RE: Hindi Porn Kahani अदला बदली
अब वो दो मर्दों के सामने पूरी नंगी खड़ी थी
पापा- आह राज क्या मैं इसकी चूत सहला दूँ?
राज ने अपने पापा के हाथ को पकड़कर उसकी चूत पर रखा और बोला- लो पापा इसका पूरा मज़ा लो।और ख़ुद उसकी गाँड़ सहलाने लगा।
रानी भी मस्ती से आह आह करने लगी, बाप चूत रगड़ रहा था और बेटा गाँड़ ।उसने ऐसी मस्ती की कल्पना कभी नहीं को थी।वो बोली- मुझे तो नंगा कर दिए और दोनों बाप बेटा पूरे कपड़े पहने हो।
तब वो दोनों हँसते हुए अपने कपड़े उतारने लगे, और जल्द ही दोनों के लंड बाहर आ कर उछलकूद मचाने लगे।राज ने रानी का हाथ पकड़कर पापा के लंड लार रखा और दूसरे हाथ में अपना पकड़ा दिया। तभी पापा झुककर उसकी एक छाती चूसने लगे और राज भी दूसरी छाती मो चूसने लगा।राज का हाथ उसकी गाँड़ में हलचल मचा रहा था और पापा की ऊँगली चूत में आग लगा रही थी, वो भी ज़ोर से दोनों का लंड दबाने लगी।
फिर राज बोला - पापा चलो बेडरूम में, बाक़ी का मज़ा वही लेंगे। फिर तीनो एक दूसरे को चूमते सहलाते बेडरूम में पहुँच गए। रानी लेट गई और बाप बेटा उसको बीच में रखके उसके साथ लेट गए।अब वो दोनों उसके होंठ छातीऔर पेट को चूम रहे थे और वो भी मस्ती से उनके सरों को अपने अंगों पर दबा रही थी और गरम होकर अपने कमर को उछाल रही थी।फिर उसने देखा की राज ६९ की पोज़ मेंलेट गया है, तो उसने उसका लंड चूसने लगी और वो उसकी चूत चाटने लगा।फिर पापा ने उसकी छाती चूसना छोड़के उसकी चूतरों को चूमना शुरू किया, फिर उसको घूमकर उसकी गाँड़ के छेद में जीभ डालके उसको मस्त कर दिया।रानी और राज दोनों का ये पहला थ्रीसम का अनुभव था, पर पापा कई बार ग्रूप सेक्स कर चुके थे।
फिर वो बोले- रानी मैं तो तेरी गाँड़ मारूँगा।
राज- नहीं पापा , आपका बहुत मोटा है, ये गाँड़ में नहीं ले पाएगी, गाँड़ मैं ही मार लेता हूँ आप चूत चोदीये।
रानी ने राहत की साँस ली।
फिर पापा बोले- तो फिर ठीक है मैं नीचे लेट जाता हूँ और रानी तुम अपने चूत मेरे लंड पर रख लो और जब हमारी चूदाइ चालू हो जाए तो राज भी अपना लंड तुम्हारी गाँड़ में डालेगा, तुम्हें डबल मज़ा आएगा बहु।
रानी हँसकर बोली- पता नहीं मज़ा आएगा या सब कुछ फट जाएगी।फिर पापा नीचे लेट गए और रानी को लंड चूसने का इशारा किया,वो मज़े से चूसने लगी, उधर राज ने उसकी गाँड़ में तेल लगाना शुरू किया।फिर रानी पापा के लंड को अपनी छेद में धीरे से घुसाने लगी, और नीचे होकर पूरा लंड अंदर कर लिया। अब पापा नीचे से कमर ऊपर किए और वो नीचे करी और उनका पूरा मिलन हो गया।अब राज ने भी अपने लंड में तेल लगाके उसकी गाँड़ के छेद में सेट किया और फिर धीरे से अपना लंड अंदर घुसेड़कर अपनी कमर हिलाया, उधर रानी ने अपनी कमर उठाई तो गाँड़ में लंड पूरा घुस गया।अब धमाकेदार डबल चूदाइ चालू हुई।रानी मज़े से भर गई उसकी चूतमें और गाँड़ में जैसे आग लग गई।अब नीचे से पापा और ऊपर से राज पूरी ज़ोर से चूदाइ में लग गए थे।तीनों के आनंद में डूबी हुई आवाज़ों से चूदाइ का माहोल गरम हो चुका था।अब राज का लंड पानी छोड़ने लगा और फिर रानी और पापा भी थोड़ी देर में झड़ गए।
उसके बाद जितने दिन पापा घर पर थे,रानी उनसे चूदवाते रही , कभी अकेले और कभी दोनों के साथ।
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ये कहकर राज ने अपनी कहानी समाप्त की और फिर क्योंकि दोनों गरम हो गए थे, इसलिए राज ने शालू की ज़बरदस्त चूदाइ की।
अगले दिन सुबह शालू कॉलेज चले गयी और उसके बाद सरिता आइ और किचन में जाकर चाय लाई। फिर चाय पीते हुए बोली-कल रात को शालू को चोदा, आपने?
