों को देखकर उनका लंड खड़ा होने लगा।अब रानी की आँखों के सामने उनका लंड तनता जा रहा था।पापा ने शर्मा कर कहा- सॉरी बेटी, अब ये देखो इसको क्या हो रहा है? मैं इतनी तकलीफ़ में हूँ पर ये तुम्हें देखकर अपना आपा खो रहा है, कहते हुए उन्होंने अपने लंड को एक चपत मार दी, और उनका लंड और ज़ोर से ऊपर नीचे होने लगा।रानी को तो काटो ख़ून नहीं था,उसकी नज़रें जैसे उनके लंड से ही चिपक गई थी।फिर पापा ने अपने लंड और बॉल्ज़ का साबुन निकला और लंड को ख़ूब मसला।अब वो पूरा ८ इंच का मोटा डंडा बन गया था।तभी रानी को लगा की उसकी चूत गीली हो रही है। उसे अपने आप पर शर्म आइ।फिर वो उनकी जाँघों पर पानी डाली।फिर पापा बोले-बेटी मेरी पीठ को भी धो दो। फिर रानी ने ख़ुद ही उनकी पीठ में पानी डाला और क्योंकि उनका हाथ वहाँ तक नहीं जा रहा था।फिर उनके चूतरों को धोने के बाद मैं उनकी जाँघों पर और पैरों पर भी पानी डाला और साफ़ किया।फिर पापा बोले- बेटा अब मुझे उठाओ। रानी फिर सामने आइ और पापा का खड़ा लंड देखकर फिर से सहम गई।फिर उसने पापा के कंधों पर हाथ रखकर उनको खड़ा करने की कोशिश की और इस बार वो खड़े भी हो गए।फिर वो बोले- बेटी ज़रा तौलिए से पोंछ सो ना। रानी ने तौलिए से उनके सर , छाती,पेट,जाँघों और पैर को पोछा।गीला लंड खड़ा हुआ पोंछे जाने का इंतज़ार कर रहा था।फिर वो पीठ और चूतरों और पैर को पोछा ।पकाने कहा -बेटा इसको भी पोंछ दो।रानी ने शर्माते हुए पापा के लंड और बॉल्ज़ भी पोछा और उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू किया।फिर पापा बोले- मुझे कमरे में ले चलो।क्या दृश्य था, नंगा ससुर अपना खड़ा लंड लेकर बहु को लपेटे हुए बेडरूम में पहुँचा।वहाँ पहुँचकर बिस्तर पर बैठ गया और उसका लंड उत्तेजना से ऊपर नीचे हो रहा था|रानी को लगा वहाँ एक मिनट खड़ी रही तो वो इस मस्त लंड को चूसने लग जाएगी।वो अभी आती हूँ कहके वहाँ से हट गयी।फिर उसने मुझे फ़ोन लगाया और बोली-पापा बाथरूम में गिर गए हैं, आप घर आ जाओ।मैं बोला- पापा से मेरी बात कराओ। रानी फ़ोन लेकर पापा के पास आइ , और फ़ोन पापा को दिया।पापा अपना लंड हाथ से धीरे से सहला रहे थे।वो बोले- अरे राज मैं बिलकुल ठीक हूँ,रानी मेरी मालिश कर देगी मैं ठीक हो जाऊँगा।कहते हुए पापा ने अपने लंड के सुपारे की चमड़ी खींचकर अपना मोटा गुलाबी सुपारा बाहर कर दिया।रानी की हालत ख़राब हो रही थी,फिर वो बोले-नहीं नहीं तुम अपना काम करो, रानी बहु मेरा ख़याल रख लेगी।और फिर अपना लंड हिला दिए।
रानी जल्दी से तौलिया लायी और उसके गोद पर रख दिया। ताकि लंड छुप जाए।पर लंड का उभार इतना बड़ा था की तौलिया में तंबू बन गया।फिर मैंने फ़ोन काट दिया।फिर पापा बोले- मेरी कमर में तेल लगा दो।
राज ने कहना जारी रखा, शालू ने हाथ बढ़ाकर उसका लंड अपने हाथ में ले लिया और उसको सहलाने लगी और राज भी थोड़ी देर उसकी चुचि चूसा,फिर शालू मचलके बोली- फिर क्या हुआ पापा, क्या दादाजी ने माँ को चोदा! राज ने कहना जारी रखा --------------