राज- अरे बिना चूदाइ में हमें नींद कहाँ आती है।बिस्तर में जाते ही वो मेरे लंड को पकड़ लेती है और कभी निकालके चूसने लगती है।ऐसे में चूदाइ तो हो के ही रहेगी ना।
सरिता हँसते हुए बोली- बिचारि को चूदक्कड़ बना दिया आपने,इतनी जल्दी।वैसे आज आप शालू के साथ निलू की पार्टी में जाएँगे ना, मुझे लगता है, वहाँ आज कुछ ख़ास होगा?
राज- क्या ख़ास होगा?
सरिता-मुझे लगता है,निलू का पापा आज आपसे बेटियों की अदला बदली की बात करेगा?
राज- मतलब?
सरिता- वो आज शालू को चोदने की बात करेगा और बदले में तुमको निलू को चोदने को बोलेगा।
राज-ओह तुम्हें कैसे पता, क्या शालू ने बोला?
सरिता-शालू ने बताया था की निलू और नेहा के पापा एक दूसरे की बेटियों की अदला बदली करते हैं।तो मैं सोची की शायद आपके साथ भी ऐसा ही करेगा।
राज ने निलू की जवानी को याद किया और सोचने लगा की साली चोदने को मिल गयी तो मज़ा आ जाएगा , फिर सोचने लगा की शेखर शालू को भी चोद कर रहेगा।ये सोचके थोड़ी सी चिंता हुई, फिर सोचा की शालू से पहले ही पूछ लेगा की उसकी शेखर से चूदवाने की इच्छा है या नहीं!ये तो पक्का था कि शालू की इछा ही फ़ाइनल होगी, कोई ज़ोर ज़बरदस्ती नहीं होगी।अभी वो बातें कर रहे थे कि शालू का फ़ोन आया।वो बोली-पापा आज निलू कॉलेज नहीं आयी है, बोली की शाम की पार्टी के तय्यारी कर रही है।मैं अकेली बोर हो रही हूँ,आप मुझे आकर घर ले आओ।
राज बोला-चलो मैं अभी आता हूँ,और हम बाज़ार चलेंगे और तुम्हारे लिए आज की पार्टी के लिए नयी ड्रेस लेंगे।
वो बोली- हमको निलू के लिए गिफ़्ट भी लेनी होगी।
राज- हाँ ज़रूर, चलो आता हूँ।
जब राज कॉलेज से शालू को पिक अप करने के लिए वहाँ पहुँचा, तो वो गेट के पास खड़ी थी,और उसके पीछे दो मजनू टाइप के लड़के खड़े थे।हवा चल रही थी और उसका स्कर्ट ऊपर उड़ रही थी।वो मजनू मज़े के रहे थे, शालू की जाँघों और उसके नितम्बों को देख रहे थे।शालू अपनी स्कर्ट नीचे करने की कोशिश कर रही थी।उसकी छातियाँ भी टॉप से तनी हुई अलग से दिख रही थी।राज ने कार शालू के सामने रोकी वो अंदर आ गयी।लड़के बोले- साला कोई पैसे वाला माल ले उड़ा।
राज ने शालू को पूछा-ये लड़के तुमको तंग कर रहे थे?
वो बोली-पापा लड़कियों को तो ये सब झेलना ही पड़ता है, और मुस्करा दी।
राज- असल में तुम ही इतनी सुंदर की कोई भी लड़का तुम्हारा दीवाना हो जाए, कहते हुए उसने शालू की स्कर्ट के नीचे जाँघों पर हाथ रखा और सहलाने लगा।
वो बोली- पापा आप लड़कों के साइड में हो या मेरे साइड में ।
राज- हाहा मैं तो बस सचाई बयान कर रहा था,ज़रा स्कर्ट ऊपर करो ना, देखें कौन सी रंग की पैंटी पहनी हो?
शालू- पापा आप भी ना, बहुत शरारती होते जा रहे हो, यूँ कहते हुए उसने अपनी स्कर्ट ऊपर कर दी।
राज ने ऊपर तक सहलाया और गाड़ी चलते हुए काँखियों से देखा और बोला-ओह ,गुलाबी चड्डी पहनी हो,और उसकी जाँघों को सहलाते हुए अपना हाथ उसकी चूत तक लेज़ाकर हल्के से दबा दिए।
शालू- पापा क्या कर रहे हो, गुदगुदी हो रही है और मेरी चड्डी गीली करोगे क्या।
राज- क्या करूँ तुमको देखते ही मेरा खड़ा हो जाता है।ये कहते हुए अपना लंड दबाकर दिखाए।
शालू भी मस्ती में आकर उसके लंड को पैंट के ऊपर से दबाने लगी। इस तरह मस्ती करते हुए वो एक कपड़े के बड़े शो रूम में पहुँचे जो की राज के एक दोस्त की थी ,जिसका नाम शिवा था।राज जैसे दुकान में शालू के साथ घुसा, उसको एक मस्त जवान लड़की दीखी, जिसकी पीठ इनकी ओर थी और वो सेल्ज़्मन से समान जमवा रही थी।उसके बड़े बड़े गोल नितम्ब उसके जींस में से बहुत सेक्सी दिख रहे थे।तभी वो लड़की पलटी और राज के लंड को जैसे झटका लगा।उसने आज तक ऐसी लड़की नहीं देखी थी, जिसकी कमर तो पतली थी पर चुचि बड़े आम सी थी।अक्सर थोड़ी मोटी लड़की का वक्ष इतना बड़ा होता है, पर यहाँ तो इस पतली लड़की का सीना जैसे टॉप फाड़के बाहर आने को आतुर था।तभी वो लड़की बोली- नमस्ते अंकल, कैसे हैं? लगता है आपने मुझे पहचाना नहीं, मैं रूबी हूँ, आपके दोस्त मिस्टर शिवा की बेटी।
राज अपने शॉक से बाहर आया और बोला- अरे रूबी बेटी, तुम कितनी बड़ी हो गयी हो, मैंने तो तुमको पहचाना ही नहीं।फिर वो शालू को बोला-बेटी, ये रूबी दीदी है और रबी ये शालू है मेरी बेटी।दोनों गले मिलीं, और उनका सीना एक दूसरे से टकराया,और राज ने सोचा कि काश मैं रूबी से ऐसे गले मिलता।
रूबी राज को बोली- आइए अंकल , पापा से मिलिए ना।राज और शालू उसके पिछे चल पड़े।राज उसके मटकते नितम्बों को देख रहा था।एक चेम्बर में शिवा बैठा था, राज को देखकर उससे गले मिला और शालू को देखकर पूछा-ये कौन है?
राज- अरे ये मेरी बेटी शालू है,तुमने इसको काफ़ी समय पहले देखा होगा।
वो बोला- अरे ये तो बहुत बड़ी हो गयी है।राज ने देखा की ऐसे बोलते हुए वो उसकी छातियों को देख रहा था।उधर शिवा सोच रहा था की क्या माल है, एकदम ताज़ा जवान।
राज-रूबी, आज हमको एक पार्टी में जाना है, तुम शालू को एक अच्छी टॉप और मिनी स्कर्ट दिला दो, और हाँ एक गिफ़्ट भी ले लेना निलू के लिए, एक अच्छी सी ड्रेस। रबी और शालू वहाँ से चले गए।
राज- और सुनाओ,जीवन कैसे कट रहा है?