पापा ने कहा - बेटी, कमर में तेल लगा दो, moch आ गयी है। रानी -जी अभी लायी, कहकर तेल लेने किचन गयी, उसकी साँस फूल रही थी, उत्तेजना से, आख़िर पापा का हिलता हुआ लंड उसकी आँखों की सामने बार बार आ raha था।उसने राज को फ़ोन लगाया, और बोली- जी, मुझे बहुत घबराहट हो रही है, आप घर जाओ। राज- क्या हुआ बोलो, पापा ठीक है ना? रानी- हाँ वैसे तो ठीक हैं , पर वो बहुत ज़्यादा उत्ते---- मतलब बहुत अजीब , यानी की उनकी स्तिथि अब कैसे बोलूँ ? राज- अरे तुम क्या बोल रही हो, मुझे कुछ समझ नहीं रहा है। पापा ठीक है ना? रानी- हाँ वैसे तो ठीक हैं, पर - राज- चलो फिर ठीक है,अब मुझे तंग मत करो, बहुत काम है। और राज ने फ़ोन काट दिया। अब रानी अपनेआप पर झूज्झला उठी कि वो क्यूँ राज को पापा की वासना के बारे में नहीं बता पाई। उसको लग रहा था, की अगर तेल लगाने के बहाने पापा ने उसको पकड़ने की कोशिश की तो उनके उस मस्ताने लंड के सामने वो हथियार डाल ना बैठे।आज उसे अपने पर विश्वास नहीं रहा था। उसकी चूत का गीलापन उसको तंग कर रहा था। उसने पैंटी को ऊपर से दबाकर अपनी चूत को सुखाने की कोशिश की। उसके मन में यह आ रहा था कि आज तक उसने कभी भी अपने पति के साथ धोखा कभी नहीं किया था और आज उसको अपने पर विश्वास नहीं था, पापा का लंड उसकी फिर आँखों के सामने झूलने लगा, ओह भगवान, कितना मोटा फूला हुआ गुलाबी सूपाड़ा था। फिर उसको अपने निपल्ज़ कड़े होते महसूस होने लगे। उसने आह भरी और वो तेल को गरम करके उसे लेकर बेडरूम में पहुँची, वहाँ पापा लंड ke ऊपर तौलिया रखे बैठे थे। रानी को देखकर बोले- बहु , बड़ी देर कर दी? वो बोली- तेल गरम कर रही थी,इसलिए देर हुई। फिर वो बोले- चल अब लगा दे, काफ़ी दर्द हो रहा है। रानी ने हकलाते हुए पूछा- कहाँ दर्द हो रहा है? और तीरछी निगाह से देखा की वो उभार कम हुआ कि नहीं,पर वो देखकर हैरान रह गयी कि वो उभार वैसा ही था। उसे फिर se अपने शरीर में जैसे करेंट दौड़ता हुआ महसूस हुआ। तभी पापा ने अपनी कमर की ओर इशारा करके कहा की पूरा कमर ही दुःख रहा है, प्लीज़ अब तेल लगा दो।रानी बोली- ठीक है आप लेट जयिये, मैं लगा देती हूँ। पापा लेट गए और लेटते हुए तौलिया हट गया और फिर से उनका नंगा लंड उसके सामने था।लेटने के बाद उन्होंने तौलिए को फिर लंड पर रख दिया। अब रानी बोली- आप करवट ले लीजिए, तो वो दीवार की तरफ़ होकर लेट गए। अब उनके मोटे भारी चूतर बालों से भरे हुए उनके सामने नंगे थे। उसने उनकी कमर पर तेल मलना शुरू किया, पीठ के निचले हिस्से से लेकर उनके कमर तक, उसने मालिश की।उसके नरम हाथों के स्पर्श से वो मस्त होने लगे, और बोले- थोड़ा ज़ोर से दबाओ। अब रानी उनकी मालिश करने लगी। फिर वो बोली- आप उलटा हो जाओ, और वो पेट के बल लेट गए।अब उनकी पूरी पीठ और बालों से चूतरों का दर्शन रानी को हो रहा था।उसने पूरे कमर की अछी तरह से मालिश की।अब उसकी अग्नि परीक्षा थी, क्योंकि अब सामने से मालिश करनी थी। उसे लगा कि अब उसकी चूत उत्तेजना से कहीं पानी ना छोड़ दे। उधर पापा ka लंड उनके पेट के नीचे दबा हुआ एक दो बंद कामरस छोड़ रहा था। फिर वो धीरे बोली- आप अब सीधे हो जयिये। वो सीधे हुए और उनका लंड फाँफनाता सामने था, और उत्तेजना से नीचे हो रहा था। रानी ने उसके ऊपर फिर तौलिया डाल दिया। अब वो उनके साइड में बैठकर उनकी कमर पर साइड से मालिश करने लगी, जैसे ही उसका हाथ तौलिए के अंदर वाले हिस्से में पहुँचा, उसका हाथ उनके लंड से टकराया और वो काँप उठी। उधर पापा की आँखें उसकी मस्त ऊपर नीचे हो रही छातियों को देख रहे थे, और उनको उसके shareer से आती पसीने की ख़ुशबू ने उसको गरम कर दिया और उसका लंड अब कड़ा होकर दुखने लगा।तभी उनको अपने लंड पर उसके नरम हाथ ka स्पर्श हुआ, और वो मज़े से भर गए।
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