शिवा- मारे यार सो साल पहले मेरी बीवी को लकवा मार गया और तब से वो बिस्तर पर पड़ी है।अब मैं और रूबी ही दुकान और घर सम्भालते हैं।
राज- ओह सच में बहुत बुरा हुआ।मेरे साथ भी गड़बड़ हुई है यार, मेरी वाइफ की भी कुछ समय पहले मृत्यु हो गई।
शिवा- तुमने दूसरी शादी नहीं की?
राज- नहीं यार,बस शालू के लिए सौतेली माँ नहीं लाना चाहता था।
शिवा-मैं तो और ज़्यादा परेशान था क्योंकि मेरी बीवी तो अधमरी है,शादी भी नहीं कर सकता था।
तभी शालू और रूबी कमरे में आयीं और मैं तो शालू को देखते ही रह गया।नयी ड्रेस में एकदम मस्त माल दिख रही थी।टॉप उसके आधी छाती ही छुपा रहा था,उसका नंगा पेट और नाभि सेक्सी लग रही थी।और टाइट स्कर्ट उसकी आधी जाँघों को ढक रही थी।मैंने शिवा को देखा और उसकी आँखें भी फटी हुई थी,वो उसकी छातियों और जाँघों को घूरे जा रहा था, और इसके पैंट में उभार बन गया था।फिर रूबी ने शालू को घुमाया और बोली-देखिए कितनी अच्छी फ़िटिंग है।अब उसके नितम्बों को देखके तो राज भी मस्त हो गया,उसने शिवा को देखा तो हैरान रह गया,शिवा खुले आम अपना लंड दबा रहा था।रूबी मुस्करा के अपने पापा की इस हरकत को देख रही थी।मुझे दाल में कुछ काला दिखायी दिया।तभी मैंने शालू को अपने पास बुलाकर उसके कान में कहा-बेटी, कुछ अच्छी सी लिंगरी भी ले लेना,सेक्सी सी।शालू लाल होकर हाँ में सर हिलाके चली गई।रूबी भी उसके पीछे चल पड़ी।
उनके जाने के बाद अपना लंड दबाते हुए बोला-क्या बोल रहा था कान में?क्या ब्रा पैंटी लेने को बोल रहे थे?
राज हँसते हुए बोला-अरे यार तुमको कैसे पता?
शिवा-अरे कपड़ों की दुकान में और क्या गोपनिय बात हो सकती है सिवाय गोपनिय वस्त्रों के हहहहा।
राज-अरे यार तुम बड़े ही ज्ञानी हो।
शिवा-एक बात बोलूँ बुरा तो नहीं मानोगे?
राज- नहीं यार पूछो।
शिवा- तुम उसको ब्रा पैंटी दिलाने में क्यों इंट्रेस्ट दिखा रहे हो?अगर उसे चाहिए होगी तो वो ले लेगी। तुम्हें इतना उसको बोलने की क्या ज़रूरत है।
राज लाल हो उठा और हकला कर बोला-वो वो बस ऐसे ही, मेरा मतलब बस यूँही।
शिवा हँसते हुए बोला-अरे यार तू भी मेरे जैसा निकला।तुमको पता है, रूबी की लिंगरी भी मैं ही चुनता हूँ, हाहाहा।
राज उसकी तरफ़ हैरानी से देखा और बोला- मतलब?
शिवा-मतलब हे कि मैं भी रूबी को बीवी बना लिया हूँ और तू भी शालू को बीवी बना लिया है। हैं ना?
राज को विश्वास नहीं आ रहा था की उसका राज़ इतनी आसानी से खुल जाएगा, और उसका दोस्त भी अपनी बेटी को चोद रहा है।
शिवा फिर बोला- अरे यार इसमें कोई परेशानी की बात नहीं है,हम दोनों एक ही नाव पर सवार हैं।तुम्हारी बीवी मर चुकी है और मेरी अधमरी है।और हमने अपनी बेटियों को ही अपनी बीवी बना लिया, यही ना!
राज उसकी तरफ़ देखते हुए बोला-हाँ यार अब ये तो है।पता नहीं हमने सही किया या ग़लत।पर एक बात बोलना है, तुम शालू को देखकर इतना उत्तेजित हो गए की अपना लंड दबा रहे थे।
शिवा-हाँ यार सच मैं शालू इतना ताज़ा और नयी जवानी वाला माल है, की मैं तो इसका दीवाना हो गया हूँ।अच्छा ये बता की तुझे रूबी कैसी लगी? अगर तू चाहे तो रूबी को चोद लेना पर मुझे शालू को चोदने दे यार।शिवा अब खुलकर बोल दिया अपने मन की बात।
राज-देखो यार रूबी तो मुझे बेहद पसंद है पर शालू तुमसे चूदवॉने को राज़ी होगी या नहीं मैं यह नहीं जानता।वो आजतक किसी और से चूदवायी नहीं है।क्या रूबी किसी और से भी चूदी है तुम्हारे सिवाय?
शिवा- हाँ यार पिछले महीने मेरा एक दोस्त अमेरिका से आया था और उसके साथ उसकी बीवी भी थी जो उससे आधी उम्र की थी।वो गोरी अमेरिकन थी।मेरा दिल उसपर आ गया और उधर वो भी रूबी को ताड़ता रहता था।फिर एक दिन हमने ख़ूब शराब पी और नशे में हमने अपनी इच्छा व्यक्त की। मैंने उसे कहा की वो अपनी बीवी के बदले मेरी बेटी को चोद ले।वो मान गया , पर अभी उसकी बीवी और रूबी को मनाना था,जिसने हमें बिलकुल परेशानी नहीं हुई।वो दोनों इस नए प्रयोग के लिए बिलकुल तय्यार थीं।फिर हम चारों एक रिज़ॉर्ट में गए और वहाँ दो कमरे बुक किए।वहाँ मैं और उसकी गोरी बीवी एक कमरे में और वो और रूबी दूसरे कमरे में रात भर चूदाइ किए।और दूसरे दिन हम चारों एक ही कमरे में सामूहिक चूदाइ किए।किस तरह तीन दिन बीत गए, पता ही नहीं चला।इसलिए रूबी को मनाने में मुझे समय नहीं लगेगा, पर शालू का तुम देख लो।
राज- ठीक है मुझे कुछ समय दो, फिर मैं तुमको बता दूँगा।
शिवा- ठीक है , पर तुमको रूबी का थोड़ा मज़ा मैं तुमको दिला दूँ,अभी के अभी।फिर उसने फ़ोन कर रूबी को बुलाया।जब वो आइ तो शिवा उसको अपने पास बुलाके उसके जींस में कसे चूतरों को सहलाया और फिर उसको बोला- बेटी, राज अंकल का दिल तुम पर आ गया है,थोड़ा सा मज़ा से दो ना उनको, ऐसा कहते हुए टॉप में तनी उसकी चुचि दबा दिए।फिर उसको बोले- जाओ बेटी, अंकल के गोद में बैठ जाओ।
रूबी शर्माकर हँसी और फिर अपने मस्त चूतरों को राज के जाँघों में रखकर बैठ गई।रूबी ने उसके गाल भी चूम लिए और उसके हाथ अपनी मस्त छातियों पर रख दिए।राज भी मस्ती में उसकी छातियों को दबाने लगा।तभी शालू की आवाज़ आइ और वो झट से उसकी गोद से उठ गयी।फिर शालू बोली- पापा मैंने सब ले लिया है। पैसे दे दो और अब चलें।फिर मैं और शिवा भी खड़े हो गए।मैंने पैसे दिए और अपने सेल नम्बर एक दूसरे को दिया और उधर रूबी और शालू ने भी नम्बर ले लिए एक दूसरे के।फिर वो चल दिए घर को,राज ने अलग से शिवा को बोला कि शालू की रज़ामंदी होने पर हम आगे बढ़ेंगे।
